कहावते MCQ Quiz - Objective Question with Answer for कहावते - Download Free PDF
Last updated on Jun 2, 2025
Latest कहावते MCQ Objective Questions
कहावते Question 1:
'आ बैल मुझे मार' इस कहावत का सही अर्थ बताइए।
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर जानबूझ कर मुसीबत में पड़ना। है।
Key Points
- 'आ बैल मुझे मार' कहावत का अर्थ- जानबूझ कर मुसीबत में पड़ना है।
- वाक्य प्रयोग- मिस्टर शर्मा बहुत ही चिपकू हैं। उन्हें देखकर कोई हाय हेलो भी नहीं कहता। कौन – जान बुझकर आ बैल मुझे मार वाली कहावत चरितार्थ करेगा।
- अन्य विकल्प अनुचित हैं।
लोकोक्ति परिभाषा |
उदहारण |
लोकोक्तियाँ आम जनमानस द्वारा स्थानीय बोलियों में हर दिन की परिस्थितियों एवं संदर्भों से उपजे वैसे पद एवं वाक्य होते हैं जो किसी खास समूह, उम्र वर्ग या क्षेत्रीय दायरे में प्रयोग किया जाता है। इसमें स्थान विशेष के भूगोल, संस्कृति, भाषाओं का मिश्रण इत्यादि की झलक मिलती है। लोकोक्ति वाक्यांश न होकर स्वतंत्र वाक्य होते हैं। |
लोकोक्ति- अधजल गगरी छलकत जाय अर्थ- जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता हैं, वह उसका प्रदर्शन या आडम्बर करता है। वाक्य- रमेश बारहवीं पास करके स्वयं को बहुत बड़ा विद्वान समझ रहा है। ये तो वही बात हुई कि अधजल गगरी छलकत जाय। |
कहावते Question 2:
'खांण हुं नै गेठि, कमर लागि पेटि' कहावत का अर्थ क्या है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 2 Detailed Solution
'खांण हुं नै गेठि, कमर लागि पेटि' कहावत का अर्थ है- खाने के लिए दर-दर भटकना
Key Points
- 'आँखन है आंसु ऊनी, घुनन है जै के ऊनी' का अर्थ- आत्मीय जनों को सहानुभूति होती है, दूसरों को नहीं।
- लोकोक्ति - जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है, लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है।
- जैसे - खाली हथ मुखमा नी जांदु - खाली हाथ मुँह में नही जाता। (गढ़वाली)
Additional Information
गढ़वाली लोकोक्ति |
अर्थ |
टका न पैसा, गौं-गौं भैंसा | आर्थिक रूप से दुर्बल होने पर भी सम्पनता के सपने देखना |
अफू चलदन रीता, हैका पढोंदन गीता | स्वयं ज्ञान न होने पर भी दूसरों को ज्ञान बाँटना |
खेती वैको जैको चैनों चमेलो। |
भरे पुरे परिवार वाला व्यक्ति ही सफलतापूर्वक कृषि कार्य कर सकता है। |
कुमाऊँनी लोकोक्ति |
अर्थ |
जैक पाप, उवीक छाप। |
चोर कितना भी होशियार हो पर कुछ सुराग तो छोड़ ही देता है। |
लेखो पल पल को लिजी जालो |
भगवान का न्याय हर कार्य पर होता है |
ना ग्ये अल्माड ,ना लाग गलमाड | घर से बाहर जाकर ही हकीकत पता लगती है |
कहावते Question 3:
'जैकि ज्वे नै, वीक क्वे नै' में 'ज्वे' शब्द का क्या अर्थ है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 3 Detailed Solution
'जैकि ज्वे नै, वीक क्वे नै' में 'ज्वे' शब्द का अर्थ है- घरवाई
Key Points
- कुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ:
- जैकि ज्वे नै, वीक क्वे नै अर्थात पत्नी सबसे सच्ची साथी होती है।
Additional Informationकुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ:
- ज्यौड़क स्याप बणौन
- अर्थात किसी छोटी सी बात बतंगड़ बनाना।
- जू कां, जू कां - जू बल्दाक कानिम
- अर्थात किसी वस्तु की तलाश में व्यर्थ का बवंडर करना।
- जैक जगदीश, वीक क्ये रीस
- अर्थात जिस पर प्रभु की कृपा हो, उसको किसका डर।
- जस त्यर जाग-जुगत, उस म्यार पखोव
- अर्थात जैसे प्रयत्न वैसा ही परिणाम मिलेगा।
कहावते Question 4:
कौन सी कहावत ‘बड़े-बड़े गलत कार्य करना और छोटे कार्य से बचना’ अर्थ को व्यक्त करने वाली है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 4 Detailed Solution
‘गुड़ खाना, गुलगुले से परहेज करना’ का अर्थ है ‘बड़े-बड़े गलत कार्य करना और छोटे कार्य से बचना’। अतिरिक्त विकल्पों के अर्थ भिन्न हैं। अतः सही विकल्प ‘गुड़ खाना, गुलगुले से परहेज करना’ है।
Key Points
वाक्य प्रयोग
जिंदगी की राह बड़ी मुश्किल है इसलिए हमें आँख-कान खुले रखना ज़रूरी होता है।
Additional Information
अन्य विकल्प
मुहावरे |
अर्थ |
अशर्फी की लूट और कोयले पर मुहर। |
मूल्यवान वस्तुओं को नष्ट करना तथा तुच्छ को सहेजना। वाक्य प्रयोग: तुम्हारी सोच अशर्फी की लूट और कोयले पर मुहर वाली है। सब कुछ गया अब इस बक्से का क्या करोगे। |
उँगली पकड़ कर पहुँचा पकड़ना। |
थोड़ी सी सहायता मिलने पर अधिक की लालसा करना। वाक्य प्रयोग: दुनिया में ऊँगली पकड़ कर पहुँचा पकड़ने वाले व्यक्ति ज्यादा है। |
दूध का जला मट्ठा भी फूँक फूँक कर पीता है। |
एक बार धोखा खाने पर अत्यधिक सावधान होना। वाक्य प्रयोग: वो अब किसी को उधार नहीं देने वाला – दूध का जला मट्ठा भी फूँक-फूँक कर पीता है। |
कहावते Question 5:
'खर्च कोई करे, दूसरों को दर्द हो', इस कथन को व्यक्त करने वाली कहावत है :
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 5 Detailed Solution
- लोकोक्ति का वाक्य प्रयोग – मालिक कर्मचारियों को जब कुछ देना चाहता है तो मैनेजर को बहुत ईर्ष्या होती है। ये तो वही बात हुई – ‘तेली का तेल जले, मशालची का दिल जले’।
- जीती मक्खी निगलना - जान-बूझकर अन्याय सहना
- न्यायाधीश जानता था कि वह विधवा निर्दोष है, फिर भी उस बेचारी को सजा दिलाकर उसने जीती मक्खी निगल ली।
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“ढोल के अन्दर पोल” कहावत का अर्थ निम्नलिखित विकल्पों में से कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFदिखावा कुछ और गुण कुछ नही, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
जिस तरह ढोल के अन्दर पोल अर्थात छेद हो जाने पर उसका कोई उपयोग नही रह जाता। वो मात्र दिखावे की वस्तु बन कर रह जाता है। इसी प्रकार अगर किसी मनुष्य में कोई गुण न हो और वो गुणी होने का दिखावा करे तो उसे भी “ढोल के अन्दर पोल’ कहेंगे’।
अत: प्रश्नानुसार सही विकल्प 1 "दिखावा कुछ और गुण कुछ नहीं" है।
Important Points
विशेष:
किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति अथवा कहावत' कहते हैं। जैसे-
- मुर्ख व्यक्ति शेखी बघारता है - झूठी प्रशंसा करना
- औकात से बढ़कर सपने देखना - गुदड़ी के बाहर पाँव फैलाना
- कहीं ठौर ठिकाना नहीं- न सावन हरा न भादो सुखा
निम्नलिखित कहावत के लिए चार-चार समानार्थक वाक्यांश दिए गए हैं। उनमें से सही उत्तर के रूप में विकल्प का चयन कीजिए।
विहंगम दृष्टि-
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'विहंगम दृष्टि' कहावत का अर्थ है - सरसरी नज़र।
- वाक्य प्रयोग - सेना के फौजी हमेशा सीमाओं पर विहंगम दृष्टि से खड़े रहते हैं।
अर्थानुसार अन्य विकल्प गलत हैं।Important Pointsकुछ महत्त्वपूर्ण कहावत और उनके अर्थ -
- उल्टे छुरे से मूंड़ना = मूर्ख बनाकर ठगना।
- अर्थ खुलना = आशय स्पष्ट होना।
- आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे = अधिक लालच करने से हानि ही होती हैं।
- अढ़ाई दिन की बादशाहत = थोड़े दिन की शान शौकत।
- आंख एक नहीं, कलेजा टूक-टूक = बनावटी दु:ख प्रकट करना।
- आग का जला आग ही से अच्छा होता है = कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी-कभी कष्ट का निवारण हो जाता है।
- आठ कनौजिया नौ चूल्हे = अलगाव की स्थिति होना।
- घी खाया बाप ने सूंघो मेरा हाथ = दूसरों की कीर्ति पर डींग मारने वाले।
- घी खिचड़ी होना = आपस में अत्यधिक मेल होना।
- मुख में राम बगल में छुरी = कपटी या धोखेबाज आदमी।
निम्नलिखित कहावत के लिए चार-चार समानार्थक वाक्यांश दिए गए हैं। उनमें से सही उत्तर के रूप में विकल्प का चयन कीजिए।
पत्थर को जोंक नहीं लगती-
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF'पत्थर को जोंक नहीं लगती' कहावत का अर्थ है - हठी पर कोई प्रभाव नहीं होता।
- वाक्य प्रयोग - कुख्यात आतंकवादियों का हाल 'पत्थर को जोंक नहीं लगती, पत्थर मोम नहीं होता' के समान है।
अर्थानुसार अन्य विकल्प गलत हैं।Important Pointsकुछ महत्त्वपूर्ण कहावत और उनके अर्थ -
- काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है = छल से एक बार तो काम बन जाता हैं पर हमेशा नहीं।
- अपनी खाल में मस्त रहना = अपनी दशा से संतुष्ट रहना।
- घी का लड्डू टेढ़ा भी भला = गुणवान की शक्ल नहीं देखी जाती।
- गांव के जोगी जोगना आन गांव के सिद्ध = अपनी जन्मभूमि में किसी विद्वान की इतनी इज्जत नहीं होती जितनी दूसरे स्थानों में होती है।
- अड्डे पर चहकना = अपने घर पर रोब दिखाना।
- अपनी छाछ को कोई खट्टा नहीं कहता = अपनी चीज को कोई बुरा नहीं बताता।
- अढ़ाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना = सबसे अलग सोच विचार रखना।
- अपनी गरज बावली = स्वार्थ में आदमी दूसरों की चिंता नहीं करता।
- गुड़ खाएं गुलगुले से परहेज = कोई बड़ी बुराई करना और छोटी से बचना।
- घर में भूंजी भांग न होना = घर में कुछ धन दौलत न होना।
निम्नलिखित कहावत के लिए चार-चार समानार्थक वाक्यांश दिए गए हैं। उनमें से सही उत्तर के रूप में विकल्प का चयन कीजिए।
एक आँख न भाना-
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'एक आँख न भाना' कहावत का अर्थ है - बिल्कुल अच्छा न लगना।
- भाना का अर्थ - अच्छा लगना
- वाक्य प्रयोग - मेरी शक्ल तो उसे एक आँख भी नहीं भाती।
अर्थानुसार अन्य विकल्प गलत हैं।Important Pointsकुछ महत्त्वपूर्ण कहावत और उनके अर्थ -
- आगे जाए घुटने टूटे, पीछे देखे आंख फूटे = जिधर जाए उधर ही मुसीबत आना।
- बेवकूफ मर गए, औलाद छोड़ गए = जब कोई बहुत मूर्खता का काम करता है।
- तेते पांव पसारियो, जेती लंबी ठौर = हैसियत के बाहर काम नहीं करना चाहिए।
- घर में दीया जलाकर मस्जिद में जलाया जाता है = दूसरों को सुधारने से पहले स्वयं को सुधारा जाता है।
- अब के बनिया देय उधार = अपनी जरूरत पड़ती है तो आदमी सब कुछ मान जाता है।
- हाथ सुमिरनी, बगल कतरनी = ऊपर से सज्जन, भीतर से कपटी।
- अंधेर नगरी = जहां धांधली हो।
- आकाश कुसुम = अनहोनी बात।
- गुरु कीजै जान, पानी पीजे छान = कोई भी चीज अच्छी तरह जांच कर लेनी चाहिए।
- चंद्रमा बलवान होना = भाग्य अनुकूल होना।
निम्नलिखित कहावत के लिए चार-चार समानार्थक वाक्यांश दिए गए हैं। उनमें से सही उत्तर के रूप में विकल्प का चयन कीजिए।
काटो तो खून नहीं-
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF'काटो तो खून नहीं' कहावत का अर्थ है - भय के कारण स्तब्ध हो जाना ।
- वाक्य प्रयोग - नकल करते पकड़े जाने पर विनीता को काटो तो खून नहीं जैसी स्थिति हो गई थी।
अर्थानुसार अन्य विकल्प गलत हैं।Important Pointsकुछ महत्त्वपूर्ण कहावत और उनके अर्थ -
- गाय गुण बछड़ा, पिता गुण घोड़, बहुत नहीं तो थोड़े-थोड़ = बच्चों पर माता-पिता का प्रभाव थोड़ा बहुत अवश्य पड़ता हैं।
- आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास = उच्च लक्ष्य लेकर चलना पर कोई घटिया सा काम करने लगना।
- काबुल में भी गधे होते हैं = मूर्ख हर जगह होते हैं।
- असर्फियो की लूट कोयले पर छाप = मूल्यवान वस्तु को छोड़कर तुच्छ वस्तु पर ध्यान देना।
- आई है जान के साथ, जाएगी जनाजे के साथ = लाइलाज बीमारी।
- आंख आना = आंख दुखना।
- करनी ना करतूत, लड़ने को मजबूत = जो व्यक्ति काम तो कुछ ना करें पर लड़ने झगड़ने में तेज हो।
- फल से लदी डाली नीचे झुक जाती है = गुरु मान व्यक्ति विनम्र होते हैं।
- कभी नाव गाड़ी पर, कभी गाड़ी नाव पर = समय पर एक दूसरे की सहायता की आवश्यकता पड़ती है।
- उड़ती चिड़िया पहचानना = मन की बात जान जाना।
कुजगह फोड़ा और ससुर वैद्य - कहावत का अर्थ है:
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFकुजगह फोड़ा और ससुर वैद्य - कहावत का अर्थ है: धर्म संकट की स्थिति। अतः सही विकल्प 4 'धर्म संकट की स्थिति' है।
Key Points
- कुजगह फोड़ा और ससुर वैद्य - कहावत का अर्थ है: धर्म संकट की स्थिति।
- वाक्य प्रयोग - एक ओर मेरा सारा काम पड़ा है, दूसरी ओर मुझे जल्दी निकलना है, कुजगह फोड़ा और ससुर वैद्य।
- अन्य विकल्प सार्थक नहीं हैं।
Additional Information
कहावत परिभाषा |
उदाहरण |
बहुत अधिक प्रचलित और लोगों के मुँहचढ़े वाक्य कहावत के तौर पर जाने जाते हैं। |
चैन की साँस लेना— |
किस कहावत का अभिप्राय 'गुणहीन व्यक्ति का बहुत डींग मारना' हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF'थोथा चना, बाजे घना' का अभिप्राय 'गुणहीन व्यक्ति का बहुत डींग मारना' हैं।Key Points
- मुहावरा - थोथा चना, बाजे घना
- अर्थ - गुणहीन व्यक्ति का बहुत डींग मारना।
- वाक्य प्रयोग - दो बार फेल होने के बाद भी वह ऐसे दिखाता है जैसे कितना होशियार हो यह तो वही बात हो गई थोथा चना, बाजे घना।
Additional Information
- मुहावरा की परिभाषा - किसी भाषा की अभिव्यंजना के विशिष्ट रूप को मुहावरा कहते है यह वाक्यांश होते है।
- अन्य उदाहरण -
मुहावरा | अर्थ | वाक्य प्रयोग |
अधजल गगरी छलकत जाए | जिसे कम ज्ञान होता है वह दिखावा अधिक करता है। | अजय खुद तो आठवीं फेल है और बनता बहुत बुद्धिमान है अधजल गगरी छलकत जाए वाली बात है। |
छोटा मुँह बड़ी बात | हैसियत से अधिक बात करना। | यदि मै छोटा होने के बाद यह बोलू की आप अच्छी सीख नही दे रहे है तो यह छोटा मुँह बड़ी बात होगी। |
आँख के अंधे नाम नयनसुख | गुण न होने पर भी दिखाबा करना। | कुछ लोग अपने नाम के अनुरूप कार्य नहीं करते उनके लिए यही कहावत है आँख के अंधे नाम नयनसुख। |
'घर की मुर्गी दाल बराबर' कहावत का अर्थ है-
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFघर की मुर्गी दाल बराबर -- घर के व्यक्ति और वस्तु का कोई महत्व नहीं या अपने आदमी को कम महत्व देना।
Key Points
- मुहावरा :- 'घर की मुर्गी दाल बराबर'
- अर्थ :- अपने आदमी को कम महत्व देना।
- वाक्य प्रयोग :- अंतरा ने बहुत अच्छा खाना बनाया पर घर में उसे प्रशंसा नहीं मिली लेकिन जब पड़ोसियों ने खाना खाया तो वाह वाही मिली, इसे कहते हैं घर की मुर्गी दाल बराबर।
Additional Information
अन्य जानने योग्य लोकोक्ति-
लोकोक्ति |
अर्थ |
घर का न घाट का |
कहीं का न रहना |
घर का भेदी लंका ढाए |
आपस की फूट में हानि |
घी का लड्डू टेढ़ा भला |
लाभदायक वस्तु कैसी भी हो अच्छी |
'ऊधो का लेना न माधो को देना' कहावत का अर्थ है :-
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'ऊधो का लेना न माधो को देना' कहावत का अर्थ है :- अपने काम से काम रखना अर्थात किसी से कुछ काम न होना।
- वाक्य प्रयोग – प्रोफेसर साहब तो बस अध्ययन और अध्यापन में लगे रहते हैं। गुटबन्दी से उन्हें कोई लेना – देना नहीं – ऊधो का लेना न माधो का देना।
Key Points
- अन्य महत्त्वपूर्ण :-
लोकोक्ति |
अर्थ |
वाक्य प्रयोग |
आठ कनौजिये नौ चूल्हे। |
अलगाव की स्थिति। |
पूँजीवादी व्यवस्था में समाज इतना स्वार्थी हो गया है कि आठ कनौजिये नौ चूल्हे वाली स्थिति दिखाई देती है। |
उद्योगिन्न पुरुषसिंहनुपैति लक्ष्मी। |
उद्योगी को ही धन मिलता है। |
सच कहा है किसी ने उद्योगिन्न पुरुषसिंहनुपैति लक्ष्मी अर्थात कर्मयोगी को ही सफलता मिलती है। |
ऊधो का लेना न माधो का देना। |
केवल अपने काम से काम रखना। |
प्रोफेसर साहब तो बस अध्ययन और अध्यापन में लगे रहते हैं। गुटबन्दी से उन्हें कोई लेना-देना नहीं- ऊधो का लेना न माधो का देना। |
एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय। |
किसी कार्य को संपन्न कराने के लिए किसी एक समर्थ व्यक्ति का सहारा लेना अच्छा है बजाए अनेक लोगों के पीछे भागने के। |
अगर प्रमोशन चाहिए तो मंत्रीजी को पकड़ लो, इन अधिकारियों के पीछे भागने से कोई लाभ नहीं। किसी ने ठीक कहा है एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय'। |
Additional Information
|
परिभाषा |
उदाहरण |
लोकोक्ति |
'लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन'। संस्कृत में 'लोकोक्ति' अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को 'कहावत' कहा जाता है। |
अंत भले का भला। अढ़ाई दिन की बादशाहत। |
"अक्ल बड़ी कि भैंस" कहावत का अर्थ है___________।
Answer (Detailed Solution Below)
कहावते Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- शारीरिक शक्ति से मानसिक शक्ति का प्रबल होना इस कहावत का सही अर्थ है, अन्य विकल्प असंगत है।
- अत: सही विकल्प शारीरिक शक्ति से मानसिक शक्ति का प्रबल होना होगा।
Additional Information
- घाट- घाट का पानी पीना– अनुभवी और होशियार होना।
- अंधा क्या चाहे दो आंखें– मनवांछित वस्तु का प्राप्त होना।
- अंधा बांटे रेवड़ी, फिर फिर अपने देय– सम्पूर्ण लाभ खुद उठाना।
- नाच न आवै आंगन टेढ़ा– अपनी कमी का दूसरे को दोष देना।
- अधजल गगरी छलकत जाय– ज्ञान कम प्रदर्शन अधिक।