हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी साहित्य का इतिहास - Download Free PDF
Last updated on May 20, 2025
Latest हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1:
तीसरा विश्व हिन्दी सम्मेलन इनमें से किस स्थान पर हुआ था?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1 Detailed Solution
तीसरा विश्व हिन्दी सम्मेलन हुआ था- दिल्ली
Key Points
- तीसरे विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन भारत की राजधानी दिल्ली में 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 1983 तक किया गया।
- सम्मेलन के लिये बनी राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष डॉ॰ बलराम जाखड़ थे।
- इसमें मॉरीशस से आये प्रतिनिधिमण्डल ने भी हिस्सा लिया जिसके नेता थे श्री हरीश बुधू।
- हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री सुश्री महादेवी वर्मा समापन समारोह की मुख्य अतिथि थीं।
- इस अवसर पर उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा था -
- "भारत के सरकारी कार्यालयों में हिन्दी के कामकाज की स्थिति उस रथ जैसी है जिसमें घोड़े आगे की बजाय पीछे जोत दिये गये हों।"
Additional Informationविश्व हिंदी सम्मेलनों की सूची में-
- पहला सम्मेलन 10-14 जनवरी 1975 को नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था।
- दूसरा सम्मेलन 28-30 अगस्त 1976 को पोर्ट लुई, मॉरीशस में हुआ था।
- तीसरा सम्मेलन 28-30 अक्टूबर 1983 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था।
- चौथा सम्मेलन 2-4 दिसंबर 1993 को पोर्ट लुई, मॉरीशस में हुआ था।
- पांचवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 4-8 अप्रैल 1996 को पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद और टोबैगो में हुआ था।
- छठा विश्व हिंदी सम्मेलन: 14-18 सितंबर 1999 को लंदन, यूके में हुआ था।
- सातवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 6-9 जून 2003 को पारामारिबो, सूरीनाम में हुआ था।
- आठवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 13-15 जुलाई 2007 को न्यूयार्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था।
- नौवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 22-24 सितंबर 2012 को जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में हुआ था।
- दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 10-12 सितंबर 2015 को भोपाल, भारत में हुआ था।
- ग्यारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 18-20 अगस्त 2018 को पोर्ट लुई, मॉरीशस में हुआ था।
- बारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 15-17 फरवरी 2023 को नांदी, फिजी में हुआ था।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2:
इनमें से हिंदी की वह चर्चित रचना कौन-सी है जिस पर लोकप्रिय टीवी सीरियल बना था?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2 Detailed Solution
इनमें से हिंदी की वह चर्चित रचना है जिस पर लोकप्रिय टीवी सीरियल बना था- चंद्रकांता
Key Pointsचंद्रकांता-
- रचनाकार- देवकी नंदन खत्री
- प्रकाशन वर्ष- 1888 ई.
- विधा- उपन्यास
- मुख्य पात्र- विजयगढ़ की राजकुमारी चंद्रकांता और नौगढ़ के राजकुमार वीरेंद्र सिंह आदि।
- विषय-
- यह कहानी एक प्रेम, रहस्य और रोमांच से भरी हुई है।
Important Pointsपरीक्षागुरु-
- रचनाकार- लाला श्रीनिवास दास
- प्रकाशन वर्ष- 1882 ई.
- विधा- उपन्यास
- विषय-
- इसे 1974 में रामदरस मिश्र द्वारा एक परिचय के साथ पुनर्मुद्रित किया गया था।
गोदान-
- रचनाकार- प्रेमचंद
- प्रकाशन वर्ष- 1936 ई.
- विधा- उपन्यास
- मुख्य पात्र- होरी, राय साहब, मेहता, मालती, गोविंदी आदि।
- विषय-
- भारतीय किसान जीवन की महागाथा का वर्णन है।
आधा गाँव-
- रचनाकार- राही मासूम रज़ा
- प्रकाशन वर्ष- 1966 ई.
- विधा- उपन्यास
- विषय-
- यह उपन्यास उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर से लगभग ग्यारह मील दूर बसे गांव गंगौली के शिया समाज की कहानी कहता है।
Additional Informationबाबू देवकीनन्दन खत्री
- जन्म - 1861 - 1913 ई.
- हिंदी के प्रथम तिलिस्मी लेखक थे।
- प्रमुख रचनाएँ-
- चन्द्रकान्ता (1888 - 1892)
- चन्द्रकान्ता सन्तति (1894-1904)
- भूतनाथ (1907-1913) (अपूर्ण)
- अन्य रचनाएँ-
- कुसुम कुमारी
- वीरेन्द्र वीर उर्फ कटोरा भर ख़ून
- काजर की कोठरी
- अनूठी बेगम
- नरेन्द्र मोहिनी
- गुप्त गोदना।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 3:
मिश्र बंधुओं द्वारा रचित 'मिश्र बंधु विनोद' कुल कितने भागों में विभक्त है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 3 Detailed Solution
मिश्र बंधुओं द्वारा रचित 'मिश्र बंधु विनोद' कुल चार भागों में विभक्त है।
Key Pointsमिश्रबन्धु विनोद-
- रचनाकार- मिश्र बंधु
- प्रकाशन वर्ष- 1913 ई.
Important Pointsहिन्दी साहित्य के इतिहासकार और उनके ग्रन्थ:
- गार्सा द तासी : इस्तवार द ला लितेरात्यूर ऐंदुई ऐंदुस्तानी (फ्रेंच भाषा में; फ्रेंच विद्वान, हिन्दी साहित्य के पहले इतिहासकार)
- शिवसिंह सेंगर : शिव सिंह सरोज
- जार्ज ग्रियर्सन : द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदोस्तान
- मिश्र बंधु : मिश्र बंधु विनोद
- रामचंद्र शुक्ल : हिन्दी साहित्य का इतिहास
- हजारी प्रसाद द्विवेदी : हिन्दी साहित्य की भूमिका; हिन्दी साहित्य का आदिकाल; हिन्दी साहित्य :उद्भव और विकास
- रामकुमार वर्मा : हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास
- डॉ धीरेन्द्र वर्मा : हिन्दी साहित्य
- डॉ नगेन्द्र : हिन्दी साहित्य का इतिहास; हिन्दी वाङ्मय 20वीं शती
- बच्चन सिंह : हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 4:
मिश्र बंधुओं द्वारा रचित 'मिश्र बंधु विनोद' कुल कितने भागों में विभक्त है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 4 Detailed Solution
मिश्र बंधुओं द्वारा रचित 'मिश्र बंधु विनोद' कुल चार भागों में विभक्त है।
Key Pointsमिश्रबन्धु विनोद-
- रचनाकार- मिश्र बंधु
- प्रकाशन वर्ष- 1913 ई.
Important Pointsहिन्दी साहित्य के इतिहासकार और उनके ग्रन्थ:
- गार्सा द तासी : इस्तवार द ला लितेरात्यूर ऐंदुई ऐंदुस्तानी (फ्रेंच भाषा में; फ्रेंच विद्वान, हिन्दी साहित्य के पहले इतिहासकार)
- शिवसिंह सेंगर : शिव सिंह सरोज
- जार्ज ग्रियर्सन : द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदोस्तान
- मिश्र बंधु : मिश्र बंधु विनोद
- रामचंद्र शुक्ल : हिन्दी साहित्य का इतिहास
- हजारी प्रसाद द्विवेदी : हिन्दी साहित्य की भूमिका; हिन्दी साहित्य का आदिकाल; हिन्दी साहित्य :उद्भव और विकास
- रामकुमार वर्मा : हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास
- डॉ धीरेन्द्र वर्मा : हिन्दी साहित्य
- डॉ नगेन्द्र : हिन्दी साहित्य का इतिहास; हिन्दी वाङ्मय 20वीं शती
- बच्चन सिंह : हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 5:
आचार्य शुक्ल ने अपने से पहले लिखे गए साहित्येतिहास-ग्रंथों को 'कवि-वृत्त-संग्रह' कहा है। इन संग्रहों में से 'प्रकांड कवि-वृत्त-संग्रह' किस ग्रंथ को कहा गया है-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 5 Detailed Solution
आचार्य शुक्ल ने अपने से पहले लिखे गए साहित्येतिहास-ग्रंथों को 'कवि-वृत्त-संग्रह' कहा है। इन संग्रहों में से 'प्रकांड कवि-वृत्त-संग्रह' मिश्रबंधु विनोद ग्रंथ को कहा गया है।
Key Pointsआचार्य शुक्ल ने अपने से पहले लिखे गए साहित्येतिहास-ग्रंथों को 'कवि-वृत्त-संग्रह' कहा है-
- शिवसिंह सरोज - कवि-वृत्त-संग्रह
- द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदोस्तान - बड़ा कवि-वृत्त-संग्रह
- मिश्रबंधु विनोद - प्रकांड कवि-वृत्त-संग्रह
Important Pointsभाषा काव्य संग्रह-
- रचनाकार- महेशदत्त शुक्ल
- प्रकाशन वर्ष- 1873 ई.
- मुख्य-
- हिन्दी भाषा में लिखा गया प्रथम साहित्येतिहास संबंधी ग्रंथ था।
- यह नवल किशोर प्रेस, लखनऊ से प्रकाशित हुआ था।
Top हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
तीसरा विश्व हिन्दी सम्मेलन इनमें से किस स्थान पर हुआ था?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFतीसरा विश्व हिन्दी सम्मेलन हुआ था- दिल्ली
Key Points
- तीसरे विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन भारत की राजधानी दिल्ली में 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 1983 तक किया गया।
- सम्मेलन के लिये बनी राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष डॉ॰ बलराम जाखड़ थे।
- इसमें मॉरीशस से आये प्रतिनिधिमण्डल ने भी हिस्सा लिया जिसके नेता थे श्री हरीश बुधू।
- हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री सुश्री महादेवी वर्मा समापन समारोह की मुख्य अतिथि थीं।
- इस अवसर पर उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा था -
- "भारत के सरकारी कार्यालयों में हिन्दी के कामकाज की स्थिति उस रथ जैसी है जिसमें घोड़े आगे की बजाय पीछे जोत दिये गये हों।"
Additional Informationविश्व हिंदी सम्मेलनों की सूची में-
- पहला सम्मेलन 10-14 जनवरी 1975 को नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था।
- दूसरा सम्मेलन 28-30 अगस्त 1976 को पोर्ट लुई, मॉरीशस में हुआ था।
- तीसरा सम्मेलन 28-30 अक्टूबर 1983 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था।
- चौथा सम्मेलन 2-4 दिसंबर 1993 को पोर्ट लुई, मॉरीशस में हुआ था।
- पांचवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 4-8 अप्रैल 1996 को पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद और टोबैगो में हुआ था।
- छठा विश्व हिंदी सम्मेलन: 14-18 सितंबर 1999 को लंदन, यूके में हुआ था।
- सातवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 6-9 जून 2003 को पारामारिबो, सूरीनाम में हुआ था।
- आठवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 13-15 जुलाई 2007 को न्यूयार्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था।
- नौवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 22-24 सितंबर 2012 को जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में हुआ था।
- दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 10-12 सितंबर 2015 को भोपाल, भारत में हुआ था।
- ग्यारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 18-20 अगस्त 2018 को पोर्ट लुई, मॉरीशस में हुआ था।
- बारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन: 15-17 फरवरी 2023 को नांदी, फिजी में हुआ था।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 7:
'छायावादोत्तर काल' को नवलेखन काल में उपभाषित किस साहित्यकार ने किया है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 7 Detailed Solution
'छायावादोत्तर काल' को नवलेखन काल में उपभाषित डॉ. नगेन्द्र साहित्यकार ने किया है।
Key Pointsडॉ. नगेंद्र द्वारा संपादित 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' का काल विभाजन हैं-
- आदिकाल
- भक्तिकाल
- रीतिकाल
- आधुनिक काल
- पुनर्जागरण काल
- जागरण-सुधार काल
- छायावाद काल
- छायावादोत्तर काल
- प्रगति-प्रयोग काल
- नवलेखन काल
Important Pointsरामचन्द्र शुक्ल का काल विभाजन हैं-
- वीरगाथाकाल
- भक्तिकाल
- रीतिकाल
- गद्यकाल
रामस्वरूप चतुर्वेदी का काल विभाजन हैं-
- आदिकाल
- पूर्व-मध्यकाल
- उत्तर-मध्यकाल
- आधुनिक काल
डॉ. बच्चन सिंह का काल विभाजन हैं-
- अपभ्रंश काल
- भक्तिकाल
- रीतिकाल
- आधुनिक काल
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 8:
मिश्र बंधु के प्रसिद्ध साहित्येतिहास ग्रंथ 'मिश्र बंधु विनोद' में कितने खंड हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 8 Detailed Solution
'मिश्र बंधु विनोद' 4 खण्डों में है।
Key Points
- यह साहित्यिक इतिहास तीन लेखकों गणेशबिहारी मिश्र, शुकदेवबिहारी मिश्र तथा श्यामबिहारी मिश्र आदि का मिला-जुला प्रयास है।
- मिश्रबंधु नाम के तीन सहोदर भाई थे, गणेशबिहारी, श्यामबिहारी और शुकदेवबिहारी।
- ग्रंथ ही नहीं एक -एक छंद तक की रचना भी तीनों जुटकर करते थे।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 9:
रामकुमार वर्मा के
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 9 Detailed Solution
रामकुमार वर्मा के अनुसार हिन्दी साहित्य के इतिहास के काल - विभाजन का संगत वर्ग है: संधिकाल, चारणकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल
Key Pointsरामकुमार वर्मा के अनुसार काल विभाजन-
- प्रारंभिक काल-
- संधिकाल(सं. 750-1000 वि.)
- चारणकाल(सं. 1000-1375 वि.)
- भक्तिकाल(सं. 1375-1700 वि.)
- रीतिकाल(सं. 1700-1900 वि.)
- आधुनिक काल(सं. 1900 वि. से अब तक)
Important Pointsआदिकाल का नामकरण-
- वीरगाथाकाल-रामचन्द्र शुक्ल
- अपभ्रंशकाल-धीरेन्द्र वर्मा
- सिद्ध-सामंतकाल-राहुल सांकृत्यायन
भक्तिकाल का नामकरण-
- पूर्वमध्यकाल-गणपतिचंद्र गुप्त
- स्वर्ण युग-जॉर्ज ग्रियर्सन
रीतिकाल का नामकरण-
- उत्तरमध्यकाल-गणपतिचंद्र गुप्त
- रीतिकाल-जॉर्ज ग्रियर्सन, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
- अलंकृत काल-मिश्र बंधु
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 10:
सही मिलान करे-
इतिहास ग्रंथ | प्रकाशन वर्ष |
A. आधुनिक हिन्दी का आदिकाल | I-1981 |
B. हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास | II- 2003 |
C. हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास | III- 1996 |
D. साहित्य एवं इतिहास दृष्टि | IV- 1973 |
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 10 Detailed Solution
सही मिलान है-
इतिहास ग्रंथ | प्रकाशन वर्ष |
A. आधुनिक हिन्दी का आदिकाल | IV-1973 |
B. हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास | III- 1996 |
C. हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास | II- 2003 |
D. साहित्य एवं इतिहास दृष्टि | I- 1981 |
Key Pointsसही है-
इतिहास ग्रंथ | प्रकाशन वर्ष |
आधुनिक हिन्दी का आदिकाल | नारायण चतुर्वेदी |
हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास | बच्चन सिंह |
हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास | सुमन राजे |
साहित्य एवं इतिहास दृष्टि | मैनेजर पांडेय |
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 11:
निम्न में से कौन-सा कथन सही हैं?
A. 'तजकिरा-ई-शुअरा-ई-हिन्दी' ग्रंथ मौलवी करीमुद्दीन द्वारा रचित है।
B. इसकी रचना 1858 ई. में हुई है।
C. यह देहली कॉलेज द्वारा प्रकाशित है।
D. इसमें 1000 कवियों का विवरण दिया गया है।
E. इसे 'तबकाश्शुअरा' भी कहा जाता है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन करे-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 11 Detailed Solution
सही उत्तर है- केवल A, C, E
- A. 'तजकिरा-ई-शुअरा-ई-हिन्दी' ग्रंथ मौलवी करीमुद्दीन द्वारा रचित है।
- C. यह देहली कॉलेज द्वारा प्रकाशित है।
- E. इसे 'तबकाश्शुअरा' भी कहा जाता है।
Key Pointsसही है-
- B. इसकी रचना 1948 ई. में हुई है।
- D. इसमें 1004 कवियों का विवरण दिया गया है।
Important Pointsतजकिरा-ई-शुअरा-ई-हिन्दी-
- रचनाकार- मौलवी करीमुद्दीन
- प्रकाशन वर्ष- 1948 ई.
- मुख्य-
- यह देहली कॉलेज द्वारा प्रकाशित है।
- इसमें 1004 कवियों का विवरण दिया गया है जिसमें 62 कवि हिन्दी के है।
- इसमें सर्वप्रथम कालक्रम का ध्यान रखा गया परंतु नामकरण का ध्यान नहीं रखा गया।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 12:
मिश्र बंधुओं द्वारा रचित 'मिश्र बंधु विनोद' कुल कितने भागों में विभक्त है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 12 Detailed Solution
मिश्र बंधुओं द्वारा रचित 'मिश्र बंधु विनोद' कुल चार भागों में विभक्त है।
Key Pointsमिश्रबन्धु विनोद-
- रचनाकार- मिश्र बंधु
- प्रकाशन वर्ष- 1913 ई.
Important Pointsहिन्दी साहित्य के इतिहासकार और उनके ग्रन्थ:
- गार्सा द तासी : इस्तवार द ला लितेरात्यूर ऐंदुई ऐंदुस्तानी (फ्रेंच भाषा में; फ्रेंच विद्वान, हिन्दी साहित्य के पहले इतिहासकार)
- शिवसिंह सेंगर : शिव सिंह सरोज
- जार्ज ग्रियर्सन : द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदोस्तान
- मिश्र बंधु : मिश्र बंधु विनोद
- रामचंद्र शुक्ल : हिन्दी साहित्य का इतिहास
- हजारी प्रसाद द्विवेदी : हिन्दी साहित्य की भूमिका; हिन्दी साहित्य का आदिकाल; हिन्दी साहित्य :उद्भव और विकास
- रामकुमार वर्मा : हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास
- डॉ धीरेन्द्र वर्मा : हिन्दी साहित्य
- डॉ नगेन्द्र : हिन्दी साहित्य का इतिहास; हिन्दी वाङ्मय 20वीं शती
- बच्चन सिंह : हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 13:
"हिन्दी के विधेयवादी साहित्येतिहास के आदम प्रवर्तक शुक्ल जी नहीं, प्रत्युत ग्रियर्सन हैं।"- यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 13 Detailed Solution
"हिन्दी के विधेयवादी साहित्येतिहास के आदम प्रवर्तक शुक्ल जी नहीं, प्रत्युत ग्रियर्सन हैं।"- यह कथन नलिन विलोचन शर्मा का है।
Key Pointsनलिन विलोचन शर्मा-
- जन्म- 1916–1961 ई.
- वे हिन्दी में 'नकेनवाद' आन्दोलन के तीन पुरस्कर्ताओं में से एक थे।
- उनके जीवन-काल में 'दृष्टिकोण' (1947ई.) और 'साहित्य का इतिहास दर्शन' (1960ई.) नामक दो आलोचना पुस्तकें प्रकाशित हुईं।
- मरणोपरांत उनकी तीन आलोचना पुस्तकें-
- 'मानदंड' (1963ई.), 'हिंदी उपन्यास : विशेषतः प्रेमचंद' (1968ई.), तथा 'साहित्य: तत्त्व और आलोचना' (1995ई.) अस्त-व्यस्त ढंग से प्रकाशित हुईं।
- उनकी कहानियों के दो संग्रह प्रकाशित हैं -
- ' विष के दाँत' (1951ई.) तथा 'सत्रह असंगृहीत पूर्व छोटी कहानियाँ' (1960ई.)।
- उनकी कविताओं के भी दो संकलन हैं -
- 'नकेन के प्रपद्य' (1956ई.) तथा 'नकेन-2' (1981ई.)।
Important Pointsरामस्वरूप चतुर्वेदी-
- रामस्वरूप चतुर्वेदी हिन्दी साहित्य के उन समीक्षकों में से थे जो मुख्यतः भाषा की सृजनात्मकता को केन्द्र में रखकर समीक्षा कर्म में प्रवृत्त हुए थे।
- जन्म- 6 मई 1931
- मृत्यु - 24 जुलाई 2003
- रचनाएँ -
- शरत् के नारी पात्र (1955)
- हिन्दी नवलेखन (1960)
- आगरा जिले की बोली (1961)
- भाषा और संवेदना (1964)
- अज्ञेय और आधुनिक रचना की समस्या (1968)
- हिंदी साहित्य की अधुनातन प्रवृत्तियाँ (1969)
आचार्य रामचंद्र शुक्ल-
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है-हिन्दी साहित्य का इतिहास।
- जन्म- 4 अक्तूबर 1884, (बस्ती)
- मृत्यु- 2 फ़रवरी 1941, (भारत)
- प्रमुख रचनाएँ -
- निबन्ध– संग्रह-'चिन्तामणि' भाग 1 और 2 तथा 'विचार वीथी।
- इतिहास– 'हिन्दी साहित्य का इतिहास'।
- आलोचना– 'सूरदास', 'रसमीमांसा', 'त्रिवेणी'।
- सम्पादन– जायसी ग्रन्थावली', 'तुलसी ग्रन्थावली', 'भ्रमरगीत सार', 'हिन्दी शब्द सागर', 'काशी नागरी प्रचारिणी पत्रिका', 'आनन्द कादम्बिनी'।
गणपति चन्द्र गुप्त-
- डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त हिन्दी साहित्यकार थे। उन्होने आलोचक के रूप में ख्याति अर्जित की।
- जन्म- 15 जुलाई 1928 को राजस्थान के मंढा (सुरेरा)
- प्रमुख रचना-
- शलिभ्रद सूरि कृत ‘भरतेश्वर बाहुबलिरास’(1184 ई.) को हिन्दी की प्रथम रचना।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 14:
जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा कृत काल विभाजन है-
A. ब्रज का कृष्ण काव्य
B. मुगल दरबार
C. विक्टोरिया के शासन में हिंदुस्तान
D. तुलसी के समकालीन
E. पंद्रहवी शती का पुनर्जागरण
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन करे-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 14 Detailed Solution
जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा कृत सही काल विभाजन है-
- A. ब्रज का कृष्ण काव्य
- B. मुगल दरबार
- C. विक्टोरिया के शासन में हिंदुस्तान
Key Pointsजॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा कृत काल विभाजन है-
- चारण काल
- पंद्रहवी शती का धार्मिक पुनर्जागरण
- मलिक मुहम्मद जायसी का प्रेम काव्य
- ब्रज का कृष्ण काव्य
- मुगल दरबार
- तुलसीदास
- रीतिकाव्य
- तुलसीदास के अन्य परवर्ती
- अठारहवीं शताब्दी
- कंपनी के शासन में हिंदुस्तान
- विक्टोरिया के शासन में हिंदुस्तान ग्रियर्सन
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 15:
आचार्य शुक्ल ने अपने से पहले लिखे गए साहित्येतिहास-ग्रंथों को 'कवि-वृत्त-संग्रह' कहा है। इन संग्रहों में से 'प्रकांड कवि-वृत्त-संग्रह' किस ग्रंथ को कहा गया है-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 15 Detailed Solution
आचार्य शुक्ल ने अपने से पहले लिखे गए साहित्येतिहास-ग्रंथों को 'कवि-वृत्त-संग्रह' कहा है। इन संग्रहों में से 'प्रकांड कवि-वृत्त-संग्रह' मिश्रबंधु विनोद ग्रंथ को कहा गया है।
Key Pointsआचार्य शुक्ल ने अपने से पहले लिखे गए साहित्येतिहास-ग्रंथों को 'कवि-वृत्त-संग्रह' कहा है-
- शिवसिंह सरोज - कवि-वृत्त-संग्रह
- द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदोस्तान - बड़ा कवि-वृत्त-संग्रह
- मिश्रबंधु विनोद - प्रकांड कवि-वृत्त-संग्रह
Important Pointsभाषा काव्य संग्रह-
- रचनाकार- महेशदत्त शुक्ल
- प्रकाशन वर्ष- 1873 ई.
- मुख्य-
- हिन्दी भाषा में लिखा गया प्रथम साहित्येतिहास संबंधी ग्रंथ था।
- यह नवल किशोर प्रेस, लखनऊ से प्रकाशित हुआ था।