कहावते MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for कहावते - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్‌లోడ్ కరెన్

Last updated on Mar 12, 2025

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कहावते Question 1:

‘अधजल गगरी छलकत जाय’ कहावत का क्या अर्थ है?

  1. जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता हैं, वह उसका प्रदर्शन या आडम्बर करता है
  2. समय निकल जाने के पश्चात् पछताना व्यर्थ होता है 
  3. मनचाही बात हो जाना
  4. मूर्खों की कमाई व्यर्थ में नष्ट हो जाती है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता हैं, वह उसका प्रदर्शन या आडम्बर करता है

कहावते Question 1 Detailed Solution

अधजल गगरी छलकत जाय कहावत का अर्थ है ‘जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता हैं, वह उसका प्रदर्शन या आडम्बर करता है’।

  • अतः विकल्प जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता हैं, वह उसका प्रदर्शन या आडम्बर करता है सही है।

Additional Information

अन्य विकल्प

 मुहावरे

अर्थ

उदाहरण

अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत

समय निकल जाने के पश्चात् पछताना व्यर्थ होता है

रो क्यों रहे हो? परीक्षाफल तो यही आना था, अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।

अन्धा क्या चाहे दो आँखें

मनचाही बात हो जाना

नौकरी की बड़ी ज़रूरत थी वो तो मिल गई, अब अँधा और क्या चाहे दो आँखें।

अंधी पीसे, कुत्ते खायें

मूर्खों की कमाई व्यर्थ में नष्ट हो जाती है

कितना भी समझाओं उसकी जुए की लत नहीं जाती, ठीक ही अंधी पीसे, कुत्ते खायें।

कहावते Question 2:

सही कहावत पहचानिए।

  1. नाम न जाने आँगन टेढ़ा
  2. नाच न जाने आँगन टेढ़ा
  3. काम न जाने आँगन टेढ़ा
  4. नाच न जाने वादन टेढ़ा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नाच न जाने आँगन टेढ़ा

कहावते Question 2 Detailed Solution

  • नाच जाने आँगन टेढ़ा एक सार्थक और प्रचलित कहावत है। अन्य कहावते अर्थ हीन है।
  • अत: सही विकल्प (2) नाच जाने आँगन टेढ़ा ही होगा।

Additional Information

विशेष:

नाच न जाने आँगन टेढ़ा - कोई कार्य न कर पाने पर बहाने लगाना।

वाक्य प्रयोग- अंगूर तक जब लोमड़ी पहुँच न पाई तो बहाना बना रही है की अँगूर खट्टे है। अत: नाच न जाने आँगन टेढ़ा।

कहावते Question 3:

निम्नलिखित में से असमान अर्थ वाली कहावत का चयन कीजिये।

  1. दुलारी बिटिया, ईंटे का लटकन
  2. शौक से चूर, फिकर से बुकनी
  3. शौक़ीन बहुरिया, चटाई का लहंगा
  4. शौखीन बुढ़िया, पालकी पर बोरसी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : शौक से चूर, फिकर से बुकनी

कहावते Question 3 Detailed Solution

शौक से चूर, फिकर से बुकनी असमान अर्थ वाली कहावत है।  Key Points
कहावत अर्थ
दुलारी बिटिया, ईंटे का लटकन ज्यादा लाड़ प्यार से बिगड़ी हुई बिटिया फूहड़ पने से फैशन कर रही है
शौक़ीन बहुरिया, चटाई का लहंगा बेढंगा शौक, फूहड़पन
शौखीन बुढ़िया, पालकी पर बोरसी फूहड़पन

 

Important Points

  • वर जीत लिया कानी, वर भावर घूमे तब जानी:  रिश्ते हमेशा बराबर वालों से करना चाइये।
  • अपने जोगी नंगा तो का दिए वरदान:  जिसके पास खुद के साधन ना हो वो आपको क्या देगा।
  • पांव गरम पेट नरम और सिर हो ठंडा तो वैद को मारो डंडा:  सब कुछ ठीक है तो आप स्वस्थ है।
  • घी खाया बाप ने सूँघो मेरा हाथ:  काम दूसरे का करना और श्रेय खुद लेना।
  • अपना रख, पराया चख:  अपनी वस्तु की जगह दूसरों की इस्तेमाल करना।
  • अंधे के आगे रोना, अपना दीदा खोना:  संवेदनहीन व्यक्ति को अपना दुख बताना।

कहावते Question 4:

"चूहे के चाम से नगाड़े नहीं मढ़े जाते"  कहावत का अर्थ बताइए:

  1. कंजूसी करना
  2. थाली का बैंगन
  3. छोटा होकर बड़ा काम करना 
  4. सीमित साधनों से बड़े काम नहीं होते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सीमित साधनों से बड़े काम नहीं होते

कहावते Question 4 Detailed Solution

चूहे के चाम से नगाड़े नहीं मढ़े जाते: अर्थ- 'सीमित साधनों से बड़े काम नहीं होते'

  • वाक्य प्रयोग- रामेश्वर चाहता है कि, उसका बेटा अच्छी पढ़ाई भी कर ले और उसका पैसा भी खर्च न हो, इसी को कहते है "चूहे के चाम से नगाड़े नहीं मढ़े जाते"। 

Key Points

अन्य विकल्प के अनुसार:

  • चमड़ी जाय, पर दमड़ी न जाय: अर्थ- कंजूसी करना
  • छोटा मुँह बड़ी बात: अर्थ- छोटा होकर बड़ा काम करना
  • थाली का बैंगन: अर्थ- अस्थिर विचार

Additional Information

लोकोक्ति:

  • 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन। जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। 
  • उदाहरण: नेकी और पूछ-पूछ, नौ सौ चूहे खाके बिल्ली हज को चली आदि। 

कुछ महत्वपूर्ण लोकोक्तियाँ:

लोकोक्ति  अर्थ 
पर उपदेश कुशल बहुतेरे  दूसरों को उपदेश देने में सब चतुर होते हैं।
बिन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीख  यदि भाग्य प्रतिकूल हो तो माँगने पर भीख भी नहीं मिलती।
बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम बेमेल बात
भरी मुट्ठी सवा लाख की भेद न खुलने पर इज्जत बनी रहती है।
बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि ले पिछली बातों को भुलाकर आगे की चिन्ता करनी चाहिए।
भेड़ की खाल में भेड़िया जो देखने में भोला-भाला हो, परन्तु वास्तव में खतरनाक हो।
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत   भारी से भारी विपत्ति पड़ने पर भी साहस नहीं छोड़ना चाहिए।
मन चंगा तो कठौती में गंगा  यदि मन शुद्ध हो तो तीर्थाटन का फल घर में ही मिल सकता है।

कहावते Question 5:

निम्नलिखित कहावतों के लिए (A), (B), (C) और (D) के सामने अर्थ लिखे हैं। इनमें से उपयुक्त अर्थ को चुनकर उत्तर पत्रक में चिह्नित कीजिए। 

एक तवे की रोटी क्या मोटी, क्या छोटी 

  1. एक ही काम हो, पर प्रभावशाली हो 
  2. पूरी तरह से किसी के भी पक्ष में नहीं होना 
  3. छल - कपट का व्यवहार करना 
  4. किसी प्रकार का भेदभाव नहीं 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : किसी प्रकार का भेदभाव नहीं 

कहावते Question 5 Detailed Solution

'एक तवे की रोटी क्या मोटी, क्या छोटी' लोकोक्ति का अर्थ है- किसी प्रकार का भेदभाव नहीं 

  • वाक्य प्रयोग - सभी देशवासियों को 'एक तवे की रोटी क्या मोटी, क्या छोटी' जैसा व्यवहार करना सीखना चाहिए।

Key Points

लोकोक्ति:-

  • लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन।
  • साधारणतया लोक में प्रचलित उक्तियों को लोकोक्ति कहा जाता है। ‘लोकोक्तियों’ को ‘कहावतों’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • लोकोक्तियाँ अंतर्कथाओं से भी संबंध रखती हैं। लोकोक्तियाँ स्वतंत्र वाक्य होती हैं, जिनमें एक पूरा भाव छिपा रहता है।

Additional Informationकुछ महत्वपूर्ण लोकोक्ति, अर्थ और उनके वाक्य प्रयोग:-

  • एक हाथ से ताली नहीं बजती- झगड़ा एक ओर से नहीं होता।
    वाक्य प्रयोग- आपसी लड़ाई में राम और श्याम-दोनों स्वयं को निर्दोष बता रहे थे, परंतु यह सही नहीं हो सकता, क्योंकि 'ताली एक हाथ से नहीं बजती'।
  • ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती- किसी को इतनी कम चीज मिलना कि उससे उसकी तृप्ति न हो।
    वाक्य प्रयोग- किसी के देने से कब तक गुजर होगी, तुम्हें यह जानना चाहिए कि ‘ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती’।
  • कंगाली में आटा गीला- परेशानी पर परेशानी आना
    वाक्य प्रयोग- पिता जी की बीमारी की वजह से घर में वैसे ही आर्थिक तंगी चल रही है, ऊपर से बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी बढ़ गया। इसे कहते हैं- 'कंगाली में आटा गीला'।
  • गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक़्कर हो गया- शिष्य का गुरु से अधिक उन्नति करना
    वाक्य प्रयोग- उसने मुझसे अंग्रेजी पढ़ना सीखा और आज वह मुझसे अच्छी अंग्रेजी बोलता है, यह तो वही मिसाल हुई- ‘गुरु गुड़ ही रहा और चेला शक़्कर हो गया’।
  • चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात- सुख के कुछ दिनों के बाद दुख का आना
    वाक्य प्रयोग- आज पैसा आने पर ज्यादा मत उछलो, क्या पता कब कैसे दिन देखने पड़ें ? सही बात है- 'चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात'।

कहावते Question 6:

'अधजल गगरी छलकत जाए' कहावत का अर्थ है-

  1. अधिक क्रोध करना
  2. डींग हाँकना
  3. पुरानी प्रथा पर ही चलना
  4. स्तब्ध होना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : डींग हाँकना

कहावते Question 6 Detailed Solution

'अधजल गगरी छलकत जाए' कहावत का अर्थ है-डींग हाँकनाKey Points

  • कहावत - अधजल गगरी छलकत जाए।
  • अर्थ - डींग हाँकना
  • वाक्य प्रयोग - वह दसवी में दो बार फेल हो चुका है और बाते ऐसी करता है जैसे कितना होशियार हो सही कहा गया है अधजल गगरी छलकत जाए।

Additional Information

  • लोकोक्ति - लोक समाज में प्रचलित उक्ति को लोकोक्ति अथवा कहावत कहते है इसका आधार कोई कहानी होती है यह पूर्ण वाक्य होते है।
लोकोक्ति अर्थ  वाक्य प्रयोग 
आग बबूला होना  अधिक क्रोध करना उसका रिजल्ट देख पिता जी आग बबूला हो गए।
लकीर का फ़कीर होना  पुरानी प्रथा पर ही चलना गाँव में लोग अभी भी लकीर के फ़कीर बने हुए है। 
तोते उड़ना  स्तब्ध होना अपने बेटे का रिजल्ट देख कर पिताजी के तोते उड़ गये। 

कहावते Question 7:

‘एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा’ कहावत का अर्थ निम्नलिखित में से कौन सा है?

  1. अवगुणी में और अवगुणों का आ जाना।
  2. गलती करने पर भी उसे स्वीकार न करना 
  3. अधिक उधार से कम नकद अच्छा है
  4. धीमी गति से कार्य करना।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अवगुणी में और अवगुणों का आ जाना।

कहावते Question 7 Detailed Solution

‘एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा’ कहावत का अर्थ ‘अवगुणी में और अवगुणों का आ जाना’ होता है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 अवगुणी में और अवगुणों का आ जाना होता है।

स्पष्टीकरण:

एक तो करेला, दूसरे नीम चढ़ा

अवगुणी में और अवगुणों का आ जाना

वैसे ही नौकरी नहीं मिल रही थी, ऊपर से ये लॉकडाउन और आ गया बर्बाद करने। इसी को कहते हैं- एक तो करेला, दूसरे नीम चढ़ा।

 

अन्य विकल्प:

कहावत

अर्थ

वाक्य प्रयोग

एक तो चोरी दूसरी सीनाजोरी

गलती करने पर भी उसे स्वीकार न करना

हद हो गयी है अब तो, एक तो बिजली छोरी करते हैं ऊपर से चेक करने वाले को गालियां भी दे रहे हैं- एक तो चोरी दूसरी सीनाजोरी।

नौ नकद न तेरह उधार

अधिक उधार से कम नकद अच्छा है।

श्याम ने अपना मोबाइल 4000 में तुरंत बेच दिया, अमित उसे 4500 रु। अगले दिन देकर खरीदने की बात कर रहा था लेकिन शाम बोला-नौ नकद तेरह उधार ठीक है लेकिन मैं कल तक नहीं रुक सकता।  

नौ दिन चले अढ़ाई कोस

धीमी गति से कार्य करना।

पिछले एक महीने से ये फाइल पूरी नहीं हो पायी है, जब पूछो तब ‘हो रही है’ यही कहते हो। अब तक तो सौ फाइल पूरी हो जातीं, नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली बात हो गयी है ये तो।

कहावते Question 8:

निम्नलिखित अर्थ वाली कहावत की पहचान करें -

'आवश्यकता न होने पर अच्छी चीज भी बुरी लगती है'

  1. भरे पेट पर शक्कर खारी
  2. कुछ स्वार्थी तो कुछ परमार्थी
  3. न सावन सूखे, न भादों हरे
  4. भूख लगे तो घर की सूझी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भरे पेट पर शक्कर खारी

कहावते Question 8 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में 'भरे पेट पर शक्कर खारी' कहावत इस अर्थ के सबसे करीब है - 'आवश्यकता न होने पर अच्छी चीज भी बुरी लगती है'. 'भरे पेट पर शक्कर खारी' का अर्थ होता है कि जब हमें किसी चीज की आवश्यकता नहीं होती, तो वह चाहे कितनी ही अच्छी क्यों न हो, हमे उसका मूल्य नहीं समझ आता है और हम उसे अनादर कर देते हैं।

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर भरे पेट पर शक्कर खारी है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 

Key Points 

  • लोकोक्ति - भरे पेट पर शक्कर खारी
  • अर्थ - आवश्यकता न होने पर अच्छी चीज भी बुरी लगती है
  • वाक्य -  "राम को इतनी मीठाईयाँ मिलने के बाद भी, उसने उन्हें नहीं खाया, बल्कि कहा कि उसे इनकी जरूरत नहीं है। यह सीधे शब्दों में 'भरे पेट पर शक्कर खारी' वाले स्थिति से कम नहीं थी।"

Additional Information 

         कहावत        अर्थ
न सावन सूखे, न भादों हरे सदा एक ही दशा 
भूख लगे तो घर की सूझी आवारा आदमी और बालक इनको भूख लगने पर घर ही याद आता है
कुछ स्वार्थी तो कुछ परमार्थी विपरीत लोगो का एकसाथ होना

 

कहावते Question 9:

निम्नलिखित कहावतों के लिए (A), (B), (C) और (D) के सामने अर्थ लिखे हैं। इनमें से उपयुक्त अर्थ को चुनकर उत्तर पत्रक में चिह्नित कीजिए। 

तलवार मारे एक बार एहसान मारे बार - बार 

  1. किसी का उपकार जीवन भर याद आता है 
  2. दोनों विरोधी पक्षों से सम्पर्क रखने की चालाकी 
  3. बिना बात की लड़ाई 
  4. अपराधी को दण्ड मिलना ही चाहिए 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : किसी का उपकार जीवन भर याद आता है 

कहावते Question 9 Detailed Solution

'तलवार मारे एक बार एहसान मारे बार - बार' यह एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है- किसी का उपकार जीवन भर याद आता है

  • वाक्य प्रयोग- मोहन एक स्वभिमानी व्यक्ति है वह राम की मदद को नही भुला है इसलिए कहते है- 'तलवार मारे एक बार एहसान मारे बार - बार' है।

Key Pointsलोकोक्ति:-

  • 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन।
  • साधारणतया लोक में प्रचलित उक्तियों को लोकोक्ति कहा जाता है। ‘लोकोक्तियों’ को ‘कहावतों’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • लोकोक्तियाँ अंतर्कथाओं से भी संबंध रखती हैं। लोकोक्तियाँ स्वतंत्र वाक्य होती हैं, जिनमें एक पूरा भाव छिपा रहता है।

Additional Informationकुछ महत्वपूर्ण लोकोक्ति, अर्थ और उनके वाक्य प्रयोग:- 

  • चमड़ी जाय, पर दमड़ी न जाय- अत्यधिक कंजूसी करना
    वाक्य प्रयोग- जेबकतरे ने सौ रुपए उड़ा लिए तो कुछ नहीं, पर मुन्ना ने मुझे पाँच रुपए उधार नहीं दिए। ये तो वही बात हुई कि 'चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय।'

जिसकी लाठी उसकी भैंस- बलवान की ही जीत होती है
वाक्य प्रयोग- सरपंच ने जिसे चाहा उसे बीज दिया। बेचारे किसान कुछ न कर पाए। इसे कहते हैं- 'जिसकी लाठी उसकी भैंस।'

  • दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है- एक बार धोखा खाने के बाद बहुत सोच-विचार कर काम करना
    वाक्य प्रयोग- पिछली बार एक दिन की गैरहाजिरी में राजू को दफ्तर से जवाब मिला था; इसलिए अब वह देरी से जाने से भी डरता है, क्योंकि ‘दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है’।

नौ नगद, न तेरह उधार- उधार की अपेक्षा नगद चीजें बेचना अच्छा होता है।
वाक्य प्रयोग- प्रेम किसी को भी उधार नहीं देता उसका तो एक ही सिद्धांत है- ‘नौ नगद, न तेरह उधार’।

  • बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम- बेमेल बात
    वाक्य प्रयोग- गाँव के रामू ने जब अंग्रेजी मेम से शादी कर ली तो सब यही कहने लगे कि ये तो 'बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम' है।

कहावते Question 10:

‘वाहवाही में सब धन लुट जाना’ – इस तात्पर्य के लिए सटीक कहावत का चयन कीजिये।

  1. चिराग गुल पगडडी गायब
  2. मुईं बछिया बामन को दान
  3. टाक पर बैठा उल्लू माँगे भर-भर चुल
  4. मुल्ला की दाढ़ी तबर्रुक में गयी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मुल्ला की दाढ़ी तबर्रुक में गयी

कहावते Question 10 Detailed Solution

‘वाहवाही में सब धन लुट जाना’ – इस तात्पर्य के लिए सटीक कहावत है मुल्ला की दाढ़ी तबर्रुक में गयी ।  Important Pointsएक मुल्ला जी अपनी दाढ़ी का एक बाल नोच कर ताबीज़ में रख कर अपने मुरीदों को दिया करते थे. धीरे धीरे उनकी सारी दाढ़ी ही नुच गई. दूसरों की भलाई के चक्कर में अपना नुकसान कर बैठना.Key Pointsआम बोलचाल में प्रयोग होने वाले उस वाक्यांश को  कहावत कहते हैं जिसका सम्बन्ध किसी न किसी  पुरानी कहानी से जुड़ा हुआ होता है। Additional Information
अंधा क्या चाहे दो आंखें मनवांछित वस्तु का प्राप्त होना।
अंधा बांटे रेवड़ी, फिर फिर अपने देय सम्पूर्ण लाभ खुद उठाना।
नाच न आवै आंगन टेढ़ा

अपनी कमी का दूसरे को दोष देना।

अधजल गगरी छलकत जाय  ज्ञान कम प्रदर्शन अधिक।
अपना रख, पराया चख अपना बचाकर दूसरे का उपयोग करना।
तुरंत दान महा कल्यान लेन देन तुरंत चुकाना।
 तू भी रानी मैं भी रानी, कौन भरेगा पानी अहं का टकराव होना।
थोथा चना, बाजे घना असमर्थ व्यक्ति बड़ी बड़ी बातें करता है।
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