अलंकार MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for अलंकार - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 10, 2025
Latest अलंकार MCQ Objective Questions
Top अलंकार MCQ Objective Questions
अलंकार Question 1:
सुबरन को खोजत फिरत कवि व्यभिचारी चोर। - में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 1 Detailed Solution
- सुबरन को खोजत फिरत कवि व्यभिचारी चोर। - में श्लेष अलंकार है।
- इस दोहे में सुबरन शब्द के तीन अर्थ है। कवि ‘सुबरन’ अर्थात् अच्छे शब्द, व्यभिचारी ‘सुबरन’ अर्थात् अच्छा रूप-रंग और चोर भी ‘सुबरन’ अर्थात् स्वर्ण ढूंढ रहा है।
अतः यहाँ पर श्लेष अलंकार है।
Key Points
-
श्लेष अलंकार: श्लेष अलंकार में एक ही शब्द के विभिन्न अर्थ होते हैं।
जैसे:
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून पानी गए न ऊबरे मोई मानस चून।
स्पष्टीकरण:
इस दोहे में रहीम ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है। पानी का पहला अर्थ मनुष्य के संदर्भ में है पानी का दूसरा अर्थ आभा तथा
पानी का तीसरा अर्थ जल से है। अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।
अन्य विकल्प :
- यमक अलंकार: जिस प्रकार अनुप्रास अलंकार में किसी एक वर्ण की आवृति होती है उसी प्रकार यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य
बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है। दो बार प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ अलग हो सकता है। - जैसे:
काली घटा का घमंड घटा।
स्पष्टीकरण:
यहाँ ‘घटा’ शब्द की आवृत्ति भिन्न-भिन्न अर्थ में हुई है। पहले ‘घटा’ शब्द वर्षाकाल में उड़ने वाली ‘मेघमाला’ के अर्थ में प्रयुक्त
हुआ है और दूसरी बार ‘घटा’ का अर्थ है ‘कम हुआ’। अतः यहाँ यमक अलंकार है। -
उत्प्रेक्षा अलंकार: जहाँ उपमेय में उपमान के होने की संभावना का वर्णन हो तब वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
जैसे:
मुख मानो चन्द्रमा है।
स्पष्टीकरण:
ऊपर दिए गए उदाहरण में मुख के चन्द्रमा होने की संभावना का वर्णन हो रहा है। उक्त वाक्य में मानो भी प्रयोग किया गया है अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है। -
उपमा अलंकार: उप का अर्थ है समीप से और पा का अर्थ है तोलना या देखना। अतः जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है,
तब वहाँ उपमा अलंकार होता है।
जैसे:
कर कमल-सा कोमल है ।
स्पष्टीकरण:
यहाँ पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है। अतः यहाँ उपमा अलंकार होगा।
Additional Informationअलंकार:
- अलंकार, कविता के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। जिस प्रकार आभूषण से नारी का लावण्य बढ़ जाता है,
उसी प्रका अलंकार से कविता की शोभा बढ़ जाती है। - शब्द तथा अर्थ की जिस विशेषता से काव्य का श्रृंगार होता है उसे ही अलंकार कहते हैं।
- अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिश्योक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं। इसके अलावा अन्य अलंकार भी हैं।
अलंकार Question 2:
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई। में अलंकार है।
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 2 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 मानवीकरण अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
- ‘उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है।
- दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा |
जब काव्य में किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना किसी अत्यंत प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है तो उसे उपमा अलंकार कहते हैं। |
पीपर पात सरिस मन डोला। |
अतिशयोक्ति |
जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु आदि को गुण, रूप सौंदर्य आदि का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए कि जिस पर विश्वास करना कठिन हो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। |
एक दिन राम पतंग उड़ाई। देवलोक में पहुँची जाई।। |
विशेषोक्ति |
जहाँ कारण के रहने पर भी कार्य नहीं होता है वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है। |
पानी बिच मीन पियासी। मोहि सुनि सुनि आवै हासी।। |
अलंकार Question 3:
ले चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण। इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 3 Detailed Solution
‘ले चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।‘ में उत्प्रेक्षा अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 4 ‘उत्प्रेक्षा’ अलंकार होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
स्पष्टीकरण:
कनक का एक अर्थ सोना और दूसरा अर्थ धतूरा होता है। इस पंक्ति में कहा गया है कि वह धतूरे को ऐसे ले जा रहा है मानो कोई भिखारी सोना ले जा रहा हो।
उत्प्रेक्षा |
उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलौने गात। मनहु नीलमणि सैल पर, आवत परयो प्रभात।। |
अन्य विकल्प:
यमक |
जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। |
काली घटा का घमंड घटा। |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन |
रूपक |
जहां उपमेय और उपमान में कोई अंतर नहीं होता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। |
चरण-कमल बंदौ हरि राई! |
अलंकार Question 4:
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें, जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।
काली घटा का घमंड घटा
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 4 Detailed Solution
दिए गये विकल्पों में विकल्प 3 यमक अलंकार सही उत्तर है।
Key Points
- ‘काली घटा का घमंड घटा’ में यमक अलंकार है।
- यहाँ पर पहली बार ‘घटा’ का अर्थ काले बादलों के रूप में तथा दूसरी बार ‘घटा’ शब्द का अर्थ बादलों के कम होने को दर्शाया जा रहा है।
- जब शब्द की एक से ज्यादा बार आवृति होती है एवं अर्थ अलग-अलग होते है वहा यमक अलंकार होता है।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन। |
अनुप्रास |
जब किसी व्यंजन वर्ण को बार बार दुहराया जाता है तो वहा अनुप्रास अलंकार होता है। |
लाली मेरे लाल की जित देखौं तित लाल। |
रूपक |
जहां उपमेय और उपमान में कोई अंतर नहीं होता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। |
चरण-कमल बंदौ हरि राई! |
अलंकार Question 5:
'तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है' में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 5 Detailed Solution
'तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है' में अलंकार है - 'यमक'
- (यहाँ पर ‘बेर’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार तीन ‘बेर’ दिन में तीन बार खाने की तरफ संकेत कर रहा है तथा दूसरी बार तीन ‘बेर’ का मतलब है तीन फल।)
- जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।
उदाहरण-
- कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
या खाए बौरात नर या पाए बौराय।। - (इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम 'कनक' का अर्थ ‘सोना’ और दूसरे 'कनक' का अर्थ-धतूरा है।)
Key Points
अन्योक्ति:-
उदाहरण-
श्लेष अलंकार:-
उदाहरण-
अनुप्रास अलंकार:-
उदाहरण-
|
अलंकार Question 6:
अलंकार के कितने भेद होते है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 6 Detailed Solution
अलंकार के 'तीन’ भेद हैं। Key Pointsअलंकार -
- काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
- अलंकार के तीन भेद हैं -
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
शब्दालंकार -
- जहाँ शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि होती है और काव्य में चमत्कार आ जाता है, वहाँ शब्दालंकार होता है।
- शब्दालंकार के भेद -
- 1. अनुप्रास अलंकार
- 2. श्लेष अलंकार
- 3. यमक अलंकार
- 4. वक्रोक्ति अलंकार
अर्थालंकार -
- जिस वाक्य पंक्ति में अर्थ के कारण चमत्कार या सुंदरता उत्पन्न हो, उसे अर्थालंकार कहते हैं।
- अर्थालंकार के भेद -
- 1. उपमा
- 2.रूपक
- 3. उत्प्रेक्षा
- 4. विभावना
उभयालंकार -
- जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार एक साथ उत्पन्न होता है वहाँ उभयालंकार होता है।
अलंकार Question 7:
"चरण कमल बंदौ हरि राई।" - इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 7 Detailed Solution
"चरण कमल बंदौ हरि राई।" - इस पंक्ति में रूपक अलंकार अलंकार है।
Key Pointsजहाँ उपमेय में उपमान का अभेद निरूपण हो अर्थात जहाँ उपमेय को ही उपमान मान लिया जाता है वहाँ रूपक अलंकार होता है।
- उदाहरण - चरण कमल बंदौ हरि राई।
- यहाँ हरि के चरण को कमल के समान नही बल्कि कमल ही मान लिया गया है।
Additional Informationअनुप्रास अलंकार-
- जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
- किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।
उदाहरण - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में ।
उपर्युक्त उदाहरण में ‘च’ वर्ण की आवृति हो रही है और आवृति हों से वाक्य का सौन्दर्य बढ़ रहा है। अतः यह अनुप्रास अलंकार का उदाहरण होगा।
श्र्लेष अलंकार -
- जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्र्लेष अलंकार कहलाता है।
- उदाहरण - रावण सर सरोज बनचारी। चलि रघुवीर सिलीमुख।
सिलीमुख शब्द के दो अर्थ निकल रहे हैं। इस शब्द का पहला अर्थ बाण से एवं दूसरा अर्थ भ्रमर से है। अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।
उपमा अलंकार -
- उप का अर्थ है समीप से और पा का अर्थ है तोलना या देखना । अतः जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, तब वहाँ उपमा अलंकार होता है ।
- उदाहरण - कर कमल-सा कोमल है ।
- यहाँ पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है । अतः यहाँ उपमा अलंकार होगा।
अलंकार Question 8:
निम्नलिखित में से अनुप्रास अलंकार का उदाहरण कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 8 Detailed Solution
‘रघुपति राघव राजा राम’ में अनुप्रास अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 ‘रघुपति राघव राजा राम’ होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
स्पष्टीकरण:
‘रघुपति राघव राजा राम’ में ‘र’ वर्ण की आवृत्ति बार – बार हुई है।
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणे, खेल रही थी जल थल में |
Additional Information
अन्य विकल्प:
यमक |
जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। |
कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
|
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। |
मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है। |
रूपक |
जहां उपमेय और उपमान में कोई अंतर नहीं होता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। |
वन शारदी चन्द्रिका-चादर ओढ़े। |
अलंकार Question 9:
निम्नलिखित पंक्तियों में रचनानुसार अलंकार पहचानिए।
तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में,
तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 9 Detailed Solution
उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में ‘उल्लेख अलंकार’ है। अत: इसका उचित उत्तर विकल्प 3 ‘उल्लेख अलंकार’ होगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण उत्तर होंगे।
स्पष्टीकरण:
‘तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में, तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।’ इन काव्य पंक्तियों में ‘उल्लेख अलंकार’ है।
उल्लेख अलंकार- जहां एक वस्तु का वर्णन अनेक प्रकार से किया जाए, वहाँ उल्लेख अलंकार होता है।
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अतिशयोक्ति अलंकार |
जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है। |
हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि। |
दृष्टांत अलंकार |
जहां उपमेय और उपमान तथा उनके साधारण धर्मों में बिम्ब-प्रतिबिंब भाव हो। |
सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरन। फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन। |
विरोधाभास अलंकार |
जहां विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास दिया जाए। |
जब से है आँख लगी तबसे न आँख लगी। |
अलंकार Question 10:
'कनक-से दिन मोती-सी रात' में कौनसा अलंकार है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार Question 10 Detailed Solution
'कनक-से दिन मोती-सी रात' में अलंकार है :- उपमा
Key Pointsउपमा अलंकार-
- उपमा का अर्थ - तुलना।, जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु से की जाती है वहाँ उपमा अलंकार होता है।
- अर्थालंकार के भेदों में से एक ।
- उदाहरण-
- गिरी -सा ऊँचा हो जिसका मन।
- उपमा अलंकार के भेद -
- पूर्णोपमा
- लुप्तोपमा
Additional Information
यमक अलंकार-
- जब एक ही शब्द प्रयोग दो बार प्रयोग होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
- शब्दालंकार के भेदों में से एक ।
- उदाहरण-
- कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय।
- यमक अलंकार के भेद -
- अभंग पद यमक अलंकार
- सभंग पद यमक अलंकार
श्लेष अलंकार -
- जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है।
- शब्दालंकार के भेदों में से एक ।
- उदाहरण-
- चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।
- चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
- श्लेष अलंकार के भेद -
- अभंग पद श्लेष अलंकार
- सभंग पद श्लेष अलंकार
उत्प्रेक्षा अलंकार -
- जब समानता होने के कारण उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना की जाए या संभावना हो तब वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यदि पंक्ति में -मनु, जनु, जनहु, जानो, मानहु मानो, ज्यों आदि आता है वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
- अर्थालंकार के भेदों में से एक ।
- उदाहरण-
- ले चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।
- उत्प्रेक्षा अलंकार के भेद -
- वस्तुप्रेक्षा अलंकार
- हेतुप्रेक्षा अलंकार
- फलोत्प्रेक्षा अलंकार
शब्दालंकार के भेद -
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- श्लेष अलंकार
अर्थालंकार के भेद -
- उपमा अलंकार
- रूपक अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- अतिशयोक्ति अलंकार
- अन्योक्ति अलंकार
- संदेह अलंकार
- भ्रांतिमान अलंकार