संधि MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for संधि - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 10, 2025
Latest संधि MCQ Objective Questions
Top संधि MCQ Objective Questions
संधि Question 1:
दिए गए विकल्पों में से 'नायक' शब्द में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 1 Detailed Solution
'नायक' में अयादि संधि है।
नायक = अयादि संधि
- संधि-विच्छेद - नायक = नै + अक
- अयादि संधि - जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो 'ए का अय', 'ऐ का आय', 'ओ का अव', 'औ का आव' बन जाए तो वहाँ अयादि संधि होता है।
- अयादि संधि के नियम -
- ए + अन्य स्वर = अय
- ऐ + अन्य स्वर = आय
- ओ + अन्य स्वर = अव
- औ + अन्य स्वर = आव
- उदाहरण -
- भो + अन = भवन (ओ + अन्य स्वर = अव)
- चे + अन = चयन (ए + अन्य स्वर = अय)
Key Pointsअन्य विकल्प -
- दीर्घ संधि - जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ’ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई’ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ’ बनता है। इस संधि को हम ह्रस्व संधि भी कह सकते हैं।
- गुण संधि - अ और आ स्वरों के बाद ह्रस्व और दीर्घ इ, उ, ऋ स्वर आए तो संधि करते समय इनके स्थान पर क्रमश ऐ, ओ, अर का आदेश हो जाता हैं. यह गुण संधि कहलाती हैं
- पूर्वरूप संधि संस्कृत व्याकरण की संधि है।
Additional Informationसंधियाँ तीन प्रकार की होती हैं -
स्वर संधि
- दीर्घ संधि
- अ/आ + अ/आ = आ
- इ/ई + इ/ई = ई
- उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
- गुण संधि
- अ/आ + उ/ऊ = ओ
- अ/आ + इ/ई = ए
- अ + ऋ = अर्
- वृद्धि संधि
- अ/आ + ए/ऐ = ऐ
- अ/आ + ओ/औ = औ
- यण संधि
- इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
- उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
- ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
- अयादी संधि
- ए + अन्य स्वर = अय
- ऐ + अन्य स्वर = आय
- ओ + अन्य स्वर = अव
- औ + अन्य स्वर = आव
व्यंजन संधि
- क्, च्, ट्, त्, प् + सभी स्वर / य्, र्, ल्, व्, ह / किसी वर्ग का तीसरा एवं चौथा वर्ण = अपने ही वर्ग का तीसरे वर्ण बनेगा
- जैसे :- क् का ग्, ट् का ड्, त् का द्, प् का ब्
- दिक् + अम्बर = दिगम्बर
- षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र
- उत् + घाटन = उद्घाटन
- अप् + ज = अब्ज
- जैसे :- क् का ग्, ट् का ड्, त् का द्, प् का ब्
- क्, च्, ट्, त्, प् + ङ,ञ, ण, न, म = अपने ही वर्ग का पंचमक्षर वर्ण बनेगा
- जैसे :- क् का ङ्, च् का ञ, ट् का ण्, त् का न्, प् का म्
- प्राक् + मुख = प्राङ्मुख
- षट् + मुख = षण्मुख
- उत् + नति = उन्नति
- जैसे :- क् का ङ्, च् का ञ, ट् का ण्, त् का न्, प् का म्
- म + क से म के सभी व्यंजन = वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण
- सम् + गम = संगम
- त् + ग , घ , ध , द , ब , भ ,य , र , व् = द्
- तत् + रूप = तद्रूप्त
- म् + य, र, ल, व, श, ष, स, ह = अनुस्वार
- सम् + शय = संशय
- त् + श् = त् को च् और श् को छ्
- शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र
- त् या द् + च या छ = त् या द् के स्थान पर च् होगा
- उत् + छिन्न = उच्छिन्न
- त् + ह् = त् का द् और ह् का ध् हो जाता है।
- तत् + हित = तद्धित
- त् या द् + ज या झ = त् या ज्
- जगत् + जीवन = जगज्जीवन
- स्वर + छ् = छ् से पहले च् जुड़ेगा
- आ + छादन = आच्छादन
- त् या द् + ट या ठ = त् या द् के स्थान पर ट्
- तत् + टीका = तट्टीका
- त् या द् + ड या ढ = त् या द् के स्थान पर ड्
- भवत् + डमरू = भवड्डमरू
- त् या द् + ल = त् या द् की जगह पर ल्
- उत् + लास = उल्लास
- ऋ, र् या ष् + न / स्वर / क वर्ग, प वर्ग / अनुश्वार / य, व, ह = न् का ण हो जाता है।
- प्र + मान : प्रमाण
- भुष + अन : भूषण
- ष + त या थ = त के बदले ट और थ के बदले ठ
- पृष् + थ = पृष्ठ
- यदि किसी शब्द का पहला वर्ण स हो तथा उसके पहले अ या आ के अलावा कोई दूसरा स्वर आये तो स के स्थान पर ष हो जाता है।
- सु + सुप्ति = सुषुप्ति
- यौगिक शब्दों के अंत में यदि प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण न हो, तो उसका लोप हो जाता है।
- प्राणिन + मात्र = प्राणिमात्र
- त् से पहले च् या छ् होने पर च, ज् या झ् होने पर ज्, ट् या ठ् होने पर ट्, ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है।
विसर्ग संधि
विसर्ग में स्वर या व्यंजन के संयोग से होने वाले विकार निम्नलिखित हैं -
- विसर्ग के आगे श, ष, स आए तो वह क्रमशः श्, ष्, स्, में बदल जाता है।
- उदाहरण - निः + सन्देह = निस्सन्देह
- विसर्ग से पहले इ या उ हो और बाद में र आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और इ तथा उ दीर्घ ई, ऊ में बदल जाएँगे।
- निः + रस = नीरस
- विसर्ग के बाद ‘च-छ’, ‘ट-ठ’ तथा ‘त-थ’ आए तो विसर्ग क्रमशः ‘श्’, ‘ष्’, ‘स्’ में बदल जाते हैं
- धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
- निः + छल = निश्छल
- विसर्ग के बाद क, ख, प, फ रहने पर विसर्ग में कोई विकार नहीं होता।
- प्रात: + काल = प्रात:काल
- विसर्ग से पहले ‘अ’ या ‘आ’ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में वर्ग के तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ण अथवा य, र, ल, व में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग ‘र’ में बदल जाता है।
- नि: + आधार = निराधार
- दुः + बोध = दुर्बोध
- विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग र् में बदल जाता है।
- नि: + आशा = निराशा
- विसर्ग से पहले अ आए और बाद में य, र, ल, व, ह या घोष वर्ण आए तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग ‘ओ’ में बदल जाता है।
- मन: + रथ = मनोरथ
- विसर्ग से पहले इ या उ आए और बाद में क, ख, प, फ में से कोई वर्ण आए तो विसर्ग ‘ष्’ में बदल जाता है।
- निः + पाप = निष्पाप
- विसर्ग से पूर्व अ, आ आए और बाद में क, ख व प, फ आए तो कोई परिवर्तन नहीं होता।
- पुनः प्राप्ति = पुनः + प्राप्ति
संधि Question 2:
'जितेन्द्रिय' शब्द का सही सधि विच्छेद होगा-
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर जित + इन्द्रिय है।
Key Points
- जित + इन्द्रिय = 'जितेन्द्रिय'।
- जितेंद्रिय संधि का नियम है अ + इ = ए (गुण स्वर संधि)
- गुण स्वर संधि- जब (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ ‘बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है। उसे गुण स्वर संधि कहते हैं।
- उदाहरण-
- आ + इ= ए, भारत + इंदु = भारतेन्दु
- अ + इ= ए, देव + इन्द्र= देवन्द्र
Additional Information
संधि -दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
संधि Question 3:
इनमें से कौनसा संधि-शब्द सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 3 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "ग्रीष्म + ऋतु :- ग्रीष्मर्तु" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- ग्रीष्म + ऋतु :- ग्रीष्मर्तु, यहाँ पर ग्रीष्म में अंत अ के बाद ऋ वर्ण आने पर अर् आदेश हुआ मिलकर ग्रीष्मर्तु शब्द बना है, यह गुण संधि का उदाहरण है।
- अ + ऋ :- अर्
- गुण संधि
- गुण संधि की परिभाषा
- दो असमान स्वरों के मिलने पर दोनों नयें तीसरे स्वर में बदल जाते हैं। इसकी पहचान संधि युक्त पद में ए तथा ओ की मात्रा होती हैं।
- अर्थात अ और आ स्वरों के बाद ह्रस्व और दीर्घ इ, उ, ऋ स्वर आए तो संधि करते समय इनके स्थान पर क्रमश ऐ, ओ, अर का आदेश हो जाता हैं।
- पितृ + उपदेश :- पित्रुपदेश (यण संधि)
- सत् + नारी :- सन्नारी (व्यंजन संधि)
- एक + एक :- एकैक (वृद्धि)
संधि Question 4:
“गुरूपदेश' शब्द में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 4 Detailed Solution
'गुरूपदेश' में दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः 'दीर्घ' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
गुरु + उपदेश = गुरूपदेश।
Key Points
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। भो + अन = (ओ + अ) भवन |
संधि Question 5:
निर्देश : दिए गए शब्द का सही सन्धि-विच्छेद दिए गए विकल्पों में से चुनिए ।
अन्वेषण
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 5 Detailed Solution
अन्वेषण शब्द का सही सन्धि-विच्छेद का विकल्प अनु + एषण होगा।
- अन्वेषण = अनु + एषण (यण स्वर संधि)
- यण स्वर संधि - इ ई उ ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का य। उ / ऊ का व और ऋ का र हो जाता है।
Key Points
- संधि - संधि - दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले परिवर्तन को संधि कहते है।
- संधि का सामान्य सा अर्थ है मेल करना।
- जिसमें दो शब्द या पद एक दूसरे से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते है, इसी प्रक्रिया को हम संधि कहते है।
वर्णों के आधार पर संधि तीन प्रकार के माने गए है -
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
स्वर संधि | स्वर के साथ स्वर का मेल होने से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहा जाता है। | अन्वेषण = अनु + एषण |
व्यंजन संधि | व्यंजन का व्यंजन से तथा व्यंजन का स्वर से मेल होने पर उसमें जो परिवर्तन आता है उसे व्यंजन संधि कहते है। | दिक् + गज = दिग्गज |
विसर्ग संधि | विसर्ग (:) का मेल किसी व्यंजन या स्वर से होने पर विसर्ग में जो विकार या परिवर्तन आता है, उसे विसर्ग संधि कहते है। | मनः + योग = मनोयोग |
संधि Question 6:
'महाशय' का संधि विच्छेद है:
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 6 Detailed Solution
'महाशय' का संधि विच्छेद= 'महा + आशय'।
दीर्घ संधि- आ + आ = आ।
Key Pointsदीर्घ संधि- यह स्वर संधि का एक भेद है। जब ह्रस्व या दीर्घ के बाद जैसे, 'अ, आ' + 'अ, आ' हो तो 'आ' बनता है, जब 'इ, ई' + ' इ, ई' हो तो 'ई' बनता हैऔर जब 'उ, ऊ' + 'उ, ऊ' हो तो 'ऊ' बनता है। दीर्घ स्वर संधि कहलाती है।
- उदाहरण- मही + इंद्र = महींद्र (ई + इ = ई)।
- महा + आशय= महाशय (आ + आ= आ)।
Additional Information
स्वर संधि- दो स्वर के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, स्वर संधि कहलाता है।
- जैसे- महा+आत्मा= महात्मा।
- वीर+अंगना= वीरांगना।
स्वर संधि के भेद- पांच भेद।
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादी संधि
- 'महाशय' का संधि विच्छेद= 'महा + आशय' होगा।
- अन्य संधि विच्छेद, विच्छेद की दृष्टि से अनुचित है।
संधि Question 7:
निर्देश : दिए गए शब्द का सही सन्धि-विच्छेद दिए गए विकल्पों में से चुनिए ।
उच्छिन्न
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 7 Detailed Solution
उच्छिन्न का सही सन्धि-विच्छेद का विकल्प उत् + छिन्न होगा।
- उच्छिन्न = उत् + छिन्न (व्यंजन संधि)
-
व्यंजन संधि - त् के बाद यदि छ् वर्ण आ जाए तो छ् का च्छ में परिवर्तन हो जाता है।
Key Points
- संधि - दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले परिवर्तन को संधि कहते है।
- संधि का सामान्य सा अर्थ है मेल करना।
- जिसमें दो शब्द या पद एक दूसरे से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते है, इसी प्रक्रिया को हम संधि कहते है।
वर्णों के आधार पर संधि तीन प्रकार के माने गए हैं –
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
स्वर संधि | स्वर के साथ स्वर का मेल होने से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहा जाता है। | सत्य + अर्थ = सत्यार्थ |
व्यंजन संधि | व्यंजन का व्यंजन से तथा व्यंजन का स्वर से मेल होने पर उसमें जो परिवर्तन आता है उसे व्यंजन संधि कहते है। | उच्छिन्न = उत् + छिन्न |
विसर्ग संधि | विसर्ग (:) का मेल किसी व्यंजन या स्वर से होने पर विसर्ग में जो विकार या परिवर्तन आता है, उसे विसर्ग संधि कहते है। | रजः + गुण = रजोगुण |
संधि Question 8:
इनमें से कौन सा विकल्प असंगत है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 8 Detailed Solution
‘भौ+उक’ असंगत है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 3 ‘भौ+उक’ होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
स्पष्टीकरण:
- ‘भौ+उक=भावुक’ में अयादि स्वर संधि है क्योंकि ‘औ+उ=वु’ हुआ है।
- ‘अहम्+कार= अहंकार’ में व्यंजन संधि है क्योंकि म्' के बाद कोई व्यंजन वर्ण आये तो 'म्' का अनुस्वार हो जाता है।
- पम्+चम=पंचम’ में व्यंजन संधि है क्योंकि म्' के बाद कोई व्यंजन वर्ण आये तो 'म्' का अनुस्वार हो जाता है
- उत्+लास=उल्लास’ में भी व्यंजन संधि है क्योंकि 'त् - द्' के बाद 'ल' रहे तो 'त् - द्' 'ल्' में बदल जाते है और 'न्' के बाद 'ल' रहे तो 'न्' का अनुनासिक के बाद 'ल्' हो जाता है।
Additional Information
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
Important Points
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।
संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
संधि Question 9:
'गंगोर्मि' शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 9 Detailed Solution
सही उत्तर 'गंगा + ऊर्मि’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
- 'गंगोर्मि' शब्द का उचित संधि-विच्छेद 'गंगा + ऊर्मि' (आ + ऊ = ओ) है।
- यह गुण स्वर संधि का उदाहरण है।
- गुण संधि – जब ‘अ’ या ‘आ’ के पश्चात ‘इ’, ‘ई’ हो तो ‘ए’ हो जाता है, और अ या आ के साथ ‘उ’, ‘ऊ’ हो तो वह ‘ओ’ हो जाता है। तथा ‘अ’ , ‘आ’ के पश्चात ऋ हो तो अर हो जाता है।
-
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।
संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
स्वर संधि |
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि। |
स्वार्थ = स्व + अर्थ
|
व्यंजन संधि |
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है। |
तल्लीन = तत् +लीन
|
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
|
शिरोमणि = शिर: + मणि |
संधि Question 10:
किस विकल्प में शब्द का संधि विच्छेद अनुचित है ?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 10 Detailed Solution
सही उत्तर 'विस्म + अरण = विस्मरण' है। यह विकल्प संधि विच्छेद की दृष्टि से अनुचित है।
'विस्मरण' शब्द व्यंजन संधि का उदाहरण है।
'विस्मरण' का संधि विच्छेद = वि + स्मरण
Confusion Points जिस संस्कृत धातु में पहले स हो और उसके पश्चात् ऋ वा र्, उससे बने हुए शब्द का स पूर्वोक्त वर्णों के पीछे आने पर ष नहीं होता।
जैसे -
- वि + स्मरण (स्मृ-धातु) = विस्मरण।
- अनु + सरण (सृ-धातु) = अनुसरण।
- वि + सर्ग (सृज-धातु) = विसर्ग।
Key Points
अन्य विकल्पों का विश्लेषण
शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि |
नमस्कार |
नम: + कार |
विसर्ग |
अहोरात्र |
अहन् + रात्रि |
व्यंजन |
विसर्ग |
वि + सर्ग |
व्यंजन |
Additional Information
संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - |
|
स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
व्यंजन संधि |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट। |