गद्यांश MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for गद्यांश - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 11, 2025
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Latest गद्यांश MCQ Objective Questions
Top गद्यांश MCQ Objective Questions
गद्यांश Question 1:
Comprehension:
अनुच्छेद पढ़कर, दिए गए सवालों के सही जवाब चुनिए :-
रवीन्द्रनाथ उच्चकोटि के कवि थे। उनके द्वारा प्रतिपादित मान्यताओं एवं विचारों को भारत में ही सराहा नहीं गया वरन् विश्व में भी उनके विचार लोकप्रिय हैं। एक महान कवि होने के साथ-साथ वे भारतीय सांस्कृतिक परम्परा के अनुयायी के रूप में भी जाने जाते हैं। रवीन्द्रनाथ सांस्कृतिक स्वरूप के रूप में पूर्व और पश्चिम के समन्वय पर बल देते हैं, परंतु पश्चिमी विज्ञान को स्वीकार करते हुए भी उन्होंने उसके भौतिक प्रगतिशीलता हेतु आदर्श को नहीं अपनाया है। वे समन्वय साधना का उत्कृष्टतम रूप भारतवर्ष की राष्ट्रीयता में देखते हैं। यह राष्ट्रीयता काल-प्रवाह में बहकर आई असंख्य जातियों-प्रजातियों के हार्दिक आदान-प्रदान, सहयोग और समन्वय के रूप में प्रतिफलित है। उनकी राष्ट्रीयता की कल्पना पश्चिम की शोषणशील, एकांगी राष्ट्र-चेतना से भिन्न है, जो उपनिवेशों का निर्माण कर राष्ट्रीय जीवन-मान की अभिवृद्धि को ही एकमात्र सत्य जानती है। वस्तुतः भारतवर्ष की राष्ट्रीयता मानवीयता ही है और इसलिए अंतरराष्ट्रीय चेतना से उसका किंचित मात्र भी विरोध नहीं है। भारत का राष्ट्रधर्म मानवता की पुकार बनकर ही अपने आत्मधर्म को चरितार्थ कर सकता है।
रवीन्द्रनाथ उच्चकोटि के कवि थे। उनके द्वारा प्रतिपादित मान्यताओं एवं विचारों को भारत में ही सराहा नहीं गया वरन् विश्व में भी उनके विचार लोकप्रिय हैं। एक महान कवि होने के साथ-साथ वे भारतीय सांस्कृतिक परम्परा के अनुयायी के रूप में भी जाने जाते हैं। रवीन्द्रनाथ सांस्कृतिक स्वरूप के रूप में पूर्व और पश्चिम के समन्वय पर बल देते हैं, परंतु पश्चिमी विज्ञान को स्वीकार करते हुए भी उन्होंने उसके भौतिक प्रगतिशीलता हेतु आदर्श को नहीं अपनाया है। वे समन्वय साधना का उत्कृष्टतम रूप भारतवर्ष की राष्ट्रीयता में देखते हैं। यह राष्ट्रीयता काल-प्रवाह में बहकर आई असंख्य जातियों-प्रजातियों के हार्दिक आदान-प्रदान, सहयोग और समन्वय के रूप में प्रतिफलित है। उनकी राष्ट्रीयता की कल्पना पश्चिम की शोषणशील, एकांगी राष्ट्र-चेतना से भिन्न है, जो उपनिवेशों का निर्माण कर राष्ट्रीय जीवन-मान की अभिवृद्धि को ही एकमात्र सत्य जानती है। वस्तुतः भारतवर्ष की राष्ट्रीयता मानवीयता ही है और इसलिए अंतरराष्ट्रीय चेतना से उसका किंचित मात्र भी विरोध नहीं है। भारत का राष्ट्रधर्म मानवता की पुकार बनकर ही अपने आत्मधर्म को चरितार्थ कर सकता है।
‘भारतीय राष्ट्रीयता’ को पर्याय कहा जा सकता है –
Answer (Detailed Solution Below)
Option 4 : मानवीयता का
गद्यांश Question 1 Detailed Solution
‘भारतीय राष्ट्रीयता’ को पर्याय कहा जा सकता है – मानवीयता का
Key Points
- अनुच्छेद के अनुसार -
- जो उपनिवेशों का निर्माण कर राष्ट्रीय जीवन-मान की अभिवृद्धि को ही एकमात्र सत्य जानती है।
- वस्तुतः भारतवर्ष की राष्ट्रीयता मानवीयता ही है और इसलिए अंतरराष्ट्रीय चेतना से उसका किंचित मात्र भी विरोध नहीं है।
Additional Informationअन्य विकल्प -
- भौतिकतावाद: यह केवल भौतिक संपत्ति और संसाधनों की अभिवृद्धि पर जोर देता है।
- अध्यात्मवाद: यह आत्मा और आध्यात्मिकता को केंद्र में रखता है, जबकि यहां उल्लेख मानवीयता का है।
- प्रगतिशीलता: यह सुधार और विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, लेकिन यह पर्याय भारतीय राष्ट्रीयता के मुकाबले कम उपयुक्त है।