हिन्दी भाषा और उसका विकास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी भाषा और उसका विकास - Download Free PDF
Last updated on Jun 11, 2025
Latest हिन्दी भाषा और उसका विकास MCQ Objective Questions
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 1:
इनमें से किस राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 1 Detailed Solution
असम राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है।
- छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश व झारखंड की राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- असम में असमिया मुख्य राजभाषा है।
- असमिया लिपि मूलत: ब्राह्मी का ही एक विकसित रूप है।
- असम में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ बांग्ला, हिन्दी, बोडो, नेपाली।
असमिया साहित्य का मूल रूप मुख्यत: तीन लेखकों द्वारा निर्मित हुआ -
- चंद्रकुमार अग्रवाल (1858-1938)
- लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ (1858-1938)
- हेमचंद्र गोस्वामी (1872-1928)
Key Pointsअन्य विकल्प -
छत्तीसगढ़
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है।
- छत्तीसगढ़ी २ करोड़ लोगों की मातृभाषा है।
- इसकी लिपि देवनागरी है।
- छत्तीसगढ़ में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ ओड़िया, बांग्ला, तेलुगु।
हिमाचल प्रदेश
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोले जाने वाली भाषा का नाम पहाड़ी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ पंजाबी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी।
झारखंड
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- झारखंड प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मुख्यतः नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया व कुरमाली है।
- झारखंड प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ सन्थाली, बांग्ला, उर्दू, ओड़िया।
Additional Information
क्षेत्र | मुख्य राजभाषा |
अंडमान एवं निकोबार | बांग्ला |
केरल | मलयालम |
बिहार | हिन्दी |
गोवा | कोंकणी |
गुजराती | गुजराती |
दिल्ली | हिन्दी |
लद्दाख | लद्दाखी |
लक्षद्वीप | मलयालम |
मध्य प्रदेश | हिन्दी |
ओड़ीसा | ओड़िया |
पंजाब | पंजाबी |
राजस्थान | हिन्दी |
सिक्किम | नेपाली |
तमिलनाडु | तमिल |
उत्तराखण्ड | हिन्दी |
पश्चिम बंगाल | बांग्ला |
उत्तर प्रदेश | हिन्दी |
तेलंगना
|
तेलुगु |
त्रिपुरा | बांग्ला |
पुद्दुचेरी | तमिल |
नागालैंड | नागा |
महाराष्ट्र | मराठी |
मणिपुर | मणिपुरी |
मेघालय | खासी |
मिजोरम | मिजो |
कर्नाटक | कन्नड |
जम्मू-कश्मीर | कश्मीरी |
आंध्र प्रदेश | तेलुगु |
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 2:
कौन-सी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 2 Detailed Solution
"मिजो" भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है।
Key Pointsभारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है।
इस अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है।
Additional Information(1) असमिया, ( 2 ) बंगाली (3) गुजराती, (4) हिंदी, (5) कन्नड, (6) कश्मीरी, (7) कोंकणी, (8) मलयालम, ( 9 ) मणिपुरी,
(10) मराठी, (11) नेपाली, ( 12 ) उड़िया, ( 13 ) पंजाबी, ( 14 ) संस्कृत, ( 15 ) सिंधी, ( 16 ) तमिल, ( 17 ) तेलुगू (18) उर्दू
(19) बोडो, (20)संथाली (21मैथिली (22)डोंगरी
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 3:
कौन-सी भाषा मध्य भारतीय आर्यभाषा काल की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 3 Detailed Solution
मध्य भारतीय आर्यभाषा काल भाषा की नहीं है- संस्कृत
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएं - पाली, प्राकृत, अपभ्रंश।
Key Points
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं को तीन भागों में बांटा गया है-
- पाली (500 ई. पू. से 100 ई. तक) (इसमें अभिलेखी प्राकृत भी आती है।)
- प्राकृत (100 ई. या 1 ई. से 500 ई. तक)
- अपभ्रंश (500 ई. से 1000 ई. तक)
Additional Informationपालि भाषा:-
- यह प्राकृत का प्रारम्भिक रूप है जिसका समय 500 ई0 पू0 के प्रथम शताब्दी के प्रारम्भ तक माना गया है।
- इसकी उत्पत्ति के विषय में विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ विद्वानों का कहना है कि संस्कृत की उत्पत्ति प्राकृत से हुई है।
प्राकृत भाषा:-
- इसे द्वितीय प्राकृत और साहित्यिक प्राकृत भी कहते हैं। इसका काल प्रथम शताब्दी से 5वीं शताब्दी तक है।
- विभिन्न क्षेत्रों में इसके भिन्न-भिन्न रूप विकसित हो गये थे।
अपभ्रंश भाषा:-
- आधुनिक भाषाओं के उदय से पहले उत्तर भारत में बोलचाल और साहित्य रचना की सबसे जीवन्त और प्रमुख भाषा (समय लगभग छठी से 12वीं शताब्दी)।
- भाषावैज्ञानिक दृष्टि से अपभ्रंश भारतीय आर्यभाषा के मध्यकाल की अंतिम अवस्था है जो प्राकृत और आधुनिक भाषाओं के बीच की स्थिति है।
संस्कृत:-
- संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है।
- संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा है।
- आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं।
- इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है।
- संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गए हैं।
- बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं।
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 4:
भोजपुरी का विकास किस अपभ्रंश से हुआ है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 4 Detailed Solution
भोजपुरी का विकास मागधी अपभ्रंश से हुआ है
Key Pointsमागधी-
- मागधी उस प्राकृत का नाम है जो प्राचीन काल में मगध (दक्षिण बिहार) प्रदेश में प्रचलित थी।
- इस भाषा के उल्लेख महावीर और बुद्ध के काल से मिलते हैं।
- जैन आगमों के अनुसार तीर्थकर महावीर का उपदेश इसी भाषा अथवा उसी के रूपांतर अर्धमागधी प्राकृत में होता था।
- पालि त्रिपिटक में भी भगवान् बुद्ध के उपदेशों की भाषा को मागधी कहा गया है।
- इससे बिहारी हिन्दी का विकास हुआ है।
Important Pointsशौरसेनी-
- शौरसेनी नामक प्राकृत मध्यकाल में उत्तरी भारत की एक प्रमुख भाषा थी।
- यह नाटकों में प्रयुक्त होती थी (वस्तुतः संस्कृत नाटकों में, विशिष्ट प्रसंगों में)।
- बाद में इससे हिंदी-भाषा-समूह व पंजाबी विकसित हुए।
- दिगंबर जैन परंपरा के सभी जैनाचार्यों ने अपने महाकाव्य शौरसेनी में ही लिखे जो उनके आदृत महाकाव्य हैं।
- इससे राजस्थानी हिन्दी, पहाड़ी हिन्दी और पश्चिमी हिन्दी का विकास हुआ है।
ब्राचड़-
- मार्कण्डेय के अनुसार यह अपभ्रंश का एक भेद है।
अर्धमागधी-
- मध्य भारतीय आर्य परिवार की भाषा अर्धमागधी संस्कृत और आधुनिक भारतीय भाषाओं के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
- यह प्राचीन काल में मगध की साहित्यिक एवं बोलचाल की भाषा थी।
- हेमचंद्र आचार्य ने अर्धमागधी को 'आर्ष प्राकृत' कहा है।
- अर्धमागधी शब्द का कई तरह से अर्थ किया जाता है-
- जो भाषा मगध के आधे भाग में बोली जाती हो।
- जिसमें मागधी भाषा के कुछ लक्षण पाए जाते हों, जैसे पुलिंग में प्रथमा के एकवचन में एकारांत रूप का होना (जैसे धम्मे)।
- इस भाषा में विपुल जैन एवं लौकिक साहित्य की रचना की गई।
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 5:
कौन-सी भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 5 Detailed Solution
हिन्दी, मराठी, संस्कृत भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं।
Key Pointsदेवनागरी लिपि-
- देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं।
- संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं।
- इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं।
- अधितकतर भाषाओं की तरह देवनागरी भी बायें से दायें लिखी जाती है।
- देवनागरी लिपि, जिसमें 14स्वर और 33 व्यञ्जन सहित 47 प्राथमिक वर्ण हैं।
- इसका विकास ब्राम्ही लिपि से हुआ
Additional Informationतमिल-
- तमिल एक लिपि है जिसमें तमिल भाषा लिखी जाती है।
- इसके अलावा सौराष्ट्र, बडगा, इरुला और पनिया आदि भाषाएँ भी तमिल लिपि में लिखी जाती हैं।
- यह लिपि भारत और श्रीलंका में तमिल भाषा को लिखने में प्रयोग की जाती है।
लेप्चा-
- लेप्चा पूर्वी नेपाल, पश्चिमी भूटान और भारत के सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग में रहने वाली जनजाति है।
- इस जाति द्वारा बोली जाने वाली भाषा को ही लेप्चा भाषा कहते हैं।
- सिक्किम में प्रचलित लेप्चा भाषा की अपनी लिपि है।
मुंडारी-
- उत्तरी
मुंडा भाषा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के छोटा नागपुर के पठार में बोली जाती है। - इसमें कुर्कू, संथाली, मुंडारी, भूमिज और हो भाषाएं शामिल हैं।
- इसमें संथाली की अपनी लिपि है लेकिन मुंडारी और भूमिज की लिपि नहीं है।
- दक्षिण मुंडा भाषाएं मध्य ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र में बोली जाती है।
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“ब्राम्ही” से किस लिपि की उत्पत्ति हुई है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF‘देवनागरी’ , यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- देवनागरी भारत, नेपाल, तिब्बत और दक्षिण पूर्व एशिया की लिपियों के ब्राह्मी लिपि परिवार का हिस्सा है।
- अत: सही विकल्प 1 'देवनागरी' है।
Additional Information
अन्य विशेष
लिपि |
उत्पत्ति |
खरोष्ठी |
इसे विदेशी उद्गम लिपि यानी अरामाइक और सीरियाई लिपि से विकसित माना जाता है। |
गुरमुखी |
इसमें पंजाबी भाषा लिखी जाती है। इसकी उत्पत्ति सारदा लिपि अथवा देवनागरी दोनों से मानी जाती है। |
कैथी |
कैथी लिपि का उपयोग मद्यकालीन भारत में उत्तर भारत क्षेत्र में किया जाता था। |
हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं।
Key Points
- हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
- पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
- इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।
Important Pointsबोली -
- एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।
उपभाषा -
- अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
- तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
भाषा-
- साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
- तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
Additional Information
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|
राजस्थानी | मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),
जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी), |
राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी
(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | भोजपुरी, मगही | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
'भाषा संवर्धिनी सभा' कहाँ स्थापित की गई थी?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर अलीगढ़ है।
- अलीगढ़ में 1877 में भाषा संवर्धिनी सभा बनी।
- 'भाषा संवर्धिनी सभा' के संस्थापक बाबू तोताराम थे।
Key Points
बाबू तोताराम
- इनका जन्म अलीगढ़ के नगला सिंह में 1847 में हुआ।
- हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 'भारत-बंधु' पत्र निकाला।
- भारतवर्षीय नेशनल एसोसिएशन का गठन किया।
- 1894 में सार्वजनिक पुस्तकालय की नींव डाली जिसका नाम लायल लाइब्रेरी रखा गया।
- इन्होंने 11 ग्रंथों की रचना की।
- 7 दिसंबर 1902 में तोताराम का निधन हो गया।
निम्नलिखित में से कौन सी भाषा पश्चिमी हिंदी से संबंध रखती है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से बाँगरू पश्चिमी हिंदी से संबंधित है।
Key Points
- पश्चिमी हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
- पश्चिमी हिंदी की बोलियां-ब्रजभाषा,कन्नौजी,बुंदेली,कौरवी/खड़ी बोली,हरियाणवी(जाटू, बाँगरू),दक्खिनी।
- पूर्वी हिंदी का विकास अर्धमागधी से हुआ है।
- पूर्वी हिंदी की बोलियां-अवधि,बघेली,छत्तीसगढ़ी।
Additional Information
- शौरसेनी अपभ्रंश के अंतर्गत राजस्थानी हिंदी,पहाड़ी हिंदी,पश्चिमी हिंदी आती है।
- राजस्थानी हिंदी की बोलियां-मारवाड़ी,मालवी,मेवाती,जयपुरी।
- पहाड़ी हिंदी की बोलियां-कुमाउँनी,गढ़वाली।
- बिहारी हिंदी की बोलियां-भोजपुरी,मगही,मैथिली।
"संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देव नागरी है।" यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF"संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देव नागरी है।" यह कथन आइजक पिटमेन का है।
Key Points
आइजक पिटमैन -
- पिटमैन ने 'शीघ्रलिपि' फोनोग्राफी का अनुसंधान किया था उनका मानना था कि संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है तो वह एकमात्र देवनागरी है।
- यदि संसार की कोई लिपि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देवनागारी है।
Important Points
देवनागरी लिपि -
- भारतीय उपमहाद्वीप में प्रयुक्त प्राचीन ब्राह्मी लिपि पर आधारित है।
- बाएँ से दाएँ लिखी जाती है।
- प्राचीन भारत में पहली से चौथी शताब्दी ई. तक इसे विकसित किया गया।
- इसमें 47 वर्ण है जिसमे 14 स्वर और 33 व्यंजन होते।
- यह एक ध्वन्यात्मक वैज्ञानिक लिपि है।
- इसमें वर्ण को जैसा लिखा जाता है वैसा का वैसा उच्चारण किया जाता है।
- इसमें प्रत्येक वर्ण पर शिरोरेखा को लगाई जाती है।
Additional Information
ब्लूमफील्ड –
- ब्लूमफील्ड कहते हैं कि किसी भाषिक रूप का अर्थ "वह स्थिति जिसमें वक्ता उसका इस्तेमाल करता है' तथा 'वह अनुक्रिया जो उससे श्रोता में उत्पन्न होती है' में निहित होता है। ऐसी स्थिति में किसी भाषिक रूप के अर्थ कोक ठीक-ठीक तभी बतलाया जा सकता है जब उसका सम्बंध किसी ऐसी चीज से हो,जिसकी हमें वैज्ञानिक जानकारी हो।
विलियम जोन्स –
- 1784 ई.में "बंगाल एशियाटिक सोसाइटी" की स्थापना की जिससे भारत के इतिहास, पुरातत्व, विशेषकर साहित्य और विधिशास्त्र संबंधी अध्ययन की नींव पड़ी।
- यूरोप में उसी ने संस्कृत साहित्य की गरिमा सबसे पहले घोषित की।
- कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम के अनुवाद ने संस्कृत और भारत संबंधी यूरोपीयदृष्टि में क्रांति उत्पन्न कर दी।
देवनागरी अंक कितने होते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFदेवनागरी अंक दस होते है।
Key Points
- इसमें दस संकेतों का उपयोग होता है। (०, १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९)
Important Points
देवनागरी;-
|
निम्नलिखित बोलियों में से कौन - सी बोली उत्तर प्रदेश में सामान्यत: नहीं बोली जाती?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में उचित उत्तर ‘मैथिली’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- मैथिली बोली उत्तर प्रदेश में सामान्यत: नहीं बोली जाती है।
- मैथिली- मैथिली मुख्य रूपर से भारत के बिहार राज्य और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की भाषा है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगती है।
अन्य विकल्प -
अवधी |
अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश के "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा,बस्ती, बहराइच,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती तथा फतेहपुर) में बोली जाती है। |
ब्रजभाषा |
हिन्दी की एक उपभाषा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बोली जाती है। इसके अलावा यह भाषा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जनपदों में भी बोली जाती है। |
खड़ी बोली |
यह वह भाषा है जो मोटे तौर पर आज की मानक हिन्दी का एक पूर्वरूप है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से इसे आदर्श (स्टैंडर्ड) हिंदी, उर्दू तथा हिंदुस्तानी की आधार स्वरूप बोली होने का गौरव प्राप्त है। किन्तु 'खड़ी बोली' से आपस में मिलते जुलते अनेक अर्थ निकाले जाते हैं। |
Additional Information
बोली- बोली भाषा का प्रारंभिक रूप कहलाती है। यह एक सीमित क्षेत्र तक बोली जाती है। अर्थात भाषा के क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैं। जब एक ही भाषा अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से बोली जाती है, तो उसे बोली कहते हैं। |
इनमें से कौन-सी बोली अर्धमागधी अपभ्रंश से निकली है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर बघेली है।
- बघेली भारत के बघेलखण्ड क्षेत्र में बोली जाती है।
- बघेले राजपूतों के आधार पर रीवा तथा आसपास का क्षेत्र बघेलखंड कहलाता है वहीं की बोली को बघेली या बघेलखंडी कहलाती हैं।
Key Points
अपभ्रंश और आधुनिक भारतीय भाषाएँ -
- शौरसेनी
- पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली),
- गुजराती,
- राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी)
- अर्धमागधी
- पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
- मागधी
- बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
- खस
- पहाड़ी हिन्दी
- पैशाची
- लहंदा, पंजाबी
- ब्राचड़
- सिन्धी
- महाराष्ट्री
- मराठी
पूर्वी हिन्दी के अन्तर्गत कौन-सी बोली नहीं आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर भोजपुरी है।
- भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार राज्य के आरा ज़िले में स्थित भोजपुर नामक गाँव के नाम पर हुआ है।
- भोजपुरी भाषा 1000 से अधिक साल पुरानी भाषा है।
- भोजपरी की उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुआ है।
- भोजपुरी भाषा की प्रधान बोलियाँ -
- आदर्श भोजपुरी
- पश्चिमी भोजपुरी
- 'मघेसी' तथा 'थारु'
Key Points
पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी-
- पूर्वी हिंदी में तीन बोलियाँ आती हैं -
- अवधी
- बघेली
- छत्तीसगढ़ी
- पश्चिमी हिन्दी की पाँच बोलियाँ हैं -
- खड़ी बोली
- हरियाणवी
- ब्रजभाषा
- कन्नौजी
- बुंदेली
इनमें से किस राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFअसम राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है।
- छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश व झारखंड की राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- असम में असमिया मुख्य राजभाषा है।
- असमिया लिपि मूलत: ब्राह्मी का ही एक विकसित रूप है।
- असम में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ बांग्ला, हिन्दी, बोडो, नेपाली।
असमिया साहित्य का मूल रूप मुख्यत: तीन लेखकों द्वारा निर्मित हुआ -
- चंद्रकुमार अग्रवाल (1858-1938)
- लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ (1858-1938)
- हेमचंद्र गोस्वामी (1872-1928)
Key Pointsअन्य विकल्प -
छत्तीसगढ़
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है।
- छत्तीसगढ़ी २ करोड़ लोगों की मातृभाषा है।
- इसकी लिपि देवनागरी है।
- छत्तीसगढ़ में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ ओड़िया, बांग्ला, तेलुगु।
हिमाचल प्रदेश
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोले जाने वाली भाषा का नाम पहाड़ी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ पंजाबी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी।
झारखंड
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- झारखंड प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मुख्यतः नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया व कुरमाली है।
- झारखंड प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ सन्थाली, बांग्ला, उर्दू, ओड़िया।
Additional Information
क्षेत्र | मुख्य राजभाषा |
अंडमान एवं निकोबार | बांग्ला |
केरल | मलयालम |
बिहार | हिन्दी |
गोवा | कोंकणी |
गुजराती | गुजराती |
दिल्ली | हिन्दी |
लद्दाख | लद्दाखी |
लक्षद्वीप | मलयालम |
मध्य प्रदेश | हिन्दी |
ओड़ीसा | ओड़िया |
पंजाब | पंजाबी |
राजस्थान | हिन्दी |
सिक्किम | नेपाली |
तमिलनाडु | तमिल |
उत्तराखण्ड | हिन्दी |
पश्चिम बंगाल | बांग्ला |
उत्तर प्रदेश | हिन्दी |
तेलंगना
|
तेलुगु |
त्रिपुरा | बांग्ला |
पुद्दुचेरी | तमिल |
नागालैंड | नागा |
महाराष्ट्र | मराठी |
मणिपुर | मणिपुरी |
मेघालय | खासी |
मिजोरम | मिजो |
कर्नाटक | कन्नड |
जम्मू-कश्मीर | कश्मीरी |
आंध्र प्रदेश | तेलुगु |