हिन्दी भाषा और उसका विकास MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for हिन्दी भाषा और उसका विकास - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Mar 10, 2025
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हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 1:
पूर्वी हिन्दी के अन्तर्गत कौन-सी बोली नहीं आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर भोजपुरी है।
- भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार राज्य के आरा ज़िले में स्थित भोजपुर नामक गाँव के नाम पर हुआ है।
- भोजपुरी भाषा 1000 से अधिक साल पुरानी भाषा है।
- भोजपरी की उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुआ है।
- भोजपुरी भाषा की प्रधान बोलियाँ -
- आदर्श भोजपुरी
- पश्चिमी भोजपुरी
- 'मघेसी' तथा 'थारु'
Key Points
पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी-
- पूर्वी हिंदी में तीन बोलियाँ आती हैं -
- अवधी
- बघेली
- छत्तीसगढ़ी
- पश्चिमी हिन्दी की पाँच बोलियाँ हैं -
- खड़ी बोली
- हरियाणवी
- ब्रजभाषा
- कन्नौजी
- बुंदेली
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 2:
हिन्दी भाषा की आदि जननी भाषा है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 2 Detailed Solution
हिन्दी भाषा की आदि जननी 'संस्कृत' को कहा जाता है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- हिन्दी भाषा की आदि जननी 'संस्कृत' है।
- हिन्दी का आरंभ लगभग 1100 ई. में हो गया था।
- भारत के स्वतन्त्र होने के बाद 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा घोषित कर दिया गया।
- भारत के संविधान के भाग XVII में अनुच्छेद 343 से 351 राजभाषा से सम्बंधित है,वर्तमान में संविधान की आठवीं सूची में 22 भाषाएँ वर्णित हैं।
- 22 भाषाओं के नाम भारत में असम, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू की 22 आधिकारिक भाषाएँ हैं।
Important Points
हिंदी भाषा का इतिहास:-
हिन्दी का विकास क्रम :
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हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 3:
महात्मा गांधी ने हिंदी को_____ के रूप में अपनाने की बात कही थी। सही विकल्प का चयन कर वाक्य पूर्ण करें।
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 3 Detailed Solution
महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाने की बात कही थी। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 2 ‘राष्ट्रभाषा’ होगा।
स्पष्टीकरण:
1917 में गुजरात के भरुच शहर में गुजरात शैक्षिक सम्मेलन में राष्ट्रभाषा की आवश्यकता पर बल देते हुए हिंदी को उपयुक्त भाषा बताया था उन्होने कहा था कि- भारतीय भाषाओं में केवल हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जिसे राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया जा सकता है क्योंकि यह अधिकांश भारतीयों द्वारा बोली जाती है; यह समस्त भारत में आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक सम्पर्क माध्यम के रुप में प्रयोग के लिए सक्षम है तथा इसे सारे देश के लिए सीखना आवश्यक है।
अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 4:
अनुच्छेद 351 में हिंदी के लिए क्या प्रावधान है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 4 Detailed Solution
अनुच्छेद 351 हिंदी में हिंदी भाषा के प्रचार एवं प्रसार की व्यवस्था है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 3 है।
Key Points
अनुच्छेद 351: हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देश-
संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना हिंदुस्थानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और पदों को आत्मसात करते हुए और जहां आवश्यक या वांछनीय हो वहां उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यतः संस्कृत से और गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करे।
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 5:
इनमें से किस राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 5 Detailed Solution
असम राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है।
- छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश व झारखंड की राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- असम में असमिया मुख्य राजभाषा है।
- असमिया लिपि मूलत: ब्राह्मी का ही एक विकसित रूप है।
- असम में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ बांग्ला, हिन्दी, बोडो, नेपाली।
असमिया साहित्य का मूल रूप मुख्यत: तीन लेखकों द्वारा निर्मित हुआ -
- चंद्रकुमार अग्रवाल (1858-1938)
- लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ (1858-1938)
- हेमचंद्र गोस्वामी (1872-1928)
Key Pointsअन्य विकल्प -
छत्तीसगढ़
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है।
- छत्तीसगढ़ी २ करोड़ लोगों की मातृभाषा है।
- इसकी लिपि देवनागरी है।
- छत्तीसगढ़ में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ ओड़िया, बांग्ला, तेलुगु।
हिमाचल प्रदेश
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोले जाने वाली भाषा का नाम पहाड़ी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ पंजाबी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी।
झारखंड
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- झारखंड प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मुख्यतः नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया व कुरमाली है।
- झारखंड प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ सन्थाली, बांग्ला, उर्दू, ओड़िया।
Additional Information
क्षेत्र | मुख्य राजभाषा |
अंडमान एवं निकोबार | बांग्ला |
केरल | मलयालम |
बिहार | हिन्दी |
गोवा | कोंकणी |
गुजराती | गुजराती |
दिल्ली | हिन्दी |
लद्दाख | लद्दाखी |
लक्षद्वीप | मलयालम |
मध्य प्रदेश | हिन्दी |
ओड़ीसा | ओड़िया |
पंजाब | पंजाबी |
राजस्थान | हिन्दी |
सिक्किम | नेपाली |
तमिलनाडु | तमिल |
उत्तराखण्ड | हिन्दी |
पश्चिम बंगाल | बांग्ला |
उत्तर प्रदेश | हिन्दी |
तेलंगना
|
तेलुगु |
त्रिपुरा | बांग्ला |
पुद्दुचेरी | तमिल |
नागालैंड | नागा |
महाराष्ट्र | मराठी |
मणिपुर | मणिपुरी |
मेघालय | खासी |
मिजोरम | मिजो |
कर्नाटक | कन्नड |
जम्मू-कश्मीर | कश्मीरी |
आंध्र प्रदेश | तेलुगु |
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 6:
देवनागरी लिपि का विकास हुआ -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 6 Detailed Solution
- देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है अत: सही विकल्प 2 है। अन्य विकल्प असंगत है।
- देवनागरी को उत्तर भारत में नगर की लिपि या नागरी लिपि कहते थे। बाद में इसके आगे संस्कृत से ‘देव’ शब्द जुड़ गया।
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Key Points
- संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है ।
- संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है {संविधान का अनुच्छेद 343 (1)}
- परन्तु हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है (राजभाषा अधिनियम की धारा 3)
Important Points
- अनुच्छेद 343. संघ की राजभाषा-
- संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी, संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
- इस अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, संसद उक्त पन्द्रह वर्ष की अवधि के पश्चात, विधि द्वारा
- अंग्रेजी भाषा का, या
- अंकों के देवनागरी रूप का,
- ऐसे प्रयोजनों के लिए प्रयोग उपबंधित कर सकेगी जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं।
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 7:
बाबा नागार्जुन किस भाषा के लेखक थे?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 7 Detailed Solution
बाबा नागार्जुन 'मैथिली' भाषा के लेखक थे।
Key Pointsबाबा नागार्जुन:
- जन्म- 30 जून 1911 को वर्तमान मधुबनी जिले के सतलखा में हुआ था।
- इनके पिता का नाम गोकुल मिश्र और माता का नाम उमा देवी था।
- नागार्जुन के बचपन का नाम 'ठक्कन मिसर' था।
- नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था परंतु हिन्दी साहित्य में उन्होंने नागार्जुन तथा मैथिली में यात्री उपनाम से रचनाएँ कीं।
- नागार्जुन को भारत के आइंस्टीन के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने शून्यवाद के विचार को आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत की तरह प्रतिपादित किया था।
नागार्जुन की प्रमुख रचनाएं :
- युगधारा (1943),
- सतरंगे पंखों वाली (1949),
- प्यासी पथराई आँखें (1962),
- तालाब की मछलियाँ (1974),
- तुमने कहा था (1980),
- खिचड़ी विप्लव देखा हमने (1980),
- हजार-हजार बाँहों वाली (1981)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 8:
'बनाफरी' इनमें से किस बोली की उप-बोली है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 8 Detailed Solution
सही उत्तर 4 है।
- बनाफरी, बुन्देली की एक उपबोली है।
- बुंदेली भारत के एक विशेष क्षेत्र बुन्देलखण्ड में बोली जाती है।
- लेकिन ठेठ बुंदेली के शब्द अनूठे हैं जो सदियों से आज तक प्रयोग में आ रहे हैं।
- बुंदेलखंडी के ढेरों शब्दों के अर्थ बंग्ला तथा मैथिली बोलने वाले आसानी से बता सकते हैं।
Key Pointsउपभाषाएँ बोलियाँ -
- पूर्वी हिंदी - अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी।
- पश्चिमी हिंदी - कौरवी, (खड़ी बोली), ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, हरियाणी।
- पहाड़ी - पश्चिमी पहाड़ी, मध्यवर्ती (कुमाऊनी, गढ़वाली)
- राजस्थानी - पश्चिमी राजस्थानी, (मारवाड़ी), पूर्वी राजस्थानी, (जयपुरी), उत्तरी राजस्थानी (मेवाती), दक्षिणी राजस्थानी (मालवी)
- बिहारी - मगही, मैथिली, भोजपुरी।
Additional Information
कौरवी:-
बघेली:-
ब्रज:-
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हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 9:
कौन-सी भाषा मध्य भारतीय आर्यभाषा काल की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 9 Detailed Solution
मध्य भारतीय आर्यभाषा काल भाषा की नहीं है- संस्कृत
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएं - पाली, प्राकृत, अपभ्रंश।
Key Points
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं को तीन भागों में बांटा गया है-
- पाली (500 ई. पू. से 100 ई. तक) (इसमें अभिलेखी प्राकृत भी आती है।)
- प्राकृत (100 ई. या 1 ई. से 500 ई. तक)
- अपभ्रंश (500 ई. से 1000 ई. तक)
Additional Informationपालि भाषा:-
- यह प्राकृत का प्रारम्भिक रूप है जिसका समय 500 ई0 पू0 के प्रथम शताब्दी के प्रारम्भ तक माना गया है।
- इसकी उत्पत्ति के विषय में विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ विद्वानों का कहना है कि संस्कृत की उत्पत्ति प्राकृत से हुई है।
प्राकृत भाषा:-
- इसे द्वितीय प्राकृत और साहित्यिक प्राकृत भी कहते हैं। इसका काल प्रथम शताब्दी से 5वीं शताब्दी तक है।
- विभिन्न क्षेत्रों में इसके भिन्न-भिन्न रूप विकसित हो गये थे।
अपभ्रंश भाषा:-
- आधुनिक भाषाओं के उदय से पहले उत्तर भारत में बोलचाल और साहित्य रचना की सबसे जीवन्त और प्रमुख भाषा (समय लगभग छठी से 12वीं शताब्दी)।
- भाषावैज्ञानिक दृष्टि से अपभ्रंश भारतीय आर्यभाषा के मध्यकाल की अंतिम अवस्था है जो प्राकृत और आधुनिक भाषाओं के बीच की स्थिति है।
संस्कृत:-
- संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है।
- संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा है।
- आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं।
- इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है।
- संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गए हैं।
- बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं।
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 10:
निम्नलिखित में राजस्थानी हिन्दी की कौन-सी बोली नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 10 Detailed Solution
राजस्थानी हिन्दी की बोली नहीं है- बुन्देली
Key Pointsबुंदेली-
- यह पश्चिमी हिन्दी की बोली है।
- यह झाँसी, जालौन, हमीरपुर, बाँदा, छत्तरपुर, ग्वालियर आदि क्षेत्रों में बोली जाती हैं।
Important Points
- हिन्दी क्षेत्र की समस्त बोलियों को 5 वर्गों (राजस्थानी, पश्चिमी हिन्दी, पूर्वी हिन्दी, बिहारी, पहाड़ी) में बाँटा गया है।
- इन वर्गों को उपभाषा कहा जाता है। इन उपभाषाओं के अंतर्गत ही हिन्दी की बोलियाँ आती हैं।
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
राजस्थानी | 1. मारवाड़ी, 2. जयपुरी, 3. मेवाती, 4. मालवी | राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | 1. हरियाणी, 2. खड़ी बोली, 3. ब्रजभाषा, 4. बुन्देली, 5. कन्नौजी, 6. निमाड़ी | हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | 1. अवधी, 2. बघेली, 3. छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | 1. भोजपुरी, 2. मगही, 3. मैथिली | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | 1. पश्चिमी पहाड़ी (नेपाली), 2. मध्यवर्ती पहाड़ी (कुमाऊँनी- गढ़वाली) | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |