हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी साहित्य का इतिहास - Download Free PDF

Last updated on Jun 13, 2025

Latest हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1:

अमीर खुसरो किस शैली के लिए प्रसिद्ध नहीं है?

  1. गज़ल
  2. पहेलियाँ
  3. नृत्य 
  4. खालिक बारी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : नृत्य 

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों के अनुसार विकल्प 3 नृत्य सही उत्तर  हैl अन्य विकल्प असंगत है l

Key Points

  • इनका पूरा नाम - अबुल हसन यामीन-उद्दीन ख़ुसरो
  • अन्य नाम - अमीर सैफ़ुद्दीन ख़ुसरो
  • जन्म - 1253 ई.
  • जन्म भूमि - एटा, उत्तर प्रदेश
  • मृत्यु - 1325 ई.
  • अभिभावक - सैफ़ुद्दीन और दौलत नाज़
  • कर्म भूमि - दिल्ली
  • कर्म-क्षेत्र - संगीतज्ञ, कवि
  • मुख्य रचनाएँ - मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, आईने-ए-सिकन्दरी, हश्त विहिश
  • विषय - गज़ल, ख़याल, कव्वाली, रुबाई
  • भाषा - ब्रज भाषा, हिन्दी, फ़ारसी

Additional Information

कवि

परिचय

अमीर खुसरो

अबुल हसन यमीनुद्दीन अमीर ख़ुसरो - (1253-1325) चौदहवीं सदी के लगभग दिल्ली के निकट रहने वाले एक प्रमुख कवि, शायर, गायक और संगीतकार थे। उनका परिवार कई पीढ़ियों से राजदरबार से सम्बंधित था I स्वयं अमीर खुसरो ने 8 सुल्तानों का शासन देखा था I अमीर खुसरो प्रथम मुस्लिम कवि थे जिन्होंने हिंदी शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है I

 

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2:

छायावादी युग के प्रवर्तक हैं-

  1. जयशंकर प्रसाद
  2. श्रीधर पाठक
  3. सुमित्रानन्दन पन्त
  4. रामचन्द्र शुक्ल
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : जयशंकर प्रसाद

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2 Detailed Solution

  • प्रश्नानुसार यहाँ सही विकल्प 1 'जयशंकर प्रसाद' है।
  • जयशंकर प्रसाद की रचनाओं में रहस्यवाद बहुत था जो आगे जाकर छायावाद बना।

Confusion Points

  • आचार्य शुक्ल ने छायावाद का प्रवर्तक मुकुटधर पांडेय और मैथिलीशरण गुप्त को मानते हैं।
  • नंददुलारे वाजपेयी पंत तथा उनकी कृति 'उच्छ्वास' (1920) से छायावाद का आरंभ माना है।
  • वहीं इलाचंद्र जोशी और शिवनाथ ने 'जयशंकर प्रसाद' को छायावाद का जनक मानते हैं। 

Additional Information

लेखक

रचनाएँ

पन्त

परिवर्तन, पल्लव, युगांत, युगवाणी आदि|

निराला

राम के शक्ति पूजा, सरोज स्मृति, तुलसीदास आदि|

प्रसाद

आकाशद्विप, ग्राम, कामायनी, ध्रुवस्वामिनी आदि|

महादेवी

नीर भरी दुःख की बदली, निहार, रश्मि, आदि|

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 3:

पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार किस लेखक को प्रदान किया गया था? 

  1. ताराशंकर बंदोपाध्याय
  2. के. वी. पुत्तपा
  3. उमाशंकर जोशी 
  4. जी. शंकर कुरूप 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जी. शंकर कुरूप 

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 3 Detailed Solution

पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार जी. शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था। 

  • भारतीय साहित्य के विस्तृत क्षेत्र में अद्भुत कार्य करने हेतु यह सम्मान भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा लेखकों दिया जाता है। 
  • भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस पर 22 मई 1961 से इस सम्मान की शुरुआत हुई। 
  • पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार से मलयालम लेखक जी. शंकर कुरूप को सम्मानित किया गया था। 
  • ओटक्कुष़ल’ अर्थात ‘बाँसुरी’ के लिए इन्हें  ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। 

Key Points

साहित्यकार  रचना  ज्ञानपीठ पुरस्कार सन्
ताराशंकर बंदोपाध्याय गणदेवता 1966 
के. वी. पुत्तपा श्री रामायण दर्शनम् 1968
उमाशंकर जोशी  निशीथ  1968 

Additional Informationगोविन्द शंकर कुरुप या जी. शंकर कुरूप मलयालम भाषा के प्रसिद्ध कवि 

जन्म 5 जून, 1901 में केरल के नायत्तोट स्थान पर 
शिक्षा  ‘पंडित’ परीक्षा
कार्य 
  • तिरूविल्वामला हाई स्कूल में अध्यापक
  • महाराजा कॉलेज’, एर्णाकुलम में प्राध्यापक
  •  तिरुविल्वमला में अध्यापन कार्य करते हुये अँग्रेजी भाषा तथा साहित्य का अध्यन किया।
रचनाएँ 
  • साहित्य कौतुकम,
  • चार खंड (1923-1929)
  • सूर्यकांति (1932)
  • ओट्क्कुषठ (1950)
  • अंतर्दाह (1953)
  • विश्वदर्शनम (1960)
  • जीवनसंगीतम् (1964)
  • पाथेयम (1961)
  • गद्य-गद्योपहारम् (1940)
  • लेखमाल (1943)
  • नाटक
  • संध्य (1944),
  • इरूट्टिनु मुंपु (1935)
सम्मान
  • 1963 उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • 1965 में उन्हें ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ 
  • 1961 में ‘केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार’
  • 1967 में ‘सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार’
  • 1968 में उन्हें ‘पद्म भूषण’
निधन  02 फरवरी, 1978 

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 4:

भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का 'स्वर्ण युग' इनमें से किसने कहा है? 

  1. बाबु गुलाब राय
  2. जार्ज ग्रियर्सन
  3. श्याम सुन्दर दास
  4. रामचंद्र शुक्ल
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : श्याम सुन्दर दास

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है - “श्याम सुन्दर दास”।
  • भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का ‘स्वर्ण युगश्याम सुन्दर दास को कहा है।

Key Points 

  • हिन्दी साहित्य के इतिहास में भक्ति काल महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
  • आदिकाल के बाद आये इस युग को ‘पूर्व मध्यकाल’ भी कहा जाता है। इसकी समयावधि 1375 वि.सं से 1700 वि.सं तक की मानी जाती है।

Mistake Points

  • यह हिंदी साहित्य का श्रेष्ठ युग है जिसको जॉर्ज ग्रियर्सन ने स्वर्णकाल, श्यामसुन्दर दास ने स्वर्णयुग
  • आचार्य राम चंद्र शुक्ल ने भक्ति काल एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लोक जागरण कहा।
  • सम्पूर्ण साहित्य के श्रेष्ठ कवि और उत्तम रचनाएं इसी में प्राप्त होती हैं।

Important Points

डॉ॰ श्यामसुन्दर दास :

  • यह हिंदी के अनन्य साधक, विद्वान्, आलोचक और शिक्षाविद् थे। हिंदी साहित्य और बौद्धिकता के पथ-प्रदर्शकों में उनका नाम अविस्मरणीय है।
    बाबू श्याम सुन्दर दास ने अनेक ग्रंथों की रचना की। उनके मौलिक ग्रंथों में साहित्यालोचन, भाषा विज्ञान,
    हिंदी भाषा का विकास, गोस्वामी तुलसी दास, रूपक रहस्य आदि प्रमुख हैं।

अन्य विकल्प :

  • बाबु गुलाब राय: यह हिन्दी के आलोचक तथा निबन्धकार थे।
    उनकी में कृतियों में ‘नवरस’, ‘कर्तव्य शास्त्र’ और ‘सत्य हरिश्चंद्र’ शामिल है।
  • जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन: यह अंग्रेजों के जमाने में "इंडियन सिविल सर्विस" के कर्मचारी, बहुभाषाविद् और आधुनिक भारत में भाषाओं का
    सर्वेक्षण करने वाले पहले भाषावैज्ञानिक थे।
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल: यह हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
    उनकी में कृतियों में ‘चिंतामणि’, ‘रसमीमांसा’ और ‘मित्रता’ शामिल है।

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 5:

कबीरदास की भाषा थी

  1. सधुक्कड़ी 
  2. खड़ीबोली
  3. कन्नौजी
  4. ब्रज
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सधुक्कड़ी 

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘सधुक्कड़ी ’।
  • कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी थी।

Key Points

  • ​कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

Additional Information

  • कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
  • वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
  • वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे।
  • उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी।

Top हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions

'रंगभूमि' किस प्रसिद्ध लेखक द्वारा रचित उपन्‍यास है ?

  1. प्रेमचंद
  2. हरिशंकर परसाई
  3. धर्मवीर भारती
  4. विष्‍णु शर्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : प्रेमचंद

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 6 Detailed Solution

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'रंगभूमि' प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। अत: सही उत्तर विकल्प 2 प्रेमचंद है। 

Key Points

  • रंगभूमि लेखक-मुंशी प्रेमचंद की  पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष व बदलाव की महान गाथा है। प्रेमचंद (1880-1936) का पूरा साहित्य, भारत के आम जनमानस की गाथा है। विषय, मानवीय भावना और समय के अनंत विस्तार तक जाती इनकी रचनाएँ इतिहास की सीमाओं को तोड़ती हैं, और कालजयी कृतियों में गिनी जाती हैं। रंगभूमि (1924-1925) उपन्यास ऐसी ही कृति है।
  • नौकरशाही तथा पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष का ताण्डव, सत्य, निष्ठा और अहिंसा के प्रति आग्रह, ग्रामीण जीवन में उपस्थित मध्यपान तथा स्त्री दुर्दशा का भयावह चित्र यहाँ अंकित है।
  • परतंत्र भारत की सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक समस्याओं के बीच राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण यह उपन्यास लेखक के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बहुत ऊँचा उठाता है।
  • देश की नवीन आवश्यकताओं, आशाओं की पूर्ति के लिए संकीर्णता और वासनाओं से ऊपर उठकर निःस्वार्थ भाव से देश सेवा की आवश्यकता उन दिनों सिद्दत से महसूस की जा रही थी।

  • रंगभूमि की पूरी कथा इन्हीं भावनाओं और विचारों में विचरती है। कथानायक सूरदास का पूरा जीवनक्रम, यहाँ तक कि उसकी मृत्यु भी, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की छवि लगती है। सूरदास की मृत्यु भी समाज को एक नई संगठन-शक्ति दे गई।
  • विविध स्वभाव, वर्ग, जाति, पेशा एवं आय वित्त के लोग अपने-अपने जीवन की क्रीड़ा इस रंगभूमि में किये जा रहे हैं। और लेखक की सहानुभूति सूरदास के पक्ष में बनती जा रही है।
  • पूरी कथा गाँधी दर्शन, निष्काम कर्म और सत्य के अवलंबन को रेखांकित करती है। यह संग्रहणीय पुस्तक कई अर्थो में भारतीय साहित्य की धरोहर है।

Additional Information

अन्य विकल्प -​

नाकार

परिचय

प्रमुख रचनाएँ

हरिशंकर परसाई 

हरिशंकर परसाई (२२ अगस्त, १९२४ - १० अगस्त, १९९५) हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंगकार थे।  वे हिंदी के पहले रचनाकार हैं जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के–फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज के व्यापक प्रश्नों से जोड़ा।

आंखन देखि, देश के दौर में आदि।

धर्मवीर भारती 

धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे एक समय की प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे। डॉ धर्मवीर भारती को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है। 

मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया,  गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, अँधा युग आदि।

विष्णु शर्म 

पं॰ विष्णु शर्मा प्रसिद्ध संस्कृत नीतिपुस्तक पंचतन्त्र के रचयिता थे। नीतिकथाओं में पंचतन्त्र का पहला स्थान है। वे दक्षिण भारत के महिलारोप्य नामक नगर में रहते थे।

पंचतंत्र


Additional Information

प्रेमचंद  का परिचय - 

  • धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
  • उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
  • उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण  तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
  •  हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।

पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार किस लेखक को प्रदान किया गया था? 

  1. ताराशंकर बंदोपाध्याय
  2. के. वी. पुत्तपा
  3. उमाशंकर जोशी 
  4. जी. शंकर कुरूप 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जी. शंकर कुरूप 

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 7 Detailed Solution

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पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार जी. शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था। 

  • भारतीय साहित्य के विस्तृत क्षेत्र में अद्भुत कार्य करने हेतु यह सम्मान भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा लेखकों दिया जाता है। 
  • भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस पर 22 मई 1961 से इस सम्मान की शुरुआत हुई। 
  • पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार से मलयालम लेखक जी. शंकर कुरूप को सम्मानित किया गया था। 
  • ओटक्कुष़ल’ अर्थात ‘बाँसुरी’ के लिए इन्हें  ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। 

Key Points

साहित्यकार  रचना  ज्ञानपीठ पुरस्कार सन्
ताराशंकर बंदोपाध्याय गणदेवता 1966 
के. वी. पुत्तपा श्री रामायण दर्शनम् 1968
उमाशंकर जोशी  निशीथ  1968 

Additional Informationगोविन्द शंकर कुरुप या जी. शंकर कुरूप मलयालम भाषा के प्रसिद्ध कवि 

जन्म 5 जून, 1901 में केरल के नायत्तोट स्थान पर 
शिक्षा  ‘पंडित’ परीक्षा
कार्य 
  • तिरूविल्वामला हाई स्कूल में अध्यापक
  • महाराजा कॉलेज’, एर्णाकुलम में प्राध्यापक
  •  तिरुविल्वमला में अध्यापन कार्य करते हुये अँग्रेजी भाषा तथा साहित्य का अध्यन किया।
रचनाएँ 
  • साहित्य कौतुकम,
  • चार खंड (1923-1929)
  • सूर्यकांति (1932)
  • ओट्क्कुषठ (1950)
  • अंतर्दाह (1953)
  • विश्वदर्शनम (1960)
  • जीवनसंगीतम् (1964)
  • पाथेयम (1961)
  • गद्य-गद्योपहारम् (1940)
  • लेखमाल (1943)
  • नाटक
  • संध्य (1944),
  • इरूट्टिनु मुंपु (1935)
सम्मान
  • 1963 उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • 1965 में उन्हें ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ 
  • 1961 में ‘केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार’
  • 1967 में ‘सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार’
  • 1968 में उन्हें ‘पद्म भूषण’
निधन  02 फरवरी, 1978 

मुंशी प्रेमचन्द्र किस पत्रिका के सम्पादक रहे हैं?

  1. प्रताप
  2. हंस
  3. सरस्वती
  4. सुधा वर्षा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : हंस

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 8 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 हंस इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।

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  • प्रेमचन्द के प्रसिद्ध उपन्यासों गोदान, कर्मभूमि, गबन, रंगभूमि पर हिंदी फिल्मे भी बन चुकी है।
  • मुंशी प्रेमचन्द्र की अधिकांश कृतियाँ  हिंदी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं।
  • मुंशी प्रेमचन्द्र  की हंस' पत्रिका के अलावा और अन्य प्रमुख चर्चित रचनाएँ हैं =
    • गोदान
    • कर्मभूमि
    • निर्मला
    • नमक का दरोगा
    • दो बैलो की कथा

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महापुरुष

कृति

गणेश शंकर विद्यार्थी 

प्रताप पत्रिका

भारतेंदु  सुधा वर्षा

महावीर प्रसाद द्विवेदी

सरस्वती पत्रिका

हिन्दी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत रचना 'कल सुनना मुझे' किसकी कृति है?

  1. धूमिल
  2. श्री लाल शुक्ल
  3. भीष्म साहनी
  4. यशपाल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : धूमिल

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 9 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1 धूमिल इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।

Key Points

  • हिन्दी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत रचना 'कल सुनना मुझे' धूमिल की कृति है
  • अपनी लेखनी के चलते उन्हें 'धूमिल' उपनाम मिला।

धूमिल के 'कल सुनना मुझे' कृति के अलावा दो कृति और चर्चित हैं-

  • संसद से सड़क तक
  • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र

Additional Information

महापुरुष

कृति

श्री लाल शुक्ल

सूनी घाटी का सूरज, अज्ञातवास

भीष्म साहनी

चीफ की दावत

यशपाल

न्याय का संघर्ष

रामधारी सिंह दिनकर को किस कृति के लिए साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार मिला ?

  1. कुरूक्षेत्र
  2. उर्वशी
  3. संस्‍कृति के चार अध्‍याय
  4. रश्मिरथी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : संस्‍कृति के चार अध्‍याय

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 10 Detailed Solution

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रामधारी सिंह दिनकर को संस्‍कृति के चार अध्‍याय कृति पर साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार मिला | अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 3 संस्‍कृति के चार अध्‍याय सही उत्तर होगा। 

Key Points

  • संस्कृति के चार अध्याय हिन्दी के विख्यात साहित्यकार रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित एक भारतीय संस्कृति का सर्वेक्षण है
  • जिसके लिये उन्हें सन् 1959 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया| 

 

Additional Information

  • रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्‍बर 1908 - 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे।
  •  वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
  • 'दिनकर' स्वतंत्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में जाने गये और स्वतंत्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये।
  • वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे।
  • एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है।
  • इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है।

 

रवीन्द्रनाथ ठाकुर को किस पुस्तक के लिए नोबेल पुरस्कार मिला?

  1. सोनारतारी
  2. गोरा
  3. चित्रांगदा
  4. गीतांजलि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : गीतांजलि

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 11 Detailed Solution

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रवीन्द्रनाथ ठाकुर को गीतांजलि पुस्तक के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। 

Key Pointsरवीन्द्रनाथ ठाकुर-

  • जन्म- 1861-1941 ई. 
  • एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे।
  • भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से भारत का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही तथा आमतौर पर उन्हें आधुनिक भारत का असाधारण सृजनशील कलाकार माना जाता है।
  • मुख्य रचनाएं-
    • राष्ट्र-गान जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्र-गान 'आमार सोनार बांग्ला'
    • 'गीतांजलि'
    • पोस्टमास्टर
    • मास्टर साहब
    • गोरा
    • घरे-बाइरे आदि।

गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा 'अष्टछाप' की स्‍थापना का वर्ष है

  1. 1555 ई.
  2. 1558 ई.
  3. 1560 ई.
  4. 1565 ई.

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : 1565 ई.

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 12 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1565 सही है अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • गोस्वामी विट्ठलनाथ ने अष्टछाप की स्थापना 1565 में की थी।
  • अष्टछाप, महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित 8 भक्तिकालीन कवियों का एक समूह था, जिन्होंने अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया।
  • "चौरासी वैष्णवन की वार्ता" तथा "दो सौ वैष्ण्वन की वार्ता" में इनका जीवनवृत विस्तार से पाया जाता है।
Additional Information
  • अष्टछाप के कवि
    • वल्लभाचार्य के शिष्य
      • कुम्भनदास
      • सूरदास
      • परमानंद दास
      • कृष्णदास
    • अन्य चार गोस्वामी बिट्ठलनाथ के शिष्य थे -
      • गोविंदस्वामी
      • नंददास
      • छीतस्वामी  
      • चतुर्भुजदास

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की कौन सी पुस्तक पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था?

  1. अशोक के फूल
  2. कुटज
  3. आलोक पर्व
  4. बाणभट्ट की आत्मकथा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 :
आलोक पर्व

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 13 Detailed Solution

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पाठ्यक्रम के अनुसार, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी को उनकी पुस्तक 'आलोक पर्व' पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था।
Key Points
'अशोक के फूल' और 'कुटज' विकल्प गलत हैं क्योंकि साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक 'आलोक पर्व' पर दिया गया था, न कि इन पर।
'बाणभट्ट की आत्मकथा' विकल्प गलत है क्योंकि साहित्य अकादमी पुरस्कार 'आलोक पर्व' पर दिया गया था, न कि इस पर।

माखनलाल चतुर्वेदी को किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था?

  1. हिमतरंगिनी 
  2. समर्पण 
  3. युगचरण 
  4. माता

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : हिमतरंगिनी 

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 14 Detailed Solution

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सही उत्तर 'हिमतरंगिनी' है। 

Key Points
  • दिए गए विकल्पों में से 'हिमतरंगिनी' सही उत्तर है। 
  • 1954 में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की स्थापना होने पर हिन्दी साहित्य के लिए प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार माखन लाल चतुर्वेद की रचना ‘हिमतरंगिनी (1955)’ के लिए प्रदान किया गया। 

Additional Information

  • माखनलाल चतुर्वेदी  भारत के ख्याति प्राप्त कवि, लेखक और पत्रकारों में से एक थे।
  • उनकी रचनाएं काफी लोकप्रिय थी। 
  • ‘कर्मवीर’ जैसे प्रतिष्ठित पत्रों के संपादक के रूप में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन और प्रचार किया युवाओं से प्रार्थना की कि वे गुलामी की जंजीरें तोड़कर बाहर आए।
  • माखनलाल चतुर्वेदी एक स्वत्नत्रता सेनानी और एक सच्चे देश प्रेमी भी थे। उन्होंने असहयोग आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका देकर जेल भी गए

साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त निराला की साहित्य साधना किसकी कृति है?

  1. राम विलास शर्मा
  2. हजारी प्रसाद द्विवेदी
  3. नामवर सिंह
  4. भावनी प्रसाद मिश्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : राम विलास शर्मा

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 15 Detailed Solution

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दिये गए विकल्पों में से विकल्प 1 रामविलास शर्मा सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।

स्पष्टीकरण:

निराला की साहित्य साधना हिन्दी के विख्यात साहित्यकार रामविलास शर्मा द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Additional Information

विशेष:

साहित्य अकादमी पुरस्कार- भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; यानी कुल 24 भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए।

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