हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for हिन्दी साहित्य का इतिहास - मोफत PDF डाउनलोड करा
Last updated on Mar 9, 2025
Latest हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
Top हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1:
हिन्दी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत रचना 'कल सुनना मुझे' किसकी कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1 ‘धूमिल’ इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- हिन्दी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत रचना 'कल सुनना मुझे' धूमिल की कृति है।
- अपनी लेखनी के चलते उन्हें 'धूमिल' उपनाम मिला।
धूमिल के 'कल सुनना मुझे' कृति के अलावा दो कृति और चर्चित हैं-
- संसद से सड़क तक
- सुदामा पांडे का प्रजातंत्र
Additional Information
महापुरुष |
कृति |
श्री लाल शुक्ल |
सूनी घाटी का सूरज, अज्ञातवास |
भीष्म साहनी |
चीफ की दावत |
यशपाल |
न्याय का संघर्ष |
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2:
मुंशी प्रेमचन्द की रचना है -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2 Detailed Solution
'गोदान' प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। अत: सही उत्तर विकल्प 1 गोदान है।
Key Points
- गोदान, प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है। कुछ लोग इसे उनकी सर्वोत्तम कृति भी मानते हैं। इसका प्रकाशन 1936 ई० में हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई द्वारा किया गया था। इसमें भारतीय ग्राम समाज एवं परिवेश का सजीव चित्रण है। गोदान ग्राम्य जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य है। इसमें प्रगतिवाद, गांधीवाद और मार्क्सवाद (साम्यवाद) का पूर्ण परिप्रेक्ष्य में चित्रण हुआ है।
- गोदान हिंदी के उपन्यास-साहित्य के विकास का उज्वलतम प्रकाशस्तंभ है। गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्कृति को सजीव और साकार पाते हैं, ऐसी संस्कृति जो अब समाप्त हो रही है या हो जाने को है, फिर भी जिसमें भारत की मिट्टी की सोंधी सुबास भरी है। प्रेमचंद ने इसे अमर बना दिया है।
अन्य विकल्प -
- लहर, तितली, कामायनी जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ हैं।
रचनाकार |
परिचय |
प्रमुख रचनाएँ |
जयशंकर प्रसाद |
जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य में एक तरह से छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में न केवल कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एवं व्यापक आयामों के चित्रण की शक्ति भी संचित हुई और कामायनी तक पहुँचकर वह काव्य प्रेरक शक्तिकाव्य के रूप में भी प्रतिष्ठित हो गया। बाद के, प्रगतिशील एवं नयी कविता दोनों धाराओं के, प्रमुख आलोचकों ने उसकी इस शक्तिमत्ता को स्वीकृति दी। इसका एक अतिरिक्त प्रभाव यह भी हुआ कि खड़ीबोली हिन्दी काव्य की निर्विवाद सिद्ध भाषा बन गयी। |
चित्रधारा ,कामायनी ,आंसू ,लहर ,झरना ,एक घूंट ,विशाख ,अजातशत्रु ,आकाशदीप ,आंधी ,ध्रुव स्वामिनी ,तितली, कंकालआदि। |
Additional Information
प्रेमचंद का परिचय -
- धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
- उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
- हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 3:
श्रीलाल शुक्ल की किस रचना को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 3 Detailed Solution
उपरोक्त विकल्पों में से ‘राग दरबारी’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। अन्य विकल्प अनुचित हैं। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 4 ‘राग दरबारी’ होगा।
स्पष्टीकरण:
1969 में श्रीलाल शुक्ल को ‘राग दरबारी’ उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। इसके अलावा ज्ञानपीठ पुरस्कार भी इन्हें प्राप्त हो चुका है। उपरोक्त उपन्यासों के अतिरिक्त इनके अन्य उपन्यास हैं- अज्ञातवास, उमराव नगर में कुछ दिन,पहला पड़ाव, विश्रामपुर का संत आदि।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 4:
गणेश शंकर विद्यार्थी ने किस पत्र का संपादन किया?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 4 Detailed Solution
- गणेश शंकर विद्यार्थी ने 'प्रताप' पत्र का संपादन किया था।
Key Points
- गणेश शंकर विद्यार्थी एक भारतीय पत्रकार, भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के नेता और स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यकर्ता थे।
- इसे गणेश शंकर 'विद्यार्थी' ने सन् 1913 से कानपुर से निकालना आरम्भ किया।
- साप्ताहिक "प्रताप" के प्रकाशन के 7 वर्ष बाद 1920 ई. में विद्यार्थी जी ने उसे दैनिक कर दिया और "प्रभा" नाम की एक साहित्यिक तथा राजनीतिक मासिक पत्रिका भी अपने प्रेस से निकाली।
- "प्रताप" किसानों और मजदूरों का हिमायती पत्र रहा।
अन्य विकल्प:
पत्र - पत्रिका | संपादक | प्रकाशन स्थान | वर्ष |
अभ्युदय (साप्ताहिक) | मदन मोहन मालवीय | प्रयाग | 1907 |
ब्राह्मण (मासिक) | प्रताप नारायण मिश्र | कानपुर | 1883 |
सुदर्शन (मासिक) | देवकीनंदन /माधव | काशी | 1900 |
Additional Information
भारत का प्रथम समाचार पत्र :
- बंगाल गजट/कलकत्ता जनरल एडवर्टाइजर/हिक्की गजट
- 29 जनवरी, 1780, साप्ताहिक (अंग्रेजी में)
- संपादक : जेम्स आगस्टस हिक्की, भारत का प्रथम समाचारपत्र।
हिन्दी का पहला समाचार पत्र :
- उदंत मार्तण्ड 30 मई, 1826, साप्ताहिक, कलकत्ता से प्रकाशित।
- संपादक : पं० जुगलकिशोर शुक्ल।
- हिन्दी का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्तण्ड' 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ था इसलिए 30 मई को 'हिन्दी पत्रकारिता दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 5:
रामधारी सिंह दिनकर को किस कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 5 Detailed Solution
रामधारी सिंह दिनकर को संस्कृति के चार अध्याय कृति पर साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला | अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 3 संस्कृति के चार अध्याय सही उत्तर होगा।
Key Points
- संस्कृति के चार अध्याय हिन्दी के विख्यात साहित्यकार रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित एक भारतीय संस्कृति का सर्वेक्षण है
- जिसके लिये उन्हें सन् 1959 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया|
Additional Information
- रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्बर 1908 - 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे।
- वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
- 'दिनकर' स्वतंत्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में जाने गये और स्वतंत्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये।
- वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे।
- एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है।
- इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 6:
रीति काल को "श्रृंगार काल" इनमें से किसने कहा है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 6 Detailed Solution
सही उत्तर है - ‘विश्वनाथ प्रसाद मिश्र’।
- रीति काल को "श्रृंगार काल" विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने कहा है।
Key Points
- आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इस काल को 'श्रृंगार काल' नाम देने का आग्रह किया है।
- इस युग के लिए 'रीति' नाम देने वाले आचार्य शुक्ल तक ने इसे "श्रृंगार काल" कहे जाने की छूट दी है
यह तर्क दिया जाता है कि इस युग के कवियों की व्यापक प्रवृत्ति श्रृंगार वर्णन ही थी।
Important Points
- रीतिकाल का नाम आचार्य शुक्ल जी का ही दिया हुआ है।
- शुक्ल जी ने यह नामकरण इस काल की प्रवृत्तियों और मानव-मनोविज्ञान के आधार पर किया ।
- संवत 1700 से संवत 1900 तक रीति-पद्धति पर विशेष जोर रहा।
इस काल के प्रत्येक कवि ने रीति के साँचे में ढ़लकर रचना लिखी।
रीतिकालीन प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ:-
रचयिता
|
रचनाएँ |
चिन्तामणि | कविकुल कल्पतरु, काव्य विवेक, श्रृंगार मंजरी, काव्य प्रकाश, रस विलास, छन्द विचार। |
भूषण | शिवराज भूषण, छत्रसाल दशक, शिवाबावनी, अलंकार प्रकाश, छन्दोहृदय प्रकाश। |
बिहारी | बिहारी-सतसई। |
रसनिधि | रतन हजारा, विष्णुपद कीर्तन, कवित्त, अरिल्ल, हिण्डोला, सतसई, गीति संग्रह। |
घनानन्द | पदावली, वियोग बेलि, सुजान हित प्रबंध, प्रीति पावस, कृपाकन्द निबन्ध, यमुनायश, प्रकीर्णक छन्द। |
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 7:
निम्नलिखित में से रचनाकार और उनकी रचना के अनुसार कौन सा युग्म गलत है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 7 Detailed Solution
"जयशंकर प्रसाद - लोकायतन" रचनाकार और उनकी रचना के अनुसार युग्म गलत है।
Key Points
- लोकायतन जयशंकर प्रसाद की रचना नहीं है।
- लोकायतन सुमित्रानन्दन पंत की रचना है।
- अन्य विकल्पों में दिए गए रचनाकार और उनकी रचना के युग्म सही हैं।
Important Points
रचनाकार | रचनाऍं |
बाणभट्ट | हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। |
जयशंकर प्रसाद |
(काव्य)- प्रेम-पथिक(1909), ऑंसू(1925), लहर(1935)। (उपन्यास)- कंकाल(1929), तितली(1934), इरावती(1938)। (नाटक)- उर्वशी(1909), सज्जन(1910), राज्यश्री(1915) आदि। |
मुंशी प्रेमचंद |
उपन्यास- कर्मभूमि(1932), सेवा सदन(1918), निर्मला(1925), प्रतिज्ञा(1927), गबन(1928)। नाटक- कर्बला(1924), प्रेम की वेदी(1933), संग्राम(1923)। |
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 8:
रवीन्द्रनाथ ठाकुर को किस पुस्तक के लिए नोबेल पुरस्कार मिला?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 8 Detailed Solution
रवीन्द्रनाथ ठाकुर को गीतांजलि पुस्तक के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
Key Pointsरवीन्द्रनाथ ठाकुर-
- जन्म- 1861-1941 ई.
- एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे।
- भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से भारत का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही तथा आमतौर पर उन्हें आधुनिक भारत का असाधारण सृजनशील कलाकार माना जाता है।
- मुख्य रचनाएं-
- राष्ट्र-गान जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्र-गान 'आमार सोनार बांग्ला'
- 'गीतांजलि'
- पोस्टमास्टर
- मास्टर साहब
- गोरा
- घरे-बाइरे आदि।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 9:
हिंदी के किस रचनाकार को प्रथम सरस्वती सम्मान मिला?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 9 Detailed Solution
हिंदी के हरिवंश राय बच्चन रचनाकार को प्रथम सरस्वती सम्मान मिला।
- हरिवंश राय बच्चन को उनकी कृति 'दो चट्टाने' को 1968 में हिन्दी कविता के लिए 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें 'सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार' तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के 'कमल पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया।
- बिड़ला फाउन्डेशन ने उनकी आत्मकथा के लिये उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था।
- हरिवंश राय बच्चन को भारत सरकार द्वारा सन् 1976 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
Key Pointsरामधारी सिंह दिनकर:-
- 'राष्ट्रकवि दिनकर' आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
- दिनकर जी को सरकार के विरोधी रूप के लिये भी जाना जाता है,
- भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म भूषण से अंलकृत किया गया।
- इनकी गद्य की प्रसिद्ध पुस्तक 'संस्कृति के चार अध्याय' के लिये साहित्य अकादमी तथा उर्वशी के लिये ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया।
- दिनकर को कुरुक्षेत्र के लिए इलाहाबाद की साहित्यकार संसद द्वारा पुरस्कृत (1948) किया गया।
महादेवी वर्मा:-
- 1956 में भारत सरकार ने उनकी साहित्यिक सेवा के लिए 'पद्म भूषण' की
- उपाधि और 1969 में 'विक्रम विश्वविद्यालय' ने उन्हें डी.लिट. की उपाधि से अलंकृत किया।
- इससे पूर्व महादेवी वर्मा को 'नीरजा' के लिए 1934 में 'सेकसरिया पुरस्कार', 1942 में 'स्मृति की रेखाओं' के लिए 'द्विवेदी पदक' प्राप्त हुए।
- 1943 में उन्हें 'मंगला प्रसाद पुरस्कार' एवं उत्तर प्रदेश सरकार के 'भारत भारती पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
- 'यामा' नामक काव्य संकलन के लिए उन्हें भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' प्राप्त हुआ।
अज्ञेय:-
- अज्ञेय को भारत में भारतीय पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय 'गोल्डन रीथ' पुरस्कार आदि के अतिरिक्त
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (1964) ज्ञानपीठ पुरस्कार (1978) से सम्मानित किया गया था।
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 10:
केदारनाथ मिश्र को कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 10 Detailed Solution
केदारनाथ मिश्र को प्रभात कहा जाता है।
Key Pointsकेदारनाथ मिश्र-
- केदारनाथ मिश्र 'प्रभात का जन्म बिहार के आरा जिले में 1907 ई. में हुआ।
- उच्च शिक्षा पटना में हुई।
- बिहार राज्य के पुलिस विभाग में सेवा की।
- इनके मुख्य गीत-संग्रह हैं-
- 'शुभ्रा
- 'श्वेत नील
- 'कलापिनी
- 'कम्पन
- 'ॠतम्भरा
- 'बैठो मेरे पास।
- अंतिम दो संग्रह बिहार तथा उ.प्र. सरकार द्वारा पुरस्कृत हुए।
- 'कैकेयी, 'तप्त गृह तथा 'कर्ण इनके प्रबंध-काव्य हैं।
- इन्होंने प्रचुर बाल साहित्य भी लिखा।