व्याकरण MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for व्याकरण - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Mar 9, 2025

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Latest व्याकरण MCQ Objective Questions

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व्याकरण Question 1:

दिए गए वाक्य में रेखांकित भाग किस प्रकार का पुरूष है ज्ञात कीजिए।

मोहन बहुत खाना खाता है।

  1. मध्यम
  2. उत्तम
  3. प्रथम
  4. अन्य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अन्य

व्याकरण Question 1 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से विकल्प 4 अन्य सही उत्तर है । अन्य विकल्प असंगत है। मोहन बहुत खाना खाता है।, में अन्य पुरूष होगा।

Key Points

  • जिस सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से वक्ता और श्रोता का संबंध ना होकर किसी अन्य का संबोधन प्रतीत हो। वे वाक्य अन्य पुरूष के अंतर्गत आते हैं।

 

अन्य पुरूष

जिस सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से वक्ता और श्रोता का संबंध ना होकर किसी अन्य का संबोधन प्रतीत हो। वह शब्द अन्य पुरुष कहलाता है जैसे  –  वह,यह,उन, उनको,उनसे,इन्हें, उन्हे,उसके,इसने आदि।

अन्य विकल्प- 

संज्ञा

परिभाषा

उदाहरण

मध्यम पुरूष

श्रोता ‘ संवाद ‘ करते समय जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता है उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं – 

जैसे – तू  ,  तुम ,  तुमको  , तुझे  ,  आप  ,  आपको  , आपके आदि।

उत्तम पुरूष

वक्ता जिन शब्दों का प्रयोग अपने स्वयं के लिए करता है , उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं। 

जैसे – मैं  , हम  ,  मुझे   ,  मैंने  , हमें  , मेरा  , मुझको ,  आदि।

प्रथम पुरूष

मैं और तुम को छोड़कर जितनी भी नामपद संज्ञा है , वह सभी प्रथम पुरुष में आती है ।

जैसे- वह, वे दोनों, वे सब। आदि।

 Additional Information

 सर्वनाम 

वह शब्द जो संज्ञा के बदले में आए उसे सर्वनाम कहते हैं।

जैसे – ‘ मैं ‘,  ‘ तुम ‘,  ‘ हम ‘, ‘  वह ‘, ‘ आप ‘, ‘  उसका ‘ , ‘ उसकी, ‘ वह ‘ आदि।

 

व्याकरण Question 2:

किस विद्वान ने प्रविशेषण को अन्तर्विशेषण कहा है?

  1. भोलानाथ तिवारी
  2. वासुदेवनंदन प्रसाद
  3. कामता प्रसाद गुरु
  4. किशोरीदास वाजपेयी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कामता प्रसाद गुरु

व्याकरण Question 2 Detailed Solution

कामता प्रसाद गुरु विद्वान ने प्रविशेषण को अन्तर्विशेषण कहा है। 

Key Pointsकामता प्रसाद गुरु -

  • जन्म  - 1875 ई.
  • जन्म स्थान - सागर मध्य प्रदेश में
  • मृत्यु - 1947 ई.
  • मुख्य -
    • उनकी असाधारण ख्याति का आधार उनकी रचना 'हिंदी व्याकरण' है।
    • जिसका प्रकाशन सर्वप्रथम नागरिक प्रचारिणी सभा काशी ने अपनी लेखमाला में तथा 1978 ई. पहली बार सभा के पुस्तकार रूप में प्रकाशित हुआ।
    • यह हिंदी का सबसे बड़ा प्रमाणिक व्याकरण माना जाता है।
    • संक्षिप्त हिंदी व्याकरण,मध्य हिंदी व्याकरण और प्रथम हिंदी व्याकरण इसी के संक्षिप्ताकृत संस्करण है।
    • कामता प्रसाद गुरु को हिंदी व्याकरण का पाणिनि  कहा जाता है।

Important Pointsडॉ .भोलानाथ तिवारी-

  • जन्म- 1923 - 1989 ई. 
  • हिन्दी के कोशकार, भाषावैज्ञानिक एवं भाषाचिन्तक थे। 
  • उनके द्वारा रचित प्रमुख ग्रन्थ हैं-
    • भाषाविज्ञान  
    • शब्दों का  जीवन 
    • शब्दों  का अध्ययन 
    • शब्द विज्ञान 
    • भाषाविज्ञान कोश 
    • अनुवाद विज्ञान 
    • तुलसी शब्द -सागर 
    • भारतीय भाषा विज्ञान की भूमिका 
    • राज भाषा हिन्दी 
    • हिन्दी  भाषा की  संरचना 
    • भाषा चिंतन

किशोरीदास वाजपेयी

  • जन्म- 1898-1981ई.
  • इनका सम्बन्ध भाषा विज्ञान क्षेत्र से अधिक था।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • ब्रजभाषा का व्याकरण
    • राष्ट्रीय भाषा का प्रथम व्याकरण
    • हिंदी शब्द-निर्णय आदि।

व्याकरण Question 3:

निम्नलिंखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो वृत्ति के सही भेद का विकल्प है।

यदि सारा सामान मिल गया तो भोजन अच्छा बनेगा।

  1. संदेहार्थ
  2. संकेतार्थ
  3. संभावनार्थ
  4. निश्चयार्थ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : संकेतार्थ

व्याकरण Question 3 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'संकेतार्थ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

Key Points

  • 'यदि सारा सामान मिल गया तो भोजन अच्छा बनेगा।' इस वाक्य में 'संकेतार्थ' वृत्ति है। 
  • जिस क्रिया रुप में एक काम का होना दूसरे कार्य पर निर्भर हो, उसे ‘संकेतार्थ’ कहते है।
  • यहाँ कार्य-कारण एक-दूसरे की ओर संकेत करते है।
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।  

Additional Information 

  • वृत्ति को ‘क्रियार्थ’ भी कहते है, क्रियार्थ का अर्थ है – क्रिया का अर्थ या प्रयोजन।

  • इसका अर्थ यह है कि ‘क्रिया रुप’ कहने वाले अथवा करने वाले के किस प्रयोजन या वृत्ति की और संकेत करता है।

  • इसके पाँच भेद हैं - 

  1. विध्यर्थ

  2. निश्चयार्थ 

  3. संभावनार्थ 

  4. संकेतार्थ 

  5. संदेहार्थ 

 

व्याकरण Question 4:

निम्नलिखित में से वाक्य के प्रकार का चयन कीजिए -

वह इसीलिए बाजार गया क्योंकि उसे फल खरीदने थे |

  1. मिश्र वाक्य
  2. सरल वाक्य
  3. संयुक्त वाक्य
  4. विधिवाचक वाक्य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : मिश्र वाक्य

व्याकरण Question 4 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 'मिश्र वाक्य है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

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  •  'वह इसीलिए बाजार गया क्योंकि उसे फल खरीदने थे |' यह वाक्य मिश्र वाक्य का उदाहरण है। 
  • मिश्र वाक्योँ की रचना एक से अधिक ऐसे साधारण वाक्योँ से होती है, जिनमेँ एक प्रधान वाक्य होता है एवं दूसरा वाक्य आश्रित होता है।
  • मिश्र वाक्य में प्रधान वाक्य को आश्रित उपवाक्य से जोड़ने के लिए जो आपस में ‘कि’; ‘जो’; ‘क्योंकि’; ‘जितना’; ‘उतना’; ‘जैसा’; ‘वैसा’; ‘जब’; ‘तब’; ‘जहाँ’; ‘वहाँ’; ‘जिधर’; ‘उधर’; ‘अगर/यदि’; ‘तो’; ‘यद्यपि’; ‘तथापि’; आदि का प्रयोग किया जाता है। 
  • विधिवाचक वाक्य - वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधि या विधानवाचक वाक्य कहलाता है।

  • उदाहरण -भारत एक देश है।

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रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद है:

सरल वाक्य

जिस वाक्य में एक क्रिया होती है और एक कर्ता होता है, उसे सरल वाक्य कहते हैं।

राजू पानी लाया।

मिश्र वाक्य

जिस वाक्य में एक साधारण वाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन कोई दूसरा उपवाक्य हो, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।

राम उस मकान में रहता है जहां पहले कभी श्याम रहता था।

 

संयुक्त वाक्य

जिस वाक्य में साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का मेल संयोजक अवयवों द्वारा होता है, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।

दान करना अच्छी चीज है, दान लेना एक मजबूरी।

व्याकरण Question 5:

निर्देश: निम्नलिखित का सही उत्तर चुनिए:

व्याकरण क्या है?

  1. भाषा का नियम
  2. भाषा का उद्भव
  3. भाषा का विकास
  4. इनमें से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भाषा का नियम

व्याकरण Question 5 Detailed Solution

दिये गए विकल्प में सही विकल्प भाषा ​का नियम हैं ।

Key Points

  • व्याकरण:- व्याकरण किसी भाषा के बोलने तथा लिखने के नियमों की व्यवस्थित पद्धति है अर्थात व्याकरण भाषा को व्यवस्थित करने का कार्य करती है। 
  • व्याकरण शिक्षण से भाषा में शुद्धता, अनुशासन, तथा स्थिरता आती है। 
    • यह भाषा की संरचना का विश्लेषक शास्त्र है।
    • यह वाक्. की संरचना का ज्ञान प्रदान करती है।

Additional Information

  •  व्याकरण-शिक्षण के सन्दर्भ में व्याकरण के व्यावहारिक पक्ष पर बल देना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि व्याकरण के व्यावहारिक पक्ष का ज्ञान
    • भाषा के शुद्ध बोलने या लिखने को संभव बनाता है। 
    • भाषा कि समरूपता तथा शुद्धता से परिचित करवाता है। 
    • भाषा के विभिन्न स्वरूपों को शुद्ध और स्पष्ट रूप देने का कार्य करता है।
    • भाषा में वर्ण, शब्द, तथा वाक्य विन्यास के सिद्धांतो का ज्ञान प्रदान करता है।
    • पाठ में निहित व्याकरणिक नियमों का उल्लेख कर व्याकरण सीखने पर बल देता है।

व्याकरण Question 6:

'वह नौ दो ग्यारह हो गया' वाक्य में कौन-सी शब्द शक्ति है?

  1. रूढ़ा लक्षणा
  2. गौणी लक्षणा
  3. उपादान लक्षणा
  4. लक्षण लक्षणा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : रूढ़ा लक्षणा

व्याकरण Question 6 Detailed Solution

सही उत्तर 'रूढ़ा लक्षणा' है।

  • रूढ़ि लक्षणा: जहाँ पर कुछ लक्ष्यार्थ रुढ़ हो गए हैं। जैसे 'कार्य में कुशल'। कुशल का शब्दार्थ 'कुश इकट्ठा करनेवाला' होता है, पर यह शब्द दक्ष या निपुण के अर्थ में रुढ़ हो गया है। इस प्रकार का अर्थ रुढिलक्षणा द्वारा प्रकट होता है। 
  • जैसे- चौकन्ना, चौकन्ना का अर्थ होता है चार कानों वाला जबकि यहाँ इसका अर्थ सावधान हो गया है।
  • इसी प्रकार मुहावरे भी रूढ़ा लक्षणा के सुन्दर उदाहरण हैं। 
  • मुहावरा वह वाक्यांश है जिसका वास्तविक अर्थ संकेतिक अर्थ से भिन्न होता है।
  • अतः 'वह नौ दो ग्यारह हो गया' वाक्य में रूढ़ा लक्षणा शब्द शक्ति है।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

  • उपादान लक्षणा: जहाँ वाक्यार्थ की संगति के लिए अन्य अर्थ के लक्षित किए जाने पर भी अपना अर्थ न छूटे वहाँ उपादान लक्षणा होती है।
  • उपादान का अर्थ है: ग्रहण-लेना।
  • इसमें वाच्यार्थ का सर्वथा त्याग नहीं होता।
  • जैसे, 'पगड़ी की लाज रखिये। लक्ष्यार्थ होता है पगड़ीधारी की लाज।
  • यहाँ पगड़ी अपना अर्थ न छोड़ते हुए पगड़ीधारी का आक्षेप करता है।
  • यहाँ दोनों साथ-साथ हैं। अत: उपादान लक्षणा है।
  • प्रयोजनवती लक्षणा: वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे।
  • प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है।
    • प्रयोजनवती लक्षणा के दो मुख्य भेद हैं- गौणी, शुद्धा।
    • गौणी लक्षणा: गौणी में सादृश्य सम्बन्ध से अर्थात समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ का ग्रहण किया जाए।
    • शुद्धा लक्षणा: शुद्धा लक्षणा में सादृश्य सम्बन्ध के अतिरिक्त अन्य सम्बन्ध से लक्ष्यार्थ का बोध होता है। शुद्धा लक्षणा के चार भेद हैं- उपादान लक्षणा, लक्षणलक्षणा, सारोपा लक्षणा और साध्यावसाना लक्षणा।
  • लक्षण लक्षणा: जहाँ वाक्यार्थ की सिद्धि के लिए वाक्यार्थ अपने अर्थ को छोड़कर केवल लक्ष्यार्थ को सूचित करे, वहाँ लक्षणलक्षणा होती है।

व्याकरण Question 7:

दिए गए वाक्यों में से सरल वाक्य ज्ञात कीजिए

  1. यदि नेताजी से मिलना चाहते हैं तो द्वार पर प्रतीक्षा करें 
  2.  नेताजी से मिलना चाहते हैं किंतु वह द्वार पर प्रतिक्षा करें 
  3.  आप नेताजी से मिलने के लिए  द्वार पर प्रतिक्षा करें 
  4.  आप नेता जी से मिलने चाहते है इसलिए द्वार पर प्रतिक्षा करें 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 :  आप नेताजी से मिलने के लिए  द्वार पर प्रतिक्षा करें 

व्याकरण Question 7 Detailed Solution

आप नेताजी से मिलने के लिए  द्वार पर प्रतीक्षा करें  - यह वाक्य सरल वाक्य का उदाहरण है
Key Points
  1. यदि नेताजी से मिलना चाहते हैं तो द्वार पर प्रतीक्षा करें - यह वाक्य मिश्रित वाक्य का उदाहरण है
  2. नेताजी से मिलना चाहते हैं किंतु वह द्वार पर प्रतिक्षा करें - यह वाक्य संयुक्त वाक्य का उदाहरण है
  3. आप नेता जी से मिलने चाहते है इसलिए द्वार पर प्रतिक्षा करें - यह वाक्य संयुक्त वाक्य का उदाहरण है
Additional Information
  • एक से अधिक प्रधान उपवाक्य हों - मिश्र वाक्य 
  • एक साधारण और दूसरा आश्रित उपवाक्य हो - मिश्र वाक्य 
  • आश्रित उपवाक्य समुच्चयबाधक अव्यय से जुड़े हों - मिश्र वाक्य 

 

रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद है:

सरल वाक्य

जिस वाक्य में एक क्रिया होती है और एक कर्ता होता है, उसे वाच्य कहते हैं।

राजू पानी लाया।

मिश्र वाक्य

जिस वाक्य में एक साधारण वाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन कोई दूसरा उपवाक्य हो, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।

राम उस मकान में रहता है जहां पहले कभी श्याम रहता था।

संयुक्त वाक्य

जिस वाक्य में साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का मेल संयोजक अवयवों द्वारा होता है, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।

दान करना अच्छी चीज है, दान लेना एक मजबूरी है

व्याकरण Question 8:

निदर्शन का अर्थ है: 

  1. अनवरत चिंतन 
  2. दिखाने की क्रिया 
  3. प्रदर्शन करने वाला 
  4. सदैव आनंद में रहने वाला 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दिखाने की क्रिया 

व्याकरण Question 8 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 ‘दिखाने की क्रिया’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 

Key Points

  • निदर्शन का अर्थ 'दिखाने की क्रिया' होता है। 
  • 'दर्श' में मूल शब्द है जिसमें 'नि' उपसर्ग और 'न' प्रत्यय के योग से निदर्शन शब्द बना है। 
  • दर्श संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है दर्शन या अमावस्या तिथि। 


अन्य विकल्प: 

  1. अनवरत चिंतन -  निदिध्यासन 
  2. प्रदर्शन करने वाला - निदर्शक 
  3. सदैव आनंद में रहने वाला - नित्यानन्द 

Additional Information

  • वर्णों या ध्वनियों के सार्थक वर्ण-समुदाय को 'शब्दकहते है।
  • किसी शब्द से जिस भाव की प्रतीति होती है, वही उस शब्द का अर्थ है।
  • किसी शब्द को बोलते ही श्रोता के दिमाग में एक भाव या चित्र उभर आता है, यह भाव या चित्र ही उस शब्द का अर्थ है। 

व्याकरण Question 9:

निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द तद्भव है? 

  1. आंच
  2. अवर
  3. अष्टानवति
  4. आदित्यवार
  5. इनमें से कोई नहीं 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आंच

व्याकरण Question 9 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में आंच  एक तद्भव शब्द है। अतिरिक्त विकल्पों के प्रकार भिन्न हैं।

Key Points

तद्भव शब्द

ऐसे शब्द जो संस्कृत से हिंदी में आने पर उनका रूप बदल गया।

जैसे - आग, खीर, छत आदि।

 

Additional Information

शब्द

परिभाषा

उदाहरण

तत्सम शब्द

ऐसे शब्द जिन्हें बिना किसी परिवर्तन के संस्कृत से हिन्दी में शामिल कर लिया गए हों।

जैसे - आम्र, उष्ट्र, ऐश्वर्य, षष्ठी आदि।

तद्भव शब्द

ऐसे शब्द जो संस्कृत से हिंदी में आने पर उनका रूप बदल गया।

जैसे - आग, खीर, छत आदि।

देशज शब्द

ऐसे शब्द जो देश की अन्य या क्षेत्रीय भाषा से हिंदी में सम्मिलित हुए ।

जैसे – थैला, लोटा, टाँग, पगड़ी आदि।

विदेशज/ आगत/ विदेशी शब्द

अन्य देश की भाषा से आये हुए शब्द जो हिंदी भाषा में सम्मिलित हुए। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, उर्दू, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल हैं।

जैसे - अदालत, ऑफिसर, बुखार, हज़म आदि।

संकर शब्द

हिंदी में वे शब्द जो अलग-अलग भाषाओं के शब्दों को मिलाकर बनाए गए हैं, संकर शब्द कहलाते हैं।

जैसे - उप-बोली, भोजन-घर, छायादार, फलदार इत्यादि।

व्याकरण Question 10:

Comprehension:

निर्देश (प्रश्न संख्या 7 से 9 तक) निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में एक शब्द रेखांकित है। प्रत्येक रेखांकित शब्द के लिए (A), (B), (C) और (D) के सामने एक-एक शब्द लिखा गया है। इनमें से रेखांकित शब्द से अर्थ की दृष्टि से उपयुक्त विकल्प चुनकर उत्तर पत्रक में चिह्नित कीजिए।

रस का अक्षय पात्र सदा सा है।

  1. जो आसानी से नष्ट हो जाए 
  2. अविनाशी 
  3. विजय 
  4. विनाशी 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अविनाशी 

व्याकरण Question 10 Detailed Solution

"रस का अक्षय पात्र सदा सा है।"- रेखांकित शब्द का अर्थ है- अविनाशी

अक्षय-

  • अर्थ- 
    • अविनाशी (कभी नष्ट न होने वाला)
  • विलोम-
    • क्षय, क्षयशील, नश्वर

Additional Information
"रस का अक्षय पात्र सदा का,
छोटा मेरा खेत चौकोना।-

  • रचनाकार-उमाशंकर जोशी 
  • विधा-काव्य 
  • यह 'छोटा मेरा खेत' कविता की पंक्तियाँ हैं। 
  • भाव-
    • कवि कहता है कि उसका कविता रूपी खेत छोटा-सा है, उसमें रस कभी समाप्त नहीं होता।

Key Points

उमाशंकर जोशी-

  • जन्म-1911-1988 ई. 
  • इनका जन्म गुजरात में हुआ। 
  • बीसवीं सदी की गुजराती कविता को नई भंगिमा प्रदान की। 
  • इनका उपनाम 'वासुकी' है।
  • प्रमुख काव्य रचनाएं-
    • विश्वशांति (6 खंडों में)
    • गंगोत्री
    • निशीथ
    • गुलेपोलांड
    • प्राचीना
    • आतिथ्य और वसंत वर्ष
    • महाप्रस्थान आदि। 
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