Question
Download Solution PDF'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020' इत्यस्मिन् कोरियाई-जापानी-थाई-फ्रैंच-जर्मन-स्पेनिश-पोर्तगीज-रूसी भाषाणां च अध्ययनं संस्तुतमस्ति-
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020' इसमें कोरियाई-जापानी-थाई-फ्रैंच-जर्मन-स्पेनिश-पोर्तगीज-रूसी भाषाओं के अध्ययन को संस्तुत किया गया है-
स्पष्टीकरण - राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार कोरियाई-जापानी-थाई-फ्रैंच-जर्मन-स्पेनिश-पोर्तगीज और रूसी इन भाषाओं का अध्ययन अतिरिक्त भाषा के रूप में पढ़ाना संस्तुत किया गया है।
Important Points
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-
- यह शिक्षा नीति 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है, जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना हैI
- यह नीति भारत की परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार को बरक़रार रखते हए, 21वीं सदी की शिक्षा के शिए आकांक्षात्मक लक्ष्यों, जिनमें एसडीजी4 शामिल हैं, के संयोजन में शिक्षा व्यवस्था, उसके नियमन और गर्वनेंस सहित, सभी पक्षों के सुधार और पुनगणिन का प्रस्ताव रखती है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है।
- यह नीति इस सिद्धांत पर आधारित है कि शिक्षा से न केवल साक्षरता और संख्या ज्ञान जैसी ‘बुनियादी क्षमताओं’ के साथ-साथ ‘उच्चतर स्तर’ की तार्किक और समस्या-समाधान संबंधी संज्ञानात्मक क्षमताओं का विकास होना चाहिए, बल्कि नैतिक, सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर भी व्यक्ति का विकास होना आवश्यक है।
- भाषा के सन्दर्भ में कहा गया है कि - यह सर्वविदित है कि छोटे बच्चे अपनी घर की भाषा/मातृभाषा में सार्थक अवधारणाओं को अधिक तेजी से सीखते हैं और समझते हैं।
- घर की भाषा आमतौर पर मातृभाषा या स्थानीय समुदायों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। जहाँ तक संभव हो, कम से कम ग्रेड 5 तक लेकिन बेहतर यह होगा कि यह ग्रेड 8 और उससे आगे तक भी हो। शिक्षा का माध्यम, घर की भाषा/मातृभाषा/स्थानीय भाषा/ क्षेत्रीय भाषा होगी।
- इसके बाद घर/स्थानीय भाषा को जहाँ भी संभव हो भाषा के रूप में पढ़ाया जाता रहेगा।
- सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के स्कूल इसकी अनुपालना करेंगे।
- विज्ञान सहित सभी विषयों में उच्चतर गुणवत्ता विधि पाठ्यपुस्तकों को घरेलू भाषाओं/मातृ-भाषा में उपलब्ध कराया जाएगा।
- यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास जल्दी किए जाएंगे कि बच्चे द्वारा बोली जाने वाली भाषा और शिक्षण के माध्यम के बीच यदि कोई अंतराल मौजूद हो तो उसे समाप्त किया जा सके। इसमें मातृभाषा, आधुनिक भारतीय भाषा शामिल हैं।
- ऐसे मामलों में जहाँ घर की भाषा की पाठ्य-सामग्री उपलब्ध नहीं है, शिक्षकों और छात्रों के बीच संवाद की भाषा भी जहाँ संभव हो, वहाँ घर की भाषा बनी रहेगी।
- शिक्षकों को उन छात्रों के साथ जिनके घर की भाषा/मातृ-भाषा शिक्षा के माध्यम से भिन्न है, द्विभाषी शिक्षण-अधिगम सामग्री सहित द्विभाषी एप्रोच का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी भाषाओं को सभी छात्रों को उच्चतर गुणवत्ता के साथ पढ़ाया जाएगा।
- विभिन्न विदेशी भाषाओं को अतिरिक्त भाषा के रूप में पढ़ाया जाए, जहाँ छात्र अपनी रुचि के अनुसार विदेशी भाषा का अध्ययन कर सकें।
- इसमें सभी भाषाओं के अध्ययन पर बल दियागया, लेकिन मातृभाषा में शिक्षण पर अधिक बल दिया गया।
अतः कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार कोरियाई-जापानी-थाई-फ्रैंच-जर्मन-स्पेनिश-पोर्तगीज और रूसी इन भाषाओं का अध्ययन अतिरिक्त भाषा के रूप में पढ़ाना संस्तुत किया गया है।
Last updated on Apr 30, 2025
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