काव्य पंक्तियाँ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for काव्य पंक्तियाँ - Download Free PDF

Last updated on May 7, 2025

Latest काव्य पंक्तियाँ MCQ Objective Questions

काव्य पंक्तियाँ Question 1:

"बहुत दिनों के बाद" कविता में कवि की भावनात्मक स्थिति को किसके माध्यम से सबसे अधिक व्यक्त किया गया है?

  1. मौलसिरी के फूलों की सुगंध के माध्यम से
  2. "बहुत दिनों के बाद" की पुनरावृत्ति के माध्यम से
  3. धान कूटती किशोरियों की तान के माध्यम से
  4. फसलों की मुस्कान के माध्यम से

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : "बहुत दिनों के बाद" की पुनरावृत्ति के माध्यम से

काव्य पंक्तियाँ Question 1 Detailed Solution

उत्तर- "बहुत दिनों के बाद" की पुनरावृत्ति के माध्यम से
 

विश्लेषण: कविता में "बहुत दिनों के बाद" वाक्यांश की बार-बार पुनरावृत्ति कवि की लंबे समय बाद अपनी जड़ों से जुड़ने की तीव्र भावना, नॉस्टैल्जिया, और आनंद को व्यक्त करती है। यह पुनरावृत्ति कविता की भावनात्मक गहराई को बढ़ाती है।

काव्य पंक्तियाँ Question 2:

"बहुत दिनों के बाद" कविता में कवि ने किन पाँच इंद्रियों के अनुभवों को एक साथ भोगने की बात कही है?

  1. रूप, रस, शब्द, स्पर्श, और विचार
  2. दृष्टि, गंध, स्वाद, स्पर्श, और भावना
  3. गंध, रूप, रस, शब्द, और स्पर्श
  4. दृष्टि, श्रवण, गंध, स्वाद, और चेतना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : गंध, रूप, रस, शब्द, और स्पर्श

काव्य पंक्तियाँ Question 2 Detailed Solution

उत्तर- गंध, रूप, रस, शब्द, और स्पर्श
Key Points

विश्लेषण:

  • कविता के अंत में कवि कहते हैं, "अबकी मैंने जी भर भोगे, गंध-रूप-रस-शब्द-स्पर्श सब साथ-साथ इस भू पर," जो पाँचों इंद्रियों (गंध-सूंघना, रूप-देखना, रस-चखना, शब्द-सुनना, स्पर्श-छूना) के अनुभव को एक साथ व्यक्त करता है।

काव्य पंक्तियाँ Question 3:

बहुत दिनों के बाद" कविता में कवि ने जी भरकर क्या खाया?

  1. चंदनवर्णी धूल और फसलें
  2. मौलसिरी के फूल और गन्ने
  3. धान और तालमखाना
  4. तालमखाना और गन्ने

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : तालमखाना और गन्ने

काव्य पंक्तियाँ Question 3 Detailed Solution

उत्तर- तालमखाना और गन्ने
 

विश्लेषण: कवि ने लिखा है, "अबकी मैंने जी भर तालमखाना खाया, गन्ने चूसे जी भर," जो ग्रामीण जीवन की सादगी और प्राकृतिक स्वादों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है। तालमखाना एक जंगली फल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आम है।

काव्य पंक्तियाँ Question 4:

"बहुत दिनों के बाद" कविता में कवि ने पगडंडी की धूल को किस रंग का बताया है?

  1. सुनहला
  2. चंदनवर्णी
  3. लाल
  4. सफेद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : चंदनवर्णी

काव्य पंक्तियाँ Question 4 Detailed Solution

उत्तर- चंदनवर्णी
 

विश्लेषण: कवि ने अपनी गँवई पगडंडी की धूल को "चंदनवर्णी धूल" कहा है, जो ग्रामीण मिट्टी के रंग को चंदन की तरह सुंदर और पवित्र दर्शाता है। यह कवि की अपनी जड़ों से गहरी संवेदनात्मक लगाव को व्यक्त करता है।

काव्य पंक्तियाँ Question 5:

"बहुत दिनों के बाद" कविता में कवि ने किशोरियों की तुलना किससे की है?

  1. कोयल से
  2. चंदन से
  3. मौलसिरी के फूलों से
  4. सुनहली फसलों से

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : कोयल से

काव्य पंक्तियाँ Question 5 Detailed Solution

उत्तर- कोयल से
 

विश्लेषण: कवि ने किशोरियों की आवाज को "कोकिलकंठी तान" कहा है, जिसमें "कोकिलकंठी" का अर्थ कोयल की तरह मधुर आवाज वाला होता है। यह तुलना किशोरियों की मधुर आवाज को प्रकृति की सुंदरता से जोड़ती है।

Top काव्य पंक्तियाँ MCQ Objective Questions

"जनता मुझसे पूछ रही है क्या बतलाऊ,

जनकवि हूँ मैं, साफ कहूंगा, क्यों हकलाऊं' पंक्तियाँ किसकी हैं?

  1. नागार्जुन
  2. रांगेय राघव
  3. भवानी प्रसाद मिश्र
  4. रामविलास शर्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : नागार्जुन

काव्य पंक्तियाँ Question 6 Detailed Solution

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उपर्युक्त सभी विकल्पों में से विकल्प 1 नागार्जुन सही हैं|

Key Points

  • नागार्जुन(1911-1998):वेेद्यनाथ मिश्र(मूल नाम),यात्री(मैथिली भाषा में  उपनाम),शलाका पुरुष (प्रगतिवाद का) 
  • यह पंक्ति 'जनकवि हूँ मैं'(1965 ई.)कविता से अवतरित हैं|

Important Points

  • काव्य संग्रह:युगधारा(1953ई.),संतरंगे पंखों वाली(1959ई.),प्यासी पथराई आँखे(1962ई.),हज़ार-हज़ार बाहों वाली(1981ई.) आदि| 
  • प्रमुख कविताए:पत्रहीन नग्न गाछ,प्रेत का बयान,हरिजनगाथा,सिंदूर तिलकित भाल,गुलाबी चूड़ियाँ आदि|
  • नामवर सिंह:''वे (नागार्जुन)शैली की खोज नहीं करते,शैली स्वयं उन्हें खोजती है|'' 

Additional Information

रचनाकार  काव्य संग्रह 
भवानीप्रसाद मिश्र  गीत फ़रोश(1956 ई),खुशबू के शिलालेख(1973 ई।),अनाम तुम आते हो(1979 ई.),कालजयी(1980 ई.)
रामविलास शर्मा  रूप तरंग(1956 ई.),सदियों के सोए जाग उठे(1988 ई.)
रांगेय राघव अजेय खंडहर(1944 ई.),पिघलते पत्थर (1946ई.),मेधावी(1947 ई.),पांचाली(1955 ई.)

''हमारे समाज में मानवीय गुणों की पहचान बढ़नेवाली है। कुल और जाति का अहंकार विदा हो रहा है। आगे, मनुष्य केवल उसी पद का अधिकारी होगा जो उसके अपने सामर्ध्य से सूचित होता है, उस पद का नहीं जो उसके माता-पिता या वंश की देन है।"

उपरोक्त कथन किस रचना की भूमिका से उद्धृत है ?

  1. प्रिय - प्रवास
  2. भारत - भारती
  3. रश्मिरथी
  4. कुरूक्षेत्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : रश्मिरथी

काव्य पंक्तियाँ Question 7 Detailed Solution

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उपरोक्त कथन- 3)रश्मिरथी रचना की भूमिका से उद्धृत है।

Important Points

  • रश्मिरथी की रचना 'रामधारीसिंह दिनकर' ने 1952 में की।
  • 'दिनकर' जी का जन्म 24 सितम्बर1908 को 'बिहार' के बेगूसराय जिले के सिमरिया गाँव में हुआ था।
  • उनकी महान रचनाओं में 'रश्मिरथी' और 'परशुराम की प्रतीक्षा' शामिल है। 
  • 1999 में भारत सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया। 
  • उल्लेखनीय सम्मान-
  1. 1959:साहित्य अकादमी पुरस्कार 
  2. 1959: पद्मभूषण
  3. 1972: ज्ञानपीठ पुरस्कार 

Additional Information

रचना

रचनाकार

प्रकाशन वर्ष

प्रिय-प्रवास

अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

1909-1913

भारत-भारती

मैथिलीशरण गुप्त

1912-1913

रश्मिरथी 

रामधारीसिंह दिनकर

1952

कुरूक्षेत्र

रामधारीसिंह दिनकर

1946

'गीत फ़रोश' कविता में भवानी प्रसाद मिश्र कहना चाहते हैं कि :

(A) व्यावसायिकता के कारण आज का कवि अपने गीत बेचने के लिए मजबूर है I

(B) आज का कवि 'ग्राहक की मर्जी' के अनुसार गीत लिखने के लिए अभिशप्त है I

(C) कवि केवल खुशी के गीत लिखता है I

(D) कवि शौक से गीत लिखता और बेचता है I 

नीचे दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -  

  1. (A) और (C)
  2. (A) और (B)
  3. (B) और (D)
  4. (C) और (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : (A) और (B)

काव्य पंक्तियाँ Question 8 Detailed Solution

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गीत फरोश कविता में भवानी प्रसाद मिश्र कहना चाहते हैं कि-(A)व्यावसायिकता के कारण आज का कवि अपने गीत बेचने के लिए मजबूर है। (B)आज का कवि 'ग्राहक की मर्जी' के अनुसार गीत लिखने के लिए अभिशप्त है।

Key Points

  • गीत फ़रोश कविता भवानीप्रसाद मिश्र ने 1956ई. में लिखी।
  • भवानी प्रसाद मिश्र गांधीवादी विचारधारा के कवि हैं,कहानीकार उदय प्रकाश ने मिश्र जी को 'कविता का गांधी' कहा है।
  • इनकी अधिकांश कविताओं में बोलचाल की शब्दावली तथा बोलचाल के लहजे का प्रयोग हुआ है।
  • दूसरा सप्तक(1951) के महत्वपूर्ण कवि है।

Important Points

  • कविता संग्रह-
रचना वर्ष
चकित है दुख 1968
खुशबू के शिलालेख 1973
इदम न मम् 1977
अनाम तुम आते हो 1979

Additional Information

  • गीत फ़रोश कविता अंश-जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ।
    मैं तरह-तरह के
    गीत बेचता हूँ;
    मैं क़िसिम-क़िसिम के गीत
    बेचता हूँ।

'बादल को घिरते देखा है' कविता से संबंधित सही तथ्य हैं :

(A)  नागार्जुन को कालिदास के मेघ का पता-ठिकाना मालूम था।

(B)  नागार्जुन का बादल कल्पना-प्रसूत नहीं है।

(C)  इसमें उज्जयिनी के जीवन का यथार्थ वर्णन किया गया है।

(D)  इसमें किन्नर - किन्नरियों के स्वच्छंद जीवन के अनुभूत्यात्मक चित्र हैं। 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :

  1. (B) और (C)
  2. (A) और (B)
  3. (A) और (D)
  4. (B) और (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : (B) और (D)

काव्य पंक्तियाँ Question 9 Detailed Solution

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'बादल को घिरते देखा है' कविता से सम्बंधित सही तथ्य है - नागार्जुन का बादल कल्पना-प्रसूत नहीं है और इसमें किन्नर-किन्नरियों के स्वच्छंद जीवन के अनुभूत्यात्मक चित्र है, विकल्प 4 सही है।

Key Points

  •  नागार्जुन ने बादल को घिरते देखा की रचना सन् 1938 ई. में की। 
  • बादल को घिरते देखा है कविता,काव्य संग्रह  युगधारा(1953 ई.) में संकलित है।

Important Points

  •  प्रगतिवादी कवि नागार्जुन की कविताएँ हैं- कालिदास, मनुष्य हूँ, अकाल और उसके बाद, खुरदरे पैर, शासन की बन्दूक। 
  • बच्चन सिंह ने नागार्जुन की कविताओं को 'नुक्कड़ कविता' कहा है।

Additional Information

  •  'यात्री' नागार्जुन का पहला साहित्यिक नाम था।
  • "नागार्जुन जितने क्रांतिकारी सचेत रूप से हैं उतने अचेत रूप में भी"।

भवानी प्रसाद मिश्र की कविता ‘सतपुड़ा के जंगल’ में गोंड जाति निम्नलिखित में से किनको पालकर बैठी है?

  1. मुर्गे और तीतर
  2. हिरण और मुर्गाबी
  3. भेड़ और बकरी
  4. गधे और ऊंट

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : मुर्गे और तीतर

काव्य पंक्तियाँ Question 10 Detailed Solution

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भवानी प्रसाद मिश्र की कविता 'सतपुड़ा के जंगल' में गोंड जाति मुर्गे और तीतर पालकर बैठी है।

Key Points

  • भवानीप्रसाद मिश्र(1913-1985ई.) गांधीवादी विचार धारा के कवि है, कहानीकार उदय प्रकाश ने मिश्र जी को 'कविता का गांधी' कहां है।
  • 'सतपुड़ा के जंगल' कविता गीत फरोश(1956) काव्य संग्रह में संकलित है।

Additional Information

  • भवानीप्रसाद मिश्र दूसरा सप्तक(1951) के महत्त्वपूर्ण कवि हैं।
  • इनकी अधिकांश कविताओं में बोलचाल की शब्दावली तथा बोलचाल के लहजे का प्रयोग हुआ है।
  • इनकी भाषा एवं अभिव्यक्ति में लोक जीवन के प्रभाव स्पष्ट रूप से लक्षित होते हैं।

Important Points

  • भवानी प्रसाद मिश्र की प्रमुख रचनाएं-गीत फरोश(1956),चकित है दुख(1968),बुनी हुई रस्सी(1971),खुशबू के शिलालेख(1973), अनाम तुम आते हो(1979),कालजयी(1980),मानसरोवर दिन(1981) आदि।
  • कुछ पंक्तियाँ-
  1. ​"सतपुड़ा के घने जंगल,नींद में डूबे हुए से,ऊंघते अनमने जंगल।"
  2. "इन वनों के खूब भीतर,चार मुर्गे,चार तीतर; पाल कर निश्चित बैठे,विजन वन की बीच बैठे,झोपड़ी पर फूस डाले, गोंड तगड़े और काले"

भर गया ऐसा हृदय दुख-दर्द से, फेन या बुदबुद नहीं उसमें उठा।

खींचकर उच्छ्वास बोले सिर्फ वे ‘पार्थ, मैं जाता पितामह पास हूँ।'

'कुरुक्षेत्र' की उक्त पंक्तियाँ किस चरित्र की मनोदशा को व्यक्त कर रही हैं?

  1. अर्जुन
  2. श्रीकृष्ण
  3. युधिष्ठिर
  4. भीम

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : युधिष्ठिर

काव्य पंक्तियाँ Question 11 Detailed Solution

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भर गया ऐसा हृदय दुख-दर्द से, फेन या बुदबुद नहीं उसमें उठा। खींचकर उच्छ्वास बोले सिर्फ वे ‘पार्थ, मैं जाता पितामह पास हूँ।' 'कुरुक्षेत्र' की यह पंक्तियाँ युधिष्ठिर की मनोदशा को व्यक्त कर रही हैं। 

  • युधिष्ठिर-
    • इन पंक्तियों में युधिष्ठिर के दुःख पर विचार किया गया है। 
    • दर्द से भरे हृदय के साथ वह भीष्म पितामह से मिलने की इच्छा जाहिर करते है। 

Key Pointsकुरुक्षेत्र-

  • रचनाकार-रामधारी सिंह 'दिनकर'
  • प्रकाशन वर्ष -1946 ई.
  • विधा - प्रबंध काव्य
  • विषय-
    • इसकी कथावस्तु महाभारत के शांति पर्व से ली गयी है। 
    • यह रचना महाभारत के भीष्म-युधिष्ठिर संवाद पर आधारित है।  


Important Pointsरामधारी सिंह 'दिनकर'-

  • जन्म-1908-1974 ई.
  • ये राष्ट्रीय-सांस्कृतिक धारा के मुख्य कवि रहे है। 
  • रचनाएँ-
    • रेणुका(1935 ई.), हुंकार(1938 ई.), रसवंती(1940 ई.), रश्मिरथी(1952 ई.), उर्वशी(1961 ई.) आदि। 

Additional Informationकाव्य का सार-

  • युद्ध और शांति के ऊपर विचार किया गया है। 
  • युद्ध कितना विध्वंशकारी होता है उसके परिणामों को बताया गया है। 

काव्य पंक्तियाँ Question 12:

"मैं तुमसे बात किया करता हूँ। और यही मेरी कविता है।"

प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ किस कवि की हैं?

  1. शिवमंगल सिंह 'सुमन'
  2. त्रिलोचन
  3. केदारनाथ अग्रवाल
  4. शमशेर बहादुर सिंह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : त्रिलोचन

काव्य पंक्तियाँ Question 12 Detailed Solution

"मैं तुमसे बात किया करता हूँ। और यही मेरी कविता है।" प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ त्रिलोचन कवि की हैं। 

Key Pointsत्रिलोचन-

  • पूरा नाम-वासुदेव सिंह
  • जन्म-1917-2007 ई. 
  • प्रगतिवादी कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • धरती(1945 ई.)
    • गुलाब और बुलबुल(1956 ई.)
    • दिगंत(1957 ई.)
    • उस जनपद का कवि हूँ(1981 ई.) आदि। 

Important Pointsशिवमंगल सिंह 'सुमन'-

  • जन्म-1915-2002 ई. 
  • प्रगतिवादी कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • हिल्लोल
    • जीवन के गान 
    • विंध्य हिमाचल(1960 ई.)
    • मिट्टी की बारात(1972 ई.)
    • हम पक्षी उन्मुक्त गगन के आदि। 

केदारनाथ अग्रवाल-

  • जन्म-1911-2000 ई. 
  • प्रगतिवादी कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • युग की गंगा(1947 ई.)
    • फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965 ई.)
    • गुलमेहंदी(1978 ई.)
    • पंख और पतवार(1979 ई.)
    • अपूर्वा(1984 ई.) आदि।

शमशेर बहादुर सिंह-

  • जन्म-1911-1993 ई. 
  • दूसरा सप्तक के कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • कुछ कविताएँ(1959 ई.)
    • कुछ और कविताएँ(1961 ई.)
    • चुका भी हूँ मैं नहीं(1975 ई.)
    • इतने पास अपने(1980 ई.)
    • काल तुझसे होड़ है मेरी(1988 ई.) आदि। 

काव्य पंक्तियाँ Question 13:

"जनता मुझसे पूछ रही है क्या बतलाऊ,

जनकवि हूँ मैं, साफ कहूंगा, क्यों हकलाऊं' पंक्तियाँ किसकी हैं?

  1. नागार्जुन
  2. रांगेय राघव
  3. भवानी प्रसाद मिश्र
  4. रामविलास शर्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : नागार्जुन

काव्य पंक्तियाँ Question 13 Detailed Solution

उपर्युक्त सभी विकल्पों में से विकल्प 1 नागार्जुन सही हैं|

Key Points

  • नागार्जुन(1911-1998):वेेद्यनाथ मिश्र(मूल नाम),यात्री(मैथिली भाषा में  उपनाम),शलाका पुरुष (प्रगतिवाद का) 
  • यह पंक्ति 'जनकवि हूँ मैं'(1965 ई.)कविता से अवतरित हैं|

Important Points

  • काव्य संग्रह:युगधारा(1953ई.),संतरंगे पंखों वाली(1959ई.),प्यासी पथराई आँखे(1962ई.),हज़ार-हज़ार बाहों वाली(1981ई.) आदि| 
  • प्रमुख कविताए:पत्रहीन नग्न गाछ,प्रेत का बयान,हरिजनगाथा,सिंदूर तिलकित भाल,गुलाबी चूड़ियाँ आदि|
  • नामवर सिंह:''वे (नागार्जुन)शैली की खोज नहीं करते,शैली स्वयं उन्हें खोजती है|'' 

Additional Information

रचनाकार  काव्य संग्रह 
भवानीप्रसाद मिश्र  गीत फ़रोश(1956 ई),खुशबू के शिलालेख(1973 ई।),अनाम तुम आते हो(1979 ई.),कालजयी(1980 ई.)
रामविलास शर्मा  रूप तरंग(1956 ई.),सदियों के सोए जाग उठे(1988 ई.)
रांगेय राघव अजेय खंडहर(1944 ई.),पिघलते पत्थर (1946ई.),मेधावी(1947 ई.),पांचाली(1955 ई.)

काव्य पंक्तियाँ Question 14:

''हमारे समाज में मानवीय गुणों की पहचान बढ़नेवाली है। कुल और जाति का अहंकार विदा हो रहा है। आगे, मनुष्य केवल उसी पद का अधिकारी होगा जो उसके अपने सामर्ध्य से सूचित होता है, उस पद का नहीं जो उसके माता-पिता या वंश की देन है।"

उपरोक्त कथन किस रचना की भूमिका से उद्धृत है ?

  1. प्रिय - प्रवास
  2. भारत - भारती
  3. रश्मिरथी
  4. कुरूक्षेत्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : रश्मिरथी

काव्य पंक्तियाँ Question 14 Detailed Solution

उपरोक्त कथन- 3)रश्मिरथी रचना की भूमिका से उद्धृत है।

Important Points

  • रश्मिरथी की रचना 'रामधारीसिंह दिनकर' ने 1952 में की।
  • 'दिनकर' जी का जन्म 24 सितम्बर1908 को 'बिहार' के बेगूसराय जिले के सिमरिया गाँव में हुआ था।
  • उनकी महान रचनाओं में 'रश्मिरथी' और 'परशुराम की प्रतीक्षा' शामिल है। 
  • 1999 में भारत सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया। 
  • उल्लेखनीय सम्मान-
  1. 1959:साहित्य अकादमी पुरस्कार 
  2. 1959: पद्मभूषण
  3. 1972: ज्ञानपीठ पुरस्कार 

Additional Information

रचना

रचनाकार

प्रकाशन वर्ष

प्रिय-प्रवास

अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

1909-1913

भारत-भारती

मैथिलीशरण गुप्त

1912-1913

रश्मिरथी 

रामधारीसिंह दिनकर

1952

कुरूक्षेत्र

रामधारीसिंह दिनकर

1946

काव्य पंक्तियाँ Question 15:

'गीत फ़रोश' कविता में भवानी प्रसाद मिश्र कहना चाहते हैं कि :

(A) व्यावसायिकता के कारण आज का कवि अपने गीत बेचने के लिए मजबूर है I

(B) आज का कवि 'ग्राहक की मर्जी' के अनुसार गीत लिखने के लिए अभिशप्त है I

(C) कवि केवल खुशी के गीत लिखता है I

(D) कवि शौक से गीत लिखता और बेचता है I 

नीचे दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -  

  1. (A) और (C)
  2. (A) और (B)
  3. (B) और (D)
  4. (C) और (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : (A) और (B)

काव्य पंक्तियाँ Question 15 Detailed Solution

गीत फरोश कविता में भवानी प्रसाद मिश्र कहना चाहते हैं कि-(A)व्यावसायिकता के कारण आज का कवि अपने गीत बेचने के लिए मजबूर है। (B)आज का कवि 'ग्राहक की मर्जी' के अनुसार गीत लिखने के लिए अभिशप्त है।

Key Points

  • गीत फ़रोश कविता भवानीप्रसाद मिश्र ने 1956ई. में लिखी।
  • भवानी प्रसाद मिश्र गांधीवादी विचारधारा के कवि हैं,कहानीकार उदय प्रकाश ने मिश्र जी को 'कविता का गांधी' कहा है।
  • इनकी अधिकांश कविताओं में बोलचाल की शब्दावली तथा बोलचाल के लहजे का प्रयोग हुआ है।
  • दूसरा सप्तक(1951) के महत्वपूर्ण कवि है।

Important Points

  • कविता संग्रह-
रचना वर्ष
चकित है दुख 1968
खुशबू के शिलालेख 1973
इदम न मम् 1977
अनाम तुम आते हो 1979

Additional Information

  • गीत फ़रोश कविता अंश-जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ।
    मैं तरह-तरह के
    गीत बेचता हूँ;
    मैं क़िसिम-क़िसिम के गीत
    बेचता हूँ।
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