कवि और रचना MCQ Quiz - Objective Question with Answer for कवि और रचना - Download Free PDF

Last updated on Jun 23, 2025

Latest कवि और रचना MCQ Objective Questions

कवि और रचना Question 1:

'मैंने उसको' कविता किसकी है?

  1. केदारनाथ अग्रवाल 
  2. जयशंकर प्रसाद 
  3. आरसी प्रसाद सिंह 
  4. नागार्जुन 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : केदारनाथ अग्रवाल 

कवि और रचना Question 1 Detailed Solution

'मैंने उसको' कविता केदारनाथ अग्रवाल की है। 

Key Pointsकेदारनाथ अग्रवाल-

  • जन्म-1911-2000 ई. 
  • प्रगतिवाद के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • काव्य रचनाएँ-
    • युग की गंगा(1947 ई.)
    • लोक और आलोक(1957 ई.)
    • फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965 ई.)
    • गुलमेहंदी(1978 ई.)
    • पंख और पतवार(1979 ई.) आदि।

Important Pointsनागार्जुन- 

  • प्रसिद्धि -  हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे।
  • प्रमुख रचनाएं -
    • युगधारा -(1953)
    • सतरंगे पंखों वाली -(1959)
    • प्यासी पथराई आँखें -(1962)
    • तालाब की मछलियाँ -(1974)
    • तुमने कहा था -(1980)
    • खिचड़ी विप्लव देखा हमने -(1980)
    • हजार-हजार बाँहों वाली -(1981)
    • पुरानी जूतियों का कोरस -(1983)
    • रत्नगर्भ -(1984)
    • ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या!! -(1985)
    • आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने -(1986)
    • इस गुब्बारे की छाया में -(1990)
    • भूल जाओ पुराने सपने -(1994)
    • अपने खेत में -(1997)

जयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई. 
  • बाल्य नाम-झारखंडी 
  • छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • उर्वशी(1909 ई.)
    • वन मिलन(1909 ई.)
    • कानन कुसुम(1913 ई.)
    • प्रेमपथिक(1913 ई.)
    • चित्राधार(1918 ई.)
    • झरना(1918 ई.)
    • आँसू(1925 ई.) आदि।

आरसी प्रसाद सिंह-

  • जन्म- 1911-1996 ई. 
  • भारत के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और एकांकीकार थे।
  • छायावाद के तृतीय उत्थान के कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने वाले और 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित आरसी प्रसाद सिंह को जीवन और यौवन का कवि कहा जाता है।
  • रचनाएँ-
    • आजकल
    • कलापी
    • संचयिता
    • आरसी
    • जीवन और यौवन
    • नई दिशा
    • पांचजन्य
    • द्वंद समास
    • सोने का झरना
    • कथा माला आदि।

कवि और रचना Question 2:

'बसंती हवा' कविता के रचयिता कौन हैं?

  1. केदारनाथ सिंह
  2. त्रिलोचन
  3. केदारनाथ अग्रवाल
  4. नागार्जुन
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केदारनाथ अग्रवाल

कवि और रचना Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर केदारनाथ अग्रवाल है

Key Points

  • 'बसंती हवा' कविता के रचयिता केदारनाथ अग्रवाल हैं
  • 'बसंती हवा' कविता में कवि ने वसंत ऋतु के आगमन का सजीव चित्रण किया है
  • प्रस्तुत कविता में हवा का मनोरंजन रूप दिखाया गया है, कविता में हवा अपना परिचय देती है,
  • वह प्रतिदिन कहाँ -कहाँ घूमती है; किन किन स्थानों पर जाती है;
  • किससे शरारतें करती है; इन सबका इस कविता में वर्णन किया गया है

हवा हूँ हवा ......................... वसंती हवा हूँ

  • बसंती हवा सभी को अपना परिचय देते हुए ये कहती है कि वह बसंती हवा है। वह बड़ी निराली, सीधी-साधी और मनमौजी है। 
  • वह बड़ी निडर है क्योंकि उसे किसी बात की चिंता नहीं है
  • वह जहाँ चाहे वहाँ घूम सकती है। वह एक अजब मुसाफिर है 

अन्य विकल्प- 

कवि

परिचय

रचनायें

केदारनाथ सिंह

केदारनाथ सिंह एक भारतीय कवि, निबंधकार और हिंदी लेखक थेउन्हें उनके कविता संग्रह, अकाल में सरस (सूखे में क्रेन) के लिए हिंदी में साहित्य अकादमी पुरस्कार (1989) से सम्मानित किया गया था।

अभी बिल्कुल अभी, यहाँ से देखो, अकाल में सारस, उत्तर कबीर    

त्रिलोचन

कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है। त्रिलोचन शास्त्री को 1989-90 में हिंदी अकादमी ने शलाका सम्मान से सम्मानित किया था।

धरती(1945), गुलाब और बुलबुल(1956), दिगंत(1957), ताप के ताए हुए दिन(1980), शब्द(1980), उस जनपद का कवि हूँ (1981)

नागार्जुन 

हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे।

युगधारा,  सतरंगे पंखों वाली, भूमिजा

कवि और रचना Question 3:

कवि नागार्जुन के किस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. अकाल और उसके बाद 
  2. गुलाबी चूड़ियाँ 
  3. बादल को घिरते देखा है 
  4. कालिदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बादल को घिरते देखा है 

कवि और रचना Question 3 Detailed Solution

कवि नागार्जुन के कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग हुआ है - बादल को घिरते देखा है 

Key Points

  • इस कविता में बादल का मानवीकरण किया गया है। अतः मानवीकरण अलंकार का प्रयोग है।
  • यह कविता कविवर नागार्जुन द्वारा रचित है।
  • इस कविता में कवि ने हिमालय पर्वत की स्वच्छ, निर्मल और बऱ से ढकी सफ़ेद चोटियों पर घिरते बादल का वर्णन किया है।

Important Points बादल को घिरते देखा है -  

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1953 ई. 
  • विषय -
    • ​इस कविता में नागार्जुन ने बादल और प्रकृति के कई रूपों का वर्णन किया है।
    • इस कविता में हिमालय के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया गया है।
    • काव्य संग्रह युगधारा (1953 ई.) में संकलित है।

गुलाबी चूड़ियाँ -

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1961 ई. 
  • विषय -
    • इस कविता में बस में लटकी हुई गुलाबी चूड़ियां, 
    • बस ड्राइवर के बच्ची के प्रति और बच्ची के अपने पिता के प्रति प्रेम की सूचक हैं।
    • इस कविता में साधारण लोगों के जीवन में प्रेम के महत्व को दिखाया गया है

अकाल और उसके बाद -

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1952 ई. 
  • विषय -
    • यह कविता अकाल के दौरान हुई भुखमरी और मौत का वर्णन करती है।
    • यह कविता अकाल के बाद की स्थिति को भी दिखाती है।

कालिदास -

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1959 ई. 
  • विषय -
    • इस कविता में नागार्जुन ने संस्कृत के महाकवि कालिदास के ज़रिए कविता रचना की बात की है।
    • यह कविता नागार्जुन के 'सतरंगे पंखों वाली' कविता संग्रह में है।

Additional Information नागार्जुन -

  • (30 जून 1911 - 5 नवम्बर 1998)
  • हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। 
  • कविता-संग्रह-
    • युगधारा (1953)
    • सतरंगे पंखों वाली (1959)
    • प्यासी पथराई आँखें (1962)
    • तालाब की मछलियाँ (1974)
    • तुमने कहा था (1980)
    • खिचड़ी विप्लव देखा हमने (1980)
    • हजार-हजार बाँहों वाली (1981)
    • पुरानी जूतियों का कोरस (1983)
    • रत्नगर्भ (1984)
    • ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या!! (1985)
    • आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने (1986)
    • इस गुब्बारे की छाया में (1990)
    • भूल जाओ पुराने सपने (1994)
    • अपने खेत में (1997)

कवि और रचना Question 4:

नागार्जुन के किस कविता में वात्सल्य प्रेम की रस धारा का स्पष्ट चित्रण किया गया है?

  1. बादल को घिरते देखा है
  2. गुलाबी चूड़ियाँ
  3. अकाल और उसके बाद
  4. कालिदास 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : गुलाबी चूड़ियाँ

कवि और रचना Question 4 Detailed Solution

नागार्जुन के कविता में वात्सल्य प्रेम की रस धारा का स्पष्ट चित्रण किया गया है - गुलाबी चूड़ियाँ

Key Pointsगुलाबी चूड़ियाँ -

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1961 ई. 
  • विषय -
    • इस कविता में बस में लटकी हुई गुलाबी चूड़ियां, 
    • बस ड्राइवर के बच्ची के प्रति और बच्ची के अपने पिता के प्रति प्रेम की सूचक हैं
    • इस कविता में साधारण लोगों के जीवन में प्रेम के महत्व को दिखाया गया है

Important Pointsबादल को घिरते देखा है -  

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1953 ई. 
  • विषय -
    • ​इस कविता में नागार्जुन ने बादल और प्रकृति के कई रूपों का वर्णन किया है।
    • इस कविता में हिमालय के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया गया है
    • काव्य संग्रह युगधारा (1953 ई.) में संकलित है।

अकाल और उसके बाद -

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1952 ई. 
  • विषय -
    • यह कविता अकाल के दौरान हुई भुखमरी और मौत का वर्णन करती है
    • यह कविता अकाल के बाद की स्थिति को भी दिखाती है

कालिदास -

  • रचनाकार - नागार्जुन 
  • विधा - कविता
  • प्रकाशन वर्ष - 1959 ई. 
  • विषय -
    • इस कविता में नागार्जुन ने संस्कृत के महाकवि कालिदास के ज़रिए कविता रचना की बात की है।
    • यह कविता नागार्जुन के 'सतरंगे पंखों वाली' कविता संग्रह में है।

Additional Informationनागार्जुन -

  • (30 जून 1911 - 5 नवम्बर 1998)
  • हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। 
  • कविता-संग्रह-
    • युगधारा (1953)
    • सतरंगे पंखों वाली (1959)
    • प्यासी पथराई आँखें (1962)
    • तालाब की मछलियाँ (1974)
    • तुमने कहा था (1980)
    • खिचड़ी विप्लव देखा हमने (1980)
    • हजार-हजार बाँहों वाली (1981)
    • पुरानी जूतियों का कोरस (1983)
    • रत्नगर्भ (1984)
    • ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या!! (1985)
    • आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने (1986)
    • इस गुब्बारे की छाया में (1990)
    • भूल जाओ पुराने सपने (1994)
    • अपने खेत में (1997)

कवि और रचना Question 5:

निम्न में से किस कवि को 'केन का कवि' कहा जाता है?

  1. केदारनाथ सिंह
  2. केदारनाथ अग्रवाल
  3. त्रिलोचन
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केदारनाथ अग्रवाल

कवि और रचना Question 5 Detailed Solution

केदारनाथ अग्रवाल को 'केन का कवि' कहा जाता है। 

Key Pointsकेदारनाथ अग्रवाल-

  • जन्म-1911-2000 ई. 
  • प्रगतिवादी कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • युग की गंगा(1947 ई.)
    • फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965 ई.)
    • गुलमेहंदी(1978 ई.)
    • पंख और पतवार(1979 ई.)
    • अपूर्वा(1984 ई.) आदि। 

Important Pointsकेदारनाथ सिंह-

  • जन्म-1934-2018 ई. 
  • तीसरे सप्तक के कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • अभी बिल्कुल अभी(1960 ई.)
    • जमीन पक रही है(1980 ई.)
    • अकाल में सारस(1988 ई.)
    • बाघ(1996 ई.)
    • तालस्ताय और साइकिल(2005 ई.) आदि। 

त्रिलोचन-

  • जन्म-1917-2007 ई. 
  • प्रगतिवादी कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • धरती(1945 ई.)
    • गुलाब और बुलबुल(1956 ई.)
    • दिगंत(1957 ई.)
    • उस जनपद का कवि हूँ(1981 ई.) आदि। 

हरिनारायण व्यास-

  • जन्म-1923-2013 ई. 
  • दूसरे सप्तक के कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • मृग और तृष्णा(1968 ई.)
    • त्रिकोण पर सूर्योदय(1980 ई.) आदि। 

Top कवि और रचना MCQ Objective Questions

हिंदी के किस कवि ने मैथिली में यात्री नाम से कविताएं लिखी हैं?

  1. नरेश मेहता
  2. नागार्जुन
  3. विपिन कुमार अग्रवाल
  4. धूमिल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नागार्जुन

कवि और रचना Question 6 Detailed Solution

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'नागार्जुन' ने हिंदी में मैथिली में 'यात्री' नाम से कविताये लिखी।

Key Points

  • नागार्जुन(1911-1998ई.)-मूल नाम:वैद्यनाथ मिश्र,साहित्यिक नाम:यात्री
  • प्रगतिवाद का 'शलाका पुरुष' कहा जाता है।
  • रचनाएँ-युगधारा(1953),सतरंगे पंखों वाली(1959),प्यासी पथराई आँखे(1962),खिचड़ी विप्लप देखा हमने(1980),पुरानी जूतियों का कोरस(1989)आदि।

Important Points

कवि कृतियाँ
नरेश मेहता बनपाखी सुनो(1957),बोलने दो चीड़ को(1961),उत्सवा(1979)आदि।
विपिन कुमार अग्रवाल धुँए की लकीरें(1956),ढूँढा और पाया(1991) आदि।
सुदामा पांडे धूमिल संसद से सड़क तक(1972),कल सुनना मुझे(1976),सुदामा पांडे का प्रजातंत्र(1984)आदि।

निम्न विकल्पों में से कौन-सा एक विकल्प 'रचनाकार - रचना' की दृष्टि से गलत है?

  1. नागार्जुन-युगधारा
  2. त्रिलोचन-धरती
  3. केदारनाथ अग्रवाल -युग की गंगा
  4. शिवमंगल सिंह 'सुमन'-वीणा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : शिवमंगल सिंह 'सुमन'-वीणा

कवि और रचना Question 7 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 4 सही हैं| 

Key Points

  • उपर्युक्त सभी रचनाकार प्रगतिवादी हैं|
  • प्रगतिवाद का समय 1936 ई. से 1942 ई. हैं| 
  • 'सुमन' की प्रमुख कविताएँ हैं –हम पंछी उन्मुक्त गगन के,पर आँखे नहीं भरी,रणभेरी आदि|
  • वीणा(1927) सुमित्रानंदन पंत का काव्य संग्रह हैं|

Additional Information

रचनाकार  कृतियाँ 
शिवमंगल सिंह 'सुमन'  हिल्लोल(1939),जीवन के गान(1942),विंध्य हिमाचल(1960)मिट्टी की बारात(1972)
नागार्जुन  युगधारा(1953),सतरंगे पंखों वाली(1959), भसमांकुर(1971),तुमने कहा था(1980)
त्रिलोचन  धरती(1945),दिगंत(1957),उस जनपथ का कवि हूँ(1981)
केदारनाथ अग्रवाल  युग की गंगा(1947),फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965),गुलमेंहदी(1978)

'तुम्हें सौपता हूँ' किसकी काव्य रचना है?

  1. त्रिलोचन
  2. केदारनाथ अग्रवाल
  3. नागार्जुन
  4. शमशेर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : त्रिलोचन

कवि और रचना Question 8 Detailed Solution

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'तुम्हे सौपता हूँ' यह काव्य रचना 'त्रिलोचन' द्वारा लिखी गई है।
Key Points
  • त्रिलोचन की कृतियाँ :
  • धरती(1945),
  • गुलाब और बुलबुल(1956),
  • दिगंत(1957),
  • ताप के ताए हुए दिन(1980),
  • शब्द(1980),
  • उस जनपद का कवि हूँ (1981)
  • अरधान (1984),
  • तुम्हें सौंपता हूँ(1985),
Additional Information
  • केदारनाथ अग्रवाल के प्रमुख कविता संग्रह है : (1) युग की गंगा, (2) फूल नहीं, रंग बोलते हैं, (3) गुलमेंहदी, (4) हे मेरी तुम!,
  • (5) बोलेबोल अबोल, (6) जमुन जल तुम, (7) कहें केदार खरी खरी, (8) मार प्यार की थापें आदि।
  • नागार्जुन की कवितायें - हज़ार-हज़ार बाहों वाली, सतरंगे पंखोवाली, खिचड़ी विप्लव देखा हमने, युगधारा, इस गुब्बारे की छाया में
  • शमशेर बहादुर सिंह दूसरे सप्तक के कवि है । इनके 1956 और 1961 में दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुए- 'कुछ कविताएँ' और 'कुछ और कविताएँ'

बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' कृत काव्य इनमें से कौन है?

  1. रेणुका
  2. हम विषपायी जनम के
  3. हिमकिरीटिनी
  4. मिलन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : हम विषपायी जनम के

कवि और रचना Question 9 Detailed Solution

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हम विषपायी जनम के बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' कृत काव्य है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 हम विषपायी जनम के होगा ।

Key Points

  • शर्माजी के साहित्यिक जीवन की पहली रचना 'सन्तू' नामक एक कहानी थी। इसे उन्होंने छपने के लिए सरस्वती में भेजा था। इसके बाद वे कविता की तरफ मुड़े।
  • 'जीव ईश्वर वार्तालाप' शीर्षक की कविता से हिन्दी जगत इन्हें पहचानने लगा।
  • इनके महत्वपूर्ण काव्यग्रंथ हैं- कुमकुम, रश्मिरेखा, अपलक, क्वासि, उर्मिला, विनोबा स्तवन, प्राणार्पण तथा हम विषपायी जन्म के। पहली जेलयात्रा के दौरान उर्मिला की शुरूआत की।

Additional Information

रचनाकार

रचना

रामधारी सिंह दिनकर

रेणुका

बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'

हम विषपायी जनम के

माखनलाल चतुर्वेद्दी

हिमकिरीटिनी

रामनरेश त्रिपाठी

मिलन

निम्नलिखित में भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाएँ हैं

  1. गीत फरोश, कमल के फूल, सतपुड़ा के जंगल
  2. ब्रह्मराक्षस, ठंडा लोहा, अंधा युग
  3. गीत फरोश, अंधा युग, सतपुड़ा के जंगल
  4. गीत फरोश, ठंडा लोहा, सतपुड़ा के जंगल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गीत फरोश, कमल के फूल, सतपुड़ा के जंगल

कवि और रचना Question 10 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "गीत फरोश, कमल के फूल, सतपुड़ा के जंगल" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • भवानी प्रसाद मिश्र 
    • गीत फरोश, टूटने का सुख, वाणी की दीनता, सतपुड़ा के जंगल, कमल के फूल भवानी प्रसाद मिश्र की चर्चित कविताएं हैं।
    • भवानी प्रसाद मिश्र को सहजता का कवि कहा जाता है।
    • 'दूसरा सप्तक' के प्रथम कवि हैं। 
    • प्यार से लोग उन्हें भवानी भाई कहकर सम्बोधित किया करते थे।
Additional Information
  • भवानी प्रसाद मिश्र के कविता संग्रह
    • गीत फरोश (1956), चकित है दुख (1968), अंधेरी कविताएँ (1968), गाँधी पंचशती (1970), बुनी हुई रस्सी (1971), खुशबू के शिलालेख (1973),व्यक्तिगत (1973), परिवर्तन जिए (1976)
    • त्रिकाल सन्ध्या (1978), अनाम तुम आते हो(1979), इदम् न मम(1977), शरीर कविता : फसलें और फूल (1980), मानसरोवर दिन(1981), सम्प्रति(1982), तूस की आग(1985), कालजयी(1980), नीली रेखा तक(1984)

प्रयोगवाद के प्रवर्तक के अनुसार प्रयोगवादी कवि का मुख्य तथ्य क्या था?

  1. नये काव्य उपकरगों का प्रयोग
  2. भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा
  3. नई राहों का अन्वेशण
  4. काव्य की पूर्व परम्परा का निषेध

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा

कवि और रचना Question 11 Detailed Solution

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प्रयोगवाद के प्रवर्तक के अनुसार प्रयोगवादी कवि का मुख्य तथ्य  था- 'भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा', अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 2  'भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा' सही उत्तर होगा। 

Key Points

  • प्रयोगवादी काव्यधारा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) –
  1. अतियथार्थवादिता
  2. बौद्धिकता की अतिशयता
  3. घोर वैयक्तिकता
  4. वाद व विचारधारा का विरोध
  5. नवीन उपमानों का प्रयोग
  6. भाषा की स्वच्छंदता
  7. निराशावाद
  8. साहस और जोखिम
  9. वैचित्र्य प्रदर्शन (शिल्पगत वैशिष्ट्य)
  10. निरंतर प्रयोगशीलता
  11. व्यापक अनास्था की भावना
  12. सामाजिक यथार्थवाद की भावना
  13. शृंगार का उन्मुक्त चित्रण
  14. क्षणवाद
  15. कुण्ठा और निराशा का चित्रण
  16. नग्नता (भदेस) का निरुपण

'विप्लव-गायन' कविता का मूल भाव हैः

  1. अवसरवादिता के प्रति व्यंग्य
  2. जड़ता के विरुद्ध विकास एवं गतिशालता
  3. बाह्माचार के प्रति आक्रोश
  4. नगरीय संस्कृति के प्रति व्यंग्य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : जड़ता के विरुद्ध विकास एवं गतिशालता

कवि और रचना Question 12 Detailed Solution

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'विप्लव-गायन' कविता का मूल भाव जड़ता के विरुद्ध विकास एवं गतिशालता है। Key Points

  • 'विप्लव-गायन' कविता का मूल भाव जड़ता के विरुद्ध विकास एवं गतिशालता है एवं नवनिर्माण के लिय जनता को प्रेरित करना है। 
  • इस कविता का शीर्षक 'विप्लव-गायन' रखा गया है जिसका अर्थ है क्रांति के लिए आह्वान करना। 

Additional Information

'विप्लव-गायन' बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' की कविता है

बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' की अन्य रचनाए

कुमकुम (1936),

रश्मि रेखा (1951),

अपलक (1952),

पुरस्कार  बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन 1960 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। 

'संसद से सड़क तक' काव्य संग्रह का रचयिता कौन है?

  1. केदारनाथ अग्रवाल
  2. धूमिल
  3. त्रिलोचन
  4. नागार्जुन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : धूमिल

कवि और रचना Question 13 Detailed Solution

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  • धूमिल यहाँ उचित विकल्प है|
  • संसद से सड़क तक सुदामा पाण्डेय धूमिल जी की रचना है।


Important Points

  • अन्य याद रखने योग्य रचनाएँ-
    • नक्सलबाड़ी- संसद से सड़क तक - 1972
    • मोचीराम- संसद से सड़क तक - 1972
    • अकाल दर्शन - संसद से सडक तक - 1972
    • रोटी और संसद- कल सुनना मुझे - 1977


Additional Information

  • अज्ञेय - हरीघास पर क्षण भर, इंद्रधनुष रौंदे हुए, बावरा अहेरी, महावृक्ष के नीचे, कितनी नावों में कितनी बार, नदी के द्वीप, असाध्य वीणा। 
  • मुक्तिबोध - चाँद का मुंह टेढ़ा है, भूरि-भूरि खाक धूल, ब्रह्मराक्षस, अंधेरे में। 
  • त्रिलोचन - धरती, गुलाब और बुलबुल, शब्द, उन जनपद का कवि हूँ, तुम्हें सौंपता हूँ। 

'संसद से सड़क तक' किसकी रचना है?

  1. अज़ेय की
  2. धूमिल की
  3. मुक्तिबोध की
  4. निराला की

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : धूमिल की

कवि और रचना Question 14 Detailed Solution

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  • 'संसद से सड़क तक' धूमिल की क्रान्तिकारी रचना है।

Key Points

  • “और अब तो हवा भी बुझ चुकी है
    और सारे इश्तहार उतार लिए गए हैं
    जिनमें कल आदमी -
    अकाल था।"
  • उपर्युक्त पंक्तियां धूमिल की कविता "नक्सलबाड़ी" की है।
  • यह "संसद से सड़क तक"  में संकलित है।
  • इसका रचना वर्ष 1972 ईस्वी है।
Important Points
  • संसद से सड़क तक- धूमिल का पहला काव्य-संग्रह है।
  • इस काव्य-संग्रह में 25 कविताएं हैं जिनमें 'मोचीराम', 'नक्सलबाड़ी', 'कविता' और 'पटकथा' आदि प्रसिद्ध कविताएं हैं।

'वह चिड़िया जो' कविता के रचयिता हैं :

  1. कुँवर नारायण
  2. सुमित्रानंदन पंत
  3. सुभद्रा कुमारी चौहान
  4. केदारनाथ अग्रवाल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : केदारनाथ अग्रवाल

कवि और रचना Question 15 Detailed Solution

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'वह चिड़िया जो' कविता के रचयिता हैं- केदारनाथ अग्रवाल

वह चिड़िया जो-

  • रचनाकार-केदारनाथ अग्रवाल 
  • विधा-कविता 
  • विषय-
    • इसमें नीले पंखों वाली चिड़ियाँ के बारे में बताया गया है। 

Key Pointsकेदारनाथ अग्रवाल-

  • जन्म-1911-2000 ई. 
  • प्रगतिवाद के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • काव्य रचनाएँ-
    • युग की गंगा(1947 ई.)
    • लोक और आलोक(1957 ई.)
    • फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965 ई.)
    • गुलमेहंदी(1978 ई.)
    • पंख और पतवार(1979 ई.) आदि। 

Important Pointsकुँवर नारायण-

  • जन्म-1927-1917 ई. 
  • काव्य रचनाएँ-
    • चक्रव्यूह(1956 ई.)
    • परिवेश: हम तुम(1961 ई.)
    • आत्मजयी(1965 ई.)
    • अपने सामने(1979 ई.) आदि। 

सुमित्रानंदन पंत-

  • जन्म-1900-1977 ई. 
  • काव्य रचनाएँ-
    • ग्रन्थि(1920 ई.)
    • पल्लव(1926 ई.)
    • युगांत(1936 ई.)
    • युगवाणी(1939 ई.)
    • स्वर्ण किरण(1947 ई.) आदि। 

सुभद्रा कुमारी चौहान-

  • जन्म-1904-1948 ई. 
  • काव्य रचनाएँ-
    • मुकुल(1930 ई.)
    • त्रिधारा आदि।
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