असंगति MCQ Quiz - Objective Question with Answer for असंगति - Download Free PDF

Last updated on Mar 28, 2025

Latest असंगति MCQ Objective Questions

असंगति Question 1:

कार्य और कारण में संगति न होने पर कौन सा अलंकार होता है?

  1. विभावना
  2. निर्देशना
  3. असंगति
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : असंगति

असंगति Question 1 Detailed Solution

कार्य और कारण में संगति न होने पर असंगति अलंकार होता है। 

Key Points

  • जहाँ आपातत: विरोध दृष्टिगत होते हुए, कार्य और कारण का वैयाधिकरण्य वर्णित हो, वहाँ असंगति अलंकार होता है। इसमें दो वस्तुओं का वर्णन होता है, जिनमें कारण कार्य सम्बन्ध होता है। 
  • जैसे - तुमने पैरों में लगाई मेंहदी 
  • मेरी आँखों में समाई मेंहदी। 
  • उपर दिए गए वाक्य में मेंहदी लगाने का काम पाँव में हुआ, किंतु उसका परिणाम आँखों में दिखाई पड़ रहा है। इसलिए यहाँ ‘असंगति’ अलंकार है। 

Additional Information

अलंकार परिभाषा  उदाहरण 
विभावना अलंकार  जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है। 
 
बिनु पग चलै सुनै बिनु काना।
 निदर्शना अलंकार जहाँ उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य के अर्थ में भेद होते हुए भी फल एक होने से कारण उसमें अभेद ( समानता ) बताया जाता है , उसे निदर्शना अलंकार कहते हैं । 
 
सविता गहि भूमि मै डारिबो है ।
विशेषोक्ति अलंकार  कारण के उपस्थित रहने पर भी जब कोई कार्य का न होना वर्णित किया जाए, तब वहां विशेषोक्ति अलंकार होता है।
 
फूलै-फलै न बेंत, जदपि सुधा बरसहि जलद।

असंगति Question 2:

राज देन कहुँ सुभ दिन साधा, कह्यो जान बन केहि अपराधा॥

दी गई पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

  1. विरोधाभास
  2. असंगति
  3. काव्यलिंग
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : असंगति

असंगति Question 2 Detailed Solution

इसका सही उत्तर "असंगति "है। 
Key Points 
असंगति अलंकार-  

  • जब कारण और कार्य के बीच संगति (सम्बन्ध) न हो, अर्थात कार्य कहीं होता है और कारण कहीं और घटित होता है।
  • यह अलंकार विशेषतः तब प्रकट होता है जब कोई कार्य अपेक्षित कारणों से हटकर होता है, जिससे अर्थ का एक असंगत या अनपेक्षित विस्तार होता है।

 

  • उदाहरण: में दी गई पंक्ति "राज देन कहुँ सुभ दिन साधा, कह्यो जान बन केहि अपराधा
  • यहाँ  वक्ता ने किसी शुभ दिन को चुनकर राज-पाट सौंपने की प्रक्रिया की और उसके बावजूद, उन्हें वनवास की स्थिति में जाना पड़ता है।
  • यहाँ पर कारण (शुभ दिन पर राज्याभिषेक) और कार्य (वन में जाने की स्थिति) के बीच सीधा संबंध नहीं बैठता है।
  • ऐसी स्थिति में, जहाँ अपेक्षा के विपरीत परिणाम हो, वहाँ असंगति अलंकार होता है।

Additional Information अन्य विकल्प:
विरोधाभास
:

  • विरोधाभास वह अलंकार होता है जहाँ दो पूर्णतः विपरीत विचार या भावनाएँ एक साथ प्रस्तुत की जाती हैं।
  • हालांकि, उपरोक्त पंक्ति में प्रत्यक्ष विरोधाभास नहीं है, बल्कि एक विपरीत परिस्थिति का वर्णन है।

निदर्शना:

  • निदर्शना में किसी विषय या तथ्य की विशेषताओं को उदाहरणों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है।
  • यह विधि तुलनात्मक निरूपण के लिए इस्तेमाल होती है, जो इस पंक्ति में नहीं दिखती।

काव्यलिंग:

  • काव्यलिंग अलंकार में विशेषताएँ या लक्षणों के आधार पर किसी निश्चित निर्णय तक पहुँचना दर्शाया जाता है,
  • यह अधिकतर काव्य रचना में विशेष अभिव्यक्ति देने के लिए प्रयोग होता है। इस पंक्ति में काव्यलिंग का प्रयोग नहीं है।

असंगति Question 3:

राज देन कहुँ सुभ दिन साधा, कह्यो जान बन केहि अपराधा॥

दी गई पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

  1. विरोधाभास
  2. निदर्शना
  3. काव्यलिंग
  4. असंगति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : असंगति

असंगति Question 3 Detailed Solution

इसका सही उत्तर "असंगति "है। 
Key Points 
असंगति अलंकार-  

  • जब कारण और कार्य के बीच संगति (सम्बन्ध) न हो, अर्थात कार्य कहीं होता है और कारण कहीं और घटित होता है।
  • यह अलंकार विशेषतः तब प्रकट होता है जब कोई कार्य अपेक्षित कारणों से हटकर होता है, जिससे अर्थ का एक असंगत या अनपेक्षित विस्तार होता है।

 

  • उदाहरण: में दी गई पंक्ति "राज देन कहुँ सुभ दिन साधा, कह्यो जान बन केहि अपराधा
  • यहाँ  वक्ता ने किसी शुभ दिन को चुनकर राज-पाट सौंपने की प्रक्रिया की और उसके बावजूद, उन्हें वनवास की स्थिति में जाना पड़ता है।
  • यहाँ पर कारण (शुभ दिन पर राज्याभिषेक) और कार्य (वन में जाने की स्थिति) के बीच सीधा संबंध नहीं बैठता है।
  • ऐसी स्थिति में, जहाँ अपेक्षा के विपरीत परिणाम हो, वहाँ असंगति अलंकार होता है।

Additional Information अन्य विकल्प:
विरोधाभास
:

  • विरोधाभास वह अलंकार होता है जहाँ दो पूर्णतः विपरीत विचार या भावनाएँ एक साथ प्रस्तुत की जाती हैं।
  • हालांकि, उपरोक्त पंक्ति में प्रत्यक्ष विरोधाभास नहीं है, बल्कि एक विपरीत परिस्थिति का वर्णन है।

निदर्शना:

  • निदर्शना में किसी विषय या तथ्य की विशेषताओं को उदाहरणों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है।
  • यह विधि तुलनात्मक निरूपण के लिए इस्तेमाल होती है, जो इस पंक्ति में नहीं दिखती।

काव्यलिंग:

  • काव्यलिंग अलंकार में विशेषताएँ या लक्षणों के आधार पर किसी निश्चित निर्णय तक पहुँचना दर्शाया जाता है,
  • यह अधिकतर काव्य रचना में विशेष अभिव्यक्ति देने के लिए प्रयोग होता है। इस पंक्ति में काव्यलिंग का प्रयोग नहीं है।

असंगति Question 4:

कार्य और कारण में संगति न होने पर कौन सा अलंकार होता है?

  1. विभावना
  2. निर्देशना
  3. असंगति
  4. विशेषोक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : असंगति

असंगति Question 4 Detailed Solution

कार्य और कारण में संगति न होने पर असंगति अलंकार होता है। 

Key Points

  • जहाँ आपातत: विरोध दृष्टिगत होते हुए, कार्य और कारण का वैयाधिकरण्य वर्णित हो, वहाँ असंगति अलंकार होता है। इसमें दो वस्तुओं का वर्णन होता है, जिनमें कारण कार्य सम्बन्ध होता है। 
  • जैसे - तुमने पैरों में लगाई मेंहदी 
  • मेरी आँखों में समाई मेंहदी। 
  • उपर दिए गए वाक्य में मेंहदी लगाने का काम पाँव में हुआ, किंतु उसका परिणाम आँखों में दिखाई पड़ रहा है। इसलिए यहाँ ‘असंगति’ अलंकार है। 

Additional Information

अलंकार परिभाषा  उदाहरण 
विभावना अलंकार  जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है। 
 
बिनु पग चलै सुनै बिनु काना।
 निदर्शना अलंकार जहाँ उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य के अर्थ में भेद होते हुए भी फल एक होने से कारण उसमें अभेद ( समानता ) बताया जाता है , उसे निदर्शना अलंकार कहते हैं । 
 
सविता गहि भूमि मै डारिबो है ।
विशेषोक्ति अलंकार  कारण के उपस्थित रहने पर भी जब कोई कार्य का न होना वर्णित किया जाए, तब वहां विशेषोक्ति अलंकार होता है।
 
फूलै-फलै न बेंत, जदपि सुधा बरसहि जलद।

असंगति Question 5:

'दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति' इस पद में कौन सा अलंकार है?

  1. विशेषोक्ति
  2. विभावना
  3. असंगति
  4. विरोधाभास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : असंगति

असंगति Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर 'असंगतिहैं।

  • 'दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति' इस पद में असंगति अलंकार हैं।
  • जहाँ कारण एक स्थान पर तथा कार्य दूसरे या अन्य स्थान पर घटित होना वर्णित होता है वहाँ असंगति अलंकार होता है। (साथ रहने वाली वस्तुओं को अलग- अलग कर देना ही असंगति है।)
  • उदाहरण: पीर राम उर उठी, लग्यो लखन के घाव।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

  • विशेषोक्ति: जहां पर कारण के होने पर भी कार्य न हो वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।
  • विभावना: जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य सिद्ध हो वहां विभावना अलंकार होता है।
  • उदाहरण: बिनु पग चलै सुनें बिनु काना।कर बिनु करम करै विधि नाना।।
  • विरोधाभास: "जहाँ बाहर से तो विरोध जान पड़े, किन्तु यथार्थ में विरोध न हो। जहाँ वास्तविक विरोध न होने पर भी विरोध का आभास हो वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है"।
  • उदाहरण: जब से है आँख लगी तबसे न आँख लगी। यह अथाह पानी रखता है यह सूखा-सा गात्र।

Top असंगति MCQ Objective Questions

कौन से अलंकार में कारण एक जगह और कार्य दूसरी जगह होता है?

  1. विभावना
  2. प्रतीप
  3. अन्योक्ति
  4. असंगति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : असंगति

असंगति Question 6 Detailed Solution

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पर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "असंगति अलंकार" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • असंगति अलंकार
    • जहाँ आपातत: विरोध दृष्टिगत होते हुए, कार्य और कारण का वैयाधिकरण्य वर्णित हो, वहाँ असंगति अलंकार होता है।
    • इसमें दो वस्तुओं का वर्णन होता है, जिनमें कारण कार्य सम्बन्ध होता है। इन वस्तुओं की एकदेशीय स्थिति आवश्यक है, लेकिन वर्णन भिन्नदेशत्व का किया जाता है।
    • उदाहरण
      • पिचका चलाइ और जुवती भिजाइ नेह, लोचन नचाइ मेरे अंगहि नचाइ गौ।
      • उपरोक्त पंक्तियों में क्रिया कृष्ण के नेत्रों में होती है, परन्तु प्रभाव गोपी के अंग पर होता है। उसका अंग-अंग उसके लोल लोचनों के कटाक्ष में नाच उठता है।
Additional Information
  • विभावना अलंकार
    • बिना कारण के काम हो जाना अर्थात जहाँ किसी कार्य कारण के सम्बंध में कोई विलक्षण बात कही जाती है, तब वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • प्रतीप अलंकार
    • प्रतीप का अर्थ होता है- 'उल्टा' या 'विपरीत'।
    • यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है। क्योंकि इस अलंकार में उपमान को लज्जित, पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्ठता बताई जाती है।
  • अन्योक्ति अलंकार
    • जहां उपमान के माध्यम से उपमेय का वर्णन हो। उपमान अप्रस्तुत एवं उपमेय प्रस्तुत हो , वहाँ अन्योक्ति अलंकार होता है।
    • इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं।

दृग उदझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति।

परत गांठि दुरजन हिये, दई नई यह रीति।

उपयुक्त दोहे में प्रयुक्त अलंकार है:

  1. विषम
  2. असंगति
  3. व्यतिरेक
  4. निदर्शना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : असंगति

असंगति Question 7 Detailed Solution

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उपयुक्त दोहे में असंगति अलंकार प्रयुक्त  हुआ है।  अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प  2 असंगति   सही उत्तर होगा।  

Key Points

जहाँ कारण एक स्थान पर तथा कार्य दूसरे या अन्य स्थान पर घटित होना वर्णित होता है वहाँ असंगति अलंकार होता है। (साथ रहने वाली वस्तुओं को अलग- अलग कर देना ही असंगति है।)

उदाहरण: पीर राम उर उठी, लग्यो लखन के घाव। 

Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

विषम अलंकार

अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार

कहाँ राम आ कहवाँ बाबर।

व्यतिरेक अलंकार

इस अलंकार में उपमान की अपेक्षा उपमेय को काफी बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाता है।

सिय मुख समता पाव किमि, चंद बापुरो रंक।

निदर्शना अलंकार

जब दो वस्तुओं या दो कार्यों को उनकी समानता सूचित करने के लिए एक बताया जाये जबकि वे एक न हों तो निदर्शना अलंकार होता है.

 

संधि का प्रश्न तो उठता ही नहीं- सोच लें.
देशद्रोहियों से संधि?- यह तो आत्मघात है.
चुप बैठ जाना देशद्रोहियों से संधि करके-
आँगन में सोना है, लगा के आग घर में.

 'विष पीते हैं मेघ, विरहिणी प्राण निकलते' इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ?

  1. असंगति
  2. विरोधाभास
  3. संदेह
  4. भ्रांतिमान

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : असंगति

असंगति Question 8 Detailed Solution

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विष पीते है मेघ, विरहिणी प्राण निकलते है में असंगति अलंकार है।

  • उपर्युक्त पंक्ति में विष मेघ के द्वारा किया जा रहा है तथा प्राण विरहिणी के निकल रहे हैं।
  • अतः कारण व कार्य असंगत है इस वजह से यहाँ पर असंगति अलंकार है।
Key Points

असंगति अलंकार

  • 'असंगति’ का मतलब संगति का न होना होता है।
  • जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन किया जाय तब वहाँ ‘असंगति’ अलंकार होता है।
  • जैसे-
    • "तुमने पैरों में लगाई मेंहदी 
    • मेरी आँखों में समाई मेंहदी।" 
    • उपर दिए गए वाक्य में मेंहदी लगाने का काम पाँव में हुआ, किंतु उसका परिणाम आँखों में दिखाई पड़ रहा है। इसलिए यहाँ ‘असंगति’ अलंकार है।
Additional Information

विरोधाभास अलंकार

  • विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।
  • उदाहरण-
    • "मोहब्बत एक मीठा ज़हर है"
    • इस वाक्य में ज़हर को मीठा बताया गया है जबकि ये ज्ञातव्य है कि ज़हर मीठा नहीं होता।

संदेह अलंकार

  • जब उपमेय में उपमान के संशय का आभास हो, अर्थात किसी वस्तु को देखकर निश्चय ना हो पाना, तब संदेह अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • "सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।
    • सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है।"
    • स्पष्टीकरण- साड़ी के बीच नारी है या नारी के बीच साडी इसका निश्चय नहीं हो पाने के कारण सन्देह अलंकार है।

भ्रांतिमान अलंकार

  • जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं।
    • उदाहरण -
    • "नाक का मोती अधर की कान्ति से,
    • बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से।
    • देखकर सहसा हुआ शुक मौन है।
    • सोचता है अन्य शुक यह कौन है?"
    • उपरोक्त पंक्तियों में नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है, इसीलिए यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है। 

Confusion Points

संदेह अलंकार में हम भ्रम स्वयं दूर कर सकते हैं तथा अनिश्चितता की स्थिति बनी रहती है।

  • जैसे नारी है या साड़ी ये हम पता लगा सकते हैं।

जबकि भ्रांतिमान में झूठ निश्चित हो जाता है तथा भ्रम दूर नहीं कर पाते

  • जैसे नाक को तोते का भ्रम निश्चय हो गया है।

दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित्त प्रीति। परत गाँठ दुरजन हिये, दई नई यह रीति।। इस में कौनसा अलंकार है? 

  1. विरोधाभास 
  2. असंगति 
  3. विभावना 
  4. भ्रांतिमान 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : असंगति 

असंगति Question 9 Detailed Solution

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दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित्त प्रीति। परत गाँठ दुरजन हिये, दई नई यह रीति।। इस में असंगति अलंकार है।

पंक्तियों का अर्थ-

  • प्रेम की रीति अनूठी है।
  • इसमें उलझते तो नयन हैं,पर परिवार टूट जाते हैं
  • प्रेम की यह रीति नई है इससे चतुर प्रेमियों के चित्त तो जुड़ जाते हैं पर दुष्टों के हृदय में गांठ पड़ जाती है।

Key Pointsअसंगति अलंकार-

  • जहाँ आपातत: विरोध दृष्टिगत होते हुए, कार्य और कारण का वैयाधिकरण्य वर्णित हो, वहाँ असंगति अलंकार होता है।
  • इसमें दो वस्तुओं का वर्णन होता है, जिनमें कारण कार्य सम्बन्ध होता है।
  • इन वस्तुओं की एकदेशीय स्थिति आवश्यक है, लेकिन वर्णन भिन्नदेशत्व का किया जाता है।
  • उदाहरण-
    • "हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरे"
    • घाव तो लक्ष्मण के हृदय में हैं, पर पीड़ा राम को है, अत: यहाँ असंगति अलंकार है।

Important Pointsविरोधाभास अलंकार-

  • जहां पर संयोग में विरोध दिखाया जाए अर्थात जहां विरोध न होने पर भी विरोध दिखाया जाता है, वहां पर विरोधाभास अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • तंत्रीनाद, कवित्त रस, सरस राग, रति रंग,अनबूड़े बूड़े तिरे जे बूड़े सब अंग।।

विभावना अलंकार-

  • जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • बिनु पग चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना॥

भ्रांतिमान अलंकार-

  • जब किसी पद में किसी सादृश्य विशेष के कारण उपमेय (जिसकी तुलना की जाए) में उपमान (जिससे तुलना की जाए) का भ्रम उत्पन्न हो जाता है तो वहाँ भ्रांतिमान अलंकार माना जाता है।
  • उदाहरण-
    • नाक का मोती अधर की कान्ति से, बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से। देखकर सहसा हुआ शुक मौन है। सोचता है अन्य शुक यह कौन है?
    • उपरोक्त पंक्तियों में नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है, इसीलिए यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है।

Additional Informationअलंकार-

  • शाब्दिक अर्थ है- 'आभूषण'
  • जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है
  • अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

“दृग उरझत, टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति। परति गाँठ दुरजन हिये, दई नई यह रीति।।"

पंक्तियों में अलंकार है -

  1. विरोधाभास
  2. भ्रांतिमान
  3. विभावना
  4. असंगति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : असंगति

असंगति Question 10 Detailed Solution

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“दृग उरझत, टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति। परति गाँठ दुरजन हिये, दई नई यह रीति।।" पंक्तियों में अलंकार है - असंगति। 

असंगति अलंकार-

  • ‘असंगति’ का मतलब संगति का न होना होता है।
  • जहाँ पर जो कारण होता है, कार्य भी वहीं होना चाहिए। 
  • लेकिन जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन किया जाय तब वहाँ ‘असंगति’ अलंकार होता है। 
  • उदाहरण-
    • तुमने पैरों में लगाई मेंहदी 
      मेरी आँखों में समाई मेंहदी। 

Key Points“दृग उरझत, टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति। परति गाँठ दुरजन हिये, दई नई यह रीति।।

  • रचनाकार-बिहारी
  • छंद-दोहा
  • ग्रन्थ-बिहारी सतसई
  • दोहे का अर्थ-
    • उलझते हैं नेत्र, टूटता है कुटुम्ब! प्रीति जुड़ती है चतुर के चित्त में, और गाँठ पड़ती है दुर्जन के हृदय में! हे ईश्वर! (प्रेम की) यह (कैसी) अनोखी रीति है। 

Important Pointsविभावना अलंकार-

  • जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • बिनु पग चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना॥

भ्रांतिमान अलंकार-

  • जब किसी पद में किसी सादृश्य विशेष के कारण उपमेय (जिसकी तुलना की जाए) में उपमान (जिससे तुलना की जाए) का भ्रम उत्पन्न हो जाता है तो वहाँ भ्रांतिमान अलंकार माना जाता है।
  • उदाहरण-
    • ’’ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान।’’
    • प्रस्तुत पद में हंसिनी को ओस बिन्दुओं (उपमेय) में मोती (उपमान) का भ्रम उत्पन्न हो रहा है अर्थात् वह ओस की बूँदों को मोती समझकर चुग रही हैं, अतएव यहाँ भ्रांतिमान अलंकार है

विरोधाभास अलंकार-

  • जहां पर संयोग में विरोध दिखाया जाए अर्थात जहां विरोध न होने पर भी विरोध दिखाया जाता है, वहां पर विरोधाभास अलंकार होता है
  • उदाहरण-
    • तंत्रीनाद, कवित्त रस, सरस राग, रति रंग
      अनबूड़े बूड़े तिरे जे बूड़े सब अंग।।

Additional Informationअलंकार-

  • काव्य की शोभा बढ़ाने वाले कारक

असंगति Question 11:

'दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति' इस पद में कौन सा अलंकार है?

  1. विशेषोक्ति
  2. विभावना
  3. असंगति
  4. विरोधाभास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : असंगति

असंगति Question 11 Detailed Solution

सही उत्तर 'असंगतिहैं।

  • 'दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति' इस पद में असंगति अलंकार हैं।
  • जहाँ कारण एक स्थान पर तथा कार्य दूसरे या अन्य स्थान पर घटित होना वर्णित होता है वहाँ असंगति अलंकार होता है। (साथ रहने वाली वस्तुओं को अलग- अलग कर देना ही असंगति है।)
  • उदाहरण: पीर राम उर उठी, लग्यो लखन के घाव।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

  • विशेषोक्ति: जहां पर कारण के होने पर भी कार्य न हो वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।
  • विभावना: जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य सिद्ध हो वहां विभावना अलंकार होता है।
  • उदाहरण: बिनु पग चलै सुनें बिनु काना।कर बिनु करम करै विधि नाना।।
  • विरोधाभास: "जहाँ बाहर से तो विरोध जान पड़े, किन्तु यथार्थ में विरोध न हो। जहाँ वास्तविक विरोध न होने पर भी विरोध का आभास हो वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है"।
  • उदाहरण: जब से है आँख लगी तबसे न आँख लगी। यह अथाह पानी रखता है यह सूखा-सा गात्र।

असंगति Question 12:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें, जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।

हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरै। 

  1. मानवीकरण अलंकार 
  2. असंगति अलंकार 
  3. दृष्टांत अलंकार 
  4. उपमा अलंकार 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : असंगति अलंकार 

असंगति Question 12 Detailed Solution

सही उत्तर विकल्प 2 ‘असंगति अलंकार’ है। 

Key Points

  • 'हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरै' इस काव्य पंक्ति में असंगति अलंकार है क्योंकि घाव तो लक्ष्मण के हृदय में है और पीड़ा राम को रही है
  • यहाँ कारण और कार्य में संगति नहीं बन पा रही है इसलिए असंगति अलंकार होगा। 
  • जहाँ कारण एक स्थान पर तथा कार्य दूसरे या अन्य स्थान पर घटित होना वर्णित होता है वहाँ असंगति अलंकार होता है।

अन्य विकल्प:  

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

मानवीकरण

जहाँ जड़ वस्तुओं या प्रकृति पर मानवीय चेष्टाओं का आरोप किया जाता है, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।

फूल हंसे कलियां मुसकाईं।

दृष्टांत

जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है।

एक म्यान में दो तलवारें, कभी नहीं रह सकती है। किसी और पर प्रेम नारियाँ, पति का क्या सह सकती है।

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन।

Additional Information

अलंकार

काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। अर्थात जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहा जाता है। इसके दो भेद हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार।

 

 

 

 

असंगति Question 13:

'दृग उरझत, टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति परत गाँठ दुरजन हिए, दई  नई यह रीति' उक्त पद्यांश में कौन सा अलंकार है?

  1. असंगति
  2. विशम
  3. प्रतीप
  4. संदेह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : असंगति

असंगति Question 13 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "असंगति" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • उपर्युक्त पद्यांश में असंगति अलंकार है।
  • उपर्युक्त पद्यांश में दृग उरझतअर्थात प्रेम होना बताया है परंतु उसके कारण परिवार टूटना, गाँठ बन जाना इत्यादि दर्शाया है अतः यहाँ असंगति अलंकार है।
  • उपर्युक्त दोहा बिहारी का है।
Additional Information
  • असंगति अलंकार
    • जब कारण कहीं हो और कार्य कहीं दूसरे स्थान पर तब असंगति अलंकार होता है।
    • इस अलंकार में कार्य तथा कारण की स्थिति अलग-अलग स्थान पर दिखाई जाती है।
    • प्रायः जहाँ पर कारण रहता है वहीं उससे अलग होने वाला कार्य भी रहता है, पर इस अलंकार में कारण तथा कार्य का स्थान अलग-अलग दिखाया जाता है।

असंगति Question 14:

इनमें से कौन सा कथन सही नहीं है ?

  1. उपमेय को 'प्रस्तुत और उपमान को 'अप्रस्तुत' भी कहते हैं ।
  2. जहाँ प्रस्तुत पर अप्रस्तुत का अभेद आरोप किया जाये, वहाँ रूपक अलंकार होता है।
  3. जहाँ उपमेय की उपमान से तुलना की जाये, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
  4. जहाँ बिना कारण के ही कार्य सम्पन्न हो जाये, वहाँ असंगति अलंकार होता है।
  5. उत्तर नहीं देना चाहते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जहाँ बिना कारण के ही कार्य सम्पन्न हो जाये, वहाँ असंगति अलंकार होता है।

असंगति Question 14 Detailed Solution

सही उत्तर 'जहाँ कारण के ही कार्य सम्पन्न हो जाये ,वहाँ असंगति अलंकार होता है' जो सही नही है।

Key Points

  • असंगत अलंकार - कारण कही हो और कार्य कही हों असंगत अलंकार है।
  • उदाहरणः- दृग उरसत टूटत कुटुभ जुरत चतुरचित प्रीत।

                          परत गाठ दुरजन हिये , दई नई यह रीती ।।

  • भावार्थ- उलझते हैं नेत्र, टूटता है कुटुम्ब! प्रीति जुड़ती है चतुर के चित्त में, और गाँठ पड़ती है दुर्जन के हृदय में! हे ईश्वर! (प्रेम की) यह (कैसी) अनोखी रीति है। 

Additional Information 

अलंकार परिभाषा उदाहरण 
उपमा 

उपमेय से उपमान की तुलना की जाय उसे उपमा अलंकार कहते है।

पहचान ः- सा , सी , सरिस , सम , ज्यो आदि।

1) पीपर पात सरिस मन डोला

2) मुख चंद्रमा सा सुंदर है।

रूपक  उपमेय को उपमान मान लिया जाता है।

1) चरण कलम बंदो हरि राई 

2) मुख चंद्रमा है।

यहाँ ( मुख उपमेय है जबकि चंद्रमा उपमान )

असंगति Question 15:

कौन से अलंकार में कारण एक जगह और कार्य दूसरी जगह होता है?

  1. विभावना
  2. प्रतीप
  3. अन्योक्ति
  4. असंगति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : असंगति

असंगति Question 15 Detailed Solution

पर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "असंगति अलंकार" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • असंगति अलंकार
    • जहाँ आपातत: विरोध दृष्टिगत होते हुए, कार्य और कारण का वैयाधिकरण्य वर्णित हो, वहाँ असंगति अलंकार होता है।
    • इसमें दो वस्तुओं का वर्णन होता है, जिनमें कारण कार्य सम्बन्ध होता है। इन वस्तुओं की एकदेशीय स्थिति आवश्यक है, लेकिन वर्णन भिन्नदेशत्व का किया जाता है।
    • उदाहरण
      • पिचका चलाइ और जुवती भिजाइ नेह, लोचन नचाइ मेरे अंगहि नचाइ गौ।
      • उपरोक्त पंक्तियों में क्रिया कृष्ण के नेत्रों में होती है, परन्तु प्रभाव गोपी के अंग पर होता है। उसका अंग-अंग उसके लोल लोचनों के कटाक्ष में नाच उठता है।
Additional Information
  • विभावना अलंकार
    • बिना कारण के काम हो जाना अर्थात जहाँ किसी कार्य कारण के सम्बंध में कोई विलक्षण बात कही जाती है, तब वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • प्रतीप अलंकार
    • प्रतीप का अर्थ होता है- 'उल्टा' या 'विपरीत'।
    • यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है। क्योंकि इस अलंकार में उपमान को लज्जित, पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्ठता बताई जाती है।
  • अन्योक्ति अलंकार
    • जहां उपमान के माध्यम से उपमेय का वर्णन हो। उपमान अप्रस्तुत एवं उपमेय प्रस्तुत हो , वहाँ अन्योक्ति अलंकार होता है।
    • इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं।
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