दृष्टान्त MCQ Quiz - Objective Question with Answer for दृष्टान्त - Download Free PDF

Last updated on Mar 28, 2025

Latest दृष्टान्त MCQ Objective Questions

दृष्टान्त Question 1:

निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार पहचानिए।

सुख-दुख के मधुर मिलन से, यह जीवन हो परिपूरन।

फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन। 

  1. अतिशयोक्ति अलंकार 
  2. दृष्टांत अलंकार 
  3. उल्लेख अलंकार 
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दृष्टांत अलंकार 

दृष्टान्त Question 1 Detailed Solution

उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में ‘दृष्टांत अलंकार’ है। अत: इसका उचित उत्तर विकल्प 2 दृष्टांत अलंकारहोगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण उत्तर होंगे।  

स्पष्टीकरण:

  • ‘सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरन। फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन।’ इन काव्य पंक्तियों में दृष्टांत अलंकार है।  
  • दृष्टांत अलंकार- जहां उपमेय और उपमान तथा उनके साधारण धर्मों में बिम्ब-प्रतिबिंब भाव हो।
  • अर्थात सुख-दुख के मधुर मिलन से जीवन पूर्ण हो जाता है। जीवन के दुख कभी सुख में बदलता है तो कभी सुख दुख में परिणित हो जाता है। क्योंकि कभी चाँद  बादल में छुप जाता है तो बादल चाँद के सामने आ जाते हैं। अर्थात कभी हम दुःख को पा लेते हैं या कभी दुःख खुद हमारे पास आ जाता है।
  • संसार अति सुख और दुख से पीड़ित है। सुख-दुख मानव जीवन में बराबर रहें। इसलिए यहाँ जीवन का दृश्य दिखाने के कारण दृष्टान्त अलंकार सही होगा।

Additional Information

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

 

उदाहरण

अतिशयोक्ति अलंकार

जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है।

हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि।
सगरी लंका जल गई, गये निसाचर भागि।

उल्लेख अलंकार

जहां एक वस्तु का वर्णन अनेक प्रकार से किया जाए, वहाँ उल्लेख अलंकार होता है।

तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में,

तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।

विरोधाभास अलंकार

जहां विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास दिया जाए।

इश्क इक मीठा जहर है। 

दृष्टान्त Question 2:

रहिमन आँसुवा नयन ढरि जिय दुख प्रगट करेइ जाहि निकारो गेह तें, कस न भेद कहि देइ। ।

यहाँ कौन सा अलंकार है?

  1. उपमा
  2. भ्रान्तिमान
  3. रूपक
  4. दृष्टान्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दृष्टान्त

दृष्टान्त Question 2 Detailed Solution

इन पंक्तियों में दृष्टान्त अलंकार है।

Important Pointsव्याख्या-

  • रहीम कहते हैं की आंसू नयनों से बहकर मन का दुःख प्रकट कर देते हैं। सत्य ही है कि जिसे घर से निकाला जाएगा वह घर का भेद दूसरों से कह ही देगा.

Key Pointsदृष्टान्त अलंकार-

  • ​जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • पापी मनुज भी आज मुख से राम नाम निकलते।
    • देखो भयंकर भेडिये भी आज आंसू ढलते।

Additional Informationउपमा अलंकार-

  • उपमा का अर्थ होता है -तुलना।
  • जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दुसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाये वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उदाहरण-
    • तुम्हारा मुख चन्द्रमा सा सुन्दर है।

भ्रान्तिमान अलंकार-

  • जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं
  • उदाहरण -
    • नाक का मोती अधर की कान्ति से,
      बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से।
      देखकर सहसा हुआ शुक मौन है।
      सोचता है अन्य शुक यह कौन है?

दृष्टान्त Question 3:

जहां उपमेय और उपमान के साधारण धर्म का बिम्ब प्रतिबिंब भाव दर्शित किया जाए तथा वाचक शब्द का उल्लेख ना हो, वहां कौनसा अलंकार होता है?

  1. उपमा 
  2. उत्प्रेक्षा
  3. संदेह
  4. दृष्टांत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दृष्टांत

दृष्टान्त Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर दृष्टांत अलंकार है। यह अर्थालंकार का एक प्रकार है।

Key Points जहां उपमेय और उपमान के साधारण धर्म का बिम्ब प्रतिबिंब भाव दर्शित किया जाए तथा वाचक शब्द का उल्लेख ना हो, वहां दृष्टांत अलंकार  होता है.

उदाहरण:- 1. सठ सधुरही सत संगति पाई। पारस परसि कुधातु सुहाई।

  • 2. पगीं प्रेम नंदलाल के, हमें न भावत भोग।

    मधुप राजपद पाय के, भीख ना माँगत लोग।।

Additional Information

  •  उपमा अलंकार:- जहां उपमेय और उपमान में गुण, रूप या चमत्कृत सौंदर्यमुल सादृश्य का प्रतिपादन किया जाए, वहां उपमा अलंकार होता है।
  • उत्प्रेक्षा अलंकार:- जब उपमेय में अपमान की संभावना या कल्पना की जाए तब उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यहां मनो, मानो, आदि का प्रयोग देखने को मिलता है।
  • संदेह अलंकार:- रूप रंग आदि का सादृष्य होने पर उपमेय में उपमान का संशय होने में संदेह अलंकार होता है।

दृष्टान्त Question 4:

निम्नलिखित में कौन सा कथन गलत है ?

  1. विभावना विरोधमूलक अर्थालंकार है।
  2. उपमान को अप्रस्तुत भी कहते हैं।
  3. उपमा अलंकार समस्त सादृश्यमूलक अलंकारों का प्राण है।
  4. दृष्टांत अलंकार में सामान्य कथन का समर्थन विशेष कथन द्वारा किया जाता है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दृष्टांत अलंकार में सामान्य कथन का समर्थन विशेष कथन द्वारा किया जाता है।

दृष्टान्त Question 4 Detailed Solution

गलत कथन है-दृष्टांत अलंकार में सामान्य कथन का समर्थन विशेष कथन द्वारा किया जाता है।

दृष्टांत अलंकार-

  • दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
      बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥

Key Pointsअलंकार-

  • अर्थ-अलंकृत करना या सजाना।
  • अलंकार सुन्दर वर्णो से बनते हैं और काव्य की शोभा बढ़ाते हैं।
  • ‘अलंकार शास्त्र’ में आचार्य भामह ने इसका विस्तृत वर्णन किया है।
  • वे अलंकार सम्प्रदाय के प्रवर्तक कहे जाते हैं।

अलंकार के भेद-

  • शब्दालंकार-
    • ये वर्णगत, वाक्यगत या शब्दगत होते हैं; जैसे-अनुप्रास, यमक, श्लेष आदि।
  • अर्थालंकार-
    • अर्थालंकार की निर्भरता शब्द पर न होकर शब्द के अर्थ पर आधारित होती है।
    • मुख्यतः उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, दृष्टांत, मानवीकरण आदि मुख्य अर्थालंकार हैं।
  • उभयालंकार-
    • जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों से चमत्कार या सौन्दर्य परिलक्षित हो, वहाँ उभयालंकार होता है।

Important Pointsविभावना अलंकार-

  • बिना कारण के जहां कारण के ना होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है,वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • ​बिनु पग चलै सुनें बिनु काना।
      कर बिनु करम करै विधि नाना॥ 
    • बिना पैर चलना बिना कान के सुनना, बिना हाथ के कार्य का होना ये सभी कारण के बिना ही हो रहे हैं। अतः  यहाँ विभावना अलंकार है।

उपमा अलंकार-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण,आकृति,स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए,तब वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उपमा अलंकार में एक वस्तु या प्राणी कि तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु के साथ की जाती है।
  • उदाहरण-
    • हरि पद कोमल कमल। 
    • उदाहरण में हरि के पैरों कि तुलना कमल के फूल से की गयी है। 

Additional Informationउपमा अलंकार के 4 भेद हैं-

  • उपमेय-
    • जिस वस्तु या व्यक्ति के बारे में बात की जा रही है या जो वर्णन का विषय है वो उपमेय कहलाता है। 
  • उपमान-
    • वाक्य या काव्य में उपमेय की जिस प्रसिद्ध वस्तु से तुलना कि जा रही हो वह उपमान कहलाता है।
  • साधारण धर्म-
    • साधारण धर्म उपमान ओर उपमेय में समानता का धर्म होता है। अर्थात जो गुण उपमान ओर उपमेय दोनों में हो जिससे उन दोनों कि तुलना कि जा रही है वही साधारण धर्म कहलाता है। 
  • वाचक शब्द-
    • वाचक शब्द वह शब्द होता है जिसके द्वारा उपमान और उपमेय में समानता दिखाई जाती है। 

दृष्टान्त Question 5:

"बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें। खल के बचन संत सह जैसे॥" इस पंक्ति में कौन-से अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. विभावना
  2. दृष्टांत
  3. रुपक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दृष्टांत

दृष्टान्त Question 5 Detailed Solution

उक्त पँक्तियों में दृष्टांत अलंकार का प्रयोग किया गया है, क्योंकि दृष्टांत अलंकार के नियम के अनुसार उक्त पँक्तियों में भी खल (उपमेय) तथा बूंद (उपमान) एवं संत (उपमेय) तथा गिरि (उपमान) बिम्ब -प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हुए हैं। तो दृष्टांत अलंकार होगा। अत: सही विकल्प 2 दृष्टांत अलंकार होगा।

quesImage934

  • "बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें। खल के बचन संत सह जैसे॥"​ पंक्ति में दृष्टांत अलंकार है।
  • दिए गए उदाहरण में मुख की तुलना मयंक से की गई है
  • उपर्युक्त पंक्ति में खल (उपमेय) तथा बूंद (उपमान) एवं संत (उपमेय) तथा गिरि (उपमान) बिम्ब -प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हुए हैं।, अतः यहाँ दृष्टांत अलंकार है।
  • जहाँ उपमेय और उपमान बिम्ब प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हों, वहाँ दृष्टांत अलंकार होता है।


Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

विभावना

जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।

बिनु पग चलै सुनै बिनु काना।
कर बिनु कर्म करै विधि नाना॥

रुपक 

उपमेय और उपमान में जब अंतर दिखाई ना दे तो हम उसे रूपक अलंकार कहते हैं।

चरण-कमल बंदों हरि राई।

उपमा

जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

हरि पद कोमल कमल। 

 

Top दृष्टान्त MCQ Objective Questions

दृष्टान्त Question 6:

जहां उपमेय और उपमान के साधारण धर्म का बिम्ब प्रतिबिंब भाव दर्शित किया जाए तथा वाचक शब्द का उल्लेख ना हो, वहां कौनसा अलंकार होता है?

  1. उपमा 
  2. उत्प्रेक्षा
  3. संदेह
  4. दृष्टांत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दृष्टांत

दृष्टान्त Question 6 Detailed Solution

सही उत्तर दृष्टांत अलंकार है। यह अर्थालंकार का एक प्रकार है।

Key Points जहां उपमेय और उपमान के साधारण धर्म का बिम्ब प्रतिबिंब भाव दर्शित किया जाए तथा वाचक शब्द का उल्लेख ना हो, वहां दृष्टांत अलंकार  होता है.

उदाहरण:- 1. सठ सधुरही सत संगति पाई। पारस परसि कुधातु सुहाई।

  • 2. पगीं प्रेम नंदलाल के, हमें न भावत भोग।

    मधुप राजपद पाय के, भीख ना माँगत लोग।।

Additional Information

  •  उपमा अलंकार:- जहां उपमेय और उपमान में गुण, रूप या चमत्कृत सौंदर्यमुल सादृश्य का प्रतिपादन किया जाए, वहां उपमा अलंकार होता है।
  • उत्प्रेक्षा अलंकार:- जब उपमेय में अपमान की संभावना या कल्पना की जाए तब उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यहां मनो, मानो, आदि का प्रयोग देखने को मिलता है।
  • संदेह अलंकार:- रूप रंग आदि का सादृष्य होने पर उपमेय में उपमान का संशय होने में संदेह अलंकार होता है।

दृष्टान्त Question 7:

निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार पहचानिए।

सुख-दुख के मधुर मिलन से, यह जीवन हो परिपूरन।

फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन। 

  1. अतिशयोक्ति अलंकार 
  2. दृष्टांत अलंकार 
  3. उल्लेख अलंकार 
  4. विरोधाभास अलंकार 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दृष्टांत अलंकार 

दृष्टान्त Question 7 Detailed Solution

उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में ‘दृष्टांत अलंकार’ है। अत: इसका उचित उत्तर विकल्प 2 दृष्टांत अलंकारहोगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण उत्तर होंगे।  

स्पष्टीकरण:

  • ‘सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरन। फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन।’ इन काव्य पंक्तियों में दृष्टांत अलंकार है।  
  • दृष्टांत अलंकार- जहां उपमेय और उपमान तथा उनके साधारण धर्मों में बिम्ब-प्रतिबिंब भाव हो।
  • अर्थात सुख-दुख के मधुर मिलन से जीवन पूर्ण हो जाता है। जीवन के दुख कभी सुख में बदलता है तो कभी सुख दुख में परिणित हो जाता है। क्योंकि कभी चाँद  बादल में छुप जाता है तो बादल चाँद के सामने आ जाते हैं। अर्थात कभी हम दुःख को पा लेते हैं या कभी दुःख खुद हमारे पास आ जाता है।
  • संसार अति सुख और दुख से पीड़ित है। सुख-दुख मानव जीवन में बराबर रहें। इसलिए यहाँ जीवन का दृश्य दिखाने के कारण दृष्टान्त अलंकार सही होगा।

Additional Information

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

 

उदाहरण

अतिशयोक्ति अलंकार

जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है।

हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि।
सगरी लंका जल गई, गये निसाचर भागि।

उल्लेख अलंकार

जहां एक वस्तु का वर्णन अनेक प्रकार से किया जाए, वहाँ उल्लेख अलंकार होता है।

तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में,

तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।

विरोधाभास अलंकार

जहां विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास दिया जाए।

इश्क इक मीठा जहर है। 

दृष्टान्त Question 8:

"बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें। खल के बचन संत सह जैसे॥" इस पंक्ति में कौन-से अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. विभावना
  2. दृष्टांत
  3. रुपक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दृष्टांत

दृष्टान्त Question 8 Detailed Solution

उक्त पँक्तियों में दृष्टांत अलंकार का प्रयोग किया गया है, क्योंकि दृष्टांत अलंकार के नियम के अनुसार उक्त पँक्तियों में भी खल (उपमेय) तथा बूंद (उपमान) एवं संत (उपमेय) तथा गिरि (उपमान) बिम्ब -प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हुए हैं। तो दृष्टांत अलंकार होगा। अत: सही विकल्प 2 दृष्टांत अलंकार होगा।

quesImage934

  • "बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें। खल के बचन संत सह जैसे॥"​ पंक्ति में दृष्टांत अलंकार है।
  • दिए गए उदाहरण में मुख की तुलना मयंक से की गई है
  • उपर्युक्त पंक्ति में खल (उपमेय) तथा बूंद (उपमान) एवं संत (उपमेय) तथा गिरि (उपमान) बिम्ब -प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हुए हैं।, अतः यहाँ दृष्टांत अलंकार है।
  • जहाँ उपमेय और उपमान बिम्ब प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हों, वहाँ दृष्टांत अलंकार होता है।


Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

विभावना

जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।

बिनु पग चलै सुनै बिनु काना।
कर बिनु कर्म करै विधि नाना॥

रुपक 

उपमेय और उपमान में जब अंतर दिखाई ना दे तो हम उसे रूपक अलंकार कहते हैं।

चरण-कमल बंदों हरि राई।

उपमा

जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

हरि पद कोमल कमल। 

 

दृष्टान्त Question 9:

निम्नलिखित में कौन सा कथन गलत है ?

  1. विभावना विरोधमूलक अर्थालंकार है।
  2. उपमान को अप्रस्तुत भी कहते हैं।
  3. उपमा अलंकार समस्त सादृश्यमूलक अलंकारों का प्राण है।
  4. दृष्टांत अलंकार में सामान्य कथन का समर्थन विशेष कथन द्वारा किया जाता है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दृष्टांत अलंकार में सामान्य कथन का समर्थन विशेष कथन द्वारा किया जाता है।

दृष्टान्त Question 9 Detailed Solution

गलत कथन है-दृष्टांत अलंकार में सामान्य कथन का समर्थन विशेष कथन द्वारा किया जाता है।

दृष्टांत अलंकार-

  • दृष्टांत उपमेय वाक्य और उपमान वाक्य तथा उनके साधारण धर्मों में, बिना वाचक शब्द का प्रयोग किए, बिंब-प्रतिबिंब भाव होने पर दृष्टांत अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥
      बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥

Key Pointsअलंकार-

  • अर्थ-अलंकृत करना या सजाना।
  • अलंकार सुन्दर वर्णो से बनते हैं और काव्य की शोभा बढ़ाते हैं।
  • ‘अलंकार शास्त्र’ में आचार्य भामह ने इसका विस्तृत वर्णन किया है।
  • वे अलंकार सम्प्रदाय के प्रवर्तक कहे जाते हैं।

अलंकार के भेद-

  • शब्दालंकार-
    • ये वर्णगत, वाक्यगत या शब्दगत होते हैं; जैसे-अनुप्रास, यमक, श्लेष आदि।
  • अर्थालंकार-
    • अर्थालंकार की निर्भरता शब्द पर न होकर शब्द के अर्थ पर आधारित होती है।
    • मुख्यतः उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, दृष्टांत, मानवीकरण आदि मुख्य अर्थालंकार हैं।
  • उभयालंकार-
    • जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों से चमत्कार या सौन्दर्य परिलक्षित हो, वहाँ उभयालंकार होता है।

Important Pointsविभावना अलंकार-

  • बिना कारण के जहां कारण के ना होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है,वहाँ विभावना अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • ​बिनु पग चलै सुनें बिनु काना।
      कर बिनु करम करै विधि नाना॥ 
    • बिना पैर चलना बिना कान के सुनना, बिना हाथ के कार्य का होना ये सभी कारण के बिना ही हो रहे हैं। अतः  यहाँ विभावना अलंकार है।

उपमा अलंकार-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण,आकृति,स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए,तब वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उपमा अलंकार में एक वस्तु या प्राणी कि तुलना दूसरी प्रसिद्ध वस्तु के साथ की जाती है।
  • उदाहरण-
    • हरि पद कोमल कमल। 
    • उदाहरण में हरि के पैरों कि तुलना कमल के फूल से की गयी है। 

Additional Informationउपमा अलंकार के 4 भेद हैं-

  • उपमेय-
    • जिस वस्तु या व्यक्ति के बारे में बात की जा रही है या जो वर्णन का विषय है वो उपमेय कहलाता है। 
  • उपमान-
    • वाक्य या काव्य में उपमेय की जिस प्रसिद्ध वस्तु से तुलना कि जा रही हो वह उपमान कहलाता है।
  • साधारण धर्म-
    • साधारण धर्म उपमान ओर उपमेय में समानता का धर्म होता है। अर्थात जो गुण उपमान ओर उपमेय दोनों में हो जिससे उन दोनों कि तुलना कि जा रही है वही साधारण धर्म कहलाता है। 
  • वाचक शब्द-
    • वाचक शब्द वह शब्द होता है जिसके द्वारा उपमान और उपमेय में समानता दिखाई जाती है। 

दृष्टान्त Question 10:

रहिमन आँसुवा नयन ढरि जिय दुख प्रगट करेइ जाहि निकारो गेह तें, कस न भेद कहि देइ। ।

यहाँ कौन सा अलंकार है?

  1. उपमा
  2. भ्रान्तिमान
  3. रूपक
  4. दृष्टान्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दृष्टान्त

दृष्टान्त Question 10 Detailed Solution

इन पंक्तियों में दृष्टान्त अलंकार है।

Important Pointsव्याख्या-

  • रहीम कहते हैं की आंसू नयनों से बहकर मन का दुःख प्रकट कर देते हैं। सत्य ही है कि जिसे घर से निकाला जाएगा वह घर का भेद दूसरों से कह ही देगा.

Key Pointsदृष्टान्त अलंकार-

  • ​जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • पापी मनुज भी आज मुख से राम नाम निकलते।
    • देखो भयंकर भेडिये भी आज आंसू ढलते।

Additional Informationउपमा अलंकार-

  • उपमा का अर्थ होता है -तुलना।
  • जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दुसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाये वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उदाहरण-
    • तुम्हारा मुख चन्द्रमा सा सुन्दर है।

भ्रान्तिमान अलंकार-

  • जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं
  • उदाहरण -
    • नाक का मोती अधर की कान्ति से,
      बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से।
      देखकर सहसा हुआ शुक मौन है।
      सोचता है अन्य शुक यह कौन है?

दृष्टान्त Question 11:

निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार पहचानिए।

सुख-दुख के मधुर मिलन से, यह जीवन हो परिपूरन।

फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन। 

  1. अतिशयोक्ति अलंकार 
  2. दृष्टांत अलंकार 
  3. उल्लेख अलंकार 
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दृष्टांत अलंकार 

दृष्टान्त Question 11 Detailed Solution

उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में ‘दृष्टांत अलंकार’ है। अत: इसका उचित उत्तर विकल्प 2 दृष्टांत अलंकारहोगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण उत्तर होंगे।  

स्पष्टीकरण:

  • ‘सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरन। फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन।’ इन काव्य पंक्तियों में दृष्टांत अलंकार है।  
  • दृष्टांत अलंकार- जहां उपमेय और उपमान तथा उनके साधारण धर्मों में बिम्ब-प्रतिबिंब भाव हो।
  • अर्थात सुख-दुख के मधुर मिलन से जीवन पूर्ण हो जाता है। जीवन के दुख कभी सुख में बदलता है तो कभी सुख दुख में परिणित हो जाता है। क्योंकि कभी चाँद  बादल में छुप जाता है तो बादल चाँद के सामने आ जाते हैं। अर्थात कभी हम दुःख को पा लेते हैं या कभी दुःख खुद हमारे पास आ जाता है।
  • संसार अति सुख और दुख से पीड़ित है। सुख-दुख मानव जीवन में बराबर रहें। इसलिए यहाँ जीवन का दृश्य दिखाने के कारण दृष्टान्त अलंकार सही होगा।

Additional Information

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

 

उदाहरण

अतिशयोक्ति अलंकार

जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है।

हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि।
सगरी लंका जल गई, गये निसाचर भागि।

उल्लेख अलंकार

जहां एक वस्तु का वर्णन अनेक प्रकार से किया जाए, वहाँ उल्लेख अलंकार होता है।

तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में,

तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।

विरोधाभास अलंकार

जहां विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास दिया जाए।

इश्क इक मीठा जहर है। 

दृष्टान्त Question 12:

रहिमन आँसुवा नयन ढरि जिय दुख प्रगट करेइ जाहि निकारो गेह तें, कस न भेद कहि देइ। ।

यहाँ कौन सा अलंकार है?

  1. दृष्टान्त
  2. भ्रान्तिमान
  3. रूपक
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दृष्टान्त

दृष्टान्त Question 12 Detailed Solution

इन पंक्तियों में दृष्टान्त अलंकार है।

Important Pointsव्याख्या-

  • रहीम कहते हैं की आंसू नयनों से बहकर मन का दुःख प्रकट कर देते हैं। सत्य ही है कि जिसे घर से निकाला जाएगा वह घर का भेद दूसरों से कह ही देगा.

Key Pointsदृष्टान्त अलंकार-

  • ​जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • पापी मनुज भी आज मुख से राम नाम निकलते।
    • देखो भयंकर भेडिये भी आज आंसू ढलते।

Additional Informationउपमा अलंकार-

  • उपमा का अर्थ होता है -तुलना।
  • जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दुसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाये वहां उपमा अलंकर होता है।
  • उदाहरण-
    • तुम्हारा मुख चन्द्रमा सा सुन्दर है।

भ्रान्तिमान अलंकार-

  • जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं
  • उदाहरण -
    • नाक का मोती अधर की कान्ति से,
      बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से।
      देखकर सहसा हुआ शुक मौन है।
      सोचता है अन्य शुक यह कौन है?

दृष्टान्त Question 13:

"बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें। खल के बचन संत सह जैसे॥" इस पंक्ति में कौन-से अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. विभावना
  2. दृष्टांत
  3. रुपक
  4. उपमा
  5. इनमें से काई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दृष्टांत

दृष्टान्त Question 13 Detailed Solution

उक्त पँक्तियों में दृष्टांत अलंकार का प्रयोग किया गया है, क्योंकि दृष्टांत अलंकार के नियम के अनुसार उक्त पँक्तियों में भी खल (उपमेय) तथा बूंद (उपमान) एवं संत (उपमेय) तथा गिरि (उपमान) बिम्ब -प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हुए हैं। तो दृष्टांत अलंकार होगा। अत: सही विकल्प 2 दृष्टांत अलंकार होगा।

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  • "बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें। खल के बचन संत सह जैसे॥"​ पंक्ति में दृष्टांत अलंकार है।
  • दिए गए उदाहरण में मुख की तुलना मयंक से की गई है
  • उपर्युक्त पंक्ति में खल (उपमेय) तथा बूंद (उपमान) एवं संत (उपमेय) तथा गिरि (उपमान) बिम्ब -प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हुए हैं।, अतः यहाँ दृष्टांत अलंकार है।
  • जहाँ उपमेय और उपमान बिम्ब प्रतिबिम्ब रूप से चित्रित हों, वहाँ दृष्टांत अलंकार होता है।


Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

विभावना

जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।

बिनु पग चलै सुनै बिनु काना।
कर बिनु कर्म करै विधि नाना॥

रुपक 

उपमेय और उपमान में जब अंतर दिखाई ना दे तो हम उसे रूपक अलंकार कहते हैं।

चरण-कमल बंदों हरि राई।

उपमा

जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

हरि पद कोमल कमल। 

 

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