लेव वायगोत्स्की के अनुसार, निम्न में से किसके लिए “समीपस्थ विकास क्षेत्र” का इस्तेमाल करना चाहिए?

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CTET Paper 1 - 16th Dec 2021 (Eng/Hin/Sans/Ben/Mar/Tel)
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  1. शिक्षण और मूल्याँकन
  2. केवल शिक्षण
  3. केवल मूल्याँकन
  4. प्रवाही बौद्धिकता की पहचान

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Option 1 : शिक्षण और मूल्याँकन
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
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लेव वायगोत्स्की एक रूसी मनोवैज्ञानिक थे। उनके कार्य बताते हैं कि लोग एक ही संस्कृति में बढ़ते हैं और रहते हैं। वे उस संस्कृति में बाल्यावस्था से वयस्कता तक विकसित होते हैं।

  • वे सभी गतिविधियाँ करते हैं और अपने सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण के ढांचे के भीतर सोचते हैं। इसलिए, उनकी विकास प्रक्रियाओं को केवल बच्चों (या लोगों) की संस्कृति के साथ अंतःक्रिया का अध्ययन करके ही समझा जा सकता है।
  • उन्होंने "सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत" प्रतिपादित किया। इस सिद्धांत का अर्थ उस विचार से है कि सामाजिक अंतःक्रिया अधिगम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह शिक्षार्थी के संज्ञानात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Key Points

अपने सिद्धांत में, वायगोत्स्की ने 'समीपस्थ विकास क्षेत्र (ZPD)' की अवधारणा का प्रस्ताव दिया है जो बच्चे के सीखने में सक्षम होने की ऊपरी सीमा निर्धारित करता है।

  • ZPD की पहचान तब की जाती है जब कोई बच्चा समस्या को हल करने के निकट पहुंच जाता है, लेकिन मदद के बिना समस्या को खुद हल करने में असमर्थ होता है। यह एक बच्चे की वर्तमान क्षमता और समस्या को हल करने की संभावित क्षमता के बीच एक अंतराल को दर्शाता है।
  • इसे वास्तविक विकासात्मक स्तर और संभावित विकासात्मक स्तर के बीच के अंतर/अंतराल के रूप में समझा जा सकता है जिसे तब पहचाना जा सकता है जब कोई बच्चा किसी समस्या पर काम कर रहा हो। सक्षम साथियों और वयस्कों की मदद से बच्चे को यह सीखने में मदद मिलती है कि इस अंतर को कैसे पूर्ण किया जाए।
  • इस अवधारणा की समझ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि शिक्षक बच्चों के सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ को अधिक अर्थपूर्ण ढंग से काम करने के लिए समझेंगे। शिक्षक लगातार विभिन्न गतिविधियों और समस्याओं के माध्यम से बच्चे की प्रगति का विश्लेषण और आकलन करेंगे।
  • वह उन साथियों के साथ काम करने के अवसर भी प्रदान करेंगे जिन्होंने समस्या का समाधान किया है या गतिविधि के एक उन्नत चरण में हैं। यह बच्चे के साथ अंत:क्रिया के साथ-साथ चलेगा ताकि वह आगे बढ़ सके।
  • शिक्षक सहयोगात्मक कार्य का और बच्चे कार्य में एक-दूसरे का समर्थन कैसे करते हैं, इसका भी आकलन करेंगे। बच्चे के सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ की बेहतर समझ और समग्र रूप से समुदाय के समर्थन के लिए शिक्षण-अधिगम अनिवार्य रूप से माता-पिता और समुदाय को शामिल करेगा।

अतः इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि लेव वायगोत्स्की के अनुसार, “समीपस्थ विकास क्षेत्र” का इस्तेमाल शिक्षण और मूल्याँकन के लिए किया जाना चाहिए।

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