शब्दरूप MCQ Quiz - Objective Question with Answer for शब्दरूप - Download Free PDF

Last updated on Jun 4, 2025

Latest शब्दरूप MCQ Objective Questions

शब्दरूप Question 1:

'भगवत्' शब्दस्य षष्ठीविभक्तेः बहुवचने किं रूपम्?

  1. भगवताम्
  2. भगवतानाम्
  3. भागवतम्
  4. उपर्युक्तेषु एकस्मात् अधिकम्
  5. उपर्युक्तेषु कश्चन अपि नास्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भगवताम्

शब्दरूप Question 1 Detailed Solution

प्रश्नानुवाद'भगवत्' शब्द का षष्ठी विभक्ति के बहुवचन में क्या रूप बनता है?

स्पष्टीकरण -

  • भगवत् तकारान्त पुल्लिंग शब्द है।
  • भगवत् शब्द का षष्ठी विभक्ति-बहुवचन में भगवताम् रूप बनता है।

 

Additional Informationभगवत् तकारान्त पुल्लिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है -

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

भगवान्

भगवन्तौ

भगवन्तः

द्वितीया

भगवन्तम्

भगवन्तौ

भगवतः

तृतीया

भगवता

भगवद्भ्याम्

भगवद्भि:

चतुर्थी

भगवते

भगवद्भ्याम्

भगवद्भ्यः

पञ्चमी

भगवतः

भगवद्भ्याम्

भगवद्भ्यः

षष्ठी

भगवतः

भगवतोः

भगवताम्

सप्तमी

भगवति

भगवतोः

भगवत्सु

सम्बोधन

हे भगवन्

हे भगवन्तौ

हे भगवन्तः

 

इस तरह तालिका से स्पष्ट होता है कि यहाँ भगवताम् सही उत्तर है।

शब्दरूप Question 2:

'गवि' इत्यस्मिन् पदे विभक्तिः का?

  1. चतुर्थी
  2. प्रथमा
  3. सप्तमी
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्तेषु कश्चन अपि नास्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सप्तमी

शब्दरूप Question 2 Detailed Solution

प्रश्नानुवाद - 'गवि' इस पद में कौनसी विभक्ति है?

  • गवि शब्दरूप गो ओकारान्त पुल्लिंग शब्द है। इसके रूप पुल्लिंग और स्त्रीलिंग में समान रूप से चलते हैं।
  • गो का अर्थ - गाय या बैल
  • गवि शब्द सप्तमी विभक्ति के एकवचन में बनता है।

 

अतः यहाँ सप्तमी सही उत्तर है।

Additional Information

गो (गाय/बैल) शब्दरूप ओकारान्त पुल्लिंग का प्रयोग निम्नलिखित है-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

गौः

गावौ

गावः

द्वितीया

गाम्

गावौ

गाः

तृतीया

गवा

गोभ्याम्

गोभिः

चतुर्थी

गवे

गोभ्याम्

गोभ्यः

पंचमी

गोः

गोभ्याम्

गोभ्यः

षष्ठी

गोः

गवोः

गवाम्

सप्तमी

गवि

गवोः

गोषु

सम्बोधन

हे गौः

हे गावौ

हे गावः

शब्दरूप Question 3:

'सखि' शब्दस्य सप्तमी एकवचन-रूपमस्ति-

  1. सख्युः
  2. सख्यौ
  3. सखिन्
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्तेषु कश्चन अपि नास्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सख्यौ

शब्दरूप Question 3 Detailed Solution

प्रश्न का अनुवाद: सखि शब्द का सप्तमी एकवचन का रूप है-

सखि यह शब्द इकारान्त पुल्लिंगी शब्द है जिसका अर्थ होता है मित्र

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा सखा सखायौ सखाय:
द्वितीया सखायम् सखायौ सखीन्
तृतीया सख्या सखिभ्याम् सखिभि:
चतुर्थी सख्ये सखिभ्याम् सखिभ्य:
पंचमी सख्यु: सखिभ्याम् सखिभ्य:
षष्ठी सख्यु: सख्यो: सखीनाम्
सप्तमी सख्यौ सख्यो: सखिषु
संबोधन हे सखे हे सखायौ हे सखाय:

 

इससे स्पष्ट होता है की सखि शब्द का सप्तमी एकवचन सख्यौ यह होता है

शब्दरूप Question 4:

"गुरुषु" शब्दरूपमस्ति-

  1. षष्ठी एकवचनम्
  2. षष्ठी बहुवचनम्
  3. सप्तमी बहुवचनम्
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्तेषु कश्चन अपि नास्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सप्तमी बहुवचनम्

शब्दरूप Question 4 Detailed Solution

प्रश्नार्थ - "गुरुषु" शब्द रूप है-

स्पष्टीकरण - 

  • 'गुरु' शब्द तृतीया द्विवचन में "गुरुभ्याम्" बनता है। 
  • 'गुरु' शब्द उकारान्त (पुँल्लिंग) के अंतर्गत आता है।

Key Points 

  • 'गुरु' शब्द उकारान्त (पुँल्लिंग)
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा गुरुः गुरू गुरवः
द्वितीया गुरुम् गुरू गुरून्
तृतीया गुरुणा गुरुभ्याम् गुरुभिः
चतुर्थी गुरवे गुरुभ्याम् गुरुभ्यः
पञ्चमी गुरोः गुरुभ्याम् गुरुभ्यः
षष्ठी गुरोः गुर्वोः गुरुणाम्
सप्तमी गुरौ गुर्वोः गुरुषु
सम्बोधन हे गुरो ! हे गुरू ! हे गुरवः !

शब्दरूप Question 5:

"हरि" शब्दस्य षष्ठी बहुवचने रूपमस्ति-

  1. हरयोः
  2. हरिनाम्
  3. हरीणाम्
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्तेषु कश्चन अपि नास्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हरीणाम्

शब्दरूप Question 5 Detailed Solution

प्रश्नानुवाद - "हरि" शब्द का षष्ठी बहुवचन रूप है-

स्पष्टीकरण -

  • हरि' शब्द रूप – कारान्त पुलिङ्ग शब्दरूप है।
  • हरि शब्द का षष्ठी विभक्ति-बहुवचन में हरीणाम् रूप बनता है।

 

अतः यहाँ हरीणाम् सही उत्तर है।

तालिका

हरि इकारान्त पुल्लिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

हरिः

हरी

हरयः

द्वितीया

हरिम्

हरी

हरीन्

तृतीया

हरिणा

हरिभ्याम्

हरिभिः

चतुर्थी

हरये

हरिभ्याम्

हरिभ्यः

पञ्चमी

हरेः

हरिभ्याम्

हरिभ्यः

षष्ठी

हरेः

हर्योः 

हरीणाम्

सप्तमी

हरौ

हर्योः 

हरिषु

सम्बोधन

हे हरे!

हे हरी!

हे हरयः!

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मातृ शब्द का पंचमी विभक्ति का एकवचन रूप है-

  1. मातृस्य
  2. मातातः
  3. मातात्
  4. मातुः

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मातुः

शब्दरूप Question 6 Detailed Solution

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'मातृ' यह प्रातिपदिक 'ऋकारान्त स्त्रीलिंग शब्द है। इसके विभिन्न विभक्ति-वचन में रूप निम्नलिखित हैं-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

माता

मातरौ

मातरः

द्वितीया

मातरम्

मातरौ

मातृ

तृतीया

मात्रा

मातृभ्याम्

मातृभिः

चतुर्थी

मात्रे

मातृभ्याम्

मातृभ्यः

पन्चमी

मातुः

मातृभ्याम्

मातृभ्यः

षष्ठी

मातुः

मात्रोः

मातृणाम्

सप्तमी

मातरि

मात्रोः

मातृषु

सम्बोधन

हे माता!

हे मातरौ!

हे मातरः!

 

उपर्युक्त सारणी के अनुसार यह स्पष्ट होता है कि 'मातृ' शब्द की पञ्चमी विभक्ति एकवचन में 'मातुः' रूप होता है।

Additional Information

मातृ की तरह दुहितृ, स्वसृ, ननादृ यह कुछ अन्य 'ऋकारान्त' स्त्रीलिंग पद है।

'नदी' शब्द का सप्तमी, एकवचन रूप है 

  1. नदीयाम् 
  2. नद्याम् 
  3. नदौ 
  4. नदायाम्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नद्याम् 

शब्दरूप Question 7 Detailed Solution

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नदी’ का अर्थ ‘नदी’ या 'सरिता' होता है। ‘नद्याम् शब्द रूप – ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग सप्तमी एकवचन’ है।

नदी’ शब्द का प्रयोग निम्नलिखित है:-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

नदी

नद्यौ

नद्यः

द्वितीया

नदीम्

नद्यौ

नदीः

तृतीया

नद्या

नदीभ्याम्

नदीभिः

चर्तुथी

नद्यै

नदीभ्याम्

नदीभ्यः

पन्चमी

नद्याः

नदीभ्याम्

नदीभ्यः

षष्ठी

नद्याः

नद्योः

नदीनाम्

सप्तमी

नद्याम्

नद्योः

नदीषु

सम्बोधन

हे नदि!

हे नद्यौ!

हे नद्यः!

'गाः' पद में विभक्ति वचन है

  1. प्रथमा बहुवचन
  2. द्वितीया बहुवचन
  3. पंचमी एकवचन
  4. सप्तमी एकवचन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : द्वितीया बहुवचन

शब्दरूप Question 8 Detailed Solution

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गाः’ का अर्थ होता है गायों को, ओकारान्त 'गो' शब्द का यह द्विवचन रूप है। 

ओकारान्त ‘गो’ शब्द का विभिन्न विभक्तियों और वचनों में रूप चलता है - 

ओकारान्त ‘गो’ शब्द

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

गौः

गावौ

गावः

द्वितीया

गाम्

गावौ

गाः

तृतीया

गवा

गोभ्याम्

गोभिः

चर्तुथी

गवे

गोभ्याम्

गोभ्यः

पन्चमी

गोः

गोभ्याम्

गोभ्यः

षष्ठी

गोः

गवोः

गवाम्

सप्तमी

गवि

गवोः

गोषु

सम्बोधन

हे गौः!

हे गावौ!

हे गावः!

'बालक' शब्द तृतीया विभक्ति, बहुवचन का रूप है 

  1. बालकभिः 
  2. बालकेन 
  3. बालकैः 
  4. बालकाभ्याम्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बालकैः 

शब्दरूप Question 9 Detailed Solution

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बालक का अर्थ ‘लडका’ होता है, यह नाम है। बालकैः शब्द रूप – अकारान्त पुल्लिङ्ग तृतीया बहुवचन’ है।

बालक शब्द का प्रयोग निम्नलिखित है-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

बालकः

बालकौ

बालकाः

द्वितीया

बालकम्

बालकौ

बालकान

तृतीया

बालकेन

बालकाभ्याम्

बालकैः

चर्तुथी

बालकाय

बालकाभ्याम्

बालकेभ्यः

पन्चमी

बालकात्

बालकाभ्याम्

बालकेभ्यः

षष्ठी

बालकस्य

बालकयोः

बालकानाम्

सप्तमी

बालके

बालकयोः

बालकेषु

सम्बोधन

हे बालक!

हे बालकौ!

हे बालकाः

'पिता' रूप का मूल शब्द है 

  1. अकारान्त 
  2. इकारान्त 
  3. ऋकारान्त 
  4. आकारान्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ऋकारान्त 

शब्दरूप Question 10 Detailed Solution

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पिता, यह नाम रूप है और हर नाम का एक 'प्रातिपदिक' होता है जो शब्द का मूल रूप होता है। उस मूल रूप का एक 'निश्चित' कारान्त होता है।

पिता शब्द का मूल रूप 'पितृ' है तथापि इसका कारान्त 'ऋकारान्त' है।

कुछ अन्य स्वरान्त उदाहरण-

 

पुल्लिङ्ग्

स्त्रिलिङ्ग्

नपुंसकलिङ्ग

अकारान्त

देव, राम

-

वन

आकारान्त

विश्वपा

माला

-

इकारान्त

मुनि

मति

वारि

ईकारान्त

-

नदी

-

उकारान्त

साधु

धेनु

मधु

ऊकारान्त

-

वधू

-

ऋकारान्त

पितृ

मातृ

कर्तृ

'तत्' शब्दस्य पुल्लिङ्गे सप्तम्यैकवचने रूपम् अस्ति-

  1. तस्याम् 
  2. तस्य 
  3. तस्मिन् 
  4. तस्मै

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : तस्मिन् 

शब्दरूप Question 11 Detailed Solution

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प्रश्नानुवाद'तत्' शब्द का पुल्लिङ्ग सप्तमी एकवचन में रूप होता है-

तत् सर्वनाम पुल्लिङ्ग है। तत्’ का विविध विभक्तियों और वचनों में निम्नलिखित प्रकार से रूप चलता है-

‘तत्’ सर्वनाम शब्द का पुल्लिङ्ग में प्रयोग-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

सः तौ ते

द्वितीया

तम् तौ तान्

तृतीया

तेन ताभ्याम्  तैः

चतुर्थी

तस्मै ताभ्याम्

पञ्चमी

तस्मात् ताभ्याम्  तेभ्यः

षष्ठी

तस्य तयोः तेषाम्

सप्तमी

तस्मिन् तयोः तेषु

 

अतः स्पष्ट है कि पुंल्लिङ्ग में ‘तत्’ सर्वनाम शब्द का सप्तमी एकवचन में रूप होगा - ‘तस्मिन्’।

'नदी' शब्दस्य द्वितीयाविभक्तेः बहुवचने रूपं भवति-     

  1. नद्या 
  2. नदीन् 
  3. नदीः
  4. नद्यः

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : नदीः

शब्दरूप Question 12 Detailed Solution

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प्रश्नानुवाद - 'नदी' शब्द का द्वितीया विभक्ति के बहुवचन में रूप होता है-

ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्द ‘नदी’ का अर्थ होता है- ‘नदी’। जिसका विविध विभक्तियों और वचनों में निम्नलिखित प्रकार से रूप चलता है-

‘नदी’ शब्द ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग का प्रयोग निम्नलिखित है-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

नदी

नद्यौ

नद्यः

द्वितीया

नदीम्

नद्यौ

नदीः

तृतीया

नद्या

नदीभ्याम्

नदीभिः

चतुर्थी

नद्यैः

नदीभ्याम्

नदीभ्यः

पञ्चमी

नद्याः

नदीभ्याम्

नदीभ्यः

षष्ठी

नद्याः

नद्योः

नदीनाम्

सप्तमी

नद्याम्

नद्योः

नदीषु

सम्बोधन

हे नदि!

हे नद्यौ!

हे नद्यः!

 

अतः स्पष्ट है कि ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग ‘नदी’ शब्द का द्वितीया बहुवचन रूप होगा - ‘नदीः

‘गुरवे’ रूपमस्ति

  1. चतुर्थी-एकवचनस्य
  2. पञ्चमी-एकवचनस्य
  3. षष्ठी-एकवचनस्य
  4. तृतीया-एकवचनस्य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : चतुर्थी-एकवचनस्य

शब्दरूप Question 13 Detailed Solution

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प्रश्नानुवाद - 'गुरवे' रूप है-

स्पष्टीकरण -

  • गुरवे का अर्थ होता है - ‘गुरु के लिए’।
  •  गुरु शब्द उकारान्त पुल्लिङ्ग शब्द है।
  • गुरवे रूप गुरु उकारान्त पुल्लिंग शब्द के चतुर्थी विभक्ति-एकवचन में बनता है।

 

अतः यहाँ चतुर्थी-एकवचनस्य सही उत्तर है।

Hint

गुरु उकारान्त पुल्लिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है - 

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

गुरुः

गुरू

गुरवः

द्वितीया

गुरुम्

गुरू

गुरुन्

तृतीया

गुरुणा

गुरुभ्याम्

गुरुभिः

चतुर्थी

गुरवे

गुरुभ्याम्

गुरुभ्यः

पञ्चमी

गुरोः

गुरुभ्याम्

गुरुभ्यः

षष्ठी

गुरोः

गुर्वोः

गुरुषु

सप्तमी

गुरो

गुर्वोः

गुरवः

संबोधन

हे गुरो!

हे गुरु!

हे गुरवः!

'नृ' शब्द के प्रथमा विभक्ति में रूप होते हैं  -

  1. नरः - नरौ - नराः   
  2. नृ - नरौ - नरः   
  3. ना - नरौ - नराः  
  4. ना - नरौ - नरः  

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ना - नरौ - नरः  

शब्दरूप Question 14 Detailed Solution

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स्पष्टीकरण -

  • नृ (मनुष्य) शब्दरूप (ऋकारान्त पुल्लिंग) के प्रथमा विभक्ति - तीनों वचनों में ना - नरौ - नरः रूप बनते हैं।
  • अतः ना - नरौ - नरः सही उत्तर होगा।
  • अन्य तीनों विकल्पों में कोई न कोई वचन अशुद्ध है।
Additional Information

नृ शब्दरूप (ऋकारान्त पुल्लिंग) का प्रयोग निम्नलिखित है-

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

ना

नरौ

नरः

द्वितीया

नरम्

नरौ

नृन्

तृतीया

न्रा

नृभ्याम्

नृभिः

चतुर्थी

न्रे

नृभ्याम्

नृभ्यः

पञ्चमी

नुः

नृभ्याम्

नृभ्यः

षष्ठी

नुः

न्रोः

नृणाम्

सप्तमी

नरि

न्रोः

नृषु

सम्बोधन

हे नः

हे नरौ

हे नरः

‘पितृ’ शब्दस्य द्वितीया-बहुवचने रूपं भवति-

  1. पितरम्‌
  2. पितुः
  3. पितॄन्
  4. पितरान्‌

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पितॄन्

शब्दरूप Question 15 Detailed Solution

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प्रश्नानुवाद - ‘पितृ’ शब्द का द्वितीया-बहुवचन में रूप होता है-

स्पष्टीकरण -

  • पितृ का अर्थ ‘पिता’ होता है। 
  • पितृ शब्द ऋकारान्त पुल्लिंग शब्दरूप है।  
  • पितृ शब्द का द्वितीया विभक्ति-बहुवचन में पितॄन् रूप बनता है।

Additional Information

पितृ’ ऋकारान्त पुल्लिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है - 

विभक्ति

एकवचन

द्विवचन

बहुवचन

प्रथमा

पिता

पितरौ

पितरः

द्वितीया

पितरम्

पितरौ

पितॄन्

तृतीया

पित्रा

पितृभ्याम्

पितृभिः

चर्तुथी

पित्रेः

पितृभ्याम्

पितृभ्यः

पञ्चमी

पितुः

पितृभ्याम्

पितृभ्यः

षष्ठी

पितुः

पित्रोः

पितॄणाम्

सप्तमी

पितरि

पित्रोः

पितृषु

सम्बोधन

हे पितः!

हे पितरौ!

हे पितरः!

 

इस तरह तालिका से स्पष्ट है कि यहाँ पितॄन् सही उत्तर है।

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