धातुगण MCQ Quiz - Objective Question with Answer for धातुगण - Download Free PDF

Last updated on Mar 21, 2025

Latest धातुगण MCQ Objective Questions

धातुगण Question 1:

'घ्नन्ति' इति तिङन्तरूपे मूलधातुरस्ति-

  1. घन्
  2. अघ्न्
  3. अघानि
  4. हन्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : हन्

धातुगण Question 1 Detailed Solution

प्रश्न का अनुवाद: 'घ्नन्ति' इस तिङन्त रूप में मूलधातु है-

हन् धातु का गण अदादि अर्थात द्वितीयगण है, जिसका अर्थ होता है मारना। घ्नन्ति यह हन् धातु के लट् लकार का रूप है जो इसप्रकार बनेगा-

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष हन्ति हत: घ्नन्ति
मध्यम पुरुष हंसि हथ: हथ
उत्तम पुरुष हन्मि हन्व: हन्म:

 

'घ्नन्ति' इस तिङन्त रूप में मूलधातु है 'हन्'। 

धातुगण Question 2:

'नी' धातोः लटि मध्यमपुरुष-द्विवचनरूपमस्ति

  1. नयथः
  2. नीयथः
  3. नयेथः
  4. नयथ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : नयथः

धातुगण Question 2 Detailed Solution

प्रश्न का अनुवाद: 'नी' धातु का लट् लकार में मध्यम पुरुष द्विवचन का रूप है-

नी धातु का प्रयोग ले जाने के अर्थ में प्रयुक्त होता है और यह भ्वादि गण का धातु है नी धातु के लट् लकार के रूप इसप्रकार होंगे-

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष नयति नयत: नयन्ति
मध्यम पुरुष नयसि नयथ: नयथ
उत्तम पुरुष नयामि नयाव: नयाम:

अत: यह स्पष्ट होता है की, 'नी' धातु का लट् लकार में मध्यम पुरुष द्विवचन का रूप है 'नयथ:'

Confusion Pointsलटि

पाणिनीय अष्टाध्यायी के अनुसार 'लकार' अन्य विभक्तियों में प्राप्त होता है, जैसे- लृट्लकार का अधिकरण लृटि ('लृट्' की सप्तमी), यह पद संस्कृत व्याकरण की दृष्टि से पूर्णतः उचित है।

उदाहरण - भूधातोः लटि रूपसाधनम् = भू धातु का लट्लकार में रूप साधना

धातुगण Question 3:

"पिबामः" इति तिङन्ते मूलधातुरस्ति-

  1. पिब्
  2. पच्
  3. पा
  4. प्रच्छ्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पा

धातुगण Question 3 Detailed Solution

प्रश्न का अनुवाद: "पिबामः" इस तिङन्त में मूलधातु है-

पा यह पिबामः इसका मूलधातु है इस धातु का अर्थ होता पिना। पिबाम: यह पिब् धातु के लट् लकार का रूप है।

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष पिबति पिबत: पिबन्ति
मध्यम पुरुष पिबसि पिबथ: पिबथ
उत्तम पुरुष पिबामि पिबाव: पिबाम:

धातुगण Question 4:

'पच्' धातोः लृटि प्रथमपुरुष-बहुवचने रूपमस्ति-

  1. पक्ष्यन्ति
  2. पचिष्यन्ति
  3. पक्श्यन्ति
  4. पच्श्यन्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पक्ष्यन्ति

धातुगण Question 4 Detailed Solution

प्रश्न का अनुवाद: 'पच्' धातु का लृटलकार का प्रथम पुरुष बहुवचन का रूप है-

पच् यह धातु का अर्थ होता है पकाना। लृट लकार अर्थात भविष्यकाल में पच् धातु का रूप कैसा बनेगा यह देखेंगे- 

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष: पक्ष्यति पक्ष्यत: पक्ष्यन्ति
मध्यम पुरुष: पक्ष्यसि पक्ष्यथ: पक्ष्यथ
उत्तम पुरुष: पक्ष्यामि पक्ष्याव: पक्ष्याम:

 

पक्ष्यति यह पच धातु का प्रथम पुरुष बहुवचन का रूप है

धातुगण Question 5:

भ्वादिगणस्य धातुः वर्तते-

  1. गम्
  2. कृ
  3. ज्ञा
  4. चिन्त्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गम्

धातुगण Question 5 Detailed Solution

प्रश्न की हिन्दी - भ्वादिगण की धातु है-

स्पष्टीकरण -

  • संस्कृत व्याकरण में धातुओं को समानता के आधार पर दस समूहों में विभाजित किया गया है, जिन्हें गण कहा जाता है।
  • प्रत्येक गण का नाम उस समूह के प्रथम धातु के आधार पर रखा जाता है तथा प्रत्येक गण में मूल धातु और तिङ् के मध्य एक धातु अवयव जुड़ता है, जिससे एक निश्चित विकरण होता है।

 

दस गणों का नाम एवं प्रत्येक गण में धातुओं की संख्या का विवरण -

गण

धातुओं की संख्या

विकरण

 उदाहरण

भ्वादिगण

1010

शप्(अ)

भू, गम्, दृश्

अदादिगण

72

शप्(लोप)

अद्, पा

जुहोत्यादिगण

24

श्लु(लोप)

दा

रुधादिगण

25

श्नम्(न)

रुध्

तनादिगण

10

श्नु(उ)

तन्, कृ

दिवादिगण

140

श्यन्(य)

दिव्, जन्

स्यादिगण

34

श्नु(उ)

शक्

तुदादिगण

157

श(अ)

 इष्

क्रियादिगण

61

श्ना(ना)

क्री, ज्ञा

चुरादिगण

470

णिच्(अय्)

चुर्, चिन्त्

 

अतः गम्धातुभ्वादिगण’ के अन्तर्गत आता है, यह स्पष्ट होता है।

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'पच्' धातोः लृटि प्रथमपुरुष-बहुवचने रूपमस्ति-

  1. पक्ष्यन्ति
  2. पचिष्यन्ति
  3. पक्श्यन्ति
  4. पच्श्यन्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पक्ष्यन्ति

धातुगण Question 6 Detailed Solution

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प्रश्न का अनुवाद: 'पच्' धातु का लृटलकार का प्रथम पुरुष बहुवचन का रूप है-

पच् यह धातु का अर्थ होता है पकाना। लृट लकार अर्थात भविष्यकाल में पच् धातु का रूप कैसा बनेगा यह देखेंगे- 

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष: पक्ष्यति पक्ष्यत: पक्ष्यन्ति
मध्यम पुरुष: पक्ष्यसि पक्ष्यथ: पक्ष्यथ
उत्तम पुरुष: पक्ष्यामि पक्ष्याव: पक्ष्याम:

 

पक्ष्यति यह पच धातु का प्रथम पुरुष बहुवचन का रूप है

‘दा’ धातु किस गण की है?

  1. भ्वादिगण
  2. अदादिगण
  3. तनादिगण
  4. जुहोत्यादिगण 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जुहोत्यादिगण 

धातुगण Question 7 Detailed Solution

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धातुओं को समानता के आधार पर दस समूहों में विभाजित किया गया है जिन्हें गण कहा जाता है। प्रत्येक गण का नाम उस समूह के प्रथम धातु के आधार पर रखा जाता है तथा प्रत्येक गण में मुल धातु और तिङ् के मध्य एक धातु अवयव जुड़ता है जिससे एक निश्चित विकरण होता है-

गण

धातुओं की संख्या

विकरण

 उदाहरण

भ्वादिगण

1010

शप्(अ)

भू,गम्,दृश्

अदादिगण

72

शप्(लोप)

अद्,पा

जुहोत्यादिगण

24

श्लु(लोप)

दा

रुधादिगण

25

श्नम्(न)

रुध्

तनादिगण

10

श्नु(उ)

तन्,कृ

दिवादिगण

140

श्यन्(य)

दिव्,जन्

स्यादिगण

34

श्नु(उ)

शक्

तुदादिगण

157

श(अ)

 इष्

क्रियादिगण

61

श्ना(ना)

क्री,ज्ञा

चुरादिगण

470

णिच्(अय्)

चुर्,चिन्त्

 

अतः ‘दा’ धातु ‘जुहोत्यादिगण’ के अन्तर्गत आता है।

'घ्नन्ति' इति तिङन्तरूपे मूलधातुरस्ति-

  1. घन्
  2. अघ्न्
  3. अघानि
  4. हन्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : हन्

धातुगण Question 8 Detailed Solution

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प्रश्न का अनुवाद: 'घ्नन्ति' इस तिङन्त रूप में मूलधातु है-

हन् धातु का गण अदादि अर्थात द्वितीयगण है, जिसका अर्थ होता है मारना। घ्नन्ति यह हन् धातु के लट् लकार का रूप है जो इसप्रकार बनेगा-

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष हन्ति हत: घ्नन्ति
मध्यम पुरुष हंसि हथ: हथ
उत्तम पुरुष हन्मि हन्व: हन्म:

 

'घ्नन्ति' इस तिङन्त रूप में मूलधातु है 'हन्'। 

'नी' धातोः लटि मध्यमपुरुष-द्विवचनरूपमस्ति

  1. नयथः
  2. नीयथः
  3. नयेथः
  4. नयथ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : नयथः

धातुगण Question 9 Detailed Solution

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प्रश्न का अनुवाद: 'नी' धातु का लट् लकार में मध्यम पुरुष द्विवचन का रूप है-

नी धातु का प्रयोग ले जाने के अर्थ में प्रयुक्त होता है और यह भ्वादि गण का धातु है नी धातु के लट् लकार के रूप इसप्रकार होंगे-

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष नयति नयत: नयन्ति
मध्यम पुरुष नयसि नयथ: नयथ
उत्तम पुरुष नयामि नयाव: नयाम:

अत: यह स्पष्ट होता है की, 'नी' धातु का लट् लकार में मध्यम पुरुष द्विवचन का रूप है 'नयथ:'

Confusion Pointsलटि

पाणिनीय अष्टाध्यायी के अनुसार 'लकार' अन्य विभक्तियों में प्राप्त होता है, जैसे- लृट्लकार का अधिकरण लृटि ('लृट्' की सप्तमी), यह पद संस्कृत व्याकरण की दृष्टि से पूर्णतः उचित है।

उदाहरण - भूधातोः लटि रूपसाधनम् = भू धातु का लट्लकार में रूप साधना

"पिबामः" इति तिङन्ते मूलधातुरस्ति-

  1. पिब्
  2. पच्
  3. पा
  4. प्रच्छ्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पा

धातुगण Question 10 Detailed Solution

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प्रश्न का अनुवाद: "पिबामः" इस तिङन्त में मूलधातु है-

पा यह पिबामः इसका मूलधातु है इस धातु का अर्थ होता पिना। पिबाम: यह पिब् धातु के लट् लकार का रूप है।

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष पिबति पिबत: पिबन्ति
मध्यम पुरुष पिबसि पिबथ: पिबथ
उत्तम पुरुष पिबामि पिबाव: पिबाम:

धातुगण Question 11:

'पा (पाने)' धातु किस गण में आता है?

  1. भ्वादि 
  2. तनादि 
  3. अदादि 
  4. जुहोत्यादि 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भ्वादि 

धातुगण Question 11 Detailed Solution

धातुओं को समानता के आधार पर दस समूहों में विभाजित किया गया है जिन्हें गण कहा जाता है। प्रत्येक गण का नाम उस समूह के प्रथम धातु के आधार पर रखा जाता है तथा प्रत्येक गण में मुल धातु और तिङ् के मध्य एक धातु अवयव जुड़ता है जिससे एक निश्चित विकरण होता है-

गण

धातुओं की संख्या

विकरण

 उदाहरण

भ्वादिगण

1010

शप्(अ)

भू, पा, दृश्

अदादिगण

72

शप्(लोप)

अद्

जुहोत्यादिगण

24

श्लु(लोप)

दा

रुधादिगण

25

श्नम्(न)

रुध्

तनादिगण

10

श्नु(उ)

तन्, कृ

दिवादिगण

140

श्यन्(य)

दिव्, जन्

स्यादिगण

34

श्नु(उ)

शक्

तुदादिगण

157

श(अ)

 इष्

क्रियादिगण

61

श्ना(ना)

क्री, ज्ञा

चुरादिगण

470

णिच्(अय्)

चुर्, चिन्त्

 

अतः ‘पा’ धातु ‘भ्वादीगण’ के अन्तर्गत आता है।

धातुगण Question 12:

भ्वादिगण का विकरण है-

  1. अय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अ

धातुगण Question 12 Detailed Solution

धातुओं को समानता के आधार पर दस समूहों में विभाजित किया गया है जिन्हें गण कहा जाता है। प्रत्येक गण का नाम उस समूह के प्रथम धातु के आधार पर रखा जाता है तथा प्रत्येक गण में मुल धातु और तिङ् के मध्य एक धातु अवयव जुड़ता है जिससे एक निश्चित विकरण होता है-

गण

धातुओं की संख्या

विकरण

 उदाहरण

भ्वादिगण

1010

शप्(अ)

भू, गम्, दृश्

अदादिगण

72

शप्(लोप)

अद्, पा

जुहोत्यादिगण

24

श्लु(लोप)

दा

रुधादिगण

25

श्नम्(न)

रुध्

तनादिगण

10

श्नु(उ)

तन्, कृ

दिवादिगण

140

श्यन्(य)

दिव्, जन्

स्यादिगण

34

श्नु(उ)

शक्

तुदादिगण

157

श(अ)

 इष्

क्रियादिगण

61

श्ना(ना)

क्री, ज्ञा

चुरादिगण

470

णिच्(अय्)

चुर्, चिन्त्

 

अतः ‘भ्वादिगण’ का विकरण 'अ' है, यह स्पष्ट होता है।

धातुगण Question 13:

पा (पाने) इति धातुः कस्मिन् गणे पठितः?

  1. भ्वादिः
  2. अदादिः
  3. तनादिः
  4. स्वादिः

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भ्वादिः

धातुगण Question 13 Detailed Solution

प्रश्न का अनुवाद - 'पा (पाने)' धातु किस गण में पढ़ी जाती है?

स्पष्टीकरण -

  • धातुओं को समानता के आधार पर दस समूहों में विभाजित किया गया है जिन्हें गण कहा जाता है। प्रत्येक गण का नाम उस समूह के प्रथम धातु के आधार पर रखा जाता है तथा प्रत्येक गण में मूल धातु और तिङ् के मध्य एक धातु अवयव जुड़ता है, जिससे एक निश्चित विकरण होता है-

 

गणों के नाम एवं प्रत्येक गण में धातुओं की संख्या निम्नलिखि है-

गण

धातुओं की संख्या

विकरण

 उदाहरण

भ्वादिगण

1010

शप्(अ)

भू, गम्, पा

अदादिगण

72

शप् (लोप)

अद्

जुहोत्यादिगण

24

श्लु(लोप)

दा

रुधादिगण

25

श्नम्(न)

रुध्

तनादिगण

10

श्नु(उ)

तन्, कृ

दिवादिगण

140

श्यन्(य)

दिव्, जन्

स्यादिगण

34

श्नु(उ)

शक्

तुदादिगण

157

श(अ)

 इष्

क्रियादिगण

61

श्ना(ना)

क्री, ज्ञा

चुरादिगण

470

णिच्(अय्)

चुर्, चिन्त्

 

इस तरह तालिका से स्पष्ट है कि पा’ धातु ‘भ्वादिगण’ के अन्तर्गत आता है।

धातुगण Question 14:

‘ज्ञा’ धातु किस गण की है?

  1. भ्वादिगण
  2. जुहोत्यादिगण
  3. क्रियादिगण
  4. तनादिगण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : क्रियादिगण

धातुगण Question 14 Detailed Solution

धातुओं को समानता के आधार पर दस समूहों में विभाजित किया गया है जिन्हें गण कहा जाता है। प्रत्येक गण का नाम उस समूह के प्रथम धातु के आधार पर रखा जाता है तथा प्रत्येक गण में मुल धातु और तिङ् के मध्य एक धातु अवयव जुड़ता है जिससे एक निश्चित विकरण होता है-

गण

धातुओं की संख्या

विकरण

 उदाहरण

भ्वादिगण

1010

शप्(अ)

भू, गम्, दृश्

अदादिगण

72

शप्(लोप)

अद्, पा

जुहोत्यादिगण

24

श्लु(लोप)

दा

रुधादिगण

25

श्नम्(न)

रुध्

तनादिगण

10

श्नु(उ)

तन्, कृ

दिवादिगण

140

श्यन्(य)

दिव्, जन्

स्यादिगण

34

श्नु(उ)

शक्

तुदादिगण

157

श(अ)

 इष्

क्रियादिगण

61

श्ना(ना)

क्री, ज्ञा

चुरादिगण

470

णिच्(अय्)

चुर्, चिन्त्

 

अतः ज्ञाधातुक्रियादिगण’ के अन्तर्गत आता है, यह स्पष्ट होता है।

धातुगण Question 15:

'पच्' धातोः लृटि प्रथमपुरुष-बहुवचने रूपमस्ति-

  1. पक्ष्यन्ति
  2. पचिष्यन्ति
  3. पक्श्यन्ति
  4. पच्श्यन्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पक्ष्यन्ति

धातुगण Question 15 Detailed Solution

प्रश्न का अनुवाद: 'पच्' धातु का लृटलकार का प्रथम पुरुष बहुवचन का रूप है-

पच् यह धातु का अर्थ होता है पकाना। लृट लकार अर्थात भविष्यकाल में पच् धातु का रूप कैसा बनेगा यह देखेंगे- 

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष: पक्ष्यति पक्ष्यत: पक्ष्यन्ति
मध्यम पुरुष: पक्ष्यसि पक्ष्यथ: पक्ष्यथ
उत्तम पुरुष: पक्ष्यामि पक्ष्याव: पक्ष्याम:

 

पक्ष्यति यह पच धातु का प्रथम पुरुष बहुवचन का रूप है

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