शब्दरूप MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for शब्दरूप - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Mar 12, 2025
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शब्दरूप Question 1:
‘पितृ’ शब्दस्य द्वितीया-बहुवचने रूपं भवति-
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 1 Detailed Solution
प्रश्नानुवाद - ‘पितृ’ शब्द का द्वितीया-बहुवचन में रूप होता है-
स्पष्टीकरण -
- ‘पितृ’ का अर्थ ‘पिता’ होता है।
- पितृ शब्द ऋकारान्त पुल्लिंग शब्दरूप है।
- पितृ शब्द का द्वितीया विभक्ति-बहुवचन में पितॄन् रूप बनता है।
Additional Information
‘पितृ’ ऋकारान्त पुल्लिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है -
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
पिता |
पितरौ |
पितरः |
द्वितीया |
पितरम् |
पितरौ |
पितॄन् |
तृतीया |
पित्रा |
पितृभ्याम् |
पितृभिः |
चर्तुथी |
पित्रेः |
पितृभ्याम् |
पितृभ्यः |
पञ्चमी |
पितुः |
पितृभ्याम् |
पितृभ्यः |
षष्ठी |
पितुः |
पित्रोः |
पितॄणाम् |
सप्तमी |
पितरि |
पित्रोः |
पितृषु |
सम्बोधन |
हे पितः! |
हे पितरौ! |
हे पितरः! |
इस तरह तालिका से स्पष्ट है कि यहाँ पितॄन् सही उत्तर है।
शब्दरूप Question 2:
'मुनीन्' शब्द मुनि शब्द के किस विभक्ति का रूप है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 2 Detailed Solution
इकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्द ‘मुनि’ का विविध विभक्तियों और वचनों में निम्नलिखित प्रकार से रूप चलता है-
इकारान्त पुंल्लिङ्ग ‘मुनि’ शब्द | |||
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
मुनिः | मुनी | मुनयः |
द्वितीया |
मुनिम् | मुनी | मुनीन् |
तृतीया |
मुनिना | मुनिभ्याम् | मुनिभिः |
चतुर्थी |
मुनये | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः |
पञ्चमी |
मुनेः | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः |
षष्ठी |
मुनेः | मुन्योः | मुनीनाम् |
सप्तमी |
मुनौ | मुन्योः | मुनिषु |
संबोधन | हे मुने! | हे मुनी! | हे मुनयः! |
अतः स्पष्ट है कि इकारान्त पुंल्लिङ्ग ‘मुनि’ शब्द से द्वितीया विभक्ति बहुवचन रूप होगा - ‘मुनीन्’।
शब्दरूप Question 3:
'बालकैः' अस्मिन् पदे वचनमस्ति -
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 3 Detailed Solution
प्रश्नानुवाद - 'बालकैः' इस पद में वचन है -
स्पष्टीकरण-
- बालकैः - बालकों द्वारा
- बालकैः शब्दरूप बालक शब्द के तृतीया विभक्ति के बहुवचन में बनता है।
- बहुवचन का प्रयोग दो से अधिक के अर्थ में होता है। जैसे - तीन बालक या तीन से अधिक बालक
- बालक अकारान्त पुल्लिंग शब्द है। इसके रूप राम शब्द के समान चलते हैं।
अतः यहाँ बहुवचन सही उत्तर है।
Additional Information
शब्दरूप Question 4:
'बालिका' शब्द के प्रथमा विभक्ति बहुवचन का रूप लिखिए?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 4 Detailed Solution
आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द ‘बालिका’ का रूप विविध विभक्तियों तथा वचनों में निम्नलिखित प्रकार से चलता है-
‘बालिका’ शब्द आकारान्त स्त्रीलिङ्ग |
|||
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
बालिका |
बालिके |
बालिकाः |
द्वितीया |
बालिकाम् |
बालिके |
बालिकाः |
तृतीया |
बालिकया |
बालिकाभ्याम् |
बालिकाभिः |
चतुर्थी |
बालिकायै |
बालिकाभ्याम् |
बालिकाभ्यः |
पञ्चमी |
बालिकायाः |
बालिकाभ्याम् |
बालिकाभ्यः |
षष्ठी |
बालिकायाः |
बालिकयोः |
बालिकाम् |
सप्तमी |
बालिकायाम् |
बालिकयोः |
बालिकासु |
सम्बोधन |
हे बालिके |
हे बालिके |
हे बालिकाः |
अतः स्पष्ट है कि आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द ‘बालिका’ के प्रथमा विभक्ति बहुवचन का रूप है- ‘बालिकाः’।
शब्दरूप Question 5:
'मातृ' शब्द का तृतीया विभक्ति एकवचन में रूप होता है
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 5 Detailed Solution
मातृ (माता) ऋकारान्त स्त्रीलिंग शब्द है।
इसके शब्दरूप निम्नलिखित हैं-
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
माता |
मातरौ |
मातरः |
द्वितीया |
मातरम् |
मातरौ |
मातृ |
तृतीया |
मात्रा |
मातृभ्याम् |
मातृभिः |
चतुर्थी |
मात्रे |
मातृभ्याम् |
मातृभ्यः |
पञ्चमी |
मातुः |
मातृभ्याम् |
मातृभ्यः |
षष्ठी |
मातुः |
मात्रोः |
मातृणाम् |
सप्तमी |
मातरि |
मात्रोः |
मातृषु |
सम्बोधन |
हे माता! |
हे मातरौ! |
हे मातरः! |
उपर्युक्त सारणी के अनुसार यह स्पष्ट होता है कि 'मातृ' शब्द की तृतीया विभक्ति एकवचन में रूप 'मात्रा' होता है।
Additional Information
मात्रा का वाक्य में प्रयोग -
मात्रा एव पञ्चमे वर्षे शंकरस्य यज्ञोपवीतः विहितः। अर्थात् माता के द्वारा ही पाँचवे वर्ष में शंकर का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया।
शब्दरूप Question 6:
'युष्मद्' शब्दस्य चतुर्थी बहुवचनस्य रूपम् अस्ति -
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 6 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद - 'युष्मद्' शब्द का चतुर्थी बहुवचन का रूप है -
स्पष्टीकरण -
- 'युष्मद्' सर्वनाम शब्दरूप है।
- इस शब्द का चतुर्थी विभक्ति-बहुवचन में रूप है - युष्मभ्यम् / वः ये दो रूप बनते हैं।
Key Points
- संस्कृत भाषा में युष्मद शब्द का अर्थ होता है 'तुम', जिससे बात हो रही है उस जगह इस का प्रयोग होता है।
- युष्मद् शब्द रूप मध्यमपुरुष सर्वनाम वाचक होता है।
- युष्मद् शब्द रूप के पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग रूप एक समान होते हैं।
- इदम्, अस्मद्, अदस्, युष्मद् शब्दों के रूप में सर्वनाम का सम्बोधन नहीं होता है।
युष्मद् सर्वनाम शब्द रूप का प्रयोग निम्नलिखित है -
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
त्वम् |
युवाम् |
यूयम् |
द्वितीया |
त्वाम् / त्वा |
युवाम् / वाम् |
युष्मान् / व: |
तृतीया |
त्वया |
युवाभ्याम् |
युष्माभिः |
चतुर्थी |
तुभ्यम् / ते |
युवाभ्याम् / वाम् |
युष्मभ्यम् / वः |
पञ्चमी |
त्वत् |
युवाभ्याम् |
युष्मत् |
षष्ठी |
तव / ते |
युवयोः / वाम् |
युष्माकम् / वः |
सप्तमी |
त्वयि |
युवयोः |
युष्मासु |
अतः स्पष्ट है कि 'युष्मद्' शब्द के चतुर्थी बहुवचन का रूप 'युष्मभ्यम्/ वः' है , जिसे विकल्पित (this or that ) रूप कहा जाता है और वह सम्प्रदान कारक के अर्थ में प्रयुक्त होता है।
शब्दरूप Question 7:
‘जगत्’ शब्दस्य षष्ठी-बहुवचने रूपं भवति
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 7 Detailed Solution
प्रश्नानुवाद - ‘जगत्’ शब्द का षष्ठी-बहुवचन में रूप होता है -
स्पष्टीकरण -
- जगत् तकारान्त नपुंसकलिङ्ग शब्द है।
- जगत् शब्द का षष्ठी विभक्ति-बहुवचन में जगताम् रूप बनता है।
अतः यहाँ जगताम् सही उत्तर है।
Additional Information
‘जगत्’ शब्दरूप तकारान्त नपुंसकलिंग का प्रयोग निम्नलिखित है-
‘जगत्’ शब्द तकारान्त नपुंसकलिङ्ग |
|||
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
जगत् |
जगती |
जगन्ति |
द्वितीया |
जगत् |
जगती |
जगन्ति |
तृतीया |
जगता |
जगद्भ्याम् |
जगद्भिः |
चतुर्थी |
जगते |
जगद्भ्याम् |
जगद्भ्यः |
पञ्चमी |
जगतः |
जगद्भ्याम् |
जगद्भ्यः |
षष्ठी |
जगतः |
जगतोः |
जगताम् |
सप्तमी |
जगति |
जगतोः |
जगत्सु |
सम्बोधन |
हे जगत् |
हे जगती |
हे जगन्ति |
शब्दरूप Question 8:
'सीतायाः' इति पदे विभक्तिः अस्ति-
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 8 Detailed Solution
स्पष्टीकरण - 'सीतायाः' इस पद में विभक्ति है-
'सीता' आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दरूप है।
इस शब्द के पंचमी और षष्ठी विभक्ति के एकवचन में 'सीतायाः' यह रूप बनता है।
अतः पर्यायों में से पञ्चमी विभक्ति उचित पर्याय है।
Additional Information
सीता आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है-
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
सीता |
सीते |
सीताः |
द्वितीया |
सीताम् |
सीते |
सीताः |
तृतीया |
सीतया |
सीताभ्याम् |
सीताभिः |
चतुर्थी |
सीतायै |
सीताभ्याम् |
सीताभ्यः |
पञ्चमी |
सीतायाः |
सीताभ्याम् |
सीताभ्यः |
षष्ठी |
सीतायाः |
सीतयोः |
सीतानाम् |
सप्तमी |
सीतायाम् |
सीतयोः |
सीतासु |
सम्बोधन |
हे सीते! |
हे सीते! |
हे सीताः! |
शब्दरूप Question 9:
'सर्व' शब्दस्य पुंल्लिङ्गे बहुवचने रूपम् अस्ति
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 9 Detailed Solution
प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'सर्व' शब्द के पुंल्लिङ्ग बहुवचन में रूप बनता है -
अकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्द ‘सर्व’ का अर्थ होता है- ‘सभी लोग’। जिसका विविध विभक्तियों और वचनों में निम्नलिखित प्रकार से रूप चलता है-
अकारान्त पुंल्लिङ्ग ‘सर्व’ शब्द |
|||
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
सर्वः |
सर्वौ |
सर्वे |
द्वितीया |
सर्वम् |
सर्वौ |
सर्वान् |
तृतीया |
सर्वेण |
सर्वाभ्याम |
सर्वैः |
चतुर्थी |
सर्वस्मै |
सर्वाभ्याम् |
सर्वेभ्यः |
पञ्चमी |
सर्वस्मात् |
सर्वाभ्याम् |
सर्वेभ्यः |
षष्ठी |
सर्वस्य |
सर्वयोः |
सर्वेषाम् |
सप्तमी |
सर्वस्मिन् |
सर्वयोः |
सर्वेषु |
सम्बोधन |
हे सर्वे |
हे सर्वौ |
हे सर्वे |
अतः स्पष्ट है कि अकारान्त पुंलिङ्ग शब्द ‘सर्व’ का बहुवचन में रूप होगा- ‘सर्वे’।
Additional Information
- सर्वम् - पुंल्लिङ्ग में द्वितीया विभक्ति एकवचन और नपुंसकलिङ्ग में प्रथमा द्वितीया एकवचन का रूप है।
- सर्वाणि - नपुंसकलिङ्ग प्रथमा द्वितीया बहुवचन का रूप है।
- सर्वा - स्त्रीलिङ्ग प्रथमा विभक्ति एक वचन का रूप है।
शब्दरूप Question 10:
'नदीः' शब्दरूप में प्रयुक्त वचन है
Answer (Detailed Solution Below)
शब्दरूप Question 10 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से सही विकल्प ‘बहुवचन' है।
ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग नदी शब्द -
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
नदी |
नद्यौ |
नद्यः |
द्वितीया |
नदीम् |
नद्यौ |
नदीः |
तृतीया |
नद्या |
नदीभ्याम् |
नदीभिः |
चर्तुथी |
नद्यै |
नदीभ्याम् |
नदीभ्यः |
पन्चमी |
नद्याः |
नदीभ्याम् |
नदीभ्यः |
षष्ठी |
नद्याः |
नद्योः |
नदीनाम् |
सप्तमी |
नद्याम् |
नद्योः |
नदीषु |
सम्बोधन |
हे नदि! |
हे नद्यौ! |
हे नद्यः! |
उपर्युक्त सारणी के अनुसार यह स्पष्ट होता है कि यह 'नदी' शब्द का ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग द्वितीया बहुवचन 'नदीः' है।