पुनरुक्ति प्रकाश MCQ Quiz - Objective Question with Answer for पुनरुक्ति प्रकाश - Download Free PDF
Last updated on Apr 12, 2025
Latest पुनरुक्ति प्रकाश MCQ Objective Questions
पुनरुक्ति प्रकाश Question 1:
'नन्हीं-नन्हीं' बूँदन मेहा बरसे।
रेखांकित पद में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 1 Detailed Solution
'नन्हीं-नन्हीं' बूँदन मेहा बरसे। रेखांकित पद में विशेषण पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग किया गया है।
- इस पद में 'नन्हीं-नन्हीं' शब्द विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
Key Pointsपुनरुक्ति अलंकार-
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- उदाहरण-
- झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।
- पुनरुक्ति अलंकार के तीन भेद हैं-
- पूर्ण पुनरुक्ति
- अपूर्ण पुनरुक्ति
- अनुकरणवाचक पुनरुक्ति
Additional Informationवीप्सा अलंकार-
- जहां आदर,घृणा,हर्ष,शोक,विस्मय आदि भावों को प्रभावशाली रूप में व्यक्त करने के लिए किसी शब्द की आवृत्ति होती है,वहां वीप्सा अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम।
विसद-विवेक ज्ञान गौरव-दुलार हौ॥ - इस उदाहरण में 'हा!' शब्द की आवृत्ति द्वारा गोपियों के विरह की तीव्रता को प्रकट किया गया है ,अतः यहां वीप्सा अलंकार है।
- हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम।
पुनरुक्ति प्रकाश Question 2:
'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' -में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 2 Detailed Solution
'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है। अतः सही विकल्प 1 'पुनरुक्ति अलंकार' है।
Key Points
- 'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है।
- यहाँ 'बनि बनि बनि' की पुनरुक्ति हुई है।
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
वीप्सा अलंकार |
आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है। जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है। |
जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो। |
वक्रोक्ति अलंकार |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। |
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’। |
उपमा अलंकार |
वाक्य में दो वस्तुओं की तुलना कि गयी है अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा। |
कल्पना सी अतिशय कोमल। |
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
पुनरुक्ति प्रकाश Question 3:
'नन्हीं-नन्हीं' बूँदन मेहा बरसे।
रेखांकित पद में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 3 Detailed Solution
'नन्हीं-नन्हीं' बूँदन मेहा बरसे। रेखांकित पद में विशेषण पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग किया गया है।
- इस पद में 'नन्हीं-नन्हीं' शब्द विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
Key Pointsपुनरुक्ति अलंकार-
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- उदाहरण-
- झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।
- पुनरुक्ति अलंकार के तीन भेद हैं-
- पूर्ण पुनरुक्ति
- अपूर्ण पुनरुक्ति
- अनुकरणवाचक पुनरुक्ति
Additional Informationवीप्सा अलंकार-
- जहां आदर,घृणा,हर्ष,शोक,विस्मय आदि भावों को प्रभावशाली रूप में व्यक्त करने के लिए किसी शब्द की आवृत्ति होती है,वहां वीप्सा अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम।
विसद-विवेक ज्ञान गौरव-दुलार हौ॥ - इस उदाहरण में 'हा!' शब्द की आवृत्ति द्वारा गोपियों के विरह की तीव्रता को प्रकट किया गया है ,अतः यहां वीप्सा अलंकार है।
- हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम।
पुनरुक्ति प्रकाश Question 4:
'धरती ने खिलाए हैं ज्वलंत लाल-लाल' पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचाने?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 4 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल-लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार, 'पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार' है।
- पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार- घबराहट, आश्चर्य, घृणा या रोचकता किसी शब्द को काव्य में दोहराना ही वीप्सा या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
- पुनरुक्ति अलंकार के उदाहरण
- लिखन बैठि जाकी सबी , गहि-गहि गरब गरूर।
- झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।
- डाल-डाल अली-पिक के गायन का समां बंधा। खड़-खड़ करताल बजा।
- मानवीकरण अलंकार के उदाहरण
- हैं मसे भीगती गेहूँ की तरुणाई फूटी आती है।
- यौवन में माती मटरबेलि अलियों से आँख लड़ाती है।
- लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा घुघरू पर ताल बजाते हैं।
- है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर।
- उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण
- सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल।
- खंजरीर नहीं लखि परत कुछ दिन साँची बात।
- ले चला साथ मैं तुझे कनक।
- सिर फट गया उसका वहीं।
- नेत्र मानो कमल हैं।
- अनुप्रास अलंकार के उदाहरण :
- प्रसाद के काव्य-कानन की काकली कहकहे लगाती नजर आती है।
- चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।
- मुदित महीपति मंदिर आए।
- बंदऊँ गुरुपद पदुम परागा।
- सेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।
पुनरुक्ति प्रकाश Question 5:
'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' -में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 5 Detailed Solution
'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है। अतः सही विकल्प 1 'पुनरुक्ति अलंकार' है।
Key Points
- 'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है।
- यहाँ 'बनि बनि बनि' की पुनरुक्ति हुई है।
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
वीप्सा अलंकार |
आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है। जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है। |
जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो। |
वक्रोक्ति अलंकार |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। |
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’। |
उपमा अलंकार |
वाक्य में दो वस्तुओं की तुलना कि गयी है अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा। |
कल्पना सी अतिशय कोमल। |
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
Top पुनरुक्ति प्रकाश MCQ Objective Questions
धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल - लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानें।
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFदिये गए विकल्पों में से विकल्प 1 ‘पुनरुक्ति प्रकाश‘ सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
स्पष्टीकरण:
धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल-लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार, ‘पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार’ है।
पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार- घबराहट, आश्चर्य, घृणा या रोचकता किसी शब्द को काव्य में दोहराना ही वीप्सा या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। उदाहरण: मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
विशेष:
अलंकार- जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहते हैं। काव्य में कभी अलग-अलग शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि की जाती है तो कभी अर्थ में चमत्कार पैदा करके। इस आधार पर अलंकार के दो भेद होते हैं– शब्दालंकार तथा अर्थालंकार। |
|
शब्दालंकार |
जब काव्य में शब्दों के माध्यम से काव्य सौंदर्य में वृद्धि की जाती है, तब उसे शब्दालंकार कहते हैं। |
अर्थालंकार |
अर्थ में चमत्कार उत्पन्न करने वाले अलंकार अर्थालंकार कहलाते हैं। इस अलंकार में अर्थ के माध्यम से काव्य के सौंदर्य में वृद्धि की जाती है। |
'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' -में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है। अतः सही विकल्प 1 'पुनरुक्ति अलंकार' है।
Key Points
- 'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है।
- यहाँ 'बनि बनि बनि' की पुनरुक्ति हुई है।
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
वीप्सा अलंकार |
आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है। जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है। |
जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो। |
वक्रोक्ति अलंकार |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। |
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’। |
उपमा अलंकार |
वाक्य में दो वस्तुओं की तुलना कि गयी है अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा। |
कल्पना सी अतिशय कोमल। |
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
'धरती ने खिलाए हैं ज्वलंत लाल-लाल' पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचाने?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल-लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार, 'पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार' है।
- पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार- घबराहट, आश्चर्य, घृणा या रोचकता किसी शब्द को काव्य में दोहराना ही वीप्सा या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
- पुनरुक्ति अलंकार के उदाहरण
- लिखन बैठि जाकी सबी , गहि-गहि गरब गरूर।
- झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।
- डाल-डाल अली-पिक के गायन का समां बंधा। खड़-खड़ करताल बजा।
- मानवीकरण अलंकार के उदाहरण
- हैं मसे भीगती गेहूँ की तरुणाई फूटी आती है।
- यौवन में माती मटरबेलि अलियों से आँख लड़ाती है।
- लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा घुघरू पर ताल बजाते हैं।
- है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर।
- उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण
- सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल।
- खंजरीर नहीं लखि परत कुछ दिन साँची बात।
- ले चला साथ मैं तुझे कनक।
- सिर फट गया उसका वहीं।
- नेत्र मानो कमल हैं।
- अनुप्रास अलंकार के उदाहरण :
- प्रसाद के काव्य-कानन की काकली कहकहे लगाती नजर आती है।
- चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।
- मुदित महीपति मंदिर आए।
- बंदऊँ गुरुपद पदुम परागा।
- सेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।
पुनरुक्ति प्रकाश Question 9:
धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल - लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानें।
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 9 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से विकल्प 1 ‘पुनरुक्ति प्रकाश‘ सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
स्पष्टीकरण:
धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल-लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार, ‘पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार’ है।
पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार- घबराहट, आश्चर्य, घृणा या रोचकता किसी शब्द को काव्य में दोहराना ही वीप्सा या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। उदाहरण: मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
विशेष:
अलंकार- जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहते हैं। काव्य में कभी अलग-अलग शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि की जाती है तो कभी अर्थ में चमत्कार पैदा करके। इस आधार पर अलंकार के दो भेद होते हैं– शब्दालंकार तथा अर्थालंकार। |
|
शब्दालंकार |
जब काव्य में शब्दों के माध्यम से काव्य सौंदर्य में वृद्धि की जाती है, तब उसे शब्दालंकार कहते हैं। |
अर्थालंकार |
अर्थ में चमत्कार उत्पन्न करने वाले अलंकार अर्थालंकार कहलाते हैं। इस अलंकार में अर्थ के माध्यम से काव्य के सौंदर्य में वृद्धि की जाती है। |
पुनरुक्ति प्रकाश Question 10:
पुनि फिरि राम निकट सो आई। काव्य पंक्ति में अलंकार है।
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 10 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 पुनरुक्तिवदाभास अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- ‘पुनि फिरि राम निकट सो आई।’ पंक्ति में पुनरुक्तिवदाभास अलंकार है।
- दिए गए उदाहरण में ‘पुनि’ और ‘फिरि’ का समान अर्थ प्रतीत होता है, परन्तु पुनि का अर्थ-पुन: (फिर) है और ‘फिरि’ का अर्थ-लौटकर होने से पुनरुक्तिावदाभास अलंकार है।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
विशेषोक्ति |
जहाँ कारण के रहने पर भी कार्य नहीं होता है वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है। |
पानी बिच मीन पियासी। मोहि सुनि सुनि आवै हासी।। |
प्रतीप |
प्रतीप का अर्थ है-‘उल्टा या विपरीत’। जहाँ उपमेय का कथन उपमान के रूप में तथा उपमान का उपमेय के रूप में किया जाता है, वहाँ प्रतीप अलंकार होता है। |
उतरि नहाए जमुन जल, जो शरीर सम स्याम |
पुनरुक्ति प्रकाश Question 11:
ज्यो-ज्यो निहारिए नेरे है नैनाहिं।
त्यों-त्यों खरी निकरै सा निकाई।
पंक्ति में अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 11 Detailed Solution
"ज्यो-ज्यो निहारिए नेरे है नैनाहिं। त्यों-त्यों खरी निकरै सा निकाई।".... पंक्ति में पुनरुक्ति अलंकार है।
- पुनरुक्ति अलंकार का साधारण सा अर्थ है जहां बार-बार शब्दों की आवृत्ति हो।
- पुनरुक्ति दो शब्दों के योग से बना है पुन्र+उक्ति, अतः वह उक्ति जो बार-बार प्रकट हो।
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
Additional Information
- मुख चंद्रमा सा - उपमा अलंकार
- चरण कमल बंदौ हरि राई - रूपक अलंकार
- पीपर पात सरिस मन डोला - अनुप्रास अलंकार
Important Points
अलंकार |
अलंकार का अर्थ है आभूषण। अतः काव्य में आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के दो भेद माने गए हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जब शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो शब्दालंकार कहलाता है। जब अर्थों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो अर्थालंकार कहलाता है। |
जैसे - सिंधु से अथाह ( उपमा) - शब्दालंकार काली घटा का घमंड घटा (अनुप्रास) - अर्थालंकार |
पुनरुक्ति प्रकाश Question 12:
जहां एक शब्द की आवृत्ति लगातार हो परंतु अर्थ भिन्न नहीं होता वहाँ कौन सा अलंकार होता है?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 12 Detailed Solution
जहां एक शब्द की आवृत्ति लगातार है परंतु अर्थ भिन्न नहीं होता वहाँ पुनरूक्ति अलंकार होता है । अतः इसका सही उत्तर विकल्प 2 ‘पुनरुक्ति’ अलंकार है। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।
स्पष्टीकरण:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
पुनरूक्ति अलंकार |
जहां एक शब्द की आवृत्ति लगातार है परंतु अर्थ भिन्न नहीं होता वहाँ पुनरूक्ति अलंकार होता है
|
कभी डाल-डाल कभी पात-पात।
स्पष्टीकरण-इसमें डाल-डाल और पात-पात की आवृत्ति हुई है और इनके अर्थ भी भिन्न नहीं हैं। |
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
श्लेष |
जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है। |
मधुवान की छाती को देखो, सुखी कितनी इसकी कलियाँ। |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणे, खेल रही थी जल थल में |
यमक |
जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है। |
कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय, या खाये बौराये जग, या पाये बौराये। |
पुनरुक्ति प्रकाश Question 13:
'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' -में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 13 Detailed Solution
'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है। अतः सही विकल्प 1 'पुनरुक्ति अलंकार' है।
Key Points
- 'बनि बनि बनि बनिता चली गनि गनि गनि डग देत' में पुनरुक्ति अलंकार है।
- यहाँ 'बनि बनि बनि' की पुनरुक्ति हुई है।
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
वीप्सा अलंकार |
आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है। जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है। |
जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो। |
वक्रोक्ति अलंकार |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। |
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’। |
उपमा अलंकार |
वाक्य में दो वस्तुओं की तुलना कि गयी है अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा। |
कल्पना सी अतिशय कोमल। |
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
पुनरुक्ति प्रकाश Question 14:
'नन्हीं-नन्हीं' बूँदन मेहा बरसे।
रेखांकित पद में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 14 Detailed Solution
'नन्हीं-नन्हीं' बूँदन मेहा बरसे। रेखांकित पद में विशेषण पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग किया गया है।
- इस पद में 'नन्हीं-नन्हीं' शब्द विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
Key Pointsपुनरुक्ति अलंकार-
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- उदाहरण-
- झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।
- पुनरुक्ति अलंकार के तीन भेद हैं-
- पूर्ण पुनरुक्ति
- अपूर्ण पुनरुक्ति
- अनुकरणवाचक पुनरुक्ति
Additional Informationवीप्सा अलंकार-
- जहां आदर,घृणा,हर्ष,शोक,विस्मय आदि भावों को प्रभावशाली रूप में व्यक्त करने के लिए किसी शब्द की आवृत्ति होती है,वहां वीप्सा अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम।
विसद-विवेक ज्ञान गौरव-दुलार हौ॥ - इस उदाहरण में 'हा!' शब्द की आवृत्ति द्वारा गोपियों के विरह की तीव्रता को प्रकट किया गया है ,अतः यहां वीप्सा अलंकार है।
- हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम।
पुनरुक्ति प्रकाश Question 15:
'धरती ने खिलाए हैं ज्वलंत लाल-लाल' पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचाने?
Answer (Detailed Solution Below)
पुनरुक्ति प्रकाश Question 15 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल-लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार, 'पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार' है।
- पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार- घबराहट, आश्चर्य, घृणा या रोचकता किसी शब्द को काव्य में दोहराना ही वीप्सा या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
- पुनरुक्ति अलंकार के उदाहरण
- लिखन बैठि जाकी सबी , गहि-गहि गरब गरूर।
- झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।
- डाल-डाल अली-पिक के गायन का समां बंधा। खड़-खड़ करताल बजा।
- मानवीकरण अलंकार के उदाहरण
- हैं मसे भीगती गेहूँ की तरुणाई फूटी आती है।
- यौवन में माती मटरबेलि अलियों से आँख लड़ाती है।
- लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा घुघरू पर ताल बजाते हैं।
- है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर।
- उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण
- सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल।
- खंजरीर नहीं लखि परत कुछ दिन साँची बात।
- ले चला साथ मैं तुझे कनक।
- सिर फट गया उसका वहीं।
- नेत्र मानो कमल हैं।
- अनुप्रास अलंकार के उदाहरण :
- प्रसाद के काव्य-कानन की काकली कहकहे लगाती नजर आती है।
- चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।
- मुदित महीपति मंदिर आए।
- बंदऊँ गुरुपद पदुम परागा।
- सेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।