Question
Download Solution PDF'धरती ने खिलाए हैं ज्वलंत लाल-लाल' पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचाने?
This question was previously asked in
DSSSB TGT Hindi Female 05 Sep 2021 1st Shift (Subject Concerned)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 2 : पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
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DSSSB TGT Social Science Full Test 1
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Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- धरती ने खिलाये है ज्वलंत लाल-लाल, पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार, 'पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार' है।
- पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार- घबराहट, आश्चर्य, घृणा या रोचकता किसी शब्द को काव्य में दोहराना ही वीप्सा या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
- पुनरुक्ति अलंकार के उदाहरण
- लिखन बैठि जाकी सबी , गहि-गहि गरब गरूर।
- झूम झूम मृदु गरज गरज घनघोर।
- डाल-डाल अली-पिक के गायन का समां बंधा। खड़-खड़ करताल बजा।
- मानवीकरण अलंकार के उदाहरण
- हैं मसे भीगती गेहूँ की तरुणाई फूटी आती है।
- यौवन में माती मटरबेलि अलियों से आँख लड़ाती है।
- लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं, हौले-हौले होली गा-गा घुघरू पर ताल बजाते हैं।
- है वसुंधरा बिखेर देती मोती सबके सोने पर।
- उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण
- सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल।
- खंजरीर नहीं लखि परत कुछ दिन साँची बात।
- ले चला साथ मैं तुझे कनक।
- सिर फट गया उसका वहीं।
- नेत्र मानो कमल हैं।
- अनुप्रास अलंकार के उदाहरण :
- प्रसाद के काव्य-कानन की काकली कहकहे लगाती नजर आती है।
- चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।
- मुदित महीपति मंदिर आए।
- बंदऊँ गुरुपद पदुम परागा।
- सेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।
Last updated on May 12, 2025
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