भारतीय काव्यशास्त्र MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for भारतीय काव्यशास्त्र - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें

Last updated on Mar 8, 2025

पाईये भारतीय काव्यशास्त्र उत्तर और विस्तृत समाधान के साथ MCQ प्रश्न। इन्हें मुफ्त में डाउनलोड करें भारतीय काव्यशास्त्र MCQ क्विज़ Pdf और अपनी आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

Latest भारतीय काव्यशास्त्र MCQ Objective Questions

Top भारतीय काव्यशास्त्र MCQ Objective Questions

भारतीय काव्यशास्त्र Question 1:

निम्न छंद के प्रथम और तृतीय पद में मात्राओं की संख्या है -

'सोहत ओढ़े पीत पटु, श्याम सलोने गात।

मनो नीलमणि शैल पर, आतप पड़यो प्रभात।।

  1. 12 - 12
  2. 11 - 11
  3. 13 - 13
  4. 16 - 16

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 13 - 13

भारतीय काव्यशास्त्र Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - 13 - 13।

Key Points

  • जिस छंद के पहले और तीसरे चरण में 13-13 मात्राएं और दूसरे तथा चौथे चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं, वह छंद ‘दोहा’ कहलाता है।
  • दोहा छंद मात्रिक अर्द्धसम छंद है।
  • यति चरण के अंत में होती है।
  • उदाहरण- बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं, फल लागैं अति दूर।

 

भारतीय काव्यशास्त्र Question 2:

यगण में कितने लघु और गुरु वर्ण होते हैं?

  1. एक लघु और दो गुरु SSS 
  2. एक लघु एक गुरु और एक लघु
  3. एक लघु दो गुरु
  4. दो गुरु और एक लघु

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : एक लघु दो गुरु

भारतीय काव्यशास्त्र Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है - एक लघु और दो गुरु

Key Points

  • यगण में एक लघु वर्ण और दो गुरु वर्ण होते हैं। 
  • 'यगण' का सही सूत्र- '।ऽऽ' 
  • उदाहरण- 'हाना, नहाना'

Additional Information

गण-  केवल वर्णिक छंद में प्रयोग होते है।

गणों की संख्या 8 है- यगण (।ऽऽ), मगण (ऽऽऽ), तगण (ऽऽ।), रगण (ऽ।ऽ), जगण (।ऽ।), भगण (ऽ।।), नगण (।।।) और सगण (।।ऽ)।

तगण के लिए सूत्र-  ऽऽ।

  • उदाहरण- चालाक, आधार आदि।

रगण के लिए सूत्र-  ऽ।ऽ

  • उदाहरण- पालना, मारना आदि।

जगण के लिए सूत्र- ।ऽ।

  • उदाहरण- मरीन, समीर आदि।

भारतीय काव्यशास्त्र Question 3:

दोहा छंद के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएंँ होती हैं?

  1. क्रमशः 13, 11, 13, 11
  2. क्रमशः 13, 13, 11, 11
  3. क्रमशः 11, 13, 11, 13
  4. क्रमशः 11, 11, 13, 13

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : क्रमशः 13, 11, 13, 11

भारतीय काव्यशास्त्र Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर 'क्रमशः 13, 11, 13, 11' है। 

Key Points
  •  दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं |
  • इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्राय: जगण (। ऽ।) 
  • उदाहरण - 
  • मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोय।
    जा तन की जाँई परे, श्याम हरित दुति होय॥

Additional Information

  • जब वर्णों की संख्या, अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रा गणना, एवं यति-गति आदि नियम को ध्यान में रखकर जो शब्द योजना की जाती है, उसे छंद कहते है।

भारतीय काव्यशास्त्र Question 4:

बंदउँ गुरु पद पदुम परागा। 
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा ।।
अमिय मूरिमय चूरन चारू। 
समन सकल भव रुज परिवारू ।।

उपरोक्त पंक्तियों में कौनसा छंद है?

  1. दोहा
  2. सोरठा
  3. चौपाई
  4. रोला

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : चौपाई

भारतीय काव्यशास्त्र Question 4 Detailed Solution

 Key Pointsचौपाई सम मात्रिक छंद है। इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं हैं और अंत में दो गुरु वर्ण होते हैं तथा अंत में ज गण तथा त गण का आना अनिवार्य है।

Additional Information 

उदाहरण:-

  • रामु लखनु सिय सुनि मम नाऊँ ।

         उठि जनि अनत जाहिं तजि ठाऊँ॥

  • यह वर माँगउ कृपा निकेता,

         बसहुँ हृदयँ श्री अनुज समेता।

भारतीय काव्यशास्त्र Question 5:

'कमला' में कौन-सा गण-रूप है? 

  1. रगण
  2. सगण 
  3. जगण 
  4. मगण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सगण 

भारतीय काव्यशास्त्र Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - 'सगण।'

'कमला' में 'सगण' गण-रूप है।

Key Points

गण -

  • मात्राओं और वर्णों की संख्या और क्रम की सुविधा के लिये तीन वर्णों के समूह को एक गण मान लिया जाता है।
  • गणों को आसानी से याद करने के लिए सूत्र - यमाताराजभानसलगा

गणों की संख्या 8 है - 

  1. यगण (।ऽऽ) - कहानी
  2.  मगण (ऽऽऽ) - पांचाली
  3.  तगण (ऽऽ।) - वागीश 
  4.  रगण (ऽ।ऽ) - साधना 
  5.  जगण (।ऽ।) - हरीश 
  6. भगण (ऽ।।) -  गायक 
  7.  नगण (।।।) - नमक 
  8. सगण (।।ऽ) - कविता

भारतीय काव्यशास्त्र Question 6:

छंद में प्रयुक्त अक्षर को क्या कहा जाता है?

  1. व्यंजन 
  2. चरण
  3. मात्रा
  4. वर्ण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मात्रा

भारतीय काव्यशास्त्र Question 6 Detailed Solution

सही उत्तर 'मात्राहै।

Key Points

  • छंद में प्रयुक्त अक्षर को मात्रा कहा जाता है।
  • किसी भी ध्वनि या वर्ण के उच्चारण काल को मात्रा कहते है।

अन्य विकल्प - 

शब्द

परिभाषा

व्यंजन 

जिन वर्णों को बोलने के लिए स्वर की सहायता लेनी पढ़ती है उन्हें व्यंजन कहते हैं। जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस कण्ठ, तालु आदि स्थानों से रुककर निकलती है उन्हें ‘व्यंजन’ कहा जाता है।

चरण

छंद के प्रायः 4 भाग होते हैं। इनमें से प्रत्येक को 'चरण' कहते हैं। दूसरे शब्दों में छंद के चतुर्थांश (चतुर्थ भाग) को चरण कहते हैं। कुछ छंदों में चरण तो चार होते हैं लेकिन वे लिखे दो ही पंक्तियों में जाते हैं, जैसे- दोहा, सोरठा आदि।

वर्ण

लिखित चिन्हों को वर्ण कहा जाता है। उच्चारित ध्वनियो में स्वर और व्यंजन दोनों शामिल है।

Additional Information

छंद

अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रागणना तथा यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्यरचना 'छन्द' कहलाती है।

भारतीय काव्यशास्त्र Question 7:

'दोहा के प्रथम चरण में कितनी मात्राएं होती हैं?

  1. 11
  2. 12
  3. 13
  4. 14

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 13

भारतीय काव्यशास्त्र Question 7 Detailed Solution

'दोहा के प्रथम चरण में १३ मात्राएं होती हैं | अत: सही उत्तर विकल्प 3 13 है. अन्य विकल्प अनुचित  उत्तर हैं. 

Key Points

  • रोला छंद - दोहा अर्द्धमात्रिक छंद  है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्राय: जगण (।ऽ।) टालते है, लेकिन इस की आवश्यकता नहीं है। 'बड़ा हुआ तो' पंक्ति का आरम्भ ज-गण से ही होता है। सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है अर्थात अन्त में लघु होता है।
  • उदाहरण-

    बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नहीं, फल लागैं अति दूर।।

Additional Information

अक्षर, अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रा, मात्रा-गणना तथा यति-गति आदि से सम्बन्धित विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य-रचना ‘छन्द’ कहलाती है। छन्द अनेक प्रकार के होते हैं, किन्तु मात्रा और वर्ण के आधार पर छन्द मुख्यतया दो प्रकार के होते हैं–

(अ) मात्रिक छन्द- मात्रा की गणना पर आधारित छन्द ‘मात्रिक छन्द’ कहलाते हैं। इनमें वर्णों की संख्या भिन्न हो सकती है, परन्तु उनमें निहित मात्राएँ नियमानुसार होनी चाहिए।

(ब) वर्णिक छन्द केवल वर्ण- गणना के आधार पर रचे गए छन्द ‘वर्णिक छन्द’ कहलाते हैं। वृत्तों की तरह इनमें गुरु-लघु का क्रम निश्चित नहीं होता, केवल वर्ण-संख्या का ही निर्धारण रहता है। इनके दो भेद हैं–साधारण और दण्डक। 1 से 26 तक वर्णवाले छन्द ‘साधारण’ और 26 से अधिक वर्णवाले छन्द ‘दण्डक’ होते हैं। हिन्दी के घनाक्षरी (कवित्त), रूपघनाक्षरी और देवघनाक्षरी ‘वर्णिक छन्द’ हैं।

भारतीय काव्यशास्त्र Question 8:

‘नाट्यशास्त्र’ किसकी रचना है? 

  1. बाणभट्ट 
  2. भवभूति 
  3. कालिदास 
  4. भरतमुनि 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भरतमुनि 

भारतीय काव्यशास्त्र Question 8 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से ‘नाट्यशास्त्र’ भरतमुनि की रचना है। अन्य विकल्प यहाँ अनुचित उत्तर हैं। अत: इसका उचित उत्तर विकल्प 4 भरतमुनिहै।

स्पष्टीकरण:

दिए गए विकल्पों में से ‘नाट्यशास्त्र’ भरतमुनि की रचना है।

नाटकों के बारे में शास्त्रीय जानकारी को ‘नाट्यशास्त्र’ कहते हैं।

इस रचना में केवल नाट्य रचना के नियमों का अवलोकन नहीं होता बल्कि अभिनेता, रंगमंच और प्रेक्षक इन तीनों की पूर्ति के साधनों का विवेचन है। 

अन्य विकल्प:

बाणभट्ट

कादम्बरी, हर्षचरित

भवभूति

मालती माधव, उत्तर-रामचरित

कालिदास

अभिज्ञान शाकुंतलम्

भारतीय काव्यशास्त्र Question 9:

'भगण' का सही सूत्र है-

  1.  ऽऽ।
  2. ऽ।।
  3. ऽ।ऽ
  4. ।ऽऽ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ऽ।।

भारतीय काव्यशास्त्र Question 9 Detailed Solution

'भगण' का सही सूत्र- 'ऽ।।'

  • उदाहरण- 'मीरन'

Key Points

गण-  केवल वर्णिक छंद में प्रयोग होते है।

गणों की संख्या 8 है- यगण (।ऽऽ), मगण (ऽऽऽ), तगण (ऽऽ।), रगण (ऽ।ऽ), जगण (।ऽ।), भगण (ऽ।।), नगण (।।।) और सगण (।।ऽ)।

तगण के लिए सूत्र-  ऽऽ।

  • उदाहरण- चालाक, आधार आदि।

रगण के लिए सूत्र-  ऽ।ऽ

  • उदाहरण- पालना, मारना आदि।

यगण के लिए सूत्र- ।ऽऽ

  • उदाहरण-हाना, नहाना आदि।

Additional Information

छंद परिभाषा-जिस शब्द-योजना में वर्णों या मात्राओं और यति-गति का विशेष नियम हो, उसे छन्द कहते हैंछन्दशास्त्र को ‘पिंगल-शास्त्र’ भी कहते हैं क्योंकि, इसके आदि प्रणेता श्री पिंगलाचार्य थे।

छंद के 7 अंग होते है- 

  1. चरण/पद/पाद 
  2. वर्ण और मात्रा
  3. संख्या और क्रम 
  4. गण 
  5. यति /विराम  
  6. गति 
  7. तुक

छंद के प्रकार- 3।

  1. मात्रिक छंद 
  2. वर्णिक छंद 
  3. मुक्त छंद 

भारतीय काव्यशास्त्र Question 10:

'उल्लाला' है:

  1. वर्णिक छंद
  2. मुक्त छंद
  3. मात्रिक छंद
  4. पारंपरिक छंद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मात्रिक छंद

भारतीय काव्यशास्त्र Question 10 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘मात्रिक छंद’।
  • उल्लाला ‘मात्रिक छंद’ है।
  • उल्लाला छन्द हिन्दी छन्दशास्त्र का एक पुरातन छन्द है। इसकी स्वतंत्र रूप से कम ही रचना की गई है।

Key Points

वीरगाथा काल में उल्लाला तथा रोले को मिलाकर छप्पय की रचना किये जाने से इसकी प्राचीनता प्रमाणित है। इसका एक उदाहरण निम्न है:-

  • यों किधर जा रहे हैं बिखर,कुछ बनता इससे कहीं।
    संगठित ऐटमी रूप धर,शक्ति पूर्ण जीतो मही।।
Get Free Access Now
Hot Links: teen patti palace teen patti baaz teen patti real cash withdrawal real cash teen patti