तार्किक प्रश्न MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for तार्किक प्रश्न - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Mar 9, 2025
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तार्किक प्रश्न Question 1:
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन - I : वर्डस्वर्थ के अनुसार कविता स्वतः स्फूर्त अभिव्यक्ति है।
कथन - II : कॉलरिज के अनुसार रम्य कल्पना केवल स्मृति पर निर्भर है जबकि कल्पना प्रेरणा और अवधारणा आदि अनेक स्रोतों से सामग्री संचय करती है।
उपरोक्त कथन के आलोक में नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 1 Detailed Solution
कथन - I : वर्डस्वर्थ के अनुसार कविता स्वतः स्फूर्त अभिव्यक्ति है।
कथन - II : कॉलरिज के अनुसार रम्य कल्पना केवल स्मृति पर निर्भर है जबकि कल्पना प्रेरणा और अवधारणा आदि अनेक स्रोतों से सामग्री संचय करती है।
1) कथन l और ll दोनों सत्य है
Key Points
- वर्ड्सवर्थ
- ने कविता को परिभाषित करते हुए लिखा है,-"कविता प्रबल भावों का सहज उच्छलन है"
- वर्ड्सवर्थ के अनुसार कविता स्वत : स्फुर्त अभिव्यक्ति है।
- कवियों का भाव जितने सहज था, उनकी भाषा उतनी ही सरल थी भाषा में कृत्रिमता और आडंबर आदि बाद के कवियों की देन है।
- कॉलरिज
- इन्होने कल्पना और रम्य कल्पना में निम्न अंतर रेखांकित किए है ।
- 'कल्पना' बिंबो को विघटित विगलित कर नये रूप में परिवर्तित करती है।
- 'रम्य' कल्पना बिंबो को सिर्फ आसपास रख देती है कोई परिवर्तन नहीं करते।
- कल्पना अन्त :प्रेरणा प्रत्यक्ष आदि से सामग्री ग्रहण करती है।
- रम्य कल्पना प्रधानत: स्मृति से सामग्री ग्रहण करती है।
- कल्पना जैव कार्य पद्धति पर आधारित है।
- रम्य कल्पना यांत्रिक कार्य प्रति पर आधारित है।
- कल्पना प्रतिभा की उपज है।
- रम्य कल्पना प्रज्ञा की उपज है।
Important Points
- वर्ड्सवर्थ में काव्य भाषा के संबंध में तीन मान्यता प्रस्तुत की –
- काव्य में ग्रामीणों के दैनिक बोलचाल की भाषा का प्रयोग होना चाहिए।
- काव्य और गद्य की भाषा में कोई तात्विक भेद नहीं है।
- प्राचीन कवियों का भावोदोध जितना सहज था भाषा उतनी ही सरल थी भाषा में कृत्रिमता और आडंबर बाद के कवियों की देन है।
- वर्ड्सवर्थ का यह भी मानना है कि काव्य और गद्य में अंतर केवल छंद के कारण होता है।
- कॉलरिज-
- कॉलरिज प्रत्यवादी थे उन और उनकी काव्य संबंधी धारणा जैव वादी सिद्धांत पर आधारित।
- कॉलरिज के अनुसार काव्य सृजन का मूलाधार कल्पना है।
- कल्पना के दो भेद हैं मुख्य कल्पना और गौण कल्पना।
- 'इमैजिनेशन' शब्द की उत्पत्ति लेटिन के 'इमाजिनातियो' से हुई है जिसका हिंदी रूपांतरण 'कल्पना' है।
- 'फैंसी' शब्द की उत्पत्ति ग्रीक की के 'फांतासिया' से हुई है, जिसका हिंदी रूपांतरण में 'रम्यकल्पना' या 'ललित कल्पना' है।
- अंग्रेजी में व्यवहारिक आलोचना का सूत्रपात कोलरिज ने किया था।
Additional Information
- विलियम वर्ड्सवर्थ का जन्म 1770 इंग्लैंड में हुआ।
- इनका प्रथम काव्य संग्रह 'एन इवनिंग वॉक एंड डिस्क्रिप्टिव स्केचेज ' 1793 मे प्रकाशित।
- कॉलरिज केस है लेखन में 'लिरिकल बैलेडस' 1798 में प्रकाशित।
- सैमुअल टेलर कॉलेरिज-
- इनका जन्म 1772 इंग्लैंड में हुआ।
- कॉलरिज की महत्वपूर्ण रचनाएं-
- द फ्रेंड 1817
- एड्स टू रिफ्लेक्शन 1825
- चर्च एंड स्टेट 1830
- कंफेशज ऑफ एन इंक्वायरिंग सिपरिट 1840.
तार्किक प्रश्न Question 2:
नीचे दो कथन दिए गए है : एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (Reason R) के रूप में।
अभिकथन A : 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक के माध्यम से समकालीन शिक्षा जगत की यथार्थ विसंगतियों एवं विद्रूपताओं को उजागर किया गया है।
कारण R : 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार, पक्षपात, शिक्षक समुदाय के पंगु, असहाय, बेबस और अपाहिज चरित्र को पौराणिक कथा के माध्यम से प्रस्तुत करता है।
उपर्युक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है- A और R दोनों सत्य हैं और R, A की सही व्याख्या है।
Key Pointsएक और द्रोणाचार्य-
- प्रकाशन वर्ष- 1977 ई.
- विधा- नाटक
- रचनाकार- शंकरशेष
- विषय-
- इस नाटक में नाटककार ने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार, पक्षपात, राजनितिक घुसपैठ तथा आर्थिक एवं सामाजिक दबावों के चलते निम्न मध्यवार्गीय व्यक्ति के असहाय बेबस चरित्र को उद्घाटित किया है।
- महाभारत कालीन प्रसिद्ध पात्र द्रोणाचार्य के जीवन प्रसंगों को आधार बनाकर वर्तमान विसंगति को दिखाया गया है।
- पौराणिक पात्र-
- द्रोणाचार्य
- एकलव्य
- कृपी (द्रोणाचार्य की पत्नी)
- अश्वस्थामा (द्रोणाचार्य का पुत्र)
- भीष्म
- अर्जुन
- युधिष्ठिर
- सैनिक
- आधुनिक पात्र-
- अरविंद: (नाटक का प्रमुख पात्र प्रोफेसर)
- लीला: अरविंद की पत्नी
- यदू: अरविंद का साथी
- जूनियर प्रोफ़ेसर
- प्रिसपल: 60 वर्ष का है
- चंदू: अरविंद का छात्र 20 वर्ष
- अरविंद के कॉलेज का प्रेसिडेंट
- विमलेंदु: मृत शिक्षक
- अनुराधा: छात्रा, 20 वर्ष की
Important Pointsशंकरशेष-
- प्रसिद्धि - हिन्दी के साठोत्तरी पीढ़ी के सुप्रसिद्ध नाटककार थे।
- प्रमुख रचनाएं -
- फंदी (1971)
- रक्तबीज (1978)
- बन्धन अपने-अपने (1980)
- एक और द्रोणाचार्य (1980)
- अरे! मायावी सरोवर (1981)
- कोमल गांधार (1983)
- चेहरे (1983)
- पोस्टर (1983)
- बिन बाती के दीप (1970) आदि।
तार्किक प्रश्न Question 3:
निम्नलिखित कथनों, स्थापना (अ) और तर्क (ब) पर विचार कीजिए और नीचे दिए गए कूट से सही विकल्प का चयन कीजिए:
स्थापना (अ): पाश्चात्य साहित्य में कल्पना को बहुत महत्त्व दिया गया है।
तर्क (ब): पाश्चात्य साहित्य कल्पनाप्रसूत है।
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- (अ) सही है और (ब) गलत है
Key Pointsकॉलरिज-
- जन्म-1772-1834 ई.
- पाश्चात्य काव्यशास्त्रीय लेखक है।
- इन्होंने कल्पना का सिद्धांत प्रतिपादित किया है।
- मुख्य रचनाएँ-
- लेक्चर्स ऑन लिटरेचर
- एड्स टू रिफ्लेक्शन(1825 ई.) आदि।
मुख्य विचार-
- "कल्पना मानव-मस्तिष्क की बिम्बविधायिनी शक्ति है।"
- "काव्य सबसे अधिक आनंद तभी देता है जब वह केवल सामान्यतः समझ मे आए, पूर्णतः नहीं।"
Important Pointsपाश्चात्य विचारकों की रचनाएँ-
विचारक | रचनाएँ |
प्लेटो | रिपब्लिक, स्टेट्समैन, इयोन, फीडो, क्रीटो आदि। |
अरस्तू | पेरिपोइएतिकेस, रिटोरिक, पॉलिटिक्स आदि। |
लोंजाइनस | पेरिइप्सुस । |
वर्ड्सवर्थ | लिरिकल बैलड्स(1798 ई.) आदि। |
इलियट | द सैक्रेड वुड(1920 ई.), द वेस्टलैंड(1922 ई.), सेलेक्टेड एसेज(1932 ई.) आदि। |
तार्किक प्रश्न Question 4:
नीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन ( Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके (Reason R) कारण के रूप में;
अभिकथन A : गोदान उपन्यास में मिर्जा साहब की धारणा थी कि रूप के बाजार में वही स्त्रियाँ आती है जिन्हें या तो अपने घर में पति के द्वारा मारा जाता है।
कारण R : या जो आर्थिक कष्टों से मजबूर हो जाती है।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 4 Detailed Solution
- लेखक - मुंशी प्रेमचंद
- प्रकाशन वर्ष - 1936 ई.
- पात्र - होरी, धनिया, गोबर, सोना, रूपा, मातादीन, दुलारी सहूआइन, मगरू साहू, पटरेश्वरी लाल, झींगुरी सिंह, पंडित नोखेराम, सिलिया, भोला, नोहरी, हीरा, शोभा, दरोगा, राय साहब अमरपाल सिंह, डॉ. बी. मेहता, मिस मालती, मिस्टर चंद्र प्रकाश खन्ना, ओंकार नाथ।
- मुख्य - यह प्रेमचंद जी का अंतिम पूर्ण उपन्यास है।
- इसमें प्रेमचंद ने किसी एक समस्या को उठाने की बजाय तत्कालीन भारतीय समाज की लगभग हर समस्या को एक साथ उठाया है।
- इसी कारण गोदान को भारतीय जीवन का महाकाव्य भी कहा जाता है।
- देवस्थान रहस्य (1905 ई.)
- प्रेमा (1907 ई.)
- सेवासदन (1918 ई.)
- वरदान (1921 ई.)
- प्रेमाश्रम (1922 ई.)
- रंगभूमि (1925 ई.)
- कायाकल्प (1926 ई.)
- निर्मला (1927 ई.)
- प्रतिज्ञा
- "मिर्जा साहब की धारणा थी कि रूप के बाजार में वही स्त्रियां आती है, जिन्हें या तो अपने घर में किसी कारण से सम्मानपूर्ण आश्रय नहीं मिलता या जो आर्थिक कष्टो से मजबूर हो जाती है और अगर यह है दोनों प्रशन हल कर दिए जाए तो बहुत कम औरतें इस भांति पतित हो!"
तार्किक प्रश्न Question 5:
नीचे दो कथन दिए गए हैं : एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (Reason R) के रूप में :
अभिकथन A : 'राउलवेल' रोड कवि की रचना है।
कारण R : इससे हिन्दी में नख-शिख वर्णन की परंपरा का आरंभ होता है।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 5 Detailed Solution
- रचनाकार - रोड कवि
- समय - 10 वीं शती
- मुख्य - यह शिलाकिंत कृति है गद्य पद्य मिश्रित चंपू काव्य है।
- इसमें राउल नामक नायिका का नखशिख वर्णन है।
- तथा साथ ही कलचुरी राजवंश के एक सांवत की सात नायकाओ का नक्श- शिख वर्णन है।
- इसमें हिंदी में नख - शिख वर्णन की परंपरा का आरंभ होता है।
- यह हिंदी की प्रथम शीलाकित कृति है।
- यह धारावती के शिलाखंड पर अंकित है।
- इस रचना में हिंदी के सात बोलियो के शब्द मिलते हैं।
- इसमें राजस्थानी प्रधान है।
तार्किक प्रश्न Question 6:
नीचे दो कथन दिए गए हैं-
कथन - I : जर्नलिज़्म सियासत का जहाज है। वह चाहे तो स्टेट को बचा ले चाहे तो डुबो दे।
कथन - II : पत्रकार के काम की विशेषता यह है कि वह अपने व्यक्तित्व को परोक्ष मे रखकर मालिकों की इच्छानुसार घटनाओं कि वर्णन को रंग देता है।
उपरोक्त कथन के आलोक में नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 6 Detailed Solution
झूठा सच उपन्यास -
- लेखक - यशपाल
- प्रकाशन वर्ष - दो खंडो में विभक्त है वतन और देश (1958 ई.), देश का भविष्य (1960 ई.)।
- मुख्य पात्र - तारा, जयदेव पुरी, कनक।
- गौण पात्र - असद, शीला, डॉ. प्राणनाथ, सोमराज, पंडित गिरधारी लाल, महेंद्र नैयर, करमचंद कशिश, दोलू मामा, रतन, गौस मोहम्मद, कृष्ण नारायण अवस्थी, नब्बू, विश्वनाथ सूद, उर्मिला, बंती, अग्रवाल साहब, पुरुषोत्तम, नरोत्तम, माथुर, जया, सीता, डॉक्टर श्याम।
- मुख्य - झूठा सच उपन्यास विभाजन की त्रासदी का चित्रण करता है मानवीय जीवन की त्रासदी का प्रत्यक्ष दर्शन है।
- यह उपन्यास सामाजिक- राजनीतिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है।
- इसमें यशपाल ने सन (1942 ई.) से (1957 ई.) तक अर्थात देश के विभाजन से पहले और उसके बाद के उतार चढ़ाव को दिखाया है।
- झूठा सच यशपाल का महत्वपूर्ण उपन्यास है।
- अपनी प्रकृति में यह एक महाकाव्यात्मक उपन्यास है।
- यह भारत के विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है।
- पहले खंड 'वतन और देश' में विभाजन के वास्तविक कारणों विभाजन के समय की दर्दनाक स्थितियां तथा विस्थापितों एवं शरणार्थियों की समस्याओं को प्रस्तुत किया गया।
- तारा के चरित्र के माध्यम से बताया गया है कि विभाजन के समय महिलाओं की दुर्दशा का क्या आलम था।
- दूसरे खंड 'देश का भविष्य' में आजादी के बाद की स्थितियां है।
- जिसमें एक और कुछ बुद्धिजीवियों में नेताओं की प्रगतिशील भूमिका का चित्रण है।
- तो दूसरी और सूद और सोमराज जैसे उन तत्वों की भी चर्चा जो राजनीति और पत्रकारिता को शुद्ध व्यवसाय बनाकर भ्रष्टाचार में बेईमानी के माध्यम से समाज को लूटने में लगे हैं।
- झूठा सच में यशपाल ने देश विभाजन के लिए मूल रूप से अंग्रेजों को उत्तरदाई ठहराया है।
- उनके अनुसार अंग्रेजों ने अपनी सत्ता के लिए हिंदू मुसलमान में फूट डाली।
तार्किक प्रश्न Question 7:
नीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन ( Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके (Reason R) कारण के रूप में;
अभिकथन A : गोदान उपन्यास में मिर्जा साहब की धारणा थी कि रूप के बाजार में वही स्त्रियाँ आती है जिन्हें या तो अपने घर में पति के द्वारा मारा जाता है।
कारण R : या जो आर्थिक कष्टों से मजबूर हो जाती है।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 7 Detailed Solution
- लेखक - मुंशी प्रेमचंद
- प्रकाशन वर्ष - 1936 ई.
- पात्र - होरी, धनिया, गोबर, सोना, रूपा, मातादीन, दुलारी सहूआइन, मगरू साहू, पटरेश्वरी लाल, झींगुरी सिंह, पंडित नोखेराम, सिलिया, भोला, नोहरी, हीरा, शोभा, दरोगा, राय साहब अमरपाल सिंह, डॉ. बी. मेहता, मिस मालती, मिस्टर चंद्र प्रकाश खन्ना, ओंकार नाथ।
- मुख्य - यह प्रेमचंद जी का अंतिम पूर्ण उपन्यास है।
- इसमें प्रेमचंद ने किसी एक समस्या को उठाने की बजाय तत्कालीन भारतीय समाज की लगभग हर समस्या को एक साथ उठाया है।
- इसी कारण गोदान को भारतीय जीवन का महाकाव्य भी कहा जाता है।
- देवस्थान रहस्य (1905 ई.)
- प्रेमा (1907 ई.)
- सेवासदन (1918 ई.)
- वरदान (1921 ई.)
- प्रेमाश्रम (1922 ई.)
- रंगभूमि (1925 ई.)
- कायाकल्प (1926 ई.)
- निर्मला (1927 ई.)
- प्रतिज्ञा
- "मिर्जा साहब की धारणा थी कि रूप के बाजार में वही स्त्रियां आती है, जिन्हें या तो अपने घर में किसी कारण से सम्मानपूर्ण आश्रय नहीं मिलता या जो आर्थिक कष्टो से मजबूर हो जाती है और अगर यह है दोनों प्रशन हल कर दिए जाए तो बहुत कम औरतें इस भांति पतित हो!"
तार्किक प्रश्न Question 8:
नीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके (Reason R) कारण के रूप में
अभिकथन A : अंग्रेजों ने पुरानी आर्थिक संरचना को बदला, जमीन का नया बंदोबस्त किया। नये बंदोबस्त के कारण जमीन को क्रय विक्रय करने की छूट मिल गई।
कारण R : बदलती हुई परिस्थितियों में बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करना आरंभ कर दिया।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 8 Detailed Solution
सही उत्तर है- A और R दोनों सही हैं ओर R, A की सही व्याख्या नहीं है
Key Points
अभिकथन A : अंग्रेजों ने पुरानी आर्थिक संरचना को बदला, जमीन का नया बंदोबस्त किया। नये बंदोबस्त के कारण जमीन को क्रय विक्रय करने की छूट मिल गई।
कारण R : बदलती हुई परिस्थितियों में बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करना आरंभ कर दिया।
- यह अभिकथन(A) सही है इसमें इसमें भूमि के स्थाई बंदोबस्त के बारे में बताया गया ।
- तर्क (B) सही है। क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भावना उनके राष्ट्रप्रेम त्याग और बलिदान के जुनून का संभलते अनुमान भी ना लगा सके कि उन्होंने किस प्रकार धैर्य और साहस के साथ पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन व संपादन किया और उसके लिए कितने आर्थिक शारीरिक मानसिक और पारिवारिक कष्ट झेले ।
- अंग्रेजी सरकार की कठोर नीति में दमन तथा अर्थ आभाव के कारण अनेक पत्र पत्रिकाएं बंद भी होती रही परंतु से अधिक नहीं प्रकाशन भी सामने आते गए ।
- 1793 मे लॉर्ड कार्नवालिस में भूमि के स्थाई बंदोबस्त किया ।
- स्थाई बंदोबस्त का मुख्य उद्देश्य कृषि संकट और संकट की समस्या का समाधान करना था जिसके परिणाम स्वरूप कृषि उत्पादन कम हो गया था ।
- ब्रिटिश अधिकारियों ने सोचा कि कृषि द्वारा कृषि में निवेश व्यापार और राज्य के राजस्व के संसाधनों को बढ़ाया जा सकता ।
- राजस्व को स्थाई रूप से निर्धारित करने और संपत्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वह प्रणाली अपनाई जिसे स्थाई बंदोबस्त के नाम से जाना जाता है ।
- एक बार राज्य की राज्य सभा के स्थाई रूप से निर्धारित हो जाएगी तो कार्य का नियमित परवाह होगा इसके अलावा भूमि धारक अपनी कृषि भूमि में निवेश करेंगे क्योंकि निर्माता निर्धारित कर सकेंगे।
- स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता अजीमुल्ला खाने 8 फरवरी 1857 को दिल्ली से 'पयामे आजादी' पत्र प्रारंभ किया ।
- `उन्होंने शोले की तरह अपनी प्रक्रिया तेजस्विनी लेखनी से जनता में स्वतंत्रता की भावना भर दी अलका तक जीवित रहे इस पत्र से घबराकर ब्रिटिश सरकार ने इसे बंद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
- 'पयामे आजादी' के अंक में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के फरमान आजादी का झंडा गीत प्रकाशित करने के कारण संपादक को फांसी पर लटका दिया गया।
- अरविंद घोष के भाई बरिंद्र घोष का पत्र युगांतर वास्तव में युगांतरकारी पत्र था।
- विष्णु शास्त्री चिपलणकर और लोकमान्य तिलक ने जनवरी 1881 में मराठी में 'केसरी' और अंग्रेजी में 'मराठा साप्ताहिक पत्र निकाले और जनजागृति फैलाई।
- गांधीजी ने अंग्रेजी में 'यंग इंडिया' और जुलाई 1919 से हिंदी गुजराती में 'नवजीवन' का प्रकाशन आरंभ किया ।
- गणेश शंकर विद्यार्थी ने 9 नवंबर 1913 को कानपुर से 'प्रताप' साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन आरंभ किया।
- माखनलाल चतुर्वेदी ने कर्मवीर का संपादन किया कर्मवीर पत्थर ने स्वतंत्रता के समय और ओज और जोशपूर्ण शीर्षक राष्ट्रीय ज्वाला जगायी इसके साथ देश के युवाओं के हृदय में देशभक्ति का भाव भर दिया।
Additional Information
- लॉर्ड कार्नवालिस का मानना था कि लोग स्थाई बंदोबस्त को तुरंत स्वीकार कर लेंगे और इससे अपनी भूमि को बेहतर बनाने में निवेश करना शुरू कर देंगे ।
- 1790 में निदेशक न्यायालय ने 10 वर्षीय समझौता जारी किया जमींदार, जिसे 1793 में स्थाई कर दिया गया।
- 1797 के स्थाई बंदोबस्त अधिनियम द्वारा सशस्त्र बल रखने का उनका अधिकार हटा दिया गया वे केवल भूमि के कर संग्रह करता बनकर रह गए।
- 1868 में बंगाल के साप्ताहिक पत्र अमृत बाजार पत्रिका ने भी परवल राष्ट्रीय विचारों का प्रचार किया जिसके कारण इसके कई संपादकों को जेल की सजा भुगतनी पड़ी ।
- इस प्रकार बुद्धिजीवियों द्वारा निकाले गए समाचार पत्रों का स्वतंत्रता में योगदान है यह तर्क सही है किंतु यह तर्क अभीकथन की व्याख्या नहीं करता है ।
तार्किक प्रश्न Question 9:
नीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (Reason R) के रूप में:
अभिकथन (A): उत्तर - आधुनिकता मानव - यथार्थ की सम्पूर्णता की अवधारणा का खण्डन करती है।
कारण (R): क्योंकि मानव - यथार्थ विखण्डित, बहुवाची और परिवर्तनशील है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 9 Detailed Solution
सही उत्तर है- (A) सही नहीं है, लेकिन (R) सही है।
Key Pointsउत्तर-आधुनिकता-
- उत्तर आधुनिकता अंग्रेजी के ‘पोस्ट मोर्डनिजम' शब्द का हिन्दी पर्याय है।
- जिसका प्रयोग द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद आधुनिकता के अंत की घोषणा के पश्चात् किया गया।
- पोस्ट शब्द का अर्थ होता है ‘बाद में’।
- उत्तर आधुनिकता अपने अर्थ में आधुनिकता की समाप्ति या आधुनिकता के विस्तार की घोषणा के रूप में परिलक्षित होती है।
- इस दृष्टि से ‘उत्तर’ शब्द व्याख्या सापेक्ष है।
- इस पर विद्वानों में बराबर बहस होती रही है कि उत्तर आधुनिकता, आधुनिकता की समाप्ति के बाद की स्थिति है या आधुनिकता का विस्तार उत्तर आधुनिकता में है।
तार्किक प्रश्न Question 10:
नीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (Reason R) के रूप में:
अभिकथन (A): मनुष्य का अस्तित्व ईश्वर के बगैर असंभव है।
कारण (R): क्योंकि नीत्शे का मानना है कि ईश्वर मर गया है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
तार्किक प्रश्न Question 10 Detailed Solution
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर है - (A) सही नहीं है, लेकिन (R) सही है।
Mistake Points
- मनुष्य का अस्तित्व ईश्वर के बगैर असंभव है- यह कथन असत्य है, क्योंकि नीत्शे का मानना है कि ईश्वर मर गया है और जब ईश्वर है ही नहीं तो मनुष्य उसके बगैर जी भी सकता है और अपना सम्पूर्ण अस्तित्व भी रख सकता है।
Key Pointsनीत्शे के कथन-
- नीत्शे एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे।
- वे एक ऐसा देवता तलाश कर रहे थे, जो मनुष्य की पहुँच में हो और उसी की तरह नाच-गा सके और जो मनुष्य की तरह ही जीवनयापन करे।
- "ईश्वर मर गया है" नीत्शे ने यह इसलिए कहा होगा क्योंकि उसे ऐसा देवता नहीं मिला जो जीवन से भरपूर हो।
- जो मनुष्य की तरह हँसे-रोए, काम करे और कराए।
Important Pointsफ्रेडरिक नीत्शे-
- जन्म- 1844-1900 ई.
- यह जर्मनी के दार्शनिक थे।
- मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद एवं परिघटनामूलक चिंतन के विकास में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
- भारत में भी इक़बाल आदि कवियों की रचनाएँ नीत्शेवाद से प्रभावित हैं।
- रचनाएँ-
- ज़रथुस्त्र की वाणी (Also sprach Zarathustra)
- पुण्य और पाप के आगे (Jenseits von Gut und Böse)
- मूल्यों की परंपरा (Zur Genealogie der Moral)