नाॅम चाॅमस्कीमहोदयस्य ______ इति सिद्धान्तः कथयति यत् वयं जन्मना एव भाषाप्रकार्यं अवबोधयितुम् समर्थाः भवेयुः।

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CTET Paper 1 - 29th Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. चिह्न भाषा (Sign Language)
  2. सार्वभौमिकं व्याकरणम् (Universal Grammar)
  3. आधारभूत शिक्षा (Basic Education)
  4. अनुप्रयुक्तविज्ञानाः (Applied Sciences)

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Option 2 : सार्वभौमिकं व्याकरणम् (Universal Grammar)
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प्रश्नानुवाद - नाॅम चाॅमस्की महोदय का ______ यह सिद्धान्त कहता है कि हम जन्म से ही भाषा प्रकार्य को समझने में समर्थ में होते हैं।

स्पष्टीकरण - नोम चाॅम्स्की महोदय द्वारा प्रतिपादित सार्वभौमिक व्याकरण सिद्धान्त कहता है कि हम में व्याकरण प्राप्त करने, भाषा को समझने और विकसित करने की एक जन्मजात क्षमता होती है। जिसे सार्वभौम व्याकरण कहा जाता है। 

Important Points

नोम चाॅम्स्की -

  • आधुनिक भाषा विज्ञान के जनक के रूप में जाने जाने वाले नोम चाॅम्स्की ने भाषाविज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • चॉम्स्की के अनुसार - भाषा प्राप्त करने की एक सहज क्षमता हमारे विशिष्ट मानव जैविक विरासत का परिणाम है, जिसे 'भाषा अधिग्रहण उपकरण(LAD) कहा जाता है।
  • सैद्धान्तिक रूप से LAD मस्तिष्क का एक क्षेत्र है, जिसमें सभी भाषाओं के लिए सार्वभौमिक वाक्य विन्यास नियम है।
  • यह उपकरण सीखी शब्दावली का उपयोग करके उपन्यास वाक्य बनाने की क्षमता वाले बालकों को प्रदान करता है।
  • सहज क्षमता - वह दृढ़ता से मानता है कि व्याकरण के जन्मजात ज्ञान के साथ पैदा हुए बच्चे जो सभी भाषा अधिग्रहण के लिए आधार के रूप में कार्य करते हैं।
  • जनक व्याकरण - चॉम्स्की के अनुसार यह वाक्यों को उत्पन्न करने के लिए नियमों के एक सीमित सेट को संदर्भित करता है और इसका उपयोग उस भाषा में अधिक वाक्यों का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है।
  • सार्वभौमिक व्याकरण - चॉम्स्की के सार्वभौमिक व्याकरण से पता चलता है कि सभी बच्चों में व्याकरण प्राप्त करने, समझने और विकसित करने की एक जन्मजात क्षमता होती है।

 

अतः कहा जा सकता है कि नोम चाॅम्स्की महोदय द्वारा प्रतिपादित सार्वभौमिक व्याकरण सिद्धान्त कहता है कि हम में व्याकरण प्राप्त करने, भाषा को समझने और विकसित करने की एक जन्मजात क्षमता होती है। (अन्य विकल्प यहाँ असंगत हैं।)

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