सरल आवर्त गति निष्पादित करने वाले कण का विस्थापन समय आलेख चित्र 14.5 में दिखाया गया है। निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?

  1.  पर बल शून्य होता है। 
  2.  पर त्वरण अधिकतम होता है। 
  3.  पर वेग अधिकतम होता है।
  4.  पर दोलन की स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा के बराबर होती है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option :

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अवधारणा:

सरल आवर्त गति:
सरल आवर्त गति (S.H.M) एक प्रकार का आवर्ती दोलन है, जिसमें प्रत्यानयन बल, विस्थापन के समानुपाती होता है।
→ सरल लोलक की गति, सरल आवर्त गति का एक अच्छा उदाहरण है जिसमें गोलक गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में निम्नतम और उच्चतम स्थिति के अनुदिश स्वतंत्र रूप से दोलन करता है।

व्याख्या:

सरल आवर्त गति निष्पादित करने वाले कण का अधिकतम वेग माध्य स्थिति अर्थात x = 0 पर होता है।
इस प्रकार वेग T/4 और 3T/4 पर अधिकतम होता है, T/2 पर नहीं। इसलिए, बल शून्य है। 

अतः विकल्प (1) सही है।
सरल आवर्त गति निष्पादित करने वाले एक कण का त्वरण चरम स्थितियों पर अर्थात 0, T/2, T पर अधिकतम होता है

अत: विकल्प (2) सही है।
सरल आवर्त गति निष्पादित करने वाले कण का बल या त्वरण माध्य स्थिति पर अर्थात T/4, 3T/4 पर शून्य होता है

अत: विकल्प (3) सही है।

गतिज ऊर्जा =कुल ऊर्जा, जब स्थितिज ऊर्जा =0 जोकि माध्य स्थिति में होता है। T/2 चरम स्थित है माध्य स्थिति नहीं। 

अत: विकल्प (4) गलत है।

अतः विकल्प (1), (2) और (3) सही उत्तर हैं।

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