Question
Download Solution PDFनिम्नलिखित घटनाओं को पहले से बाद के क्रम में व्यवस्थित कीजिए:
A. आर्यसमाज का स्थापना वर्ष
B. आनंद मठ का प्रकाशन वर्ष
C. गीतांजलि का प्रकाशन वर्ष
D. विश्व धर्म सभा में विवेकानंद संबोधन
E. ब्रह्म समाज का स्थापना वर्ष
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFनिम्नलिखित घटनाओं का पहले से बाद का सही क्रम है -3) E, A, B, D, C
Key Points
- ब्रह्म समाज –
- इसकी स्थापना 20 अगस्त 1828ई. में राजा राममोहन राय और द्वारकानाथ टैगोर ने की।
- आर्य समाज –
- इसकी स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 ई. विरजानंद की प्रेरणा से की थी
- आनंदमठ –
- यह बांग्ला भाषा का एक उपन्यास है।
- इसकी रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1882ई. में की थी।
- विश्व धर्म सभा में विवेकानंद का संबोधन –
- 11 सितंबर 1893ई. को शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण दिया
- गीतांजलि का प्रकाशन वर्ष –
- गीतांजलि रविंद्र नाथ ठाकुर द्वारा रचित प्रसिद्ध कविताओं का संग्रह है।
- प्रकाशन तिथि 1910ई. है और अंग्रेजी में इसका प्रकाशन 1912 ई.में हुआ।
Important Points
- ब्रह्म समाज की स्थापना का उद्देश्य था।
- भिन्न-भिन्न धार्मिक आस्थाओं में बंटी हुई जनता को एकजुट करना
- समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना
- धार्मिक रुढ़ीया जैसे -सती प्रथा, बाल विवाह, जाति तंत्र को बंद करवाना
- आर्य समाज –
- यह आंदोलन पाश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू धर्म में सुधार के लिए प्रारंभ हुआ।
- आर्य समाज में शुद्ध वैदिक परंपरा में विश्वास करते थे तथा मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बली, झूठे कर्मकांड व अंधविश्वासों को अस्वीकार करते थे।
- छुआछूत पर जातिगत भेदभाव का विरोध किया तथा स्त्रियों में शूद्रों को भी यगोपवित धारण करने व वेद पढ़ने का अधिकार दिया।
- आनंद मठ –
- इस कृतिका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के क्रांतियों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।
- भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम इसी उपन्यास से लिया गया है।
- आनंदमठ राजनीतिक उपन्यास है इस उपन्यास में उत्तर बंगाल में 1773 के सन्यासी विद्रोह का वर्णन किया गया है।
- विश्व धर्म सभा में विवेकानंद का संबोधन –
- विवेकानंद जी ने कहा मुझे गर्व है कि मैं ऐसे धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिकता स्वीकृति का पाठ पढ़ाया।
- हम सिर्फ सारा भौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते बल्कि हम भी सब के सभी धर्मों को सत्य के रूप में सरकार करते हैं।
- गीतांजलि
- इसका मूल संस्करण बांग्ला भाषा में था जिसमें अधिकांश थे भक्ति में गाने थे।
- प्रकृति प्रेम ईश्वर के प्रति निष्ठा और मानवतावादी मूल्यों के प्रति समर्पण भाव से संपन्न गीतांजलि के गीत पिछली एक सदी से बंगलावासी जनों की आत्मा में बसे हुए है।
- विभिन्न भाषा में हुए इस के अनुवाद में के माध्यम से विश्व भर में मुकेश है हरदेव पाठक इसका रसास्वाद करते हैं ।
Additional Information
- 1815 में राजा राममोहन राय ने 'आत्मीय सभा' की स्थापना की
- जिसे बाद में ब्रह्म समाज के नाम से जाना गया।
- बाद में से देवेंद्र नाथ ठाकुर ने आगे बढ़ाया
- रविंद्र नाथ ठाकुर और केशव चंद्र सेन में मतभेद होने के कारण केशव चंद्र सेन ने सन 1866 में 'भारतवर्षीय ब्रह्मसमाज' नाम की संस्था की स्थापना की।
- स्वामी दयानंद सरस्वती ने 'सत्यार्थ प्रकाश' नामक ग्रंथ की रचना की जो आर्य समाज का मूल ग्रंथ है।
- आनंदमठ उपन्यास की कथा बंगाल के भीषण अकाल तथा सन्यासी विद्रोह पर आधारित है।
- इसमें वर्ष 1770 से 1774 तक के बंगाल का चित्र है।
- विवेकानंद का मूल नाम नरेंद्र दत्त था।
- गीतांजलि रचना पर 1913 में रविंद्र नाथ ठाकुर को नोबेल पुरस्कार मिला है।
Last updated on Jun 12, 2025
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