द्विगु MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for द्विगु - मोफत PDF डाउनलोड करा
Last updated on Mar 15, 2025
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द्विगु Question 1:
निम्नांकित में द्विगु समास है:
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 1 Detailed Solution
शताब्दी में द्विगु समास है।
शताब्दी - सौ (अब्दों) वर्षो का समाहार (द्विगु समास)
Confusion Pointsअष्टभुजा और चतुर्भुज द्विगु और बहुव्रीहि समास के उदाहरण हैं -
- अष्टभुजा - आठ भुजाएँ हैं जिसकी वह अर्थात दुर्गा (बहुव्रीहि समास)
- अष्टभुजा - आठ भुजाओं का समाहार (द्विगु समास)
- चतुर्भुज - चार भुजाएँ हैं जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)
- चतुर्भुज - चार भुजाओं का समूह (द्विगु समास)
जब कोई ऐसा उदाहरण जो द्विगु समास व बहुव्रीहि समास दोनों का हो तब बहुव्रीहि समास को पहले माना जाता है। इसलिए ये दोनों उदाहरण पहले बहुव्रीहि समास के माने जाएंगे।
वहीं शताब्दी में केवल द्विगु समास है।
Key Pointsअन्य विकल्प -
- नकटा - नाक है कटी जिसकी अर्थात शूर्पनका अर्थात रावण की बहन (बहुव्रीहि)
Important Pointsद्विगु समास के कुछ उदाहरण -
- षण्मुखी = षट् मुखों का समूह
- दुसुती = दो सुतो का समूह
- पंच सिंधु = पाचं सिन्धुओं का समूह
- त्रिवेणी = तीन वेणियों (धाराओं) का संगम स्थल
- शतांश = सौवा अंश
- पट् रस = छः रस
- चवन्नी = चार आनों का समाहार
- एकांकी = एक अंक का नाटक
Additional Informationद्विगु समास
- इस समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद उसका विशेष्य होता है।
- द्विगु समास का समास-विग्रह करते समय दोनों पदों को लिख कर अन्त में ‘का समूह या का समाहार’ लिखते हैं।
द्विगु Question 2:
'त्रिफला' में कौन-सा समास है ?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - "द्विगु" lKey Points
- ‘त्रिफला’ का समास विग्रह है - तीन फलों का समाहार l
- 'त्रिफला' द्विगु समास का उदाहरण है।
Additional Informationविशेष
समास की परिभाषा : दो या दो से अधिक पदों के मेल को समास कहते हैं अर्थात् दो या दो से अधिक पदों के बीच आए हुए कारक चिह्न या अवयव पदों का लोप करके पदों को संक्षिप्त करने की प्रक्रिया को समास कहते हैं। |
|||
भेद |
प्रधान पद |
नियम |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
उत्तर |
समस्तपद बनाते समय कारक चिह्नों का लोप हो जाता है। |
सर्वज्ञ – सर्व (सब) को जानने वाला; तुलसी कृत – तुलसी द्वारा रचित |
अव्ययीभाव समास |
पूर्व |
पूर्वपद की प्रधानता होती है। पूर्वपद अव्यय होता है। समस्त पद भी अव्यय बन जाता है। पूर्व में भर्, निर्, प्रति, यथा, बे, आ, ब, उप, यावत्, अधि, अनु आदि होता है। |
निर्देशानुसार – निर्देश के अनुसार; अनुगमन – गमन के पीछे गमन; प्रत्यारोप – आरोप के बदले आरोप |
कर्मधारय समास |
उत्तर |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। |
· सुलोचना - सुन्दर है जिसके लोचन · प्राणप्रिय - प्राणों के समान प्रिय |
द्विगु समास |
उत्तर |
पूर्वपद संख्यावाची होता है। समस्तपद किसी समूह का बोध कराता है। |
· शताब्दी - शत अब्दों का समाहार · नवरत्न - नव रत्नों का समूह |
द्वंद्व समास |
दोनों |
दोनों पद ही प्रधान होते हैं। विग्रह करते समय ‘और’, ‘या’आदि का प्रयोग होता है। |
· शास्त्रास्त्र – शस्त्र और अस्त्र · अड़सठ – आठ और साठ |
बहुवीहि समास |
कोई नहीं |
कोई भी पद प्रधान नहीं होता समस्तपद का अर्थ भिन्न होता है। |
सूर्यपुत्र – वह जो सूर्य का पुत्र है – कर्ण; सह-परिवार – परिवार के साथ है जो |
द्विगु Question 3:
'अष्टाध्यायी’ शब्द कौन से समास का उदाहरण है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 3 Detailed Solution
- दिए गए विकल्पों में ‘द्विगु समास’ उचित विकल्प है, अन्य विकल्प अनुचित हैं। इसलिए इसका सही उत्तर विकल्प 1 ‘द्विगु समास’ होगा।
Key Points
स्पष्टीकरण:
‘अष्टाध्यायी’ अर्थात ‘आठ अध्यायों का समाहार।’ इसका पहला पद संख्यावाचक है और समस्त पद एक समूह को बता रहा है। इसलिए यहां ‘द्विगु समास’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
चार राहों का समूह = चौराहा |
Additional Information
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
अव्ययीभाव समास |
जिसका पहला पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। (उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता) |
जन्म से लेकर = आजन्म मति के अनुसार = यथामति |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। |
यश को प्राप्त = यशप्राप्त मन से माना हुआ = मनमाना |
द्विगु Question 4:
'पंचवटी' पद में समास है :
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर 'द्विगु' है।
Key Points
- 'पंचवटी' शब्द द्विगु समास का उदाहरण है।
- 'पंचवटी' का समास विग्रह होगा 'पांच वटों का समूह'।
- द्विगु शब्द में प्रथम पद संख्यावाचक पद और द्वितीय पद संज्ञा शब्द है, इसलिए द्विगु शब्द स्वयं द्विगु समास का ही उदाहरण है।
अन्य विकल्प:
- अव्ययीभाव- जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
- यदि किसी सामासिक पद में प्रथम पद उपसर्ग या अव्यय हो तो उसे भी अव्ययीभाव समास ही माना जाता है।
- जैसे - यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार)।
- कर्मधारय- जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो तो, वह 'कर्मधारय समास' कहलाता है।
- जैसे - नीलकमल (नीला है जो कमल)।
- द्वंद्व- समास का वह रूप जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।
- जैसे - अन्न-जल (अन्न और जल)।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
द्विगु Question 5:
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द द्विगु समास का उदाहरण है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 5 Detailed Solution
सही विकल्प है - तिमाही।
- निम्नलिखित में से तिमाही शब्द द्विगु समास का उदाहरण है।
Key Points
- 'तिमाही' का समास विग्रह "तीन माह का समाहार।" होगा।
- यदि किसी सामासिक पद में प्रथम पद संख्यावाचक शब्द हो एवं द्वितीय पद संज्ञा शब्द हो तथा समस्त पद समूह का बोध करवाए तो उसे द्विगु समास कहते हैं।
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:-
- दशानन - 'दस हैं आनन जिसके – रावण'। (बहुव्रीहि समास)
- सन्मार्ग - सत् है जो मार्ग।(कर्मधारय समास)
- अत्याधुनिक - आधुनिक से भी आधुनिक(अव्ययीभाव समास)
Additional Information
- समास - दो या दो से अधिक शब्द से बने हुए नए शब्द को समास कहा जाता है।
- समास के 6 भेद होते है-
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
अव्ययीभाव |
पहला पद प्रधान तथा अव्यय हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण का कार्य करें वहां अव्ययीभाव होता है। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन निर्विवाद = बिना विवाद के |
कर्मधारय | जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है। |
कालीमिर्च = काली है जो मिर्च नीलकमल = नीला है जो कमल |
द्विगु | जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है। |
नवरत्न = नौ रत्नों का समूह सप्तदीप = सात दीपों का समूह |
बहुव्रीहि | जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास कहलाता है। |
महात्मा = महान् आत्मा है जिसकी, |
द्वन्द्व | जिस समास में दोनों पद प्रधान एवं एक दूसरे के विलोम या विलोम जैसे हों तो उसे द्वंद्व समास कहते हैं। |
माता-पिता = माता और पिता, राम-कृष्ण = राम और कृष्ण |
तत्पुरुष | जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। | मतदाता = मत को देने वाला गिरहकट = गिरह को काटने वाला |
द्विगु Question 6:
'त्रिभुवन' शब्द में समास होगा-
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 6 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 3 'द्विगु समास’ होगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं।
Key Points
- दिए गए विकल्पों में से 'त्रिभुवन' शब्द में द्विगु समास है।
- इसका समास विग्रह है - तीन भुवनों का समाहार।
- वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।
अन्य विकल्प:
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
द्वंद्व समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है । |
माता और पिता = माता-पिता |
अव्ययी भाव समास |
जिसका पहला पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। (उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता) |
जन्म से लेकर = आजन्म |
Additional Information
- दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।
द्विगु Question 7:
'सप्तदीप' में कौन-सा समास होगा ?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 7 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 3 ‘द्विगु समास’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- 'सप्तदीप' अर्थात ‘सात दीपों का समाहार’ यहाँ द्विगु समास होगा क्योंकि इसका पहला पद संख्यावाचक है।
- जिस समास का पहला पद संख्यावाची विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध कराता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है। |
नौ रत्नों का समूह- नवरत्न |
Additional Information
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
अव्ययीभाव समास |
जिसका पहला पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। (उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता) |
जन्म से लेकर- आजन्म |
बहुब्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
तीन आँखों वाला- त्रिलोचन |
कर्मधारय समास |
पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है। |
नव है जो युवक- नवयुवक |
द्विगु Question 8:
निम्नलिखित में से द्विगु समास कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 8 Detailed Solution
"नवरत्न" में 'द्विगु समास' है।
क्योंकि,पहला पद "संख्यावाचक" है।
Key Points
द्विगु समास- 'उत्तर पद प्रधान होता',तथा 'समूह' का ज्ञान होता।
- उदाहरण- 'नवरत्न' "नौ रत्नों का समूह"।
तत्पुरुष समास- 'उत्तर पद प्रधान होता',तथा 'कारक चिन्ह' का लोप हों जाता है।
- उदाहरण- 'पथभ्रष्ट' "पथ से भ्रष्ट" (अपादान कारक की विभक्ति "से" का लोप हों रहा है)
बहुब्रीहि समास- 'अन्य पद प्रधान होता',तथा 'दोनों पद' मिलकर किसी "तीसरे पद" की ओर संकेत देते हैं।
- उदाहरण- 'पंकज' " पंक (कीचड़) मे जो उगता है" अर्थात् "कमल" (पंकज)
द्वंद्व समास- दोनों पद प्रधान होते है तथा, मध्य में ”और”, “अथवा”, “या” लगते है।
- उदाहरण- 'जलवायु' "जल और वायु"।
Additional Information
समास- दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने नये सार्थक शब्द को समास कहते है।
- समास भेद- 6 भेद होते हैं।
- अव्ययीभाव समास- पूर्व पद प्रधान।
- तत्पुरुष समास- उत्तर पद प्रधान।
- द्विगु समास- उत्तर पद प्रधान।
- द्वन्द्व समास- दोनों पद प्रधान।
- कर्मधारय समास- उत्तर पद प्रधान।
- बहुव्रीहि समास- अन्य पद प्रधान।
Confusion Points
- कारक चिन्ह- "से" करण विभक्ति मे 'साधन के तौर पर' तथा,अपादान विभक्ति में 'अलगाव होने का भाव' में लगता।
- जैसे- "पथभ्रष्ट" "पथ से भ्रष्ट" (पथ से अलग होने का भाव)।
द्विगु Question 9:
'सप्तदीप' में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 9 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 4 ‘द्विगु समास’ होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- ‘सप्तदीप’ का उचित समास-विग्रह है ‘सात दीपों का समूह’।
- यह द्विगु समास का उदाहरण है।
- जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है।
अन्य विकल्प:
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। |
यश को प्राप्त = यशप्राप्त |
कर्मधारय समास |
जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है। |
|
बहुब्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं बल्कि दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत करते हैं, बहुब्रीहि समास कहलाता है। |
नीलकण्ठ = नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी। |
Additional Information
- समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिंदी में कम-से-कम शब्दों अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
- समास के छ: भेद हैं –
- द्वन्द्व समास
- द्विगु समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- अव्ययीभाव समास
- बहुव्रीहि समास
द्विगु Question 10:
'त्रिफला' में कौन सा समास है ?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विगु Question 10 Detailed Solution
सही उत्तर ‘द्विगु’ है।
Key Points
- 'त्रिफला' द्विगु समास का उदाहरण है।
- 'त्रिफला' का समास विग्रह होगा - तीन फलों का समूह।
- द्विगु समास में जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण होता है।
- 'त्रिफला' में प्रथम पद 'त्रि'(एक संख्या) अथवा दूसरा पद 'फैला' समूह का बोध कराता है।
Important Pointsपदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -
- पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
- उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु समास
- दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
- दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास
Confusion Points
संधि और समास- अर्थ की द्रष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे-
- संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
- संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
- संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिह्न) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |