शुक्ल पूर्व युग निबन्ध MCQ Quiz - Objective Question with Answer for शुक्ल पूर्व युग निबन्ध - Download Free PDF

Last updated on May 22, 2025

Latest शुक्ल पूर्व युग निबन्ध MCQ Objective Questions

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 1:

शिवशम्भू का चिट्ठा' किसका निबंध संकलन है?

  1. कुबेरनाथ राय
  2. बालमुकुन्द गुप्त
  3. विद्यानिवास मिश्र 
  4. सरदार पूर्ण सिंह
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बालमुकुन्द गुप्त

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 1 Detailed Solution

शिवशम्भू का चिट्ठा निबंध के लेखक 'बालमुकुंद गुुप्त' है।

Key Points

  • बालमुकुंद गुप्त का समय ( 1865-1907ई.) है।
  • शिवशम्भू का चिट्ठा (सन् 1904-1905 ई.) मे भारत मित्र पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
  • इस निबंध मे तत्कालीन गवर्नर-जनरल लार्ड को संबोधित  करते हुए लिखा है।

बालमुकुंद गुप्त की अन्य रचनाएँः-

  • चिट्ठी और खत(निबंध)
  • बाल मुकुंद गुप्त निबंधावली
  • स्फूट कविताएँ
  • बालमुकुंद गुप्त ग्रंथावली आदि।

Additional Information 

निबंधकार जन्म निबंधसंग्रह
कुबेरनाथ राय 1933ई. प्रिय नीलकंठी (1968), रस आखेट (1970), गंदमादन (1972), विषाद योग( 1973), निषाद बाँसुरी (1974), पर्ण मुकुट(1978)आदि।
विद्यानिवास मिश्र 1926ई. छितवन की छाँह(1953), हल्दी दूब (1955), कदम की फूली डाली (1956), तुम चंदन हम पानी (1957), आँगन के पंछी और बनजारा मन (1963), मेरे राम का मुकुट भींग रहा है(1974) आदि।
सरदार पूर्ण सिंह 1881ई. आचार की सभ्यता, मजदूरी और प्रेम, सच्ची वीरता, पवित्रता, कन्यादान आमरीका का मस्त कवि वल्ट हि्टमैन।

Important Points

  • महावीर प्रसद द्विवेदी ने बालमुकुंद के लिए कहा- अच्छी हिंदी बस एक व्यक्ति लिखता था।
  • कुबेरनाथ राय रसर्धमा ललित निबंधकार है।
  • विद्यानिवास मिश्र ललित निबंधकार है।

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 2:

‘मज़दूरी और प्रेम’ निबंध के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?

(A) लेखक के अनुसार, हल चलाने वाले का जीवन मौन और प्रेममय होता है।

(B) निबंध में मज़दूरी को मनुष्य के समष्टि-रूप का परिणाम बताया गया है।

(C) लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को भारत के लिए आदर्श माना है।

(D) लेखक ने मज़दूरों की मज़दूरी को यथार्थ पूजा कहा है।

(E) निबंध में लेखक की पत्नी के रोटी बनाने को निर्जीव कार्य बताया गया है।

  1. केवल (A), (B), (C)
  2. केवल (A), (B), (D)
  3. केवल (B), (C), (E)
  4. केवल (A), (D), (E)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल (A), (B), (D)

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 2 Detailed Solution

उत्तर: केवल (A), (B), (D)

विस्तृत समाधान (हिंदी में):

(A) सत्य: लेखक कहते हैं कि हल चलाने वाले का जीवन वृक्षों की तरह मौन होता है और खेती उनके ईश्वरी प्रेम का केंद्र है। यह कथन सही है।

(B) सत्य: निबंध में मज़दूरी को मनुष्य के समष्टि-रूप का परिणाम बताया गया है, जो आत्माओं को खरीदने वाले सिक्के का नकदी बयाना है। यह कथन सही है।

(C) असत्य: लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को भारत के लिए आदर्श नहीं माना, बल्कि कहा कि यह मनुष्य-पूजा के नए आदर्श की ओर बढ़ रही है। यह कथन गलत है।

(D) सत्य: लेखक ने मज़दूरों की मज़दूरी को यथार्थ पूजा कहा है, जो कला और धर्म की वृद्धि का आधार है। यह कथन सही है।

(E) असत्य: लेखक ने अपनी पत्नी के रोटी बनाने को अमूल्य और आनंदमयी कार्य बताया, जिसमें पूर्व दिशा की नभोलालिमा से अधिक लालिमा है। यह कथन गलत है।

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 3:

‘मज़दूरी और प्रेम’ निबंध के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?

(A) लेखक के अनुसार, मज़दूरी करने से हृदय पवित्र होता है।

(B) निबंध में चरखा कातने वाली स्त्रियों के गीतों को कौमी गीत बताया गया है।

(C) लेखक ने मज़दूरी को केवल आर्थिक गतिविधि माना है।

(D) निबंध में जोन ऑफ आर्क और गुरु नानक की फकीरी का उल्लेख है।

(E) लेखक ने कविता में नयापन लाने के लिए मंदिरों और मस्जिदों की पूजा को प्रोत्साहित किया।

  1. केवल (A), (B), (C)
  2. केवल (A), (B), (D)
  3. केवल (B), (C), (E)
  4. केवल (A), (D), (E)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल (A), (B), (D)

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 3 Detailed Solution

​उत्तर: 2) केवल (A), (B), (D)

  • विस्तृत समाधान (हिंदी में):
  • (A) सत्य: निबंध में लेखक कहते हैं कि मज़दूरी करने से हृदय पवित्र होता है और संकल्प दिव्य लोकांतर में विचरते हैं। यह कथन सही है।
  • (B) सत्य: लेखक ने चरखा कातने वाली स्त्रियों के गीतों को संसार के सभी देशों के कौमी गीत बताया है। यह कथन सही है।
  • (C) असत्य: लेखक ने मज़दूरी को केवल आर्थिक गतिविधि नहीं माना, बल्कि इसे प्रेम, फकीरी, और आध्यात्मिक नियम से जोड़ा है। यह कथन गलत है।
  • (D) सत्य: निबंध में जोन ऑफ आर्क की भेड़ें चराने वाली फकीरी और गुरु नानक के पशुओं को हाँकने जैसे कार्यों का उल्लेख है। यह कथन सही है।
  • (E) असत्य: लेखक ने मंदिरों, मस्जिदों, और पोथियों में ईश्वर की तलाश को नकारा और मनुष्य की आत्मा में ईश्वर के दर्शन को सच्चा धर्म बताया। यह कथन गलत है।

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 4:

‘मज़दूरी और प्रेम’ निबंध के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?

(A) अध्यापक पूर्ण सिंह शारीरिक श्रम को सच्ची तपस्या मानते हैं।

(B) निबंध में किसानों, गड़रियों, और मज़दूरों को सर्वोत्तम धार्मिक विभूतियाँ बताया गया है।

(C) लेखक के अनुसार, यंत्रों से बने फोटो में हाथ के चित्रों की तरह प्रेम और पवित्रता होती है।

(D) निबंध में गुरु नानक के कथन ‘भोले भाव मिलें रघुराई’ का उल्लेख है।

(E) लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह नकार दिया है।

  1. केवल (A), (B), (D)
  2. केवल (A), (C), (E)
  3. केवल (B), (C), (D)
  4. केवल (A), (B), (E)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : केवल (A), (B), (D)

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 4 Detailed Solution

उत्तर- केवल (A), (B), (D)

Key Points

  • (A) सत्य: निबंध में अध्यापक पूर्ण सिंह शारीरिक श्रम को सच्ची तपस्या मानते हैं और इसे ईश्वरीय कार्य से जोड़ते हैं। यह कथन सही है।
  • (B) सत्य: लेखक ने किसानों, गड़रियों, मज़दूरों, और मालियों को सर्वोत्तम धार्मिक विभूतियाँ बताया है, जो प्रकृति के साथ तादात्म्य रखते हैं। यह कथन सही है।
  • (D) सत्य: निबंध में गुरु नानक के कथन “भोले भाव मिलें रघुराई” का उल्लेख है, जो भोले-भाले किसानों को ईश्वर के दर्शन से जोड़ता है। यह कथन सही है।

Additional Information

  • (C) असत्य: लेखक के अनुसार, यंत्रों से बने फोटो निर्जीव होते हैं और उनमें हाथ के चित्रों की तरह प्रेम और पवित्रता का अभाव होता है। यह कथन गलत है।
  • (E) असत्य: लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह नकारा नहीं, बल्कि कहा कि यह एक नए आदर्श (मनुष्य-पूजा) की ओर बढ़ रही है, जिसके प्रेरक रस्किन और टॉल्स्टॉय हैं। यह कथन गलत है।

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 5:

शिवशम्भु ने लार्ड कर्जन को "कछाड़ के चाय वाले साहबों" की दावत का उल्लेख क्यों किया? 

  1. उनकी आतिथ्य की प्रशंसा करने के लिए
  2. भारत की प्राकृतिक सुंदरता को दिखाने के लिए
  3. भारत की प्रजा के प्रति उनके प्रेम को दर्शाने के लिए
  4. उनकी क्षणिकता और अस्थायी शासन को रेखांकित करने के लिए 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उनकी क्षणिकता और अस्थायी शासन को रेखांकित करने के लिए 

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 5 Detailed Solution

उत्तर - उनकी क्षणिकता और अस्थायी शासन को रेखांकित करने के लिए 

**विश्लेषण**: शिवशम्भु इस घटना का उल्लेख करते हैं ताकि लार्ड कर्जन को उनकी अस्थायी स्थिति की याद दिलाएँ, क्योंकि उन्होंने स्वयं कहा था कि वे कुछ दिन के लिए हैं, जबकि चाय वाले साहब नित्य हैं।

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“मारेसि मोहि कुठाँव" किसका निबंध है?

  1. रामचन्द्र शुक्ल
  2. चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
  3. मिश्रबंधु
  4. कुबेरनाथ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : चन्द्रधर शर्मा गुलेरी

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 6 Detailed Solution

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“मारेसि मोहि कुठाँव" निबंध है :- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी

Key Points

रचनाकार

अन्य निबंध रचनाएँ

चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' (1883 - 12 सितम्बर 1922) हिंदी के कथाकार, व्यंगकार तथा निबन्धकार थे।

विक्रमोर्वशी की मूल कथा, अमंगल के स्थान में मंगल शब्द, मारेसि मोहि कुठाँव आदि।

Additional Information

  • रामचन्द्र शुक्ल :- 
    • ‘उत्साह’ चिंतामणी भाग-1 में संकलित प्रमुख निबन्ध है।
    • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अन्य निबन्ध-  'प्रेम,हास,उत्साह,आश्चर्य,क्रोध,भय, करुणा, घृणा' आदि 
  • मिश्रबंधु

    • मिश्र बन्धु तीन भाई और साहित्यकार थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य का इतिहास ‘मिश्र बन्धु विनोद नाम से लिखा थाI’

      • श्यामबिहारी मिश्र
      • गणेश बिहारी मिश्र
      • शुकदेव बिहारी मिश्र
  • कुबेरनाथ
    • कुबेरनाथ राय हिंदी ललित निबंध परम्परा के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर,सांस्कृतिक निबन्धकार और भारतीय आर्ष-चिन्तन के गन्धमादन थे।
      गंधमादन के लिए कुबेरनाथ राय को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ​​​

'अर्थार्जन' की अपेक्षा श्रम को महत्व देने वाले निबंधकार है:

  1. अध्यापक पूर्णसिंह
  2. माधव प्रसाद मिश्र
  3. डा. श्याम सुंदर दास
  4. संपूर्णानंद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अध्यापक पूर्णसिंह

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 7 Detailed Solution

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  • 'अर्थार्जन ' की अपेक्षा श्रम को महत्व देने वाले निबंधकार हैं अध्यापक पूर्णसिंह ।
  • स्वाधीन चिंतन , भाषा की लाक्षणिकता तथा व्यंग्यात्मकता उनकी निबंध - शैली की प्रमुख विशेषताएँ हैं ।

Key Points

  • द्विवेदीयुगीन निबंधकारों में सरदार पूर्ण सिंह सर्वाधिक सशक्त निबंधकार माने जाते हैं ।
  • विषय वस्तु के धरातल पर इनके निबंध भावात्मक हैं ।

  

  • अध्यापक पूर्णसिंह के महत्वपूर्ण निबंध हैं - आचरण की सभ्यता , मजदूरी और प्रेम , सच्ची वीरता , पवित्रता , कन्यादान आदि ।

'शिवशंभु के चिट्ठे' किसको संबोधित है?

  1. वारेन हेस्टिंग्ज 
  2. लॉर्ड रिपन
  3. लॉर्ड क्लाइव
  4. लॉर्ड कर्जन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : लॉर्ड कर्जन

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 8 Detailed Solution

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  • बालमुकुन्द गुप्त ने 'शिवशम्भु के चिट्ठे' निबंध लॉर्ड कर्जन को संबोधित करके लिखा है।
  • यह निबंध सन् 1903-1907 'भारत मित्र' पत्रिका में प्रकाशित हुआ।

Key Points

  • 'शिवशम्भु के चिट्ठे' निबंध में बालमुकुन्द गुप्त ने अंग्रेज़ी शासन की आलोचना की है।
  • एक स्वप्न के ज़रिए इस निबंध की शुरुआत होती है।

Important Points

  •  बालमुकुन्द गुप्त द्विवेदी युग के महत्वपूर्ण निबंधकार रहे हैं।
  • बालमुकुन्द गुप्त के निबंध 'गुप्त निबंधावली' शीर्षक से प्रकाशित हैं। 

Additional Information

  •  प्रमुख उद्धरण - "आपने माई लॉर्ड! जबसे भारतवर्ष में पधारे हैं, बुलबुलों का स्वप्न ही देखा है या सचमुच कोई करने के योग्य काम भी किया है"।

"क‍िसी बात का टोटा होने पर उसे पूरा करने की इच्‍छा होती है, दु:ख होने पर उसे म‍िटाना चाहते हैं। यह स्‍वभाव है।"

उपर्युक्‍त कथन क‍िस न‍िबन्‍ध से उद्धृत है?

  1. प्रिया नीलकंठी (कुबरेनाथ राय)
  2. समाज और कर्तव्‍यपालन (गुलाब राय)
  3. कछुआ धर्म (चन्‍द्रधर शर्मा गुलेरी)
  4. ताज (रघुवीर सहाय)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कछुआ धर्म (चन्‍द्रधर शर्मा गुलेरी)

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 9 Detailed Solution

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उपर्युक्‍त कथन-3) कछुआ धर्म(चन्‍द्रधर शर्मा गुलेरी) न‍िबन्‍ध से उद्धृत है।

Important Points

  • चन्‍द्रधर शर्मा गुलेरी की अन्य रचनायें-सुखमय जीवन,उसने कहा था,बुद्धु का कांटा,पुरानी हिंदी आदि हैं।

Additional Information 

  • धर्म का अर्थ उनके लिए ‘‘सार्वजनिक प्रीतिभाव है’’,जो साम्प्रदायिक ईर्ष्या-द्वेष को बुरा मानता है। 
  • मनुस्मृति में कहा गया है कि जहाँ गुरु की निन्दा या असत्कथा हो रही हो वहाँ पर भले आदमी को चाहिए कि कान बन्द कर ले या और कहीं उठ कर चला जाय।
  • यह हिन्दुओं के या हिन्दुस्तानी सभ्यता के कछुआ धरम का आदर्श है। 

'देश की बात' निबंध के लेखक कौन हैं?

  1. प्रतापनारायण मिश्र
  2. मैथिली शरण गुप्त 
  3. महावीर प्रसाद द्विवेदी 
  4. भारतेंदु हरिश्चन्द्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : महावीर प्रसाद द्विवेदी 

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 10 Detailed Solution

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'देश की बात' निबंध के लेखक महावीर प्रसाद द्विवेदी हैं।

 Key Points

  • 'देश की बात' पहली बार 1923 में मिर्जापुर से प्रकाशित हुआ।
    • इसका दूसरा संस्करण मिर्जापुर से 1929 में प्रकाशित हुआ।
    • तीसरा संस्करण 1932 में कोलकाता से प्रकाशित हुआ तब सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया।
    • 'देशेर कथा' का जब हिंदी में अनुवाद ' देश की बात नाम' से हुआ तब उसे भी ब्रिटिश शासक के कोप भाजन होना पड़ा और किताब भी प्रतिबंधित हो गई ।
  • आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने 'साहित्य को ज्ञान राशि का संचित कोष' माना है।
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने महावीर प्रसाद द्विवेदी के निबंधो को 'बातों का संग्रह' कहां है।
  • आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने लॉर्ड वेकन के निबंधों का अनुवाद 'बेकन विचार रत्नावली’ शीर्षक से किया है।

 Important Points

  • आचर्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन  -
    • रसज्ञ रंजन, साहित्य सीकर, कालिदास एवं उनकी कविता कोटिल्य कुठार,वनिता विलास.
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी के महत्वपूर्ण निबंध
    • संपत्ति शास्त्र
    • रसज्ञ रंजन
    • लेखाजलि 
    • नाट्य -शास्त्र
    • उपन्यास रहस्य
    • आगरे की शाही इमारतें
    • कालिदास के समय का भारत
    • दंडदेव का आत्मानिवेदन
    • भाषा और व्याकरण
    • कवि और कविता
    • महाकवि माघ का प्रभात वर्णन
    • दमयंती का चंद्रोपालम्भ
    • कवि  बनने के लिए सापेक्ष साधन
    • म्युनिसिपालिटी के कारनामे
    • आत्मनिवेदन
    • प्रभात
    • नेपाल
  • रविंद्र नाथ टैगोर का लेख 'काव्य की उपेक्षिताएं' लेख पढ़कर 1908 में 'कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता नामक लेख' लिखा भुजंग भूषण भट्टाचार्य के छद्म नाम से

 Additional Information

  • प्रताप नारायण मिश्र को आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 'हिंदी का एडिशन' कहां है।
  • प्रताप नारायण मिश्र के निबंध
    • धोखा
    • दांत
    • बालक,
    • वृद्ध 
    •  खुशामद
    • मनोयोग
    • समझदार की मौत
    •  नास्तिक
    • टेढ़ जान शंका  सब काहूं
    •  होली है अथवा होरी
    • ईश्वर की मूर्ति
    •  सोने का डंडा
    • कनातन के ढोल बांधे
    • प्रताप  नारायण मिश्र ने भाव एवं मनोविकार संबंधी निबंध लिखें।
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र के निबंध
    • कश्मीर कुसुम
    • उदय पुरोदय
    •  कालचक्र
    •  बादशाह दर्पण
    • लेवी प्राण लेवी
    •  वैद्यनाथ की यात्रा
    •  स्वर्ग में विचार सभा का अधिवेशन
    •  पांचवे पैगंबर
    • अंग्रेज स्त्रोत
    •  कंकड़ स्त्रोत
    •  वैष्णव और भारतवर्ष
    •  एक अद्भुत अपूर्व संपन्न
    • अंग्रेजों से हिंदुस्तानियों का जी क्यों नहीं मिलता
    •  संगीत सार
    • ईश्वर बड़ा विलक्षण है
    •  भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है?.

बात, भौ, मनोयोग शीर्षक निबंधों के लेखक कौन थे?

  1. भारतेन्दु हरिश्चंद्र
  2. बालकृष्ण भट्ट
  3. बालमुकुंद गुप्त
  4. प्रतापनारायण मिश्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : प्रतापनारायण मिश्र

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 11 Detailed Solution

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बात, भौ, मनोयोग शीर्षक निबंधों के लेखक प्रतापनारायण मिश्र थे। 

  • यह इनके ललित निबंध है। 

Key Pointsप्रतापनारायण मिश्र-

  • जन्म-1856-1894ई. 
  • भारतेन्दु युग के निबंधकार है। 
  • मुख्य निबंध-
  • सामाजिक निबंध-
    • स्त्री,नारी,जुआ आदि।
  • आर्थिक सामाजिक निबंध-
    • देशी कपड़ा,इनकम,टैक्स,हम राजभक्त हैं आदि।
  • धार्मिक निबंध-
    • मुक्ति के भागी,ईश्वर की मूर्ति आदि।
  • ललित निबंध-
    • द,ट,धोखा,आप,पेट,दाँत आदि। 
  • शुक्ल जी ने इन्हें हिन्दी का 'एडिसन' कहा है। 
  • इनके निबंधों का पहला संकलन 'निबंध नवनीत' नाम से प्रकाशित हुआ। 
  • 'प्रतापनारायण ग्रंथावली' नाम से इनके निबंधों का संकलन प्रकाशित हुआ,जिसमें 191 निबंध संकलित थे। 

Important Pointsभारतेन्दु हरिश्चंद्र-

  • जन्म-1850-1885ई. 
  • डॉ. शिवदान सिंह चौहान ने भारतेन्दु को हिन्दी का पहला निबंधकार स्वीकार किया है। 
  • मुख्य निबंध-
  • पुरातत्व संबंधी-
    • रामायण का समय,मणिकर्णिका आदि। 
  • इतिहास संबंधी-
    • कश्मीर कुसुम,बादशाह दर्पण आदि। 
  • धर्म संबंधी-
    • तदीय सर्वस्व,वैष्णवता और भारतवर्ष आदि। 
  • कला संबंधी-
    • संगीत सार,जातीय संगीत आदि। 
  • यात्रा संबंधी-
    • बैजनाथ की यात्रा आदि। 
  • ऋतु संबंधी-
    • बसंत,ग्रीष्म ऋतु,वर्षाकाल आदि। 
  • जीवन चरित संबंधी-
    • जयदेव का जीवन चरित्र,बीबी फातिमा,पाँचवें पैगंबर आदि। 
  • राष्ट्रीय भावना संबंधी-
    • भारत-वर्षोन्नति कैसे हो सकती है?
  • हास्य संबंधी-
    • अंग्रेज स्त्रोत्र,स्वर्ग में विचार सभा का अधिवेशन आदि। 
  • साहित्य संबंधी-
    • हिन्दी भाषा,नाटक आदि। 
  • रामस्वरूप चतुर्वेदी ने भारतेन्दु के लिए लिखा हैं-
    • "कविता में उनक संसार है,गद्य में विचार।"

बालकृष्ण भट्ट-

  • जन्म-1844-1914ई. 
  • शुक्ल जी ने इन्हें 'हिन्दी का स्टील' कहा है। 
  • मुख्य निबंध-
    • संसार महानाटकशाला 
    • साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है 
    • साहित्य का सभ्यता से घनिष्ट संबंध है 
    • आत्मनिर्भरता 
    • कल्पना 
    • मेला-ठेला 
    • देवताओं से हमारी बातचीत 
    • कालचक्र का चक्कर आदि। 

बालमुकुंद गुप्त-

  • जन्म-1865-1907ई. 
  • द्विवेदी युग के मुख्य निबंधकार थे। 
  • मुख्य निबंध-
    • शिवशम्भू के चिट्ठे,चिट्ठे और खत(1904-1905ई.) आदि। 

Additional Informationभारतेन्दु युगीन अन्य निबंधकार-

  • लाला श्रीनिवासदास
  • बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' 
  • राधचरण गोस्वामी आदि। 

द्विवेदी युगीन अन्य निबंधकार-

  • महावीरप्रसाद द्विवेदी 
  • अध्यापक पूर्ण सिंह 
  • चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' 
  • माधव प्रसाद मिश्र 
  • मिश्र बंधु आदि। 

'साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है।' निबंध किसका है?

  1. रामचन्द्र शुक्ल
  2. भारतेन्दु हरिश्चंद्र
  3. बालकृष्ण भट्ट
  4. बालमुकुन्द गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बालकृष्ण भट्ट

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 12 Detailed Solution

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'साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है' निबंध 'बालकृष्ण भट्ट' द्वारा लिखा गया है।
Key Points

निबंधकार

रचनाएँ

बालमुकुन्द गुप्त 

शिव शंभू के चिट्ठे, चिट्ठे और खत, खेल तमाशा

बालकृष्ण भट्ट

साहित्य सुमन और भट्ट निबंधमाला (निबंध संग्रह), आत्मनिर्भरता आदि।

भारतेंदु हरिश्चंद्र

रामायण का समय, कश्मीर कुसुम, संगीत सार आदि।

 
Additional Information

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (4 अक्टूबर, 1884ईस्वी- 2 फरवरी, 1941ईस्वी) हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल के आलोचनात्मक ग्रंथ :-
    • सूर
    • तुलसी
    • जायसी पर की गई आलोचनाएं
    • काव्य में रहस्यवाद
    • काव्य में अभिव्यंजनावाद
    • रसमीमांसा

निम्न में से कौन 'मजदूरी और प्रेम' निबंध के उपशीर्षक हैं?

A. मजदूर की मजदूरी

B. मजदूर की मजबूती

C. प्रेम मजदूरी

D. मजदूरी और कला

E. मजदूरी और जीवन

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल A, C और D
  2. केवल A, D और E 
  3. केवल A, C और E
  4. केवल A, B और C

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : केवल A, C और D

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 13 Detailed Solution

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 'मजदूरी और प्रेम' निबंध के उपशीर्षक है -  A, C और D

A. मजदूर की मजदूरी

B. प्रेम मजदूरी

D. मजदूरी और कला

 Key Points

मजदूरी और प्रेम निबंध-

  • रचनाकार  - सरदार पूर्ण सिंह
  • अन्य - इस निबंध में पूर्ण सिंह जी ने निरंतर कर्म करने करते रहने की प्रेरणा दी है।
    • यह प्रेम परक निबंध है।

मजदूरी और प्रेम निबंध 8 भागों में बंटा है।

1. हल चलाने वाले का जीवन

2. गडरिये का जीवन

3. मजदूर की मजदूरी

4. प्रेम मजदूरी

5. मजदूरी और कला

6. मजदूरी और फकीरी

7. समाज का पालन करने वाली दूध की धारा

8. पश्चिमी सभ्यता का नया आदर्श

 Important Points

सरदार पूर्ण सिंह ने छह निबंध लिखे हैं।

  • सच्ची वीरता
  • कन्यादान
  • पवित्रता
  • आचरण की सभ्यता
  • मजदूरी और प्रेम
  • अमेरिका का मस्त योगी वाल्ट व्हिटमैन

 Additional Information

सरदार पूर्ण सिंह

  • जन्म - 1881 ई.
  • जन्म स्थान - इटावा जिले का सलहद गाव
    • सरदार पूर्ण सिंह की भाषा शुद्ध खड़ी बोली है किंतु संस्कृत के तत्सम शब्दों के साथ-साथ फारसी अंग्रेजी के शब्द प्रयुक्त है।
    • इनके निबंध भावुकता से लिपटे हुए हैं।
    •  पूर्ण ​ सिंह के निबंध 'सरस्वती' पत्रिका में प्रकाशित होते थे।

"सरदार पूर्ण सिंह'' का निबंध हैः

  1. मजदूरी और प्रेम।
  2. कछुआ धर्म।
  3. कुटज।
  4. शिव शंभु के चिट्ठे।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : मजदूरी और प्रेम।

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 14 Detailed Solution

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  • मजदूरी और प्रेम, सरदार पूर्ण सिंह का प्रसिद्ध निबंध है।
  • इसके लेखक ने मजदूरों के श्रम तथा उसके सच्चे मूल्य का विवेचन किया है।

Additional Information

  • कछुआ धर्म : - चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
  • कुटज : - हजारी प्रसाद द्विवेदी 
  • शिव शम्भू के चिट्ठे : - बालमुकुन्द गुप्त

  • सरदार पूर्ण सिंह जी के सिर्फ 6 निबन्ध मिलते हैं।
    • 1-सच्ची वीरता
    • 2-कन्यादान
    • 3-पवित्रता
    • 4-आचरण की सभ्यता
    • 5-“मजदूरी और प्रेम”
    • 6-अमेरिका का मस्त योगी वाल्ट व्हिटमैन। 

उनकी प्रसिद्धि में चार चाँद लगाने वाले ‘मज़दूरी और प्रेम’ निबन्ध की समीक्षा यहाँ प्रस्तुत है-

  • निबन्ध 8 भागों में बंटा है-
  • 1-हल चलाने वाले का जीवन
  • 2-गड़रिये का जीवन
  • 3-मजदूर की मजदूरी
  • 4-प्रेम-मजदूरी
  • 5-मजदूरी और कला
  • 6-मजदूरी और फ़क़ीरी
  • 7-समाज का पालन करनेवाली दूध की धारा
  • 8-पश्चिमी सभ्यता का नया आदर्श

सरदार पूर्ण सिंह के निबंध हैं।

A. नयनों की गंगा

B. पवित्रता

C. आचरण की सभ्यता

D. जय जमुना मैया जी

E. हम डार डार तुम पात पात

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल B, C और D 
  2. केवल A, C और D
  3. केवल A, B और C 
  4. केवल C, D और E

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केवल A, B और C 

शुक्ल पूर्व युग निबन्ध Question 15 Detailed Solution

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सरदार पूर्ण सिंह के निबंध है - 3) केवल A, B और C

A. नयनों की गंगा

B. पवित्रता

C. आचरण की सभ्यता

Confusion Points

  • सरदार पूर्ण सिंह द्वारा रचित 'कन्यादान' निबन्ध को ही नयनों की गंगा कहा गया है।
  • निबन्ध पंक्ति-
    • "हर एक कला निपुण पुरुष के चरणों में वह नयनों की गंगा सदा बहती है।"

Key Points

  • अध्यापक पूर्ण सिंह के निबंध। 
  • नयनों की गंगा –
    • यह निबंध अध्यापक पूर्ण सिंह का है।
    • इस निबंध में पूर्ण सिंह जी के अनुसार नयनों की गंगा अर्थात कन्यादान के समय कन्या के अपने माता-पिता का घर छोड़ते समय जो आंसू उसकी आंखों से बहते हैं वह गंगा के समान पवित्र है।
  • पवित्रता-
    • यह सरदार पूर्ण सिंह का महत्वपूर्ण निबंध है।
    • भारत की महिमा पवित्रता के आदर्श में है।
    • ब्रह्मचारी पवित्र,  गृहस्थ  पवित्र, वानप्रस्थ पवित्र, सन्यासी पवित्र ब्रह्म क्रांति को देखना और दिखाना भारत का जीवन है।
    • पवित्रता का देश भारत निवासियों का देश है जहां भ्रम क्रांति का भान होता है और खुले दर्शन दीदार होते हैं।
  • आचरण की सभ्यता-
    • यह निबंध पूर्ण सिंह का है।
    • विद्या कला,  कविता साहित्यब, धन और राजत्व से भी आचरण की सभ्यता अधिक ज्योतिषमति है।
    • आचरण की सभ्यता को प्राप्त करने करके कंगाल आदमी राजाओं के दिलों पर भी अपना प्रभुत्व जमा सकता है।

 Important Points

  • सरदार अध्यापक पूर्ण सिंह के निबंध –
    • इनके 6 महत्वपूर्ण निबंध संग्रह है।

1. आचरण की सभ्यता

2. मजदूरी और प्रेम

3.  सच्ची वीरता

4. पवित्रता

5. कन्यादान

6. अमेरिका का मस्त कवि वाल्ट व्हिटमैन

 Additional Information

  • जय जमुना मैया जी –
    • यह निबंध चंद्रधर शर्मा गुलेरी का है।
  • हम डार डार तुम पात पात –
    • यह निबंध बालकृष्ण भट्ट का है।
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