निबन्ध MCQ Quiz - Objective Question with Answer for निबन्ध - Download Free PDF
Last updated on Jun 6, 2025
Latest निबन्ध MCQ Objective Questions
निबन्ध Question 1:
'विविध प्रसंग' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 1 Detailed Solution
'विवध प्रसंग' की रचना है- प्रेमचंद
Key Pointsविवध प्रसंग-
- रचनाकार- प्रेमचंद
- विधा- निबन्ध
- विषय- इसमें छन्द और बाल रचनाओं को संकलित किया गया है।
Mistake Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-
- जन्म- 1921-1977 ई.
- एक सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार थे।
- उपन्यास-
- मैला आंचल -1954 ई.
- परती परिकथा -1957 ई.
- जूलूस -1965 ई.
- कितने चौराहे -1966 ई.
- पल्टू बाबू रोड -1979 ई.
हजारी प्रसाद द्विवेदी-
- जन्म- 1907-1979 ई.
- हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
- निबन्ध संग्रह-
- अशोक के फूल (1948 ई.)
- कल्पलता (1951 ई.)
- मध्यकालीन धर्मसाधना (1952 ई.)
- विचार और वितर्क (1957 ई.)
- विचार-प्रवाह (1959 ई.)
सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म- 1896 -1961 ई.
- हिन्दी के छायावादी कवियों में कई दृष्टियों से विशेष महत्त्वपूर्ण हैं।
- निराला जी एक कवि, उपन्यासकार, निबन्धकार और कहानीकार थे।
- निबन्ध संग्रह-
- प्रबंध पद्म (1934 ई.)
- प्रबंध प्रतिमा (1940 ई.)
- चाबुक (1942 ई.)
- चयन (1957 ई.)
- उपन्यास-
- अप्सरा (1931 ई.)
- अलका (1933 ई.)
- प्रभावती (1936 ई.)
- बिल्लेसुर बकरिहा (1942 ई.)
- चोटी की पकड़ (1946 ई.)
Important Pointsमुंशी प्रेमचंद-
- जन्म- 1880-1936 ई.
- हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- निबन्ध संग्रह-
- कुछ विचार
- विविध प्रसंग।
- उपन्यास-
- सेवासदन- 1918 ई.
- रंगभूमि- 1925 ई.
- गबन- 1928 ई.
- कर्मभूमि- 1932 ई.
- गोदान - 1936 ई.
निबन्ध Question 2:
शिवशम्भू का चिट्ठा' किसका निबंध संकलन है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 2 Detailed Solution
शिवशम्भू का चिट्ठा निबंध के लेखक 'बालमुकुंद गुुप्त' है।
Key Points
- बालमुकुंद गुप्त का समय ( 1865-1907ई.) है।
- शिवशम्भू का चिट्ठा (सन् 1904-1905 ई.) मे भारत मित्र पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
- इस निबंध मे तत्कालीन गवर्नर-जनरल लार्ड को संबोधित करते हुए लिखा है।
बालमुकुंद गुप्त की अन्य रचनाएँः-
- चिट्ठी और खत(निबंध)
- बाल मुकुंद गुप्त निबंधावली
- स्फूट कविताएँ
- बालमुकुंद गुप्त ग्रंथावली आदि।
Additional Information
निबंधकार | जन्म | निबंधसंग्रह |
कुबेरनाथ राय | 1933ई. | प्रिय नीलकंठी (1968), रस आखेट (1970), गंदमादन (1972), विषाद योग( 1973), निषाद बाँसुरी (1974), पर्ण मुकुट(1978)आदि। |
विद्यानिवास मिश्र | 1926ई. | छितवन की छाँह(1953), हल्दी दूब (1955), कदम की फूली डाली (1956), तुम चंदन हम पानी (1957), आँगन के पंछी और बनजारा मन (1963), मेरे राम का मुकुट भींग रहा है(1974) आदि। |
सरदार पूर्ण सिंह | 1881ई. | आचार की सभ्यता, मजदूरी और प्रेम, सच्ची वीरता, पवित्रता, कन्यादान आमरीका का मस्त कवि वल्ट हि्टमैन। |
Important Points
- महावीर प्रसद द्विवेदी ने बालमुकुंद के लिए कहा- अच्छी हिंदी बस एक व्यक्ति लिखता था।
- कुबेरनाथ राय रसर्धमा ललित निबंधकार है।
- विद्यानिवास मिश्र ललित निबंधकार है।
निबन्ध Question 3:
‘मज़दूरी और प्रेम’ निबंध के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) लेखक के अनुसार, हल चलाने वाले का जीवन मौन और प्रेममय होता है।
(B) निबंध में मज़दूरी को मनुष्य के समष्टि-रूप का परिणाम बताया गया है।
(C) लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को भारत के लिए आदर्श माना है।
(D) लेखक ने मज़दूरों की मज़दूरी को यथार्थ पूजा कहा है।
(E) निबंध में लेखक की पत्नी के रोटी बनाने को निर्जीव कार्य बताया गया है।
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 3 Detailed Solution
उत्तर: केवल (A), (B), (D)
विस्तृत समाधान (हिंदी में):
(A) सत्य: लेखक कहते हैं कि हल चलाने वाले का जीवन वृक्षों की तरह मौन होता है और खेती उनके ईश्वरी प्रेम का केंद्र है। यह कथन सही है।
(B) सत्य: निबंध में मज़दूरी को मनुष्य के समष्टि-रूप का परिणाम बताया गया है, जो आत्माओं को खरीदने वाले सिक्के का नकदी बयाना है। यह कथन सही है।
(C) असत्य: लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को भारत के लिए आदर्श नहीं माना, बल्कि कहा कि यह मनुष्य-पूजा के नए आदर्श की ओर बढ़ रही है। यह कथन गलत है।
(D) सत्य: लेखक ने मज़दूरों की मज़दूरी को यथार्थ पूजा कहा है, जो कला और धर्म की वृद्धि का आधार है। यह कथन सही है।
(E) असत्य: लेखक ने अपनी पत्नी के रोटी बनाने को अमूल्य और आनंदमयी कार्य बताया, जिसमें पूर्व दिशा की नभोलालिमा से अधिक लालिमा है। यह कथन गलत है।
निबन्ध Question 4:
‘मज़दूरी और प्रेम’ निबंध के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) लेखक के अनुसार, मज़दूरी करने से हृदय पवित्र होता है।
(B) निबंध में चरखा कातने वाली स्त्रियों के गीतों को कौमी गीत बताया गया है।
(C) लेखक ने मज़दूरी को केवल आर्थिक गतिविधि माना है।
(D) निबंध में जोन ऑफ आर्क और गुरु नानक की फकीरी का उल्लेख है।
(E) लेखक ने कविता में नयापन लाने के लिए मंदिरों और मस्जिदों की पूजा को प्रोत्साहित किया।
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 4 Detailed Solution
उत्तर: 2) केवल (A), (B), (D)
- विस्तृत समाधान (हिंदी में):
- (A) सत्य: निबंध में लेखक कहते हैं कि मज़दूरी करने से हृदय पवित्र होता है और संकल्प दिव्य लोकांतर में विचरते हैं। यह कथन सही है।
- (B) सत्य: लेखक ने चरखा कातने वाली स्त्रियों के गीतों को संसार के सभी देशों के कौमी गीत बताया है। यह कथन सही है।
- (C) असत्य: लेखक ने मज़दूरी को केवल आर्थिक गतिविधि नहीं माना, बल्कि इसे प्रेम, फकीरी, और आध्यात्मिक नियम से जोड़ा है। यह कथन गलत है।
- (D) सत्य: निबंध में जोन ऑफ आर्क की भेड़ें चराने वाली फकीरी और गुरु नानक के पशुओं को हाँकने जैसे कार्यों का उल्लेख है। यह कथन सही है।
- (E) असत्य: लेखक ने मंदिरों, मस्जिदों, और पोथियों में ईश्वर की तलाश को नकारा और मनुष्य की आत्मा में ईश्वर के दर्शन को सच्चा धर्म बताया। यह कथन गलत है।
निबन्ध Question 5:
‘मज़दूरी और प्रेम’ निबंध के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) अध्यापक पूर्ण सिंह शारीरिक श्रम को सच्ची तपस्या मानते हैं।
(B) निबंध में किसानों, गड़रियों, और मज़दूरों को सर्वोत्तम धार्मिक विभूतियाँ बताया गया है।
(C) लेखक के अनुसार, यंत्रों से बने फोटो में हाथ के चित्रों की तरह प्रेम और पवित्रता होती है।
(D) निबंध में गुरु नानक के कथन ‘भोले भाव मिलें रघुराई’ का उल्लेख है।
(E) लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह नकार दिया है।
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 5 Detailed Solution
उत्तर- केवल (A), (B), (D)
Key Points
- (A) सत्य: निबंध में अध्यापक पूर्ण सिंह शारीरिक श्रम को सच्ची तपस्या मानते हैं और इसे ईश्वरीय कार्य से जोड़ते हैं। यह कथन सही है।
- (B) सत्य: लेखक ने किसानों, गड़रियों, मज़दूरों, और मालियों को सर्वोत्तम धार्मिक विभूतियाँ बताया है, जो प्रकृति के साथ तादात्म्य रखते हैं। यह कथन सही है।
- (D) सत्य: निबंध में गुरु नानक के कथन “भोले भाव मिलें रघुराई” का उल्लेख है, जो भोले-भाले किसानों को ईश्वर के दर्शन से जोड़ता है। यह कथन सही है।
Additional Information
- (C) असत्य: लेखक के अनुसार, यंत्रों से बने फोटो निर्जीव होते हैं और उनमें हाथ के चित्रों की तरह प्रेम और पवित्रता का अभाव होता है। यह कथन गलत है।
- (E) असत्य: लेखक ने पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह नकारा नहीं, बल्कि कहा कि यह एक नए आदर्श (मनुष्य-पूजा) की ओर बढ़ रही है, जिसके प्रेरक रस्किन और टॉल्स्टॉय हैं। यह कथन गलत है।
Top निबन्ध MCQ Objective Questions
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का निबंध संग्रह है
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFचिन्तामणि, "रामचंद्र शुक्ल" का निबंध संग्रह है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) चिंतामणी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- उत्साह रामचंद्र शुक्ल का निबंध है।
- यह निबंध आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध- संग्रह 'चिंतामणि-भाग-1' में है।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (4 अक्टूबर, 1884ईस्वी- 2 फरवरी, 1941ईस्वी)
- हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- आलोचनात्मक ग्रंथ :
- सूर
- तुलसी
- जायसी पर की गई आलोचनाएं
- काव्य में रहस्यवाद
- काव्य में अभिव्यंजनावाद
- रसमीमांसा
- माटी का फूल : रामवृक्ष बेनीपुरी
- क्षण बोले कण मुस्काएं : कन्हैया लाल मिश्र
- आलोक पर्व : हजारी प्रसाद द्विवेदी
- मेरे राम का मुकुट भीग रहा है व तुम चंदन हम पानी , विद्यानिवास मिश्र का निबंध है।
- सदाचार का ताबीज, हरिशंकर परसाई का निबंध है।
''यदि गद्य कवियों या लेखकों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौंटी है।'' यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- उपरोक्त विचार रामचंद्र शुक्ल का है। अत: सही उत्तर विकल्प 1 आचार्य रामचंद्र शुक्ल है।
Key Points
- रामचंद्र शुक्ल के अनुसार - "गद्य रचना कवियों की कसौटी है, तो निबंध गद्य की कसौटी है।"
- किसी लेखक का भाषा पर कितना अधिकार है, यह निबंध के द्वारा ही जाना जा सकता है ।
- निबंध रचयिता के व्यक्तित्व का परिचायक है ।
अन्य विकल्प-
रचनाकार |
परिचय |
शिवदान सिंह चौहान |
शिवदान सिंह चौहान (1918-2000) हिन्दी साहित्य के प्रथम मार्क्सवादी आलोचक के रूप में ख्यात हैं। लेखक होने के साथ-साथ वे सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे। |
हजारीप्रसाद द्विवेदी |
हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषाओं के विद्वान थे। भक्तिकालीन साहित्य का उन्हें अच्छा ज्ञान था। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। आलोक पर्व निबन्ध संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट्. की उपाधि देकर उनका विशेष सम्मान किया था। |
महावीर प्रसाद द्विवेदी |
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (1864–1938) हिन्दी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक थे। उन्होने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की। उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग 'द्विवेदी युग' (1900–1920) के नाम से जाना जाता है। उन्होने सत्रह वर्ष तक हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका सरस्वती का सम्पादन किया। हिन्दी नवजागरण में उनकी महान भूमिका रही। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को गति व दिशा देने में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। |
Additional Information
आचार्य रामचंद्र शुक्ल का परिचय-
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (11 अक्टूबर, 1884ईस्वी- 2 फरवरी, 1941ईस्वी) हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है। हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात उन्हीं के द्वारा हुआ।
- हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल जी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार सम्बंधित मनोविश्लेषणात्मक निबन्ध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं।
- शुक्ल जी ने इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्त्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनर्व्याख्या की।
अपने मनोवैज्ञानिक मनोविकार संबंधी निबंध 'करुणा' में रामचन्द्र शुक्ल ने निर्धारित किया है कि:
A. करुणा दुःखात्मक वर्ग में आने वाला मनोविकार है।
B. करुणा पात्र अथवा विषय के दुःख मात्र से उत्पन्न होता है।
C. करुणा का प्रसार सामाजिक जीवन की स्थिति और पुष्टि के लिए आवश्यक नहीं है।
D. करुणा का आलम्बन (विषय) करुणा करनेवाले (आश्रय) के प्रति कृतज्ञ होता है।
उपर्यक्त में से कौन-सा शुक्ल जी का मन्तव्य नहीं है ?Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपने मनोवैज्ञानिक और मनोविकार सम्बन्धी निबंधों में करुणा को भी स्थान दिया हैI
- उसमें स्पष्ट है कि करुणा का प्रसार सामाजिक जीवन की स्थिति और पुष्टि के लिए आवश्यक नहीं हैI
- शुक्ल जी के अनुभव के अनुसार सुख दुःख की मूल अनुभूतियाँ ही प्रेम, हास, उत्साह, आश्चर्य, करुणा आदि मनोविकारों को उत्पन्न करती हैंI
- करुणा इन्हीं में से एक है और दुःख की अनुभूति का एक प्रकार हैI
- इस निबंध में उन्होंने करुणा और क्रोध को एक दूसरे के विपरीत बताया हैI
- आचार्य शुक्ल ने अपने मनोवैज्ञानिक निबंधों में मुख्यतः तुलनात्मक शैली का प्रयोग किया हैI
- करुणा निबंध चिंतामणि भाग 1 में संकलित हैI
- इस संकलन के अन्य निबंध - भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा और भक्ति, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था आदिI
- चिंतामणि का पहला भाग 1939 में तथा दूसरा भाग 1945 में प्रकाशित हुआI
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल अपनी मौलिक निबंध लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध हैंI
- उनके निबंधों की भाषा परिष्कृत साहित्यिक हिन्दी भाषा हैI
- चिंतामणि पर आचार्य शुक्ल को हिन्दी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग द्वारा 1200 रूपये का मंगला प्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ थाI
- इन्होने सैद्धांतिक और व्यावहारिक आलोचना में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैI
- रामविलास शर्मा के अनुसार - ''कथा साहित्य में जो कार्य प्रेमचन्द ने किया है, काव्य क्षेत्र में जो निराला ने किया है, वही कार्य आलोचना के क्षेत्र में रामचंद्र शुक्ल ने किया हैI''
विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित निबंध नहीं हैं।
(A) अस्मिता के लिए
(B) किस किस को नमन करूं
(C) अंगद की नियति
(D) कुछ चन्दन की कुछ कपूर की
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFविकल्प 2 (B) और (D) सही है।
"अस्मिता के लिए" तथा "अंगद की नियति" ही विद्यानिवास मिश्र के निबंध है बाकी अन्य नहीं।
"किस किसको नमन करूं" शिव प्रसाद सिंह का निबंध संग्रह है।
"कुछ चंदन की कुछ कपूर की" विष्णु कांत शास्त्री का निबंध संग्रह है।
शविप्रसाद के निबंध संग्रह
शिखरों के सेतु, कस्तूरी मृग, चतुर्दिक।
विष्णुकांत शास्त्री की रचनाएं:-
'कवि निराला की वेदना तथा अन्य निबंध', 'तुलसी के हिय हेरि', 'अनंत पथ के यात्री : धर्मवीर भारती', 'अनुचिन्तन', 'कुछ चंदन की कुछ कपूर की', 'आधुनिक हिन्दी साहित्य के कुछ विशिष्ट पक्ष', 'भक्ति और शरणागति' आदि उनकी प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां हैं।
विद्यानिवास मिश्र
विद्यानिवास मिश्र का प्रथम निबन्ध संग्रह है छितवन की छांह है।
विद्यानिवास मिश्र भ्रमरानंद उपनाम से श्रीनारायण चतुर्वेदी को पत्र लिखते थे।
निबंध संग्रह:-
छितवन की छांह (1953), हल्दी दूध (1955), कदम के फूली डाल (1956), तुम चंदन हम पानी (1957), आंगन का पंछी और बंजारा मन (1963), मैंने स्टील पहुंचाई (1966), वसंत आ गया पर कोई उत्कंठा नहीं (1972), मेरे राम का मुकुट भीग रहा है (1974), परंपरा बंधन नहीं (1976), कटीले तारों के आर पार (1976), कौन तू फुलवा बीन निहारी (1980), निज मुख मुकुल (1981), भ्रमरानंद के पत्र (1981), कमाल के झरोखे से (1981), अस्मिता के लिए (1981)
इनमें से कौनसी रचना रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा रचित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'दीनों पर प्रेम' है।
Key Points
- दीनों पर प्रेम निबंध विधा है।
- जिसके लेखक वियोगी हरि है।
- इस निबंध में समाजिक समस्याओ पर व्यंग किया गया है।
- वियोगी हरि की अन्य प्रमुख रचनाएँः-
- साहित्य विहार , वीर सतसई , विश्वधर्म आदि।
Additional Information
रचनाकार | रचना |
रामवृक्ष बेनीपुरी |
निबंधः- नींव की ईट , गेहूँ और गुलाब ,जंजीर और दीवारे , चिंता के फूल , कैदी की पत्नी आदि। नाटकः- अम्बपाली , शकुन्तला , नेत्रदान , गाँव के देवता। |
हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का प्रथम निबंध संग्रह कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 अशोक के फूल सही हैं|
Key Points
- अशोक के फूल निबंध संग्रह सन् 1948 ई. में लिखा गया|
- द्विवेदी जी ललित निबंधकार हैं|
- इसमें अशोक के फूल की गरिमा व उसके पतन के इतिहास के साथ मानव जाति के विकास व पतन की कथा हैं|
- इसके माध्यम से प्रकृति की परिवर्तनशीलता पर विचार किया गया हैं|
Additional Information
- अन्य निबंध संग्रह :
- कल्पलता(1951)
- विचार और वितर्क(1957)
- कुटज(1964)
- साहित्य सहचर(1965)
- आलोक पर्व(1972) आदि
निम्नलिखित में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गये विकल्पो में से विकल्प 2 सही सुमेलित नही है, क्योंकि अशोक का फूल निबंध विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित नही है।
- अशोक के फूल' हजारीप्रसाद द्विवेदी का लिखा हुआ एक निबंध संग्रह है।
- 'हिन्दी साहित्य:बीसवीं शताब्दी' - 1942 में इसका प्रकाशन हुआ।
- नंददुलारे वाजपेयी शुक्लोत्तर युग के प्रख्यात समालोचक थे।
- हिंदी साहित्य: बींसवीं शताब्दी,जयशंकर प्रसाद,प्रेमचन्द:साहित्यिक विवेचन,आधुनिक साहित्य,नया साहित्य:नये प्रश्न आदि नन्ददुलारे वाजपेयी की प्रमुख आलोचनात्मक पुस्तकें हैं।
- मिट्टी की ओर संस्मरण रामधारी सिंह दिनकर जी ने सन 1946 में प्रकाशित किया था।
Additional Information
महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक मानी जाती हैं।
- आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।
- इनका गद्य साहित्य निम्नलिखित है-
- रेखाचित्र: अतीत के चलचित्र और स्मृति की रेखाएं
- संस्मरण: पथ के साथी और मेरा परिवार और संस्मरण
- चुने हुए भाषणों का संकलन: संभाषण
- निबंध: शृंखला की कड़ियाँ, विवेचनात्मक गद्य, साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध, संकल्पिता
- ललित निबंध: क्षणदा
- संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह: हिमालय
'कविता क्या है' निबंध चिंतामणि के किस भाग में संकलित है ?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'कविता क्या है' निबंध चिंतामणि के भाग 1 में संकलित है|
Key Points
- कविता क्या है? निबन्ध आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबन्ध संग्रह चिंतामणि(भाग-1) में संकलित है।
- सरस्वती पत्रिका में 1909ई. में सर्वप्रथम प्रकाशित हुआ।
Important Points
- चिंतामणि(भाग-1) में संकलित अन्य निबन्ध-भाव या मनोविकार,उत्साह,श्रद्धा-भक्ति,करुणा,लज्जा और ग्लानि,लोभ और प्रीति,ईर्ष्या, क्रोध,तुलसी का भक्तिमार्ग, काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था आदि।
Additional Information
- चिंतामणि(भाग-1) सर्वप्रथम 'विचार-वीथी' नाम से प्रकाशित हुआ था।
- अन्य भाग व संपादक-
- चिंतामणि(भाग-1)-रामचन्द्र शुक्ल(1939)
- चिंतामणि(भाग-2)-विश्वनाथ प्रसाद मिश्र(1945)
- चिंतामणि(भाग-3)-नामवर सिंह(1983)
- चिंतामणि(भाग-4)-कुसुम चतुर्वेदी और ओमप्रकाश सिंह(2004)
प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ' निबंध संग्रह के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ' निबंध संग्रह के लेखक रामविलास शर्मा हैं।
Key Pointsरामविलास शर्मा की अन्य रचनाएँ:-
- चार दिन (उपन्यास) - 1936
- 'तार सप्तक' में संकलित कविताएँ - 1943
- महाराजा कठपुतली सिंह (प्रहसन) - 1946
- पाप के पुजारी (नाटक) - 1936
Important Points सियाराम शरण गुप्त की निबन्ध संग्रह:-
- झूठ-सच
रामदरश मिश्र की निबन्ध संग्रह:-
- कितने बजे है
- बबूल और कैक्टस
- घर-परिवेश
- छोटे छोटे सुख
जगदीश चतुर्वेदी की रचनाएँ:-
- सूर्यपुत्र
- पूर्वराग
- इतिहासहंता
- नए मसीहा का जन्म
- अंधेरे का आदमी
- अंतराल के दो छोर
Additional Information
पूरा नाम | रामविलास शर्मा |
जन्म | 10 अक्टूबर, 1912 |
जन्म भूमि | उन्नाव ज़िला, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 30 मई, 2000 |
कर्म-क्षेत्र | आलोचक, निबंधकार, विचारक |
पुरस्कार-उपाधि | व्यास सम्मान (1991), शलाका सम्मान |
इनमें से कौनसा निबंध हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFजड़ की बात निबंध हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित नहीं है।
जड़ की बात-
- रचनाकार-जैनेद्र
- विधा-निबन्ध
- प्रकाशन वर्ष-1945 ई.
Key Pointsजैनेंद्र-
- जन्म-1905-1988 ई.
- मुख्य निबन्ध-
- प्रस्तुत प्रश्न (1936 ई.),पूर्वोदय (1951 ई.),समय और हम(1964 ई.),परिप्रेक्ष(1977 ई.),साहित्य और संस्कृति(1979 ई.) आदि।
Important Pointsहजारी प्रसाद द्विवेदी-
- जन्म-1907 -1979 ई.
- यह ललित निबन्धकार थे
- मुख्य निबन्ध-
- अशोक के फूल (1948 ई.), कल्पलता(1951 ई.), विचार और वितर्क (1957 ई.), कुटज (1964 ई.), आलोक पर्व (1972 ई.) आदि।
Additional Informationअशोक के फुल-
- विषय-
- अशोक के फूल के माध्यम से प्राचीन प्रतीकों का प्रयोग किया गया है।
- अलग-अलग संदर्भों में अशोक के फूल को दर्शाया गया है।
कुटज-
- विषय-
- कुटज ललित निबंध है।
- इसका केंद्र कुटज नाम का वृक्ष है जो पुष्पों से भरा हुआ होता है।
- हजारी प्रसाद द्विवेदी के इस निबंध को उनकी आत्माभिव्यक्ति के रूप में अधिक जाना जाता है।
- कुटज के माध्यम से द्विवेदीजी बहुत से महत्वपूर्ण बिंदुओं की व्यंजना करते चलते हैं।
शिरीष के फूल-
- विषय-
- यह निबंध 'कल्पलता' से उद्धृत है।
- इसमें लेखक ने आँधी,लू और गरमी की प्रचंडता में भी बच्चे की तरह अविचल होकर कोमल फूलों का सौंदर्य बिखेर रहे शिरीष के माध्यम से मनुष्य का जीवन और कलह के बीच धैर्यपूर्वक, लोगों के लिए चिंता,कर्तव्यशील बने रहने को महान मानव की मूल्य के रूप में स्थापित किया है।