वृद्धि संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for वृद्धि संधि - Download Free PDF

Last updated on Jun 26, 2025

Latest वृद्धि संधि MCQ Objective Questions

वृद्धि संधि Question 1:

निम्नलिखित में से वृद्धि सन्धि के उदाहरण का चयन कीजिये- 

  1. देवी + अर्थ
  2. यथा + उचित 
  3. वि + अर्थ 
  4. सर्वदा + एव 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सर्वदा + एव 

वृद्धि संधि Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर 'सर्वदा + एव' है।

  • 'सर्वदैव' शब्द वृद्धि संधि का उदाहरण है।
  • 'सर्वदैवका संधि विच्छेद = सर्वदा + एव 
  • 'सर्वदैवशब्द में 'आ + ए = ऐ' का मेल हो रहा है इसलिए यहां वृद्धि संधि है।
  • जब संधि करते समय अ, आ के साथ ए, ऐ हो तो 'ऐ' बनता है और जब अ, आ के साथ ओ, औ हो तो 'औ' बनता है, तो उसे वृद्धि संधि कहते हैं।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण

शब्द  संधि विच्छेद संधि 
देव्यर्थ  देवी + अर्थ  यण स्वर संधि
यथोचित  यथा + उचित  गुण स्वर संधि
व्यर्थ  वि + अर्थ  यण स्वर संधि

Important Points

संधि दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं -

स्वर संधि

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।

व्यंजन संधि

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट।

Additional Information

स्वर संधि के भेद:

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  

वृद्धि संधि Question 2:

‘मतैक्य’ शब्द के लिए सही संधि विग्रह चुनें।

  1. मत + एक्य
  2. मति + ऐक्य
  3. मती + ऐक्य
  4. मत + ऐक्य
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मत + ऐक्य

वृद्धि संधि Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘मत + ऐक्य’।

  • मत + ऐक्य’ की संधि से ‘मतैक्य’ शब्द बनेगा।
  • मतैक्य’ शब्द में वृद्धि संधि है।

Key Points

  • मतैक्य = मत + ऐक्य (अ + ऐ = ऐ)।
  • जब संधि करते समय जब अ, आ के साथ ए, ऐ हो तो 'ऐ' बनता है और जब अ, आ के साथ ओ, औ हो तो 'औ' बनता है, उसे वृद्धि संधि कहते हैं।

जैसे :

  • महा + ऐश्वर्य : महैश्वर्य
  • परम + औषध : परमौषध
Additional Informationसन्धि :
  • दो या अधिक वर्णों के पास-पास आने के परिणामस्वरूप जो विकार उत्पन्न होता है उसे सन्धि कहते हैं।

मुख्य रूप से संधि के तीन प्रकार होते है:- 

  • स्वर संधि
  • व्यंजन संधि
  • विसर्ग संधि

वृद्धि संधि Question 3:

किस सन्धि में ‘अ’ के बाद 'ए' अथवा 'ऐ' आने पर 'ऐ' होता है ? 

  1. दीर्घ सन्धि
  2. गुण सन्धि
  3. वृद्धि सन्धि
  4. यण सन्धि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वृद्धि सन्धि

वृद्धि संधि Question 3 Detailed Solution

''वृद्धि सन्धि'' में ‘अ’ के बाद 'ए' अथवा 'ऐ' आने पर 'ऐ' होता है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं।

Key Points

संधि परिभाषा उदाहरण
वृद्धि सन्धि अ, आ का ए, ऐ से मेल होने पर ऐ तथा अ, आ का ओ, औ से मेल होने पर औ हो जाता है। इसे वृद्धि संधि कहते हैं। अ + ऐ = ऐ मत + ऐक्य = मतैक्य

Important Pointsअन्‍य व‍िकल्‍प-

संधि परिभाषा उदाहरण
दीर्घ ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई और ऊ हो जाते हैं। आ + अ = आ --> विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
गुण इसमें अ, आ के आगे इ, ई हो तो ए ; उ, ऊ हो तो ओ तथा ऋ हो तो अर् हो जाता है। इसे गुण-संधि कहते हैं। अ + ई = ए ; नर + ईश= नरेश
यण जब 'इ, ई, उ, ऊ, ऋ' स्वर के आगे कोई अलग स्वर आता है, तो ये क्रमश: 'य, व, र, ल्' में परिवर्तित हो जाते है, इस परिवर्तन को ही 'यण संधि' कहते है। इ + अ = य् + अ ; यदि + अपि = यद्यपि

Additional Information

संधि- दो शब्‍दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते है। संधि के तीन प्रकार हैं-

स्‍वर संधि

 

स्‍वर वर्ण के साथ स्‍वर वर्ण के मेल से विकार उत्‍पन्‍न होता है। जैसे- विद्या +अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश

व्‍यंजन संधि

 

एक व्‍यंजन से दूसरे व्‍यंजन या स्‍वर के मेल से विकार उत्‍पन्‍न होता है। जैसे- अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्‍लास।

विसर्ग संधि

 

विसर्ग के साथ स्‍वर या व्‍यंजन के मेल से विकार उत्‍पन्‍न होता है। जैसे - दु: + आत्‍मा = दुरात्‍मा, नि: + कपट = निष्‍कपट।

वृद्धि संधि Question 4:

अकार या आकार के परे संयुक्त स्वर (ए, ऐ, ओ, औ) के आने से किस सन्धि का विधान होता है?  

  1. अयादि सन्धि 
  2. दीर्घ सन्धि 
  3. वृद्धि सन्धि 
  4. यण सन्धि 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वृद्धि सन्धि 

वृद्धि संधि Question 4 Detailed Solution

 सही उत्तर है  वृद्धि संधि।

Key Points

  • वृद्धि संधि: यदि अ और आ के बाद ए या ऐ आए तो दोनों के मिलने से ऐ हो जाता है। तथा अ और आ के बाद ओ या औ आए तो दोनों के मिलने से औ हो जाता है। इसे वृद्धि संधि कहते हैं।
  • उदाहरण: एकैक एक वृद्धि संधि का उदाहरण है यदि इसका संधि विच्छेद करेंगे तो एक + एक मिलेगा, तब नियमानुसार अ + ए = ऐ हो जाएगा। 

Additional Information

संधि

परिभाषा

उदाहरण

यण 

जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र, ल् में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं;

जैसे – इ + अ = य् – अति + अल्प = अत्यल्प

दीर्घ

दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है।

जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

अयादी 

 

अयादी संधि में ए, ऐ तथा ओ, औ का मेल किसी अन्य स्वर के साथ होने से क्रमशः ए का अय्, ऐ का आय्, ओ का अव् तथा औ का आव् हो जाता है।

जैसे – ने + अन (ए + अ) = नयन, गै + अक (ऐ + अ) = गायक। 

 

वृद्धि संधि Question 5:

'परमौषध' का उचित संधि-विच्छेद है-

  1. परमा + औषध
  2. परम: + ओषध
  3. परम + औषध
  4. परम + औ + षध
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : परम + औषध

वृद्धि संधि Question 5 Detailed Solution

'परमौषध' का उचित संधि-विच्छेद है- 'परम + औषध'

  • परम + औषध = परमौषध (अ + औ = )
  • 'परमौषध' शब्द में वृद्धि संधि है। 

Key Pointsवृद्धि संधि:-

  • जब संधि करते समय जब (अ , आ) के साथ (ए , ऐ) हो तो ‘ऐ' बनता है,
  • जब (अ , आ) के साथ (ओ , औ) हो तो ‘औ' बनता है। उसे वृद्धि संधि कहते हैं।

उदाहरण-

  • मत + एक्य = मतैक्य (अ + ए = ऐ)
  • महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य (आ + ऐ = )
  • जल + ओघ = जलौघ (अ + ओ = )
  • महा + औदार्य = ​महौदार्य (आ + औ = )

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'महौजस्वी' का संधि - विच्छेद है- 

  1. महा + ओजस्वी
  2. महौ + जस्वी
  3. म + हौजस्वी
  4. महौज + स्वी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : महा + ओजस्वी

वृद्धि संधि Question 6 Detailed Solution

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'महौजस्वी' का संधि - विच्छेद है- महा + ओजस्वी

  • यह वृद्धि संधि का उदाहरण है। 

Key Points

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के

 मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

Important Pointsस्वर संधि के प्रकार-

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  

'एकैक' में संधि है :

  1. अयादि स्वर संधि
  2. वृद्धि स्वर संधि
  3. व्यंजन संधि
  4. विसर्ग संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वृद्धि स्वर संधि

वृद्धि संधि Question 7 Detailed Solution

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सही उत्तर वृद्धि स्वर संधि है।

Key Points

  • 'एकैक' में वृद्धि स्वर संधि है।
  • एक + एक = एकैक' (अ + ए = ऐ), यहाँ 'अ' और 'ए' के मेल से 'ऐ' बना है।
  • जब ( अ, आ ) के साथ ( ए, ऐ ) हो तो ‘ऐ‘ बनता है और जब ( अ, आ ) के साथ ( ओ, औ ) हो तो ‘औ‘ बनता है।

Additional Information

संधि -दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। 1संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर 

के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग  के  साथ  स्वर  या  व्यंजन  के मेल  से  विकार उत्पन्न  होता   है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

महौषध शब्द का संधि विच्छेद कीजिए

  1. महा + ओषध
  2. महा + औषधि
  3. महा + औषध
  4. मह + ओषधी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : महा + औषध

वृद्धि संधि Question 8 Detailed Solution

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महौषध शब्द का संधि विच्छेद ''महा + औषध'' है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • महौषध- महा + औषध
  • महौषध में वृद्ध‍ि संधि है। 

वृद्धि संधि

 अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में
 परिवर्तित हो जाता है। जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी
 (अ + ओ) = परमौजस्वी।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

महाशय = महा + आशय।

व्यंजन संधि

व्यंजन के बाद किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो परिवर्तन होता है, वह व्यंजन संधि कहलाता है।

दिग्गज = दिक् + गज।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

शिरोमणि = शिर: + मणि।

निम्नांकित में से वृद्धि सन्धि का उदाहरण है-

  1. गणेश
  2. हिमालय
  3. सज्जन
  4. सदैव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सदैव

वृद्धि संधि Question 9 Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 4 'सदैव' है। अन्य विकल्प गलत है 

Key Points

  • 'सदैव' शब्द में वृद्धि संधि का प्रयोग किया गया है जिसका संधि विच्छेद (सदा + एव) होगा।
  • वृद्धि संधि- जब अ/आ के बाद में ए/ऐ आए तो दोनों मिलकर , तथा ओ/औ आए तो दोनों मिलकर हो जाते हैं और इससे बनने वाली संधि स्वर संधि कहलाती है।
  • जैसे- एक + एक = एकैक (अ+ए =ऐ) 
  • अन्य विकल्पः- 
    • ​गणेश - गण + ईश (इसमें में गुण संधि का प्रयाेग किया गया है।)
      • गुण संधिः- अ/आ +इ/ई =ए में बदल जाता है
    • हिमालय- हिम + आलय ( इसमें दीर्घ स्वर संधि का प्रयोग किया गया है)
    • सज्जन- सत् + जन (इसमें व्यंजन संधि का प्रयोग किया गया है।)

Additional Information

  • संधि दो शब्दों सम्+धि के योग से बना है जिसका अर्थ है 'मेल' अर्थात् दो शब्दों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को संधि कहते है। 

      संधि के मुख्यता तीन भेद होते है।- 

  1.  स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि 
  3.  विसर्ग संधि
  • स्वर संधिः- दो स्वरो के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को, स्वर संधि कहते है।स्वर संधि के पाँच प्रकार होते है।  

      जैसे-वधू + उर्मि = वधूर्मि  (ऊ+उ) स्वरों का आपस में विकार हुआ है। इस शब्द में दीर्घ स्वर संधि का प्रयोग किया गया है।

  • व्यंजन संधिः-जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उसमे होने वाले विकार या परिवर्तन को ही व्यंजन संधि करहे है। 

     जैसे- सत् + आनन्द = सदानन्द (त् +आ) व्यंजनों का आपस में विकार हुआ है 

  • विसर्ग संधिः- विसर्ग (ः) चिन्ह के बाद स्वर या व्यजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते है।     

       जैसेः- मनः + अनुकूल  = मनोनुकूल

वृद्धि संधि का उदाहरण है

  1. नयन
  2. विद्यार्थी
  3. यद्यपि
  4. एकैक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : एकैक

वृद्धि संधि Question 10 Detailed Solution

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वृद्धि संधि :- एकैक

  • एकैक का संधि विच्छेद "एक + एक" होता है।
    • अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है।
    • जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

Key Points

  • नयन  : ने + अन, अयादी संधि
  • विद्यार्थी : विद्या + अर्थी, दीर्घ संधि
  • यद्यपि : यदि + अपि, यण संधि

Additional Information

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  

'सदैव' में कौन-सी संधि है?

  1. दीर्घ संधि
  2. गुण संधि
  3. वृद्धि संधि
  4. यण् संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वृद्धि संधि

वृद्धि संधि Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर है - वृद्धि संधि

Key Points

  • 'सदैव' में वृद्धि संधि है।
  • सदा + एव = सदैव' (आ + ए = ऐ), यहाँ 'आ' और 'ए' के मेल से 'ऐ' बना है। 
  • वृद्धि संधि:- जब संधि करते समय जब अ , आ के साथ ए , ऐ हो तो ' ऐ ' बनता है और जब अ , आ के साथ ओ , औ हो तो ' औ ' बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।
    • उदाहरण:- सदा + एव = सदैव

Additional Information 

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या

 स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन 

के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

"सदैव" में सन्धि है :

  1. वृद्धि सन्धि
  2. यण सन्धि
  3. व्यंजन सन्धि
  4. गुण सन्धि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : वृद्धि सन्धि

वृद्धि संधि Question 12 Detailed Solution

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सदैव में वृद्धि संधि है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः विकल्प 1 वृद्धि संधि’ सही है।

Key Points

  •  सदैव में वृद्धि संधि है। 
  • सदैव का संधि विच्छेद- सदा + एव है।
  • सदा का अर्थ होता है - हमेशा और एव का अर्थ होता है-  ही तो सदैव का अर्थ हुआ  हमेशा ही।
  • सदा + एव = सदैव  (आ + ए = ऐ), यहाँ '' और '' के मेल से 'बना है। 
  • जब संधि करते समय जब अ , आ के साथ ए , ऐ हो तो ' ऐ ' बनता है और जब अ , आ के साथ ओ , औ हो तो ' औ ' बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

निम्नांकित में वृद्धि संधि का उदाहरण है - 

  1. सर्वेक्षण 
  2. अभीप्सा 
  3. सदैव 
  4. महोदय 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सदैव 

वृद्धि संधि Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर 'सदैव' है।

  • 'सदैव' शब्द वृद्धि संधि का उदाहरण है।
  • 'सदैवका संधि विच्छेद = सदा + एव।
  • 'सदैवशब्द में 'आ + ए = ऐ' का मेल हो रहा है इसलिए यहां वृद्धि संधि है।
  • जब संधि करते समय अ, आ के साथ ए, ऐ हो तो 'ऐ' बनता है और जब अ, आ के साथ ओ, औ हो तो 'औ' बनता है, तो उसे वृद्धि संधि कहते हैं।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण

शब्द  संधि विच्छेद संधि 
सर्वेक्षण  सर्व + ईक्षण  गुण स्वर संधि
अभीप्सा  अभि + ईप्सा दीर्घ स्वर संधि
महोदय  महा + उदय गुण स्वर संधि

Important Points 

संधि दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं -

स्वर संधि

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।

व्यंजन संधि

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट।

Additional Information

स्वर संधि के भेद:

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  

एक + एक = एकैक, इसमें कौनसी संधि है ?

  1. दीर्घ स्‍वर संधि
  2. वृद्धि स्‍वर संधि
  3. यण् स्‍वर संधि
  4. अयादि स्‍वर संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वृद्धि स्‍वर संधि

वृद्धि संधि Question 14 Detailed Solution

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  • यहाँ पर एकैक में वृद्धि स्वर संधि हुई है। अतः वृद्धि स्वर संधि संगत विकल्प है, अन्य सभी विकल्प असंगत है।

Hint

  • अ, आ का ए, ऐ से मेल होने पर ऐ तथा अ, आ का ओ, औ से मेल होने पर औ हो जाता है। इसे वृद्धि संधि कहते हैं।
Key Points
  • स्वर संधि की परिभाषा:
    • जब आपस में दो स्वरों के मिलने से जो बदलाव होता है उसे हम स्वर संधि के नाम से जानते है।
    • जैसे: विद्या +आलय =विद्यालय, देव+इन्द्र =देवेन्द्र।
  Additional Information
  • स्वर संधि की विशेष बात यह है कि इसका संधि कार्य स्वरों के बीच ही होता है
  • जबकि व्यंजन संधि में व्यंजन और स्वर दोनों के बीच संधि कार्य हो सकता है।
    • जैसे: वाक्+ईश =वागीश, अच्+आदि = अजादि।
    • स्वर संधि के मुख्य पांच भेद है, उसी प्रकार व्यंजन संधि के भी कई प्रकार है।

वृद्धि सन्धि में होने चाहिए

  1. अ, आ + इ, उ
  2. अ, आ + ई, ऊ
  3. अ, आ + ए, ओं, ऐ, औ
  4. इ, उ + अ, आ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अ, आ + ए, ओं, ऐ, औ

वृद्धि संधि Question 15 Detailed Solution

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  • वृद्धि संधि में - अ, आ का ए, ऐ से मेल होने पर तथा अ, आ का ओ, औ से मेल होने पर हो जाता है, उसे वृद्धि संधि कहते हैं।
  • अत: उचित विकल्प यहाँ 'अ, आ + ए, ओं, ऐ, औ' होगा।

Key Points

संधि

परिभाषा

उदाहरण

वृद्धि संधि

यदि  / के बाद

/ हो, तो ’,

/ हो, तो ’ बन जाता हैI

वृद्धि संधि कहलाती हैI

जैसे- सदा + एव = सदैव

महा + औषध = महौषध आदिI

Additional Information

दीर्घ संधि

जब दो समान स्वर या सवर्ण मिल जाते हैँ, चाहे वे ह्रस्व होँ या दीर्घ, या एक ह्रस्व हो और दूसरा दीर्घ, तो उनके स्थान पर एक दीर्घ स्वर हो जाता है, इसी को सवर्ण दीर्घ स्वर संधि कहते हैं।

आत्मा + आनंद = आत्मानंद

गुण संधि

जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ इ, ई) हो तो तो ‘ए’ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ’ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर्’ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।

महा + ईश = महेश

(आ +ई = ए)

 

वृद्धि संधि

अ या आ के बाद यदि ए, ऐ होँ तो इनके स्थान पर ‘ऐ’ तथा अ, आ के बाद ओ, औ होँ तो इनके स्थान पर ‘औ’ हो जाता है। ‘ऐ’ तथा ‘औ’ स्वर ‘वृद्धि स्वर’ कहलाते हैँ अतः इस संधि को वृद्धि संधि कहते हैं। 

परम + ओज = परमौज

यण संधि

जब हृस्व इ, उ, ऋ या दीर्घ ई, ऊ, ॠ के बाद कोई असमान स्वर आये, तो इ, ई के स्थान पर ‘य्’ तथा उ, ऊ के स्थान पर ‘व्’ और ऋ, ॠ के स्थान पर ‘र्’ हो जाता है। इसे यण् संधि कहते हैं।

यदि + अपि = यद्यपि

अयादि संधि

ए, ऐ, ओ, औ के बाद यदि कोई असमान स्वर हो, तो ‘ए’ का ‘अय्’, ‘ऐ’ का ‘आय्’, ‘ओ’ का ‘अव्’ तथा ‘औ’ का ‘आव्’ हो जाता है। इसे अयादि संधि कहते हैं।

शे + अन = शयन

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