उपनाम और उपाधियाँ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for उपनाम और उपाधियाँ - Download Free PDF

Last updated on Jun 23, 2025

Latest उपनाम और उपाधियाँ MCQ Objective Questions

उपनाम और उपाधियाँ Question 1:

'मन्नू भंडारी' का वास्तविक नाम क्या है?

  1. नीरजा कुमारी 
  2. महिमा कुमारी 
  3. महेश्वरी कुमारी 
  4. महेंद्र कुमारी 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : महेंद्र कुमारी 

उपनाम और उपाधियाँ Question 1 Detailed Solution

'मन्नू भंडारी' का वास्तविक नाम महेंद्र कुमारी है। 

Key Pointsमन्नू भंडारी-

  • जन्म- 3 अप्रैल1931 ई.
    • (भानपुरा, मध्य प्रदेश)
  • कहानी संग्रह-
    • एक प्लेट सैलाब
    • मैं हार गई
  • उपन्यास-
    • आपका बंटी
    • महाभोज
  • नाटक-
    • बिना दीवारों का घर। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 2:

निम्नलिखित में से किसके बचपन का नाम आनंदीलाल था ?

  1. अज्ञेय
  2. रेणु
  3. यशपाल 
  4. जैनेन्द्र
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जैनेन्द्र

उपनाम और उपाधियाँ Question 2 Detailed Solution

जैनेन्द्र के बचपन का नाम आनंदीलाल था 

Key Pointsजैनेंद्र -

  • जन्म - 1905 ई.
  • जन्म स्थान - अलीगढ़ के कौड़ीयागंज गांव में
  • जैनेंद्र के अन्य उपन्यास-
    • परख (1929 ई.)
    • सुखदा (1952 ई.)
    • व्यतीत (1953 ई.)
    • मुक्तिबोध (1965 ई.)
    • अन्नतर (1968 ई.)
    • अनाम स्वामी (1974 ई.)
    • दशार्क (1985 ई.)
  • जैनेंद्र को 'मुक्तिबोध' उपन्यास के लिए (1966 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
  • जैनेंद्र कुमार को हिंदी में मनोविश्लेषणवादी उपन्यास का जनक माना जाता है।
  • उनके उपन्यासों का मुख्य विषय काम पीड़ा व अहं का समर्पण है।

Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-

  • जन्म-1921-1977 ई. 
  • आंचलिक रचनाकार है। 
  • कहानी संग्रह-
    • आदिम रात्रि की महक (1967 ई.)
    • ठुमरी (1959 ई.)
    • अगिनखोर (1973 ई.)
    • एक श्रावणी दोपहरी की धूप (1984 ई.)
    • अच्छे आदमी (1986 ई.) आदि। 
  • उपन्यास-
    • मैला आंचल (1954 ई.)
    • परती परिकथा (1957 ई.)
    • जूलूस (1965 ई.)
    • दीर्घतपा (1964 ई.)
    • कितने चौराहे (1966 ई.)
    • पल्टू बाबू रोड (1979 ई.) आदि।

अज्ञेय-

  • कहानी संग्रह-
    • विपथगा(1937 ई.)
    • परम्परा(1940 ई.)
    • कोठरी की बात(1945 ई.)
    • अमर वल्लरी(1945 ई.) आदि। 

यशपाल-

  • जन्म-1903-1976 ई. 
  • कहानियाँ-
    • पिंजरे की उड़ान(1939 ई.)
    • तर्क का तूफान(1944 ई.)
    • भस्मावृत चिंगारी(1946 ई.)
    • फूलो का कुर्ता(1949 ई.)
    • धर्मयुद्ध(1950 ई.)
    • उत्तमी की मां(1955 ई.)
    • सच बोलने की भूल(1962 ई.) आदि। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 3:

निम्नलिखित में से किस कवि का उपनाम 'हितैषी' है?

  1. तुलसीराम शर्मा
  2. गोपालशरण सिंह
  3. अनूप शर्मा 
  4. जगदंबाप्रसाद
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जगदंबाप्रसाद

उपनाम और उपाधियाँ Question 3 Detailed Solution

जगदंबा प्रसाद मिश्र का उपनाम हितैषी है।

Key Points

जगदंबा प्रसाद मिश्र हितैषी नाम से भी जाने जाते हैं।

कुछ प्रमुख कृतियाँ

मातृगीता, कल्लोलिनी, वैकाली, दर्शना

Additional Information

तुलसी राम शर्मा कश्यप

  • नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं।
  • इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य आमा के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ठाकुर गोपाल शरण सिंह की कुछ प्रमुख कृतियाँ

  • मानवी (1938), माधवी (1938), ज्योतिष्मती (1938), संचिता (1939), सुमना(1941), सागरिका(1944), ग्रामिका (1951)
  • जगदालोक (प्रबंध-काव्य, 1952), प्रेमांजलि [(1953), कादम्बिनी (1954), विश्वगीत (1955)

अनूप शर्मा

  • अनूप शर्मा की रचनाओं में ‘सिद्धार्थ’, ‘फेरि मिलिबो’, ‘कुणाल’, ‘वर्द्धमान’, ‘सुमनांजली’, ‘शर्वाणी’ प्रमुख है। ‘सिद्धार्थ’ में बुद्ध के जीवन के विविध पक्षों का वर्णन है।
  • 18 सर्गों का महाकाव्य ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि की खड़ी बोली की रचना है।
  • ‘फेरि मिलिबो’ ब्रजभाषा का प्रबंध काव्य है, इसमें 75 अध्यायों में श्रीमद्भागवत की कथा को मुख्य आधार बनाया गया है।
  • ‘वर्द्धमान’ महावीर स्वामी के चरित्र पर आधारित है।
  • अनूप शर्मा द्विवेदी युग के प्रसिद्ध कवि थे और उन्हें अपने समय के हिंदी के प्रसिद्ध 'देव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
  • 'सुमनांजली' स्फुट कविताओं का संग्रह है और 'शर्वाणी' आद्यशक्ति रूपा दुर्गा के सभी अंगों पर 700 घनाक्षरीयों का प्रबंध काव्य है।

उपनाम और उपाधियाँ Question 4:

निम्नलिखित में से किसके बचपन का नाम आनंदीलाल था ?

  1. अज्ञेय
  2. रेणु
  3. यशपाल 
  4. जैनेन्द्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जैनेन्द्र

उपनाम और उपाधियाँ Question 4 Detailed Solution

जैनेन्द्र के बचपन का नाम आनंदीलाल था 

Key Pointsजैनेंद्र -

  • जन्म - 1905 ई.
  • जन्म स्थान - अलीगढ़ के कौड़ीयागंज गांव में
  • जैनेंद्र के अन्य उपन्यास-
    • परख (1929 ई.)
    • सुखदा (1952 ई.)
    • व्यतीत (1953 ई.)
    • मुक्तिबोध (1965 ई.)
    • अन्नतर (1968 ई.)
    • अनाम स्वामी (1974 ई.)
    • दशार्क (1985 ई.)
  • जैनेंद्र को 'मुक्तिबोध' उपन्यास के लिए (1966 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
  • जैनेंद्र कुमार को हिंदी में मनोविश्लेषणवादी उपन्यास का जनक माना जाता है।
  • उनके उपन्यासों का मुख्य विषय काम पीड़ा व अहं का समर्पण है।

Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-

  • जन्म-1921-1977 ई. 
  • आंचलिक रचनाकार है। 
  • कहानी संग्रह-
    • आदिम रात्रि की महक (1967 ई.)
    • ठुमरी (1959 ई.)
    • अगिनखोर (1973 ई.)
    • एक श्रावणी दोपहरी की धूप (1984 ई.)
    • अच्छे आदमी (1986 ई.) आदि। 
  • उपन्यास-
    • मैला आंचल (1954 ई.)
    • परती परिकथा (1957 ई.)
    • जूलूस (1965 ई.)
    • दीर्घतपा (1964 ई.)
    • कितने चौराहे (1966 ई.)
    • पल्टू बाबू रोड (1979 ई.) आदि।

अज्ञेय-

  • कहानी संग्रह-
    • विपथगा(1937 ई.)
    • परम्परा(1940 ई.)
    • कोठरी की बात(1945 ई.)
    • अमर वल्लरी(1945 ई.) आदि। 

यशपाल-

  • जन्म-1903-1976 ई. 
  • कहानियाँ-
    • पिंजरे की उड़ान(1939 ई.)
    • तर्क का तूफान(1944 ई.)
    • भस्मावृत चिंगारी(1946 ई.)
    • फूलो का कुर्ता(1949 ई.)
    • धर्मयुद्ध(1950 ई.)
    • उत्तमी की मां(1955 ई.)
    • सच बोलने की भूल(1962 ई.) आदि। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 5:

भगवती प्रसाद शुक्ल ने 'बघेली जनपद का प्रतिनिधि कवि' किसे कहा है ?

  1. जगदीन
  2. बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'
  3. रामचन्द्र सोनी
  4. भगवती प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'

उपनाम और उपाधियाँ Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है- बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'

Key Points

बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'-

  • बघेली लोकगीत 
रामचन्द्र सोनी-
  • बघेली काव्य संकलन 
  • लोक कथाएँ और गीत 
भगवती प्रसाद-
  • बघेली साहित्य का अध्ययन 
  • साहित्यिक निबंध

Top उपनाम और उपाधियाँ MCQ Objective Questions

निम्नलिखित में से किस कवि का उपनाम 'हितैषी' है?

  1. तुलसीराम शर्मा
  2. गोपालशरण सिंह
  3. अनूप शर्मा 
  4. जगदंबाप्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जगदंबाप्रसाद

उपनाम और उपाधियाँ Question 6 Detailed Solution

Download Solution PDF

जगदंबा प्रसाद मिश्र का उपनाम हितैषी है।

Key Points

जगदंबा प्रसाद मिश्र हितैषी नाम से भी जाने जाते हैं।

कुछ प्रमुख कृतियाँ

मातृगीता, कल्लोलिनी, वैकाली, दर्शना

Additional Information

तुलसी राम शर्मा कश्यप

  • नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं।
  • इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य आमा के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ठाकुर गोपाल शरण सिंह की कुछ प्रमुख कृतियाँ

  • मानवी (1938), माधवी (1938), ज्योतिष्मती (1938), संचिता (1939), सुमना(1941), सागरिका(1944), ग्रामिका (1951)
  • जगदालोक (प्रबंध-काव्य, 1952), प्रेमांजलि [(1953), कादम्बिनी (1954), विश्वगीत (1955)

अनूप शर्मा

  • अनूप शर्मा की रचनाओं में ‘सिद्धार्थ’, ‘फेरि मिलिबो’, ‘कुणाल’, ‘वर्द्धमान’, ‘सुमनांजली’, ‘शर्वाणी’ प्रमुख है। ‘सिद्धार्थ’ में बुद्ध के जीवन के विविध पक्षों का वर्णन है।
  • 18 सर्गों का महाकाव्य ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि की खड़ी बोली की रचना है।
  • ‘फेरि मिलिबो’ ब्रजभाषा का प्रबंध काव्य है, इसमें 75 अध्यायों में श्रीमद्भागवत की कथा को मुख्य आधार बनाया गया है।
  • ‘वर्द्धमान’ महावीर स्वामी के चरित्र पर आधारित है।
  • अनूप शर्मा द्विवेदी युग के प्रसिद्ध कवि थे और उन्हें अपने समय के हिंदी के प्रसिद्ध 'देव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
  • 'सुमनांजली' स्फुट कविताओं का संग्रह है और 'शर्वाणी' आद्यशक्ति रूपा दुर्गा के सभी अंगों पर 700 घनाक्षरीयों का प्रबंध काव्य है।

निम्नलिखित में से किसके बचपन का नाम आनंदीलाल था ?

  1. अज्ञेय
  2. रेणु
  3. यशपाल 
  4. जैनेन्द्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जैनेन्द्र

उपनाम और उपाधियाँ Question 7 Detailed Solution

Download Solution PDF

जैनेन्द्र के बचपन का नाम आनंदीलाल था 

Key Pointsजैनेंद्र -

  • जन्म - 1905 ई.
  • जन्म स्थान - अलीगढ़ के कौड़ीयागंज गांव में
  • जैनेंद्र के अन्य उपन्यास-
    • परख (1929 ई.)
    • सुखदा (1952 ई.)
    • व्यतीत (1953 ई.)
    • मुक्तिबोध (1965 ई.)
    • अन्नतर (1968 ई.)
    • अनाम स्वामी (1974 ई.)
    • दशार्क (1985 ई.)
  • जैनेंद्र को 'मुक्तिबोध' उपन्यास के लिए (1966 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
  • जैनेंद्र कुमार को हिंदी में मनोविश्लेषणवादी उपन्यास का जनक माना जाता है।
  • उनके उपन्यासों का मुख्य विषय काम पीड़ा व अहं का समर्पण है।

Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-

  • जन्म-1921-1977 ई. 
  • आंचलिक रचनाकार है। 
  • कहानी संग्रह-
    • आदिम रात्रि की महक (1967 ई.)
    • ठुमरी (1959 ई.)
    • अगिनखोर (1973 ई.)
    • एक श्रावणी दोपहरी की धूप (1984 ई.)
    • अच्छे आदमी (1986 ई.) आदि। 
  • उपन्यास-
    • मैला आंचल (1954 ई.)
    • परती परिकथा (1957 ई.)
    • जूलूस (1965 ई.)
    • दीर्घतपा (1964 ई.)
    • कितने चौराहे (1966 ई.)
    • पल्टू बाबू रोड (1979 ई.) आदि।

अज्ञेय-

  • कहानी संग्रह-
    • विपथगा(1937 ई.)
    • परम्परा(1940 ई.)
    • कोठरी की बात(1945 ई.)
    • अमर वल्लरी(1945 ई.) आदि। 

यशपाल-

  • जन्म-1903-1976 ई. 
  • कहानियाँ-
    • पिंजरे की उड़ान(1939 ई.)
    • तर्क का तूफान(1944 ई.)
    • भस्मावृत चिंगारी(1946 ई.)
    • फूलो का कुर्ता(1949 ई.)
    • धर्मयुद्ध(1950 ई.)
    • उत्तमी की मां(1955 ई.)
    • सच बोलने की भूल(1962 ई.) आदि। 

भगवती प्रसाद शुक्ल ने 'बघेली जनपद का प्रतिनिधि कवि' किसे कहा है ?

  1. जगदीन
  2. बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'
  3. रामचन्द्र सोनी
  4. भगवती प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'

उपनाम और उपाधियाँ Question 8 Detailed Solution

Download Solution PDF

सही उत्तर है- बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'

Key Points

बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'-

  • बघेली लोकगीत 
रामचन्द्र सोनी-
  • बघेली काव्य संकलन 
  • लोक कथाएँ और गीत 
भगवती प्रसाद-
  • बघेली साहित्य का अध्ययन 
  • साहित्यिक निबंध

उपनाम और उपाधियाँ Question 9:

केदारनाथ मिश्र को कहा जाता है?

  1. माधव 
  2. प्रभात 
  3. भूषण 
  4. किरण 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रभात 

उपनाम और उपाधियाँ Question 9 Detailed Solution

केदारनाथ मिश्र को प्रभात कहा जाता है। 

Key Pointsकेदारनाथ मिश्र-

  • केदारनाथ मिश्र 'प्रभात का जन्म बिहार के आरा जिले में 1907 ई. में हुआ।
  • उच्च शिक्षा पटना में हुई।
  • बिहार राज्य के पुलिस विभाग में सेवा की।
  • इनके मुख्य गीत-संग्रह हैं-
    • 'शुभ्रा
    • 'श्वेत नील
    • 'कलापिनी
    • 'कम्पन
    • 'ॠतम्भरा
    • 'बैठो मेरे पास।
  • अंतिम दो संग्रह बिहार तथा उ.प्र. सरकार द्वारा पुरस्कृत हुए।
  • 'कैकेयी, 'तप्त गृह तथा 'कर्ण इनके प्रबंध-काव्य हैं।
  • इन्होंने प्रचुर बाल साहित्य भी लिखा। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 10:

''भारतीय आत्मा' किस कवि का उपनाम है ?

  1. विद्यापति ठाकुर
  2. भारतेन्दु हरिश्चंद्र
  3. माखनलाल चतुर्वेदी
  4. हरिराम व्यास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : माखनलाल चतुर्वेदी

उपनाम और उपाधियाँ Question 10 Detailed Solution

"माखनलाल चतुर्वेदी" को ''भारतीय आत्‍मा'' कवि कहा जाता है। 

Key Points

  • माखनलाल चतुर्वेदी को राष्ट्रकवि और एक भारतीय आत्मा के नाम से जाना जाता हैI 
  • माखनलाल चतुर्वेदी और सुभद्रा कुमारी चौहान राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के कवि हैंI 

अन्‍य व‍िकल्‍प- 

कव‍ि पर‍िचय
विद्यापति ठाकुर 'मैथिल कवि कोकिल' (मैथिली के कवि कोयल) के नाम से भी जाना जाता है। 
भारतेन्दु हरिश्चंद्र आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। 
हरिराम व्यास राधावल्लभ सम्प्रदाय के उच्च कोटि के भक्त तथा कवि थे। राघावल्लभीय संप्रदाय के हरित्रय में इनका विशिष्ट स्थान है।

उपनाम और उपाधियाँ Question 11:

किस कवि को ‘प्रकृति का सुकुमार कवि' कहा जाता है?

  1. रामधारी सिंह दिनकर
  2. सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
  3. सुमित्रानंदन पन्त
  4. जयशंकर प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सुमित्रानंदन पन्त

उपनाम और उपाधियाँ Question 11 Detailed Solution

'सुमित्रा नंदन पन्‍त' को प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है। 

Key Points

  • छायावादी युग के महान कवि सुम‍ित्रा नंदन पन्‍त को प्रकृति के सुकुमार कवि के नाम से हिन्‍दी साहित्‍य में जाना जाता है। 
  • उन्होंने प्रकृति के माध्यम से हर भाव को बड़ी ही सुंदरता से शब्दों में प्रस्तुत किया है।
  • यह उनकी विशेषता थी, इसी कारण से उन्हें प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है ।
  • वर्ष 1968 ई. में सुमित्रा नंदन पन्‍त को चिदंबरा(काव्‍य) रचना के लिए ज्ञानपीठ पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। 
  • वर्ष 1960 ई. में सुमित्रा नंदन पन्‍त को कला और बूढ़ा चॉंद(काव्‍य) रचना के लिए साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। 
कवि  रचनाऍं 
सुमित्रा नंदन पन्‍त 

कविताऍं- वीणा (1919), ग्रंथि (1920), पल्‍लव(1926), गुंजन (1932), युगपथ(1949), चिदंबरा (1958)। 

उपन्‍यास- हार (1960) आदि। 

Additional Information

कवि  रचनाऍं 
रामधारी सिंह दिनकर

(काव्‍य)- बारदोली-विजय संदेश(1928), प्रणभंग(1929), रेणुका(1935), हुंकार(1938)। 

(गद्य)- मिट्टी की ओर(1946), चित्तौड़ का साका(1948), अर्धनारीश्वर(1952) आदि। 

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

 (काव्‍य)-अनामिका(1923),परिमल(1930), गीतिका(1936), अणिमा(1943)। 

(उपन्‍यास)- अप्‍सरा(1939), अलका(1933), प्रभावती(1936), चोटी की पकड़(1946)।

(कहानी संग्रह)- लिली(1934), सखी(1935), सुकुल की बीवी(1949) आदि। 

जयशंकर प्रसाद

(काव्‍य)- प्रेम-पथिक(1909), ऑंसू(1925), लहर(1935)। 

(उपन्‍यास)- कंकाल(1929), तितली(1934), इरावती(1938)। 

(नाटक)- उर्वशी(1909), सज्‍जन(1910), राज्‍यश्री(1915) आदि। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 12:

'आदि कवि' कहा जाता है-

  1. स्वयंभू को
  2. वाल्मीकि को
  3. सूरदास को
  4. तुलसीदास को

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वाल्मीकि को

उपनाम और उपाधियाँ Question 12 Detailed Solution

'वाल्मीकि' को 'आदि कवि' कहा जाता है।

Key Points

  • आदिकवि शब्द 'आदि' और 'कवि' के मेल से बना है।
  • 'आदि' का अर्थ होता है 'प्रथम' और 'कवि' का अर्थ होता है 'काव्य का रचयिता'।
  • वाल्मीकि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना की थी जो रामायण के नाम से प्रसिद्ध है।
  • प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना करने के कारण वाल्मीकि आदिकवि कहलाये।

अन्य विकल्प-

  • स्वयंभू - अपभ्रंश का वाल्मीकि
  • सूरदास - वात्सल्य रस सम्राट
  • तुलसीदास - हिंदी का जातीय कवि

Additional Information

उपनाम        -     साहित्यकार

अभिनव जयदेव —विद्यापति
हिंदी का प्रथम कवि —सरहपा
प्रथम सूफी कवि —असाइत
जड़िया कवि —नंददास
वात्सल्य रस सम्राट —सूरदास
कठिन काव्य का प्रेत —केशवदास
पुराने पंथ का पथिक —मतिराम
प्रेम की पीर का कवि —घनानंद
हिंदी नवजागरण का अग्रदूत —भारतेंदु
हिंदी साहित्य में आधुनिकता के जन्मदाता — भारतेंदु

उपनाम और उपाधियाँ Question 13:

किस कवयित्री को 'आधुनिक मीरा' कहा जाता है?

  1. सरोजनी नायडू
  2. महादेवी वर्मा
  3. मीराबाई
  4. सुभद्रा कुमारी चौहान

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : महादेवी वर्मा

उपनाम और उपाधियाँ Question 13 Detailed Solution

'महादेवी वर्मा' को आधुनिक मीरा कहा जाता है। 

Key Points

  • आधुनिक हिन्‍दी की सबसे सशक्‍त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्‍हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। 
  • हिंदी साहित्य में महादेवी वर्मा को एक सशक्त हस्ताक्षर के रूप में पहचाना जाता है।
  • उन्होंने अपनी लेखनी से पद्य एवं गद्य साहित्य को समृद्ध किया है। 
  • इसी कारण महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने उन्हें 'हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती' कहकर संबोधित किया।
  • 'यामा' नामक काव्य संकलन के लिये महादेवी वर्मा को वर्ष 1982 ई. में भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्‍मानित किया गया। 
क‍वयित्री  रचनाऍं (कविता संग्रह) 
महादेवी वर्मा  नीहार(1930), रश्मि(1932), नीरजा(1935), सान्‍ध्‍यगीत(1936), दीपशिखा(1942), सप्‍तपर्णा(1959), आदि। 

Additional Informationअन्‍य विकल्‍प 

कवयित्री   रचनाऍं 
सरोजनी नायडू

पुस्‍तकें- द गोल्डन थ्रेसोल्ड(1905), द बर्ड ऑफ टाइम(1912), द ब्रोकन विंग(1917) आदि। 

मीराबाई (काव्‍य संग्रह) नरसीजी का मायरा, राग गोविन्द, राग सोरठ के पद, गीतगोविन्द की टीका आदि। 
सुभद्रा कुमारी चौहान

(कहानी संग्रह)- बिखरे मोती(1932), उन्मादिनी(1934), सीधे-साधे चित्र(1947) आदि।  

उपनाम और उपाधियाँ Question 14:

'स्वर सिद्ध' किस कवि के लिए उपनाम प्रयोग किया जाता है?

  1. जयशंकर प्रसाद 
  2. सुमित्रानंदन पंत 
  3. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
  4. केदारनाथ सिंह 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सुमित्रानंदन पंत 

उपनाम और उपाधियाँ Question 14 Detailed Solution

'स्वर सिद्ध' सुमित्रानंदन पंत कवि के लिए उपनाम प्रयोग किया जाता है।

Key Pointsसुमित्रानंदन पंत-

  • जन्म-1900-1977 ई.
  • छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ है।
  • काव्य रचनाएँ-
  • छायावादी-
    • ग्रंथि(1920 ई.)
    • पल्लव(1926 ई.)
    • वीणा(1927 ई.)
    • गुंजन(1932 ई.)
  • प्रगतिवादी-
    • युगान्त(1936 ई.)
    • युगवाणी(1939 ई.)
    • ग्राम्या(1940 ई.)
  • अरविन्द दर्शन से प्रभावित-
    • स्वर्ण किरण(1947 ई.)
    • स्वर्णधूलि(1947 ई.)
    • युगांतर(1948 ई.)
    • युगपथ(1949 ई.)
  • नवमानवतावादी-
    • उत्तरा(1949 ई.)
    • रजतशिखर(1952 ई.)
    • शिल्पी(1952 ई.)
    • अतिमा(1955 ई.)
    • कला और बूढ़ा चाँद(1959 ई.)
    • लोकायतन(1964 ई.) आदि।

Important Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई.
  • बाल्य नाम-झारखंडी
  • छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है।
  • रचनाएँ-
    • उर्वशी(1909 ई.)
    • वन मिलन(1909 ई.)
    • कानन कुसुम(1913 ई.)
    • प्रेमपथिक(1913 ई.)
    • चित्राधार(1918 ई.)
    • झरना(1918 ई.)
    • आँसू(1925 ई.) आदि।

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-

  • जन्म-1899-1961 ई.
  • छायावादी प्रमुख रचनाकार है।
  • काव्य रचनाएँ-
    • अनामिका(1923 ई.)
    • परिमल(1930 ई.)
    • गीतिका(1936 ई.)
    • तुलसीदास(1938 ई.)
    • कुकुरमुत्ता(1942 ई.)
    • नये पत्ते(1946 ई.) आदि।

केदारनाथ सिंह-

  • जन्म-1934-2018 ई.
  • तीसरा सप्तक के महत्तवपूर्ण कवि है।
  • रचनाएँ-
    • अभी बिल्कुल अभी (1960 ई.)
    • जमीन पक रही है(1980 ई.)
    • यहाँ से देखो(1983 ई.)
    • बाघ(1996 ई.)
    • अकाल में सारस(1988 ई.)
    • उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ(1995 ई.)
    • तालस्ताय और साइकिल(2005 ई.) आदि।

उपनाम और उपाधियाँ Question 15:

'प्राकृत का पाणिनी' किसे कहा जाता है?

  1. स्वयंभू 
  2. हेमचन्द्र 
  3. पुष्पदन्त 
  4. देवसेन 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : हेमचन्द्र 

उपनाम और उपाधियाँ Question 15 Detailed Solution

'प्राकृत का पाणिनी' हेमचन्द्र को कहा जाता है। अन्य नाम- कलिकाल सर्वज्ञ। 

अन्य नाम-
स्वयंभू- अपभ्रंश का वाल्मीकि और व्यास; पुष्पदन्त- हिन्दी का भवभूति, भाखा का जड़, अभिमान मेरु, काव्य रत्नाकर, कवि कुल तिलक।
Get Free Access Now
Hot Links: teen patti classic teen patti casino teen patti bindaas teen patti vip teen patti wink