काव्य लक्षण MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for काव्य लक्षण - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें

Last updated on Mar 30, 2025

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Latest काव्य लक्षण MCQ Objective Questions

Top काव्य लक्षण MCQ Objective Questions

काव्य लक्षण Question 1:

निम्नलिखित वाक्यों में व्यंजना शब्द शक्ति का प्रयोग किस वाक्य में हुआ है?

  1. दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।
  2. वो तो बिलकुल गधा है।
  3. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है।
  4. आँख के अंधे नाम नयन सुख

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।

काव्य लक्षण Question 1 Detailed Solution

इसका सही उत्तर 'दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।' है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं है।
Key Points

  • 'दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।' इसका भाव है कि सब लोग चले जाएँ।
  • 'दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।' में व्यंजना शब्द शक्ति है।

अन्य विकल्प:

  • वो तो बिलकुल गधा है। लक्षणा शब्द शक्ति
  • हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है।- अभिधा शब्द शक्ति
  • आँख के अंधे नाम नयन सुख- लक्षणा शब्द शक्ति

Additional Information

शब्द शक्ति

शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। इसके तीन भेद माने गए हैं.

अभिधा

वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।

हिन्दी एक भाषा है।

चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।

लक्षणा

यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है।

रामू शेर है।

रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है।

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।

सुबह के 08:00 बज गये

एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग।

काव्य लक्षण Question 2:

‘वाक्यं रसात्मकं काव्यम्’ अर्थात् रसात्मक वाक्य ही काव्य है। - काव्यलक्षण के विषय में यह किस आचार्य का है?

  1. भामह
  2. पंडित राज जगन्नाथ
  3. विश्वनाथ
  4. मम्मट

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विश्वनाथ

काव्य लक्षण Question 2 Detailed Solution

उपर्युक्त पंक्ति 'विश्वनाथ' की है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'विश्वनाथ' है।

स्पष्टीकरण - 

‘वाक्यं रसात्मकं काव्यं’ अर्थात रसात्मक वाक्य ही काव्य है। इस वाक्य को आचार्य विश्वनाथ द्वारा कहा गया था। काव्य लक्षण के विषय में कई आचार्यों ने अपने मत प्रस्तुत किये हैं, जिनमें विश्वनाथ का यह कथन अत्यधिक प्रसिद्ध है। अतः सही विकल्प विश्वनाथ है।

काव्य लक्षण Question 3:

निम्नलिखित में से यह कथन काव्य शब्दोऽयं गुणालंकार संस्कृतयोः शब्दार्थयोर्वर्तते किसका है?

  1. भामह
  2. मम्मट 
  3. वामन 
  4. विश्वनाथ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वामन 

काव्य लक्षण Question 3 Detailed Solution

 कथन काव्य शब्दोऽयं गुणालंकार संस्कृतयोः शब्दार्थयोर्वर्तते - वामन का है।

 Key Points

वामन

  • जन्म - आठवीं शती का उत्तरार्ध
  • रीति संप्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है।
    • वामन कश्मीर नरेश जयापीड़ के मंत्री थे।
  • ग्रंथ - काव्यालंकार सूत्र
    • इसमें सूत्रों की संख्या 319 तथा 5 परिच्छेद में विभक्त है।

 Important Points

वामन के प्रमुख काव्य सिद्धांत

  • रीति को काव्य की आत्मा माना है।
  • गुण तथा अलंकार का परस्पर विवेद तथा गुण को अलंकार की अपेक्षा अधिक महत्व देना।
  • वैदर्भी , गौड़ी तथा पंचाली तीनों रीतियों की कल्पना।
  • 10 प्रकार के गुण (शब्द तथा अर्थ) को उभयगत मानकर 20 प्रकार के गुणों की कल्पना।
  • वक्रोक्ति को सादृस्य  मुलक लक्षणा मानना।
  • समग्र अर्थालंकारो को उपमा का प्रपंच मानना।

 Additional Information

भामह

  • समय - षष्ट शती का पूर्वार्ध
  • ग्रन्थ – काव्यालंकार
    • शब्द तथा अर्थ दोनों का काव्य होना माना है

मम्मट

  • समय - 11वीं शती का उत्तरार्ध
  • ग्रंथ - काव्य प्रकाश

विश्वनाथ

  • समय - 14 वी शती का पूर्वार्ध
  • ग्रन्थ - साहित्य दर्पण

काव्य लक्षण Question 4:

शब्द शक्ति के कितने प्रकार है?

  1. 4
  2. 5
  3. 3
  4. 2

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 3

काव्य लक्षण Question 4 Detailed Solution

शब्द शक्ति के 3 भेद हैं। 

Key Points 
शब्द शक्ति-

  • शब्द या शब्द समूह में जो अर्थ छिपा होता है उसे शब्द शक्ति कहते हैं।

Additional Information 
लक्षणा शब्द शक्ति- 

  • लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
  • शब्द को जिस शक्ति से उसका वह साधारण से भिन्न और दूसरा वास्तविक अर्थ प्रकट होता है, उसे लक्षणा कहते हैं। 
  • उदाहरण-
    • जैसे हम कहें कि ‘लड़का शेर है।’ तो इसका लक्ष्यार्थ है ‘लड़का निडर है।
    • लड़के को निडर बताने के प्रयोजन से उसके लिए शेर शब्द का प्रयोग किया गया है।

व्यंजना शब्द शक्ति-

  • शब्द की जिस शक्ति या व्यापार से प्रचलित अर्थ एवं लक्ष्यार्थ से भिन्न किसी तीसरे अर्थ का बोध हो, उसे 'व्यंजना शक्ति कहते हैं।
  • व्यंजना शक्ति से बोधित होने वाला अर्थ व्यंग्यार्थ है तथा व्यंग्यार्थ द्योतक शब्द व्यंजक शब्द कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • ​जैसे 'सूर्य डूब गया'- इस वाक्य का प्रचलित या मुख्य अर्थ है, सूरज का लाल गोला क्षितिज में शमा गया, किन्तु इसका अर्थ प्रसंगानुसार भिन्न-भिन्न व्यक्ति अलग-अलग रूप में ग्रहण कर लेते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति-

  • अभिधा शब्द शक्ति का पहला प्रकार है जो शब्दों के शब्दकोशीय अर्थ का बोध कराती है।
  • इसमें किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है। जैसे 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा।
  • साक्षात् सांकेतित अर्थ (मुख्यार्थ या वाच्यार्थ) को प्रकट करने वाली शब्दशक्ति अभिधा शब्दशक्ति कहलाती है।
  • उदाहरण-
    • ​मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।

काव्य लक्षण Question 5:

निम्नलिखित में से कौन-सी लक्षणा की विशेषता है?

  1. मुख्यार्थ
  2. रूढ़ि का प्रयोग
  3. व्यंग्यार्थ
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपर्युक्त में से एक से अधिक

काव्य लक्षण Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - उपर्युक्त में से एक से अधिक

 Key Pointsलक्षणा शब्द शक्ति:-

  • जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है।
  • जैसे – रवि गधा है। यहां गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख। यहाँ रवि में गधे जैसे गुण /लक्षण दिखाए गए है।

Additional Information

शब्द शक्ति

शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। इसके तीन भेद माने गए हैं.

अभिधा

वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।

हिन्दी एक भाषा है।

चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।

लक्षणा

यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है।

रामू शेर है।

रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है।

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।

सुबह के 08:00 बज गये

एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग।

काव्य लक्षण Question 6:

"अति सुधो स्नेह को मारग है जहाँ नेकु सयानप बाँक नहीं" पंक्ति में रेखांकित शब्द का अर्थ है-

  1. टेढ़ापन
  2. तनिक भी चतुराई
  3. बहुत सीधापन
  4. अहंकार से युक्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : तनिक भी चतुराई

काव्य लक्षण Question 6 Detailed Solution

दी गई पंक्ति में रेखांकित शब्‍द का सही अर्थ- तनिक भी चतुराई है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • पंक्ति- "अति सुधो स्नेह को मारग है जहाँ नेकु सयानप बाँक नहीं"
  • रेखांकित शब्‍द का अर्थ- तन‍िक भी चतुराई है। 
  • इस पंक्ति में कवि कह रहे हैं कि प्रेम का मार्ग अत्यंत सीधा और सरल है, जहाँ किसी भी प्रकार की चालाकी या छल-कपट को स्थान नहीं मिलता है।
  • प्रेमी इस मार्ग पर बिना किसी संकोच के चलते हैं और अपने प्रेम को निश्छल भाव से व्यक्त करते हैं।

काव्य लक्षण Question 7:

माधुर्य गुण युक्त काव्य में किस वर्ग के वर्णों का प्रयोग नहीं किया जाता है? 

  1. क वर्ग
  2. च वर्ग
  3. त वर्ग
  4. ट वर्ग

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ट वर्ग

काव्य लक्षण Question 7 Detailed Solution

इसका सही उत्तर विकल्प 4 है। अन्य विकल्प असंगत हैं।

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  • माधुर्य गुण युक्त काव्य में 'ट वर्ग' के वर्णों का प्रयोग नहीं किया जाता।
  • इसमें कानों को प्रिय लगने वाले मृदु वर्णों का प्रयोग होता है,  जैसे - क,ख, ग, च, छ, ज, झ, त, द, न, ...आदि
  • माधुर्य गुण- जिस गुण के कारण सुनने वाले के मन में मधुरता का भाव आ जाए, वह गुण माधुर्य गुण कहलाता है।
  • काव्य गुणों की संख्या को लेकर आचार्यों में मतभेद है। आचार्य मम्मट तथा आनंदवर्धन गुणों की संख्या तीन मानते हैं ।
  • उन्होंने प्रसाद गुण,ओज गुण एवं माधुर्य गुण को काव्य गुण माना है

अन्य विकल्प:

  • ओज गुण- जो गुण काव्य में जोश एवं ओज उत्पन्न करता है, वह गुण ओज गुण कहलाता है।
  • प्रासाद गुण- जिस गुण के कारण काव्य का अर्थ तुरंत समझ में आ जाए और उसे पढ़ते ही मन खुशी से झूम उठे- वह प्रासाद गुण कहलाता है।

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काव्य, कविता या पद्य, साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी कहानी या मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। भारत में कविता का इतिहास और कविता का दर्शन बहुत पुराना है। इसका प्रारंभ भरतमुनि से समझा जा सकता है। कविता का शाब्दिक अर्थ है काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छन्दों की शृंखलाओं में विधिवत बांधी जाती है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है। काव्य के मुख्य दो प्रकार माने गए हैं- 

  • स्वरूप के अनुसार काव्य के भेद
  • शैली के अनुसार काव्य के भेद

 

 

 

 

काव्य लक्षण Question 8:

अज्ञेय कौन-से वाद के कवि है?

  1. प्रगतिवाद
  2. प्रयोगवाद
  3. छायावाद
  4. इनमें से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रयोगवाद

काव्य लक्षण Question 8 Detailed Solution

अज्ञेय प्रयोगवाद के कवि है, अन्य विकल्प असंगत है।अत: विकल्प 1 'प्रयोगवाद' सही उत्तर है। 

Key Points

  • प्रयोगवाद के कवियों में हम सर्वप्रथम तारसप्तक के कवियों को गिनते हैं और इसके प्रवर्तक कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय ठहरते हैं।
  • जैसा कि हम पहले कह आए हैं कि तारसप्तक 1943 ई. में प्रकाशित हुआ।
  • इसमें सातकवियों को शामिल किए जाने के कारण इसका नाम तारसप्तक रखा गया।
  • इन कवियों को अज्ञेय ने पथ के राही कहा।
  • ये किसी मंजिल पर पहुंचे हुए नहीं हैं,बल्कि अभी पथ के अन्वेषक हैं।
  • इसी संदर्भ में अज्ञेय ने प्रयोग शब्द का प्रयोग किया, जहां से प्रयोगवाद की उत्पत्ति स्वीकार की जाती है।
  • इसके बाद 1951 ई. में दूसरा,1959 ई में तीसरा और 1979 में चौथा तारसप्तक प्रकाशित हुए। जिनका संपादन स्वयं अज्ञेय ने किया है।

Additional Information

सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च 1911-4 अप्रैल 1987) ने कविता, कहानी, उपन्यास, यात्रा-वृत्त, निबन्ध, गीति-नाट्य, ललित निबन्ध, डायरी जैसी साहित्य की लगभग सभी विधाओं में अपनी सर्जनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया. अज्ञेय के विस्तृत और वैविध्यपूर्ण जीवनानुभव उनकी रचनाओं में यथार्थवादी ढंग से अभिव्यक्त हुए हैं

काव्य लक्षण Question 9:

काव्यशास्त्र के अनुसार शब्द में अर्थ कितने प्रकार से आते है- 

  1. दो प्रकार
  2. चार प्रकार
  3. तीन प्रकार
  4. पाँच प्रकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : तीन प्रकार

काव्य लक्षण Question 9 Detailed Solution

सही उत्तर है - तीन।

Key Pointsशब्द शक्ति-

  • शब्द या शब्द समूह में जो अर्थ छिपा होता है उसे शब्द शक्ति कहते हैं।

Additional Information लक्षणा शब्द शक्ति- 

  • लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
  • शब्द को जिस शक्ति से उसका वह साधारण से भिन्न और दूसरा वास्तविक अर्थ प्रकट होता है, उसे लक्षणा कहते हैं। 
  • उदाहरण-
    • जैसे हम कहें कि ‘लड़का शेर है।’ तो इसका लक्ष्यार्थ है ‘लड़का निडर है।
    • लड़के को निडर बताने के प्रयोजन से उसके लिए शेर शब्द का प्रयोग किया गया है।

व्यंजना शब्द शक्ति-

  • शब्द की जिस शक्ति या व्यापार से प्रचलित अर्थ एवं लक्ष्यार्थ से भिन्न किसी तीसरे अर्थ का बोध हो, उसे 'व्यंजना शक्ति कहते हैं।
  • व्यंजना शक्ति से बोधित होने वाला अर्थ व्यंग्यार्थ है तथा व्यंग्यार्थ द्योतक शब्द व्यंजक शब्द कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • ​जैसे 'सूर्य डूब गया'- इस वाक्य का प्रचलित या मुख्य अर्थ है, सूरज का लाल गोला क्षितिज में शमा गया, किन्तु इसका अर्थ प्रसंगानुसार भिन्न-भिन्न व्यक्ति अलग-अलग रूप में ग्रहण कर लेते हैं।

अभिधा शब्द शक्ति-

  • अभिधा शब्द शक्ति का पहला प्रकार है जो शब्दों के शब्दकोशीय अर्थ का बोध कराती है।
  • इसमें किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है। जैसे 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा।
  • साक्षात् सांकेतित अर्थ (मुख्यार्थ या वाच्यार्थ) को प्रकट करने वाली शब्दशक्ति अभिधा शब्दशक्ति कहलाती है।
  • उदाहरण-
    • ​मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।

काव्य लक्षण Question 10:

"अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी।

आँचल में है दूध और आँखों में पानी।।"

इसमें कौन-सी व्यंजना है ? 

  1. आर्थी व्यंजना
  2. शाब्दी व्यंजना
  3. विशेष व्यंजना
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आर्थी व्यंजना

काव्य लक्षण Question 10 Detailed Solution

"अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी। आँचल में है दूध और आँखों में पानी।।" इसमें आर्थी व्यंजना है। 

Key Pointsशाब्दी व्यंजना-

  • शब्द पर आधाररत व्यंजना को 'शाब्दी व्यंजना' कहते है।
  • शाब्दी व्यंजना -अनेकार्थक शब्दों का प्रयोग)जहा अनेकार्थक शब्दों का प्रयोग हो, वहााँ 'शाब्दी व्यंजना' होती है। 
  • शाब्दी व्यंजना के दो भेद हैं-
    • अभिधामूला एवं लक्षणामूला।

Important Points

अभिधामूला लक्षणामूला
अभिधात्मक शब्द पर निर्भर शाब्दी व्यंजना 'अभिधामूला शाब्दी व्यंजना' कहलाती 
है।
उदाहरण : चचि जीवो 
जोरी जुरे, क्यों न सनेह
गंभीर 
को घटि ये वषृ भानुजा, वे
हलधर के वीर ।। -बिहारी

लाक्षारिक शब्द पर निर्भर व्यंजना लक्षणामूला शाब्दी व्यंजना' कहलाती 
है।

उदाहरण - फली सकल मनकामना, लूटयों अगन्रित चैन 

Additional Information

आर्थी व्यंजना

आर्थी व्यंजना साहित्य में एक व्यंजना है जिसमें व्यंग्यार्थ किसी शब्द पर आधारित न होकर उसके अर्थ से ध्वनित होता है।

यह केवल अर्थ की विशिष्टता के कारण सम्भव होती है। इसलिए शब्दों को बदलने पर भी व्यंजना में अन्तर नहीं आता, बशर्ते अर्थ न बदले।

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