Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 

हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिह्न है। जीवन की सबसे प्यारी और उत्तम-से-उत्तम वस्तु एक बार हँस लेना तथा शरीर को अच्छा रखने की अच्छी-से-अच्छी दवा एक बार खिलखिला उठना है । पुराने लोग कह गए हैं कि हँसो और पेट फुलाओ। हँसी कितने ही कला-कौशलों से भली है। जितना ही अधिक आनंद से हँसोगे उतनी ही आयु बढ़ेगी। एक यूनानी विद्वान कहता है कि सदा अपने कम पर झींखने वाला हेरीक्लेस बहुत कम जिया, पर प्रसन्न मन डेमाक्रीटस 109 वर्ष तक जिया । हँसी-खुशी ही का नाम जीवन है। जो रोते हैं, उनका जीवन व्यर्थ है। कवि कहता है- 'जिंदगी ज़िंदादिली का नाम है, मुर्दादिल ख़ाक जिया करते हैं।'

मनुष्य के शरीर के वर्णन पर एक विलायती विद्वान ने एक पुस्तक लिखी है। उसमें वह कहता है कि उत्तम सुअवसर की हँसी उदास-से-उदास मनुष्य के चित्त को प्रफुल्लित कर देती है। आनंद एक ऐसा प्रबल इंजन है कि- उससे शोक और दुःख की दीवारों को ढहा सकते हैं। | प्राण-रक्षा के लिए सदा देशों में उत्तम से उत्तम उपाय मनुष्य के चित्त को प्रसन्न रखना है। सुयोग्य वैद्य अपने रोगी के कानों में आनंदरूपी मंत्र सुनाता है।

एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए। 

This question was previously asked in
UP Police Constable 2024 Official Paper (Held On: 18th Feb 2024 Shift 2)
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  1. हँसी- एक वरदान
  2. प्रसन्नता एक वरदान
  3. कुशल वैद्य की कला
  4. हँसी दुःखनाशक है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रसन्नता एक वरदान
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उपरोक्त प्रश्न का सही उत्तर विकल्प 2 है।

इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक "प्रसन्नता एक वरदान" हो सकता है।

Key Points

  • गद्यांश में हँसी और प्रसन्नता के महत्व को विस्तार से बताया गया है।
  • वह बताता है कि हँसने और प्रसन्न रहने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि आयु भी बढ़ती है।
  • यह उदासी और दुख की भावनाओं को दूर करने का एक प्रभावी माध्यम है।
  • इस गद्यांश में यह भी बताया गया है कि प्रसन्नता किस प्रकार जीवन को सार्थक और सुखमय बना सकती है।
  • प्रसन्नता को जीवन की सबसे बड़ी और उत्तम 'दवा' के रूप में बताया गया है।
  • यहाँ हँसी को एक माध्यम के रूप में देखा गया है, लेकिन मुख्य विषय प्रसन्नता है, जो हँसी के जरिए प्रकट होती है।
  • हँसी के महत्व को बताना इस गद्यांश का एक भाग है, मगर मुख्य उद्देश्य प्रसन्नता की महत्ता को सामने लाना है।
  • 'प्रसन्नता एक वरदान' इस पाठ के आध्यात्मिक और भावनात्मक रंग को अधिक प्रभावी ढंग से परिभाषित करता है,
  • जिसमें पाठकों को प्रसन्न रहने के लाभ और इसके जीवन में महत्व को समझने की प्रेरणा मिलती है।
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Last updated on Jun 19, 2025

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