निम्न में से कौन-सा कथन सही है?

This question was previously asked in
CTET Paper 1 - 1st Jan 2022 (English-Hindi)
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  1. बच्चों का विकास एक सामाजिक-सांकृतिक परिप्रेक्ष्य में होता है
  2. बाल्यावस्था वह अवधि है जिसे 10 भिन्न अवस्थाओं में बाँटा जा सकता है
  3. बच्चों की सोच सामाजिक अन्तः क्रिया से प्रभावित नहीं होती है
  4. बच्चों का विकास केवल आनुवंशिकता पर आधारित होता है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बच्चों का विकास एक सामाजिक-सांकृतिक परिप्रेक्ष्य में होता है
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
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विकास व्यक्ति में गुणात्मक परिवर्तनों को दर्शाता है। इसे व्यवस्थित, सुसंगत परिवर्तनों की एक प्रगतिशील श्रृंखला के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। प्रगतिशील शब्द दर्शाता है कि परिवर्तन आगे बढ़ते हैं। व्यवस्थित और सुसंगत यह मानते हैं कि होने वाले परिवर्तनों और उनके पहले या बाद में होने वाले परिवर्तनों के बीच एक निश्चित संबंध है।

Key Points बच्चों का विकास एक सामाजिक-सांकृतिक परिप्रेक्ष्य में होता है:

  • सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ बाल विकास की प्रक्रिया में संस्कृति और सामाजिक संपर्क की भूमिका पर जोर देता है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि एक बच्चे की सोच शून्य में विकसित नहीं होती है, बल्कि उस सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ से प्रभावित होती है जिसमें वह बड़ा होता है।
  • वायगोत्स्की का मानना था कि स्मृति, ध्यान और तर्क के विकास में भाषा, गणितीय प्रणालियों और स्मृति रणनीतियों का उपयोग करना सीखना शामिल है जो समाज में प्रचलित हैं।
  • इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि प्रत्येक संस्कृति अपने सदस्यों को विचार के कुछ उपकरण प्रदान करती है। जिस तरह से विभिन्न संस्कृतियों में व्यक्तियों ने जानकारी को भावी पीढ़ी तक पहुँचाया, वे विभिन्न भाषाओं में सन्निहित हैं; जिससे विचारों का निर्माण होता है। अत:, हम कह सकते हैं कि सोच सामाजिक और ऐतिहासिक संदर्भों में भिन्न होती है

अत:, यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि 'बच्चों का विकास एक सामाजिक-सांकृतिक परिप्रेक्ष्य में होता है​' कथन सही है।

Hint

  • हम में से अधिकांश के लिए बाल्यावस्था जीवन का एक खूबसूरत चरण होता है। यह खेल, कल्पना और मासूमियत से जुड़ी एक अवस्था है। यह जीवन का महत्वपूर्ण चरण है और इसमें वृद्धि और विकास के महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं जो पूरे जीवन काल के लिए महत्वपूर्ण हैं। बाल्यावस्था को आगे चार उप-चरणों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
    • शैशवावस्था (जन्म से 2 वर्ष तक)
    • प्रारंभिक बाल्यावस्था (2 से 6 वर्ष)
    • मध्य बाल्यावस्था (6 से 11 वर्ष)
    • किशोरावस्था (12 से 19 वर्ष)
  • बच्चों की सोच सामाजिक अंतःक्रियाओं से प्रभावित होती है क्योंकि सामाजिक संदर्भ व्यक्ति के सोचने के तरीके को प्रभावित करते हैं। सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि अधिगम और पर्यावरण को उनके सामाजिक संदर्भ से अलग नहीं किया जा सकता है क्योंकि संदर्भ प्रभावित करता है कि बच्चे कैसे और क्या सोचते हैं।
  • एक व्यक्ति आनुवंशिकता और पर्यावरण का उत्पाद है। अंत:क्रिया बच्चे के भीतर और बाहर की क्षमताओं में होती है। व्यक्ति आनुवंशिकता का एकमात्र उत्पाद नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण से प्राप्त होने वाली चीजों के संयोजन के कारण है।
  • उदाहरण के लिए, यदि किसी बच्चे में मानसिक क्षमता की कमी है तो यह उसके आनुवंशिक स्वभाव के कारण है लेकिन यदि वह कुछ घरेलू गतिविधियों को करने में सक्षम है तो यह पर्यावरण के कारण संभव है। समाज में भी कुछ लोग काफी सफल होते हैं लेकिन कुछ नहीं। इसके पीछे का कारण किसी व्यक्ति के वातावरण में अंतर हो सकता है। इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि विकास पर्यावरण और आनुवंशिकता के बीच अंतःक्रिया का उत्पाद है।
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