सूची -। को सूची - II से सुमेलित कीजिए:

  सूची -। : शैक्षिक दर्शन    सूची -II : पाठ्यचर्या का केंद्र
A. स्थायित्ववाद  I. शास्त्रीय विषय, साहित्यिक विश्लेषण, स्थिर पाठ्यचर्या
B. अनिवार्यवाद  II. छात्रों की रूचि पर आधारित मानव समस्याएं और मामले, अंतर्विषयक विषय सामग्री
C. प्रगतिवाद III. सामाजिक विज्ञानों पर बल, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक, समस्याओं की परीक्षा, वर्तमान और भविष्य पर विचार
D. पुनर्रचनावाद IV. आवश्यक कौशल और आवश्यक विषय

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

This question was previously asked in
UGC NET (Education) Official Paper-II (Held On: 14 Mar, 2023 Shift 2)
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  1. A - IV, B - I, C - III, D- II
  2. A - II, B - IV, C - III, D - I
  3. A - I, B - IV, C - II, D - III
  4. A - I, B - IV, C - III, D - II

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : A - I, B - IV, C - II, D - III
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UGC NET Paper 1: Held on 21st August 2024 Shift 1
13 K Users
50 Questions 100 Marks 60 Mins

Detailed Solution

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सूची I और सूची II के बीच मिलान की व्याख्या:

सूची -। 

सूची -II

स्थायित्ववाद

शास्त्रीय विषय, साहित्यिक विश्लेषण, स्थिर पाठ्यचर्या

अनिवार्यवाद

आवश्यक कौशल और आवश्यक विषय

प्रगतिवाद

छात्रों की रूचि पर आधारित मानव समस्याएं और मामले, अंतर्विषयक विषय सामग्री

पुनर्रचनावाद

सामाजिक विज्ञानों पर ज़ोर, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक, समस्याओं की परीक्षा, वर्तमान और भविष्य पर विचार 

यहाँ प्रत्येक शैक्षिक दर्शन का एक संक्षिप्त अवलोकन दिया गया है:

  • स्थायित्ववाद एक शैक्षिक दर्शन है जो गणित, विज्ञान और साहित्य जैसे पारंपरिक विषयों को पढ़ाने पर बल देता है। स्थायित्ववादियो का मानना है कि ये विषय एक सर्वांगीण शिक्षा के विकास के लिए आवश्यक हैं।
  • अनिवार्यवाद एक शैक्षिक दर्शन है जो आवश्यक कौशल और ज्ञान के महत्व पर बल देता है। अनिवार्यतावादियों का मानना है कि जीवन में सफल होने के लिए विद्यार्थियों को कौशलों और ज्ञान को सीखने की आवश्यकता है।
  • प्रगतिवाद एक शैक्षिक दर्शन है जो छात्रों को उनकी रुचियों और आवश्यकताओं के आधार पर पढ़ाने के महत्व पर बल देता है। प्रगतिवादियों का मानना है कि अधिगम की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होने पर छात्र सबसे अच्छा सीखते हैं।
  • पुनर्रचनावाद एक शैक्षिक दर्शन है जो सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए शिक्षा का उपयोग करने के महत्व पर बल देता है। पुनर्रचनावादियों का मानना है कि शिक्षा एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज का निर्माण कर सकती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सिर्फ चार शैक्षिक दर्शन हैं। इनमे से कोई भी "सही" शैक्षिक दर्शन नहीं है, और किसी विशेष विद्यार्थी या विद्यार्थियों के समूह के लिए सर्वोत्तम दृष्टिकोण उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और रुचियों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।

अत: सही सुमेलन A - I, B - IV, C - II, D - III है।
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