कॉpenके जलवायु वर्गीकरण के आधार पर, भारत में जलवायु प्रकारों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. उष्णकटिबंधीय मानसूनी (Am) जलवायु पश्चिमी घाट, असम के कुछ भागों और ओडिशा में पाई जाती है, जो भारी मानसूनी वर्षा और स्पष्ट आर्द्र और शुष्क मौसमों की विशेषता है।

2. उष्ण मरुस्थलीय (BWh) जलवायु राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों तक सीमित है, जहाँ पूरे वर्ष तापमान उच्च रहता है और वार्षिक वर्षा आम तौर पर 30 सेमी से कम होती है।

3. आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय (Cwa) जलवायु उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तरी पश्चिम बंगाल में पाई जाती है, जहाँ ग्रीष्म ऋतु शुष्क होती है और शीत ऋतु में उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा होती है।

4. उष्णकटिबंधीय सवाना (Aw) जलवायु आंतरिक दक्कन पठार पर हावी है, जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं, जिसमें लंबा शुष्क मौसम और भारी वर्षा के छोटे-छोटे दौर होते हैं।

उपरोक्त में से कौन से कथन सही हैं?

  1. केवल 1, 2 और 4
  2. केवल 1, 3 और 4
  3. केवल 2, 3 और 4
  4. 1, 2, 3 और 4

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : केवल 1, 2 और 4

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 1 है

Key Points

  • उष्णकटिबंधीय मानसूनी (Am) - पश्चिमी घाट, असम और ओडिशा में पाया जाता है। भारी वर्षा (वार्षिक 100-250 सेमी) और स्पष्ट आर्द्र और शुष्क मौसमों की विशेषता है।
  • उष्ण मरुस्थलीय (BWh) - राजस्थान और कच्छ (गुजरात) में पाया जाता है। अत्यधिक शुष्क, उच्च तापमान और वार्षिक वर्षा <30 सेमी।
  • आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय (Cwa) - उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तरी पश्चिम बंगाल में पाया जाता है। सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभों से वर्षा होती है, न कि उत्तर-पूर्वी मानसून से।
  • उष्णकटिबंधीय सवाना (Aw) - आंतरिक दक्कन पठार (महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना) में पाया जाता है। लंबा शुष्क मौसम और मानसूनी वर्षा के छोटे-छोटे दौर।

Important Points

  • उष्णकटिबंधीय मानसूनी (Am) - तटीय क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत में पाया जाता है, दक्षिण-पश्चिम मानसून हवाओं से प्रभावित होता है।
  • उष्ण मरुस्थलीय (BWh) - थार मरुस्थल और कच्छ में कम वर्षा और अत्यधिक तापमान परिवर्तन होते हैं।
  • आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय (Cwa) - सर्दियाँ पश्चिमी विक्षोभों से प्रभावित होती हैं, तमिलनाडु के विपरीत, जहाँ उत्तर-पूर्वी मानसून की वर्षा होती है।
  • उष्णकटिबंधीय सवाना (Aw) - मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में आम, मानसूनी प्रभाव के कारण स्पष्ट आर्द्र और शुष्क दौर होते हैं।

Additional Information

  • पश्चिमी विक्षोभ सर्दियों में उत्तरी भारत को प्रभावित करते हैं, जिससे वर्षा और शीत लहरें आती हैं।
  • उत्तर-पूर्वी मानसून तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश को प्रभावित करता है, न कि उत्तर प्रदेश या बिहार को।
  • कॉप्पन का वर्गीकरण कृषि, जलवायु अध्ययन और शहरी नियोजन में क्षेत्रीय जलवायु विविधताओं की पहचान करने में मदद करता है।
  • जलवायु परिवर्तन भारत के जलवायु क्षेत्रों में बदलाव ला रहा है, जिससे मानसून पैटर्न में बदलाव आ रहा है और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में मरुस्थलीकरण बढ़ रहा है।

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