Question
Download Solution PDFअक्षीय प्रणोद किसमें सबसे कम होता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFवर्णन:
कुंडलिनी गियर:
- इन गियरों का प्रयोग शाफ़्ट को जोड़ने के लिए किया जाता है जिसके अक्ष एक-दूसरे के समांनातर होते हैं और दांत अक्ष के प्रवृत्त होता है।
- दांत के कोण के कारण कुंडलिनी गियर में जब वे जाल बनाते हैं, तो वे गियर पर दबाव भार बनाते हैं।
दोहरा कुंडलिनी या हेरिंगबोन गियर:
- इन गियरों का प्रयोग दो समानांतर शाफ़्टों के बीच शक्ति को संचारित करने के लिए किया जाता है।
- उनमें विरोधी कुंडलिनी दांत होते हैं। दो अक्षीय दबाव एक-दूसरे का विरोध करते हैं और निष्प्रभावित हो जाते हैं।
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अक्षीय दबाव को रोकने के लिए विपरीत पक्ष के दो कुंडलिनी गियर को परिणामी दबाव बलों को रद्द करने के लिए एक-दूसरे के बगल में आलंबित किया जा सकता है। इन्हें दोहरा कुंडलिनी या हेरिंगबोन गियर कहा जाता है।
सीधे दाँत वाली गरारी:
- उनमें अक्ष के समानांतर सीधे दांत होते हैं और इसलिए जाल के दौरान दाँत के कारण अक्षीय दबाव के अधीन नहीं होते हैं।
- संलग्नता के समय पर संपर्क घूर्णन के अक्ष के समानांतर एक रेखा की पूर्ण चौड़ाई पर प्रसारित होता है। इसके परिणामस्वरूप भार का तत्काल अनुप्रयोग, उच्च संघट्ट प्रतिबल और उच्च गतियों पर अत्यधिक शोर होता है।
बेवल गियर:
- बेवल गियर का प्रयोग एक-दूसरे से विभिन्न कोणों पर शाफ्टों के बीच गति को प्रसारित करने के लिए किया जाता है।
- दांत प्रोफाइल सीधा या सर्पिल हो सकता है।
Last updated on Mar 26, 2025
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