न्याय के अनुसार, "वह ज्ञान जो अन्य ज्ञान के माध्यम से प्राप्त नहीं होता" कहलाता है।

  1. प्रत्यक्ष
  2. अनुमान
  3. सब्दा
  4. अनुपलब्धि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : प्रत्यक्ष

Detailed Solution

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सही उत्तर प्रत्यक्षा है।

Key Points

  • प्रत्यक्ष
    • भारतीय दर्शन के न्याय स्कूल के अनुसार, प्रत्यक्ष का तात्पर्य धारणा से है, जो इंद्रियों के माध्यम से सीधे प्राप्त ज्ञान है।
    • इसे तात्कालिक ज्ञान माना जाता है जो किसी अन्य प्रकार के ज्ञान पर निर्भर नहीं होता।
    • इस प्रकार का ज्ञान प्रत्यक्ष अनुभव और अवलोकन के माध्यम से प्राप्त होता है।

Additional Information

  • अनुमान
    • अनुमान से तात्पर्य अनुमान से है, जो तार्किक तर्क के माध्यम से प्राप्त ज्ञान का एक रूप है।
    • इसमें आधार या साक्ष्य के आधार पर निष्कर्ष निकालना शामिल है।
  • शब्द
    • शब्द का तात्पर्य मौखिक साक्ष्य से है, जो किसी विश्वसनीय स्रोत या अधिकारी के शब्दों के माध्यम से प्राप्त ज्ञान है।
    • भारतीय दर्शन में इसे ज्ञान का एक मान्य साधन माना गया है।
  • अनुपलब्धि
    • अनुपलब्धि का अर्थ है अनाशयता या अनुपस्थिति का ज्ञान।
    • यह किसी चीज़ को उसकी अनुभूति के अभाव में जानने की एक विधि है।
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