Question
Download Solution PDF_______ अपने राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और नैतिक पहलुओं से जुड़े मुद्दों पर समालोचनात्मक तरीके से चिंतन-मनन के अवसर प्रदान करती है। यह सामाजिक मुद्दों पर बहुत से विचार को स्वीकृत करती है और अन्तः क्रिया के प्रजातांत्रिक रूप के प्रति समर्पित है। यह उन बहुविधि सन्दर्भों के परिप्रेक्ष्य से महत्वपूर्ण है जिस में हमारे विद्यालय कार्य करते हैं।
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFभारतीय शिक्षण-अधिगम परिदृश्य में समालोचनात्मक शिक्षण शास्त्र को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रुपरेखा-2005 द्वारा प्रतिपादित किया गया। इसके अनुसार-
- "समालोचनात्मक शिक्षण शास्त्र अपने राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और नैतिक पहलुओं से जुड़े मुद्दों पर समालोचनात्मक तरीके से चिंतन-मनन के अवसर प्रदान करती है। यह सामाजिक मुद्दों पर बहुत से विचार को स्वीकृत करती है और अन्तः क्रिया के प्रजातांत्रिक रूप के प्रति समर्पित है।
- एक समालोचनात्मक ढांचा, बच्चो के सामाजिक मुद्दों को विभिन्न परिप्रेक्ष्य में देखने और यह समझने में सहायता करता है की ये मुद्दे उनके जीवन से किस प्रकार जुड़े है।
- समालोचनात्मक शिक्षण शास्त्र विभिन्न विचारो की मुक्त चर्चा,प्रोत्साहन और पुनर्संगठन द्वारा सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रिया का सहजीकरण करता है।"
- समालोचनात्मक शिक्षण शास्त्र वस्तुओं,घटनाओं, प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षार्थियों की अन्वेषण करने की योग्यता का पोषण करता है।
- समालोचनात्मक शिक्षण शास्त्र स्थापित मानदंडों पर प्रश्न करने और चुनौती देने में शिक्षार्थियों की सहायता करता है तथा उन्हें परीक्षण के लिए प्रेरित करता है।
अतः यह निष्कर्ष निकलता है कि समालोचनात्मक शिक्षण शास्त्र अपने राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और नैतिक पहलुओं से जुड़े मुद्दों पर समालोचनात्मक तरीके से चिंतन-मनन के अवसर प्रदान करती है। यह सामाजिक मुद्दों पर बहुत से विचार को स्वीकृत करती है और अन्तः क्रिया के प्रजातांत्रिक रूप के प्रति समर्पित है।
Additional Information
- सहयोगात्मक शिक्षण शास्त्र वाईगोत्स्की के विचार पर आधारित है और समूह शिक्षा को महत्व देता है।
- बाल केन्द्रित शिक्षण बालको के अधिगम प्रक्रिया में सक्रिय होकर सीखने पर आधारित है।
- अध्यापक केन्द्रित उपागम में बालक मात्र स्रोता बनकर ज्ञान को ग्रहण करता है।
Last updated on Apr 30, 2025
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