आधुनिक काल पद्य MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for आधुनिक काल पद्य - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 13, 2025
Latest आधुनिक काल पद्य MCQ Objective Questions
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आधुनिक काल पद्य Question 1:
“धिक जीवन जिसके लिए किया सदा शोध” पंक्ति है-
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 1 Detailed Solution
- उक्त पंक्तियाँ "राम की शक्ति पूजा" नामक लम्बी कविता से ली गयी है, जो निराला द्वारा रचित है। अत: सही विकल्प 1 "निराला" होगा।
- "धिक् जीवन को जो पाता ही आया है विरोध, धिक् साधन जिसके लिए सदा ही किया शोध!" ....पंक्तियाँ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा लिखी हुई है।
- राम की शक्ति पूजा एक महाकाव्य है।
- महाप्राण निराला की अन्य प्रमुख रचनाएँ:- अनामिका, परिमल, तुलसीदास , कुक्कुर मुत्ता आदि है।
- इसका प्रकाशन वर्ष - सन् 1936
- बादल राग ---> यह भी महाप्राण निराला की ही रचना है।
- पेशोला की प्रतिध्वनि---> जयशंकर प्रसाद की रचना---> लहर काव्य संग्रह में संग्रहित आख्यान गीत
Key Points
Additional Information
आधुनिक काल पद्य Question 2:
निम्नलिखित में से कौन-सी रचना, "धर्मवीर भारती” की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 2 Detailed Solution
"एकांत संगीत" यह रचना धर्मवीर भारती की नहीं है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- एकांत संगीत हरिवंशराय बच्चन की कविता है।
रचनाकार | रचनाऍं |
हरिवंशराय बच्चन |
|
Important Points
रचनाकार | रचनाऍं |
धर्मवीर भारती |
कहानी संग्रह- मुर्दों का गाँव (1946), स्वर्ग और पृथ्वी (1949), चाँद और टूटे हुए लोग (1955) काव्य रचनाएं- ठंडा लोहा (1952), सात गीत वर्ष (1959), कनुप्रिया (1959) सपना अभी भी (1993) उपन्यास- गुनाहों का देवता (1949), सूरज का सातवां घोड़ा (1952) |
आधुनिक काल पद्य Question 3:
परिमल किसकी काव्य रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 3 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर "निराला" है ।
Key Points
- परिमल सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की काव्य रचना है।
- इसकी प्रकाशन तिथि - 1929 ई.
- विधा - काव्य संग्रह
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला छायावादी युग के कवि थे ।
- काव्य संग्रह एवं प्रकाशन वर्ष
- अनामिका - 1923
- परिमल - 1929
- गीतिका - 1936
- तुलसीदास - 1936
- कुकुरमुत्ता -1938
- अणिमा - 1942-43
- बेला - 1943
- नए पत्ते - 1946
- अर्चना - 1950
- आराधना - 1953
- गीत कुंज - 1956
- अपरा - 1956
- सांध्य काकली - 1956 (मरणोपरांत)
Additional Information
- माखनलाल चतुर्वेदी को राष्ट्रकवि और एक भारतीय आत्मा के नाम से जाना जाता हैI
- माखनलाल चतुर्वेदी और सुभद्रा कुमारी चौहान राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के कवि हैंI
- रसखान सगुण भक्ति धारा के कवि हैं । इनकी रचना साधारण ब्रजभाषा में हैं । इनका विशेष योगदान प्रकृति वर्णन तथा कृष्ण भक्ति में है ।
आधुनिक काल पद्य Question 4:
'अनामिका' काव्य किनके द्वारा रचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 4 Detailed Solution
अनामिका महाप्राण निराला की प्रसिद्ध रचना है, अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।
अत: यहाँ सही विकल्प 2) निराला ही होगा।
Key Points
- अनामिका - यह एक काव्य संग्रह है।
- 8 कविताएँ इसमें संकलित है।
Additional Information
निराला की अन्य श्रेष्ठ रचनाएँ-
- राम की शक्ति पूजा
- सरोज स्मृति
- परिमल
- तुलसीदास आदि
आधुनिक काल पद्य Question 5:
मैथिलीशरण गुप्त ने इतिहास के उपेक्षित नारी पात्र इनमें से किस पुस्तक में प्रतिष्ठित किए?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 5 Detailed Solution
मैथिलीशरण गुप्त ने इतिहास के उपेक्षित नारी पात्र इनमें से साकेत पुस्तक में प्रतिष्ठित किए।
- साकेत मैथिलीशरण गुप्त रचित महाकाव्य का नाम है। इसका प्रथम प्रकाशन सन् 1931 में हुआ था।
- इसके लिए उन्हें 1932 में मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ था।
- 'साकेत' राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की अमर कृति है।
- इस कृति में हिन्दुस्तान के आराध्य अयोध्याधिपति प्रभु श्रीराम के भाई लक्ष्मण की पत्नी श्रीमति उर्मिला के विरह का जो चित्रण गुप्त जी ने किया है
- वह अत्यधिक मार्मिक और गहरी मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं से ओत-प्रोत है।
Key Pointsभारत भारती:-
- भारत भारती, मैथिलीशरण गुप्तजी की प्रसिद्ध काव्यकृति है जो 1912-13 में लिखी गई थी।
- यह स्वदेश-प्रेम को दर्शाते हुए वर्तमान और भावी दुर्दशा से उबरने के लिए समाधान खोजने का एक सफल प्रयोग है।
द्वापर:-
- 'द्वापर' (1936) श्रीकृष्ण कथा पर आधारित मैथिलीशरण गुप्त जी की महत्वपूर्ण कृति है।
- इनमें श्रीकृष्ण के चरित्रोद्घाटन द्वारा मानवता के आदर्श को प्रस्तुत किया गया है।
रंग में भंग:-
- 'रंग में भंग' (1909) मैथिलीशरण गुप्त जी की महत्वपूर्ण नाटक कृति है।
- ’रंग में भंग’ रचना में ’चित्तौङ’ और ’बूँदी’ के राज घरानों से संबंध रखने वाली राजपूती आन का वर्णन किया गया है।
आधुनिक काल पद्य Question 6:
कौन सी काव्य रचना महादेवी वर्मा की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 6 Detailed Solution
- बेला (1946 ई.) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की रचना है ।
- निराला को छायावाद का 'शलाका पुरुष' भी कहा जाता है ।
- महादेवी वर्मा ने अधिकतर भावप्रधान गीत लिखें हैं ।
- महादेवी का अज्ञात प्रिय के प्रति दुःख प्रणय दुःखप्रधान है ।
- छायावाद कवियों में सर्वाधिक रहस्यभावना महादेवी वर्मा में पाई जाती है ।
- महादेवी वर्मा की रचना 'यामा' में 'निहार' , 'रश्मि' , 'नीरजा' तथा 'सांध्यगीत' के महत्वपूर्ण गीतों का संकलन किया गया ।
- नीहार - 1930 ई.
- सांध्यगीत - 1936 ई.
- नीरजा - 1935 ई.
Key Points
आधुनिक काल पद्य Question 7:
'उर्वशी' किसका काव्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है रामधारी सिंह दिनकर।
- उर्वशी रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित काव्य नाटक है।
- जिसके लिए सन् 1972 में ज्ञानपीठ भी मिला।
Key Points
- 1961 ई. में प्रकाशित इस काव्य में दिनकर ने उर्वशी और पुरुरवा के प्राचीन आख्यान को एक नये अर्थ से जोड़ना चाहा है।
- अन्य रचनाओं से इतर उर्वशी राष्ट्रवाद और वीर रस प्रधान रचना है।
- इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
- उर्वशी प्रेम और सौन्दर्य का काव्य है। प्रेम और सौन्दर्य की मूल धारा में जीवन दर्शन सम्बन्धी
- अन्य छोटी-छोटी धाराएँ आकर मिल जाती हैं।
- प्रेम और सुन्दर का विधान कवि ने बहुत व्यापक धरातल पर किया है।
- कवि ने प्रेम की छवियों को मनोवैज्ञानिक धरातल पर पहचाना है।
Additional Information
- इनकी अन्य रचनाएँ हैं- रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र, रेणुका, बापू आदि।
अन्य लेखकों की रचनाएँ:
रचनाकार | रचनाएँ |
जयशंकर प्रसाद |
इन्दु, चित्राधार, बभ्रुवाहन, चित्राधार, मधुआ, गुंडा, सालवती
|
मैथिलीशरण गुप्त | जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, द्वापर, किसान, गुरुकुल, जय भारत |
महादेवी वर्मा | नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, दीपशिखा, सप्तपर्णा, प्रथम आयाम, अग्निरेखा |
Confusion Points
- उर्वशी राम सिंह दिनकर द्वारा रचित एक काव्य है जबकि उर्वशी जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक कहानी है।
आधुनिक काल पद्य Question 8:
कवि जयशंकर प्रसाद की रचना नहीं है -
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 8 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "दीपशिखा" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।Key Points
- दीपशिखा महादेवी वर्मा का पाँचवाँ कविता-संग्रह है।
- इसका प्रकाशन 1942 में हुआ।
- इसमें 1936 से 1942 ई० तक के गीत हैं।
- अन्य विकल्प
- झरना - 1918 ई॰
- आँसू - 1925 ई॰
- लहर- 1935 ई॰
आधुनिक काल पद्य Question 9:
'सखि वे मुझसे कहकर जाते' किस कवि की काव्य पंक्ति है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 9 Detailed Solution
सही उत्तर "मैथिलीशरण गुप्त" है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- ‘सखि वे मुझसे कहकर जाते’ यह काव्य पंक्ति मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘सखि वे मुझसे कहकर जाते’ की पंक्तियाँ हैं।
- अतः सही विकल्प मैथिलीशरण गुप्त हैं।
Important Points
कवि | रचनाऍं |
सियाराम शरण गुप्त | मौर्य विजय(1914), अनाथ(1917), आर्द्रा(1927), विषाद(1925), दूर्वा दल(1924), आत्मोत्सर्ग(1931) आदि। |
मैथिलीशरण गुप्त | जयद्रथ वध 1910, भारत-भारती 1912, पंचवटी 1925, द्वापर 1936, जय भारत 1952, युद्ध, झंकार 1929 आदि। |
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' | पारिजात (1937), रस-कलश (1940) ,चुभते चौपदे 1932), चोखे चौपदे (1924) आदि। |
जगदीश गुप्त | नाव के पाँव, शम्बूक, आदित्य एकान्त, हिम-विद्ध, शब्द-दंश, युग्म आदि। |
आधुनिक काल पद्य Question 10:
निम्न में कौन सी रचना मैथिलीशरण गुप्त की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल पद्य Question 10 Detailed Solution
रेणुका रचना मैथिलीशरण गुप्त की नहीं है।
रेणुका-
- रचनाकार-रामधारी सिंह 'दिनकर'
- प्रकाशन वर्ष-1935 ई.
- विधा- काव्य संग्रह
- संग्रहीत कविताएँ हैं-
- हिमालय,कविता की पुकार,प्रेम का सौदा,बागी आदि।
- हिमालय कविता की पंक्तियाँ हैं-
- साकार, दिव्य, गौरव विराट्,
पौरूष के पुन्जीभूत ज्वाल!
मेरी जननी के हिम-किरीट!
मेरे भारत के दिव्य भाल!
मेरे नगपति! मेरे विशाल!
- साकार, दिव्य, गौरव विराट्,
Key Pointsरामधारी सिंह 'दिनकर'-
- जन्म-1908-1974 ई.
- राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के मुख्य कवि रहे है।
- अन्य नाम-
- अधैर्य का कवि, समय सूर्य, आवेश का कवि।
- अन्य रचनाएँ-
- हुंकार(1938 ई.)
- रसवंती(1940 ई.)
- कुरुक्षेत्र(1946 ई.)
- परशुराम की प्रतीक्षा(1963 ई.)
- हारे को हरिनाम(1970 ई.) आदि।
Important Pointsपंचवटी-
- रचनाकार-मैथिलीशरण गुप्त
- प्रकाशन वर्ष-1925 ई.
- विधा-काव्य
- विषय-
- रामायण के पंचवटी प्रसंग को आधार बनाकर रचना की है।
- इसमें हिन्दी उर्दू, भोजपुरी, अवधी, राजस्थानी आदि पचास से अधिक भाषाओं का काव्य है।
यशोधरा-
- रचनाकार-मैथिलीशरण गुप्त
- प्रकाशन वर्ष-1932 ई.
- विधा-काव्य
- विषय-
- गौतम बुद्ध के गृह त्याग की घटना पर आधारित है।
साकेत-
- रचनाकार-मैथिलीशरण गुप्त
- प्रकाशन वर्ष-1931 ई.
- विधा-काव्य
- विषय-
- इसकी रचना की प्रेरणा महावीर प्रसाद द्विवेदी कृत लेख 'कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता' से मिली।
- साकेत राम कथा पर आधारित रचना है।
- राम को यहाँ आधुनिक मानव के रूप मे प्रस्तुत किया गया हुआ।
Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-
- जन्म-1886-1964 ई.
- ब्रजभाषा उपनाम-रसिकेन्द्र
- बांग्ला भाषा उपनाम-मधुप
- महात्मा गांधी ने 'राष्ट्रकवि' की उपाधि दी।
- रचनाएँ-
- रंग में भंग(1909 ई.)
- जयद्रथ वध(1910 ई.)
- भारत-भारती(1912 ई.)
- किसान(1917 ई.)
- विकट भट(1929 ई.)
- झंकार(1929 ई.)
- द्वापर(1936 ई.)आदि।