अभिव्यापक कक्षा MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for अभिव्यापक कक्षा - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 20, 2025
Latest अभिव्यापक कक्षा MCQ Objective Questions
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अभिव्यापक कक्षा Question 1:
गतिबोधक - छात्राणां (Kinetic learners) मूल्याङ्कनार्थ किम् अनुपयुक्तम् ?
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 1 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद - गतिबोधक छात्रों के मूल्यांकन के लिए क्या अनुपयुक्त है?
स्पष्टीकरण - गतिबोधक छात्रों के लिए दीर्घ परीक्षण अथवा निबंध लेखन द्वारा मूल्याङ्कन उपयुक्त नहीं है।
Key Points
गतिबोधक छात्र - वे छात्र जो शारीरिक गति या शरीर के आंदोलनों को शामिल करने वाली चीजों के बारे में सीखते समय सबसे प्रभावी ढंग से सीखते हैं। ऐसे छात्र अक्सर खेल और एथलेटिक प्रयासों के साथ- साथ अध्ययन के अन्य क्षेत्रों में शामिल होते हैं।
गतिबोधक छात्रों का मूल्यांकन दीर्घ परीक्षण अथवा निबन्ध लेखन के द्वारा नहीं किया सकता क्योंकि दीर्घ परीक्षणों के माध्यम से छात्र को अंक प्रदान कर दिए जाते हैं और उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता है। ये बच्चों की सभी योग्यताओं का मूल्यांकन नहीं कर सकते। इस परीक्षण द्वारा छात्रों पर लिखने का बहुत अधिक दबाव होता है। इस परीक्षणों में छात्र खेल विधि द्वारा नहीं सीख सकते।
अतः स्पष्ट है कि गतिबोधक छात्रों के लिए दीर्घ परीक्षण उपयुक्त नहीं है।
Important Points
गतिबोधक - यह अधिगम की एक शैली जिसमें स्पर्श विद्या का प्रयोग किया जाता है। जिसमें सीखने के लिए छात्रों द्वारा शारीरिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है, बजाय व्याख्यान सुनने या प्रदर्शनों को देखने से इसका उपयोग रचनात्मक और मानसिक विकास के लिए किया जाता है।
- इसमें छात्र अनुभवात्मक अधिगम को पसंद करता है।
- इसमें शारीरिक गति के साथ-साथ नया ज्ञान प्राप्त होता है।
- इसमें छात्रों के मूल्यांकन के लिए विभिन्न तकनीकों का प्रयोग किया जाता है, जैसे की - चित्रकारी, भूमिका निर्वाह (रोल प्ले), मिट्टी, भवन, गणित के जोड तोड का प्रयोग, पजल्स, कम्प्यूटर तकनीक, नृत्य, दौड, प्रतियोगिताएं, वॉल गेम्स, मॉइड मेपिंग (मस्तिष्क में बनने वाले डायग्राम)|
अतः स्पष्ट है कि गतिबोधक छात्र जो शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से अधिगम करते हैं उनके लिए मूल्यांकन भूमिका निर्वहण, बहुविकल्पनात्मक प्रश्न' व आरेख शीर्षक के माध्यम करना उपयुक्त होगा न की दीर्घ परीक्षणों के द्वारा।
Additional Information
अन्य विकल्पों का विश्लेषण :
- भूमिका-निर्वहणम् , सामृहिकं कार्यम् - सामूहिक कार्यों में भूमिका का निर्वहण करना।
- बहुविकल्पात्मकाः प्रश्नाः - एक से अधिक विकल्प वाले प्रश्न पुछना।
- आरेख-शीर्षक दानम् - किसी मानचित्र तथा आरेख द्वारा शीर्षक देना।
अभिव्यापक कक्षा Question 2:
रिया मोहितश्च पञ्चमकक्षायां विकलाङ्गछात्रौ स्तः। तत्र शिक्षकः ______
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 2 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद - रिया और मोहित पञ्चमकक्षा में विकलाङ्गछात्र हैं। वहाँ शिक्षक ______
स्पष्टीकरण -
समावेशी शिक्षा एक ऐसी शिक्षा है, जिसमें विभिन्न योग्यताओं के बावजूद विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को सामान्य बच्चों के समान कक्षा में सीखने का समान अवसर दिया जाता है। यह शिक्षा 'समान अवसर' के सिद्धांत पर आधारित है और इस शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में सभी द्वारा स्वीकार की जाती हैं।
समावेशी कक्षा का स्वरूप निर्धारित करने में सर्वाधिक महत्तवपूर्ण तत्त्व -
- प्रभावी शिक्षण प्रक्रिया।
- भौतिक बाधाओं का निवारण।
- विभिन्न संचार माध्यमों के प्रयोग।
- सभी बच्चों को सामान अवसर की प्राप्ति।
- विविध और सार्थक शिक्षण अनुभव को महत्ता।
- व्यक्तिगत विभिन्नता संबधी शिक्षण जरूरतों की पूर्ति।
समावेशी कक्षा में भाषा-शिक्षक को निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए -
- विशिष्ट आवश्यकता वाले छात्रों को पृथक समूह में ना बाँटकर सामान्य छात्रों के साथ शिक्षा देनी चाहिए।
- समावेशित शिक्षा में सभी कार्य इस प्रकार बनाये जाने चाहिए जिसमें सामान्य बच्चें व विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एकसाथ सक्रिय भागीदारी निभा सकें।
- विविध प्रकार की दृश्य-श्रव्य सामग्री का उपयोग करते हुए बालको की व्यक्तिगत विभिन्नता संबधी शिक्षण जरूरतों की पूर्ति करनी चाहिए।
प्रश्नानुसार में रिया और मोहित पञ्चमकक्षा में विकलाङ्गछात्र हैं। अत: शिक्षक 'सर्वेषां विद्यार्थिनाम् आवश्यकतानुरुपं विद्यालयः समावेशी स्यात् इति मत्वा तयोः समावेशं कुर्यात्' अर्थात् 'सब विद्यार्थियों के आवश्यकतानुसार विद्यालय में छात्रों का समावेश है ऐसे मानकर उन दोनों का भी कक्षा में समावेश करेंगे।'
Additional Information
- तयोः कृते भिन्नायाः विशिष्टकक्षायाः कृते प्राचार्येण सह चर्चा कुर्यात् - उन दोनों के लिए विशिष्ट कक्षा प्रयोजन के विषय में प्राचार्य के साथ चर्चा करेंगे।
- तौ प्रति सहानुभूतिं प्रदर्श्य तयोः कृते विशेषयत्नं कुर्यात् अधिकसुविधाः च दद्यात् - उन दोनों के प्रति सहानुभूति दिखा कर उनके लिए विशेष प्रयत्न करेंगे और अधिक सुविधा दी जाएगी।
- तयोः अभिभावकैः सह चर्चा कृत्वा भिन्नविद्यालयं प्रति गन्तुम् उपदिशेत् - उनके अभिभावकों के साथ चर्चा करके उनको अन्य विद्यालय में जाने के लिए उपदेश देंगे।
अभिव्यापक कक्षा Question 3:
समावेशीकक्षायाः स्वरूपं निर्मातुं सर्वाधिकमहत्त्वपूर्णं तत्त्वम् अस्ति_____
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 3 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद – समावेशी कक्षा के स्वरूप के निर्माण के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है ____
स्पष्टीकरण –
समावेशी कक्षा समावेशी शिक्षा का एक हिस्सा है जो शिक्षा प्रणाली में सभी बच्चों (सामान्य एवं विशिष्ट) को एक सामान शिक्षा देने से संबंधित है जिससे बच्चो में समानता तथा समायोजन क्षमता का विकास सामान रूप से हो।
समावेशी कक्षा में भाषा-शिक्षक को निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए -
- विशिष्ट आवश्यकता वाले छात्रों को पृथक समूह में ना बाँटकर सामान्य छात्रों के साथ शिक्षा देनी चाहिए।
- समावेशित शिक्षा में सभी कार्य इस प्रकार बनाये जाने चाहिए जिसमें सामान्य बच्चें व विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एकसाथ सक्रिय भागीदारी निभा सकें।
- विविध प्रकार की दृश्य-श्रव्य सामग्री का उपयोग करते हुए बालको की व्यक्तिगत विभिन्नता संबधी शिक्षण जरूरतों की पूर्ति करनी चाहिए।
Additional Information
समावेशी कक्षा का स्वरूप निर्धारित करने में सर्वाधिक महत्तवपूर्ण तत्त्व -
- प्रभावी शिक्षण प्रक्रिया।
- भौतिक बाधाओं का निवारण।
- विभिन्न संचार माध्यमों के प्रयोग।
- सभी बच्चों को सामान अवसर की प्राप्ति।
- विविध और सार्थक शिक्षण अनुभव को महत्ता।
- व्यक्तिगत विभिन्नता संबधी शिक्षण जरूरतों की पूर्ति।
अतः हम कह सकते हैं कि समावेशी कक्षा के स्वरूप के निर्माण के लिए सभी बच्चों को सामान अवसर की प्राप्ति सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है।
अभिव्यापक कक्षा Question 4:
अध्यापकः कक्षायां शिक्षण-उपादानानाम् उपयोग करोति, अनेन-
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 4 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद - शिक्षक कक्षा में अधिगम सामग्री का प्रयोग करता है। इससे-
स्पष्टीकरण - शिक्षक कक्षा में अधिगम सामग्री का प्रयोग करता है। इससे शिक्षण बोधगम्य होता है। शिक्षण सहायक सामग्री के द्वारा छात्र किसी भी विषय को सरलता से समझ पाते हैं। साथ ही ये शिक्षण को प्रभावी बनाता है।
Key Points
- वह सामग्री जो शिक्षा को सरल, सुगम, आकर्षक, हृदयग्राही तथा बोधगम्य बनाती हो तथा शिक्षण में सहायक होती है, वह शिक्षण अधिगम सामग्री कहलाती है।
- शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया में सहायक सामग्री सोच और खोज की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करती है। शिक्षण सामग्री की सहायता से सीखना सरल एवं सुगम हो जाता है तथा छात्र सरलता एवं सहजता से सीख लेते हैं और अध्यापक का शिक्षण भी प्रभावी हो जाता है।
- यदि किसी बात की जानकारी छात्र को मौखिक रूप से दी जा रही हो, वहाँ पर उपयुक्त सहायक सामग्री का प्रयोग करके पाठ्यवस्तु को आसानी से बोधगम्य बनाया जा सकता है।
- अतः हम कह सकते हैं कि शिक्षण अधिगम सहायक सामग्री वह साधन है, जिनसे विद्यार्थी का सीखना अत्यंत सहज हो जाता है।
- वर्तमान युग में छात्रों की रुचि और आवश्यकता के अनुसार सामाजिक, वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक ज्ञान हेतु अधिगम निर्धारित करते समय अध्यापक छात्रों की अधिकतम ज्ञानेंद्रियों का प्रयोग करना चाहता है। इन ज्ञानेंद्रियों को प्रभावी अध्ययन हेतु प्रयुक्त करने के लिए अध्यापक विभिन्न साधनों को अपने शिक्षण में प्रयुक्त करता है। इन्हीं साधनों को शिक्षण सहायक सामग्री कहते हैं, जिनके माध्यम से शिक्षक विभिन्न तथ्यों, अवधारणाओं का ज्ञान छात्रों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकता है।
Important Points
अधिगम सामग्री का प्रयोग -
- छात्रों के ध्यान को शिक्षण अधिगम की ओर आकर्षित रखता है।
- शिक्षण में विविधता उत्पन्न करने में सहायक है।
- अमूर्त और स्पष्ट विचारों को डायग्राम तथा चित्रों के माध्यम से स्पष्ट करने में सहायक है।
- छात्रों को मानसिक रूप से तैयार करता है, जिससे प्रदर्शित सामग्री के कौन-से शिक्षण बिंदुओं पर ध्यान देना है, यह स्पष्ट करता है।
- इससे समय की बचत होती है। विषय की नीरसता और कठिनता समाप्त करने में सक्षम है।
- छात्रों का पर्यावरण एवं सामाजिक वातावरण के प्रत्यक्ष अंतः क्रिया का अवसर प्रदान करती है।
शिक्षण सहायक सामग्री तीन प्रकार की होती है-
- श्रव्य सहायक सामग्री - मौखिक उदाहरण, रेडियो, टेप रिकॉर्डर, ग्रामोफोन आदि।
- दृश्य सहायक सामग्री - श्यामपट्ट, बुलेटिन बोर्ड, फ्लेनील बोर्ड, मानचित्र, ग्लोब, चित्र, रेखाचित्र, कार्टून, मॉडल, पोस्टर, स्लाइड्स, फिल्म स्ट्रिप्स आदि।
- 3. श्रव्य दृश्य सामग्री - चलचित्र, नाटक, कठपुतली, टेलीविजन, कम्प्यूटर (संगणक) आदि।
इस प्रकार स्पष्ट होता है कि शिक्षक कक्षा-कक्ष में सहायक सामग्री का प्रयोग कराता है, जिससे शिक्षण बोधगम्य/प्रभावी होता है।
अभिव्यापक कक्षा Question 5:
भवतः कक्षायां विविधक्षमताभ्यः युक्ताः छात्राः सन्ति। भवान् तेषां समावेशनाय करणीयम् -
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 5 Detailed Solution
समावेशी कक्षा समावेशी शिक्षा का एक हिस्सा है जो शिक्षा प्रणाली में सभी बच्चों (विविध क्षमता वाले बच्चों) को एक सामान शिक्षा देने से संबंधित है जिससे बच्चो में समानता तथा समायोजन क्षमता का विकास सामान रूप से हो।
Key Points
- समावेशी कक्षा विभिन्न संचार माध्यमों के प्रयोग बच्चों की व्यक्तिगत विभिन्नता संबधी शिक्षण जरूरतों को पूरा करता है तथा विद्यालय को सभी बच्चों के लिए अनुकूल स्थान बना कर सीखने और बढ़ने के समान अवसरों की सुविधा देता है।
- भाषा की कक्षा को एक समावेशी कक्षा बनाने के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न प्रकार की दृश्य-श्रव्य सामग्री का उपयोग किया जाए। दृश्य-श्रव्य साधन से तात्पर्य ऐसे साधन से है जिनका प्रयोग शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रूप से किया जाता है।
Important Points
एक समावेशी शिक्षा के उद्देश्य है-
- चुनौतीपूर्ण बच्चों सहित सबके लिए एक समान शिक्षा
- अधिगम में लचीलापन
- सीखने के लिए विशेष वातावरण ना बनाकर एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिसमें बालक विविधताओं के साथ सीख सके।
- हर विद्यार्थी की आवश्यकता के अनुरूप अलग शिक्षण विधि का प्रयोग करना, जिससे ज्ञान पर हर बालक की पहुँच सुनिश्चित हो सके।
- पढ़ाने पर जोर देने के बजाये उनके पढ़ना सीखने पर जोर देना।
- किसी भी बच्चे को बिना किसी भेदभाव के पीछे छोड़े हुए, सबके लिए पढ़ने के समान अवसर सुनिश्चित कराना।
अतः निष्कर्ष निकलता है कि कक्षा में विविध क्षमता वाले बच्चें होने पर समावेश के लिए सबके लिए सीखने के अवसर उपलब्ध कराना उचित है।
अभिव्यापक कक्षा Question 6:
कोऽपि मिश्रित-क्षमता-समूहः कस्मिन् सन्दर्भे विषमः?
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 6 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद - कोई भी मिश्रित क्षमता वाला समूह कौन से संदर्भ में विषम होता है?
स्पष्टीकरण - कोई भी मिश्रित क्षमता वाला समूह ज्ञान कौशल से संदर्भ में विषम होता है।
Key Pointsमिश्रित क्षमता वाला समूह -
- सम्मिश्रित क्षमतायुक्त का अर्थ समावेशी शिक्षा होता है।
- समावेशी शिक्षा का अर्थ है कि सभी विद्यार्थी को समान शिक्षा देना या प्रदान करना।
- मिश्रित क्षमता वाला समूह एक विद्यालय के भीतर एक निश्चित श्रेणी के विभिन्न कक्षाओं के बीच छात्रों का वितरण का एक प्रकार है।
- इस विधि में, अलग-अलग क्षमताओं के छात्रों के अपेक्षाकृत वितरण के साथ-साथ विभिन्न शैक्षणिक और भावनात्मक आवश्यकताओं को बनाने के लिए लगभग उसी उम्र के बच्चों को विभिन्न कक्षाओं में रखा जाता है। तथा सभी विशेष बच्चे एक कक्षा में रखने के बजाय, विभिन्न श्रेणी स्तर के कक्षाओं में रखे जाते हैं।
- सभी बच्चों से तात्पर्य उनमें से कुछ बच्चे विशिष्ट हो सकते हैं, शारीरिक रूप से विकलांग हो सकते हैं, ज्ञान कौशल के रूप में अलग हो सकते हैं या किसी शारीरिक कमी से ग्रसित हो सकते हैं। जैसे-सुनाई ना देना, दिखाई ना देना चलने में कठिनाई, मानसिक रूप से विकलांग, या पढ़ने लिखने में कठिनाइ महसूस करना आदि।
मिश्रित क्षमता वाला समूह का महत्व
- मिश्रित क्षमता वाला समूह शिक्षा के द्वारा बालकों में एकता या समानता का विकास होता है।
- मिश्रित क्षमता वाला समूह शिक्षा के द्वारा बालकों का मानसिक विकास उनके अंदर नैतिक विकास सामाजिक विकास और आत्मसम्मान की भावना का विकास सही रूप से किया जाता है।
- जहां सभी बालक एक साथ शिक्षा ग्रहण करता हो वहां प्राकृतिक वातावरण का विकास होना निश्चित है।
- यह शिक्षा समायोजन की समस्याओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है।
अत: उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है की कोई भी मिश्रित क्षमता वाला समूह ज्ञान कौशल से संदर्भ में विषम होता है।
Additional Information
- अर्थस्तर-सन्दर्भे - आर्थिक स्तर के सन्दर्भ में।
- लिङ्ग-आयुः-सन्दर्भे - लिङ्ग तथा आयु/ उम्र के सन्दर्भ में।
- सामाजिक-स्तर-सन्दर्भे - सामाजिक स्तर के सन्दर्भ में।
अभिव्यापक कक्षा Question 7:
निम्नलिखितेषु किं मूल्यं समाविष्ट –कक्षया सम्बद्धं न अस्ति?
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 7 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद - निम्नलिखित में से कौनसा मूल्य समावेशी कक्षा से संबंधित नही है?
स्पष्टीकरण - सहानुभूति मूल्य समावेशी कक्षा से संबंधित नही है।
Key Points
समावेशी शिक्षा -
- समावेशी कक्षा समावेशी शिक्षा का एक हिस्सा है जो शिक्षा प्रणाली में सभी बच्चों (सामान्य एवं विशिष्ट) को एक सामान शिक्षा देने से संबंधित है जिससे बच्चो में समानता तथा समायोजन क्षमता का विकास सामान रूप से हो।
समावेशी कक्षा में शिक्षक तथा अन्य बच्चों की भूमिका -
- बच्चे को उसकी योग्याताओं को विकसित करने हेतु सहायता प्रदान करना।
- बच्चों की मानवीय विभिन्नताओं को समझना एवं स्वीकार करना सिखाना।
- बच्चे के शारीरिक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक एवं सर्वांगीण विकास के लिए उचित अवसर प्रदान करना।
- ‘शून्य अस्वीकृति नीति’ के सिद्धांत के तहत प्रत्येक बच्चे का कक्षा-कक्ष में स्वागत करना।
- कक्षा-कक्ष गतिविधियों में प्रत्येक बच्चे को प्रतिभागिता के अवसर प्रदान करना।
- बाधित बच्चों की समस्याओं को समझने में अभिभावकों, शिक्षा कर्मियों की सहायता करना।
- बाधित बच्चों के कल्याण के लिए काम कर रहे व्यावसायिकों से सम्पर्क बनाए रखना।
- सामान्य एवं बाधित दोनों प्रकार के बच्चों का समान पाठ्यक्रम उपयोग करने के लिए प्रेरित करना ।
- सामान्य बच्चों को बाधित बच्चों को सहयोग देने के लिए तैयार करना ।
- सामान्य एवं बाधित बच्चों के बीच मधुर सम्बन्ध बनाना।
- बच्चों में आत्म-विश्वास जगाना एवं उन्हें जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करना।
अत: उपर्युक्त विवेचन से यह स्पष्ट होता है की समावेशी शिक्षा में सभी छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार समाहित करते हुए प्रत्येक छात्र के अधिगम स्तर को किस प्रकार उठाया जाए यही इसका मुख्य उद्देश्य है और बाधित बच्चों को सक्षम बनाना यह लक्ष्य है। समावेशी शिक्षा परस्पर साहाय्य, सहयोग एवं समानुभूति इन तत्वों पर आधारित है अतः सहानुभूति मूल्य समावेशी कक्षा से संबंधित नही है।
अभिव्यापक कक्षा Question 8:
संमिश्रितशक्तिमत्समूह: अस्मिन्नसमानो भवति
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 8 Detailed Solution
प्रश्नानुवाद - संमिश्रित शक्तिमत् लोगों का समूह किसमें समान नही होता है?
स्पष्टीकरण - संमिश्रित शक्तिमत् लोगों का समूह ज्ञान और कौशल में समान नही होता है।
Key Points
- विविध लोगों के पास अपने अपने रुचि अनुसार विविध क्षेत्र में ज्ञान और कौशल होता है। एक ही ज्ञानशाखा में भी व्यक्तियों में अपने कौशल और समझ पर आधारित भिन्नता होती है।
- उदाहरणस्वरुप, नीता और गीता दोनों को संस्कृत में रुचि है लेकिन नीता के पास संवादकौशल बहुत अच्छा होने से उसे बच्चों को व्याकरण का शिक्षण देना अच्छा लगता है लेकिन गीता को भाषांतर, लिप्यंतरण और संशोधन क्षेत्र में योगदान देने की इच्छा है। एक ही ज्ञानशाखा में होने के बावजूद भी उनके गुणकौशलों में भिन्नता है और उसके अनुसार वे दोनो अपना अपना कार्य करना चाहती है।
अतः गुण, कौशल, ज्ञान आदि से संमिश्रित शक्ति के लोग परस्पर असमान होते है।
Additional Information
- लिङ्गे वयसि च - लिंग और वय में।
- सामाजिकस्तरे - सामाजिक स्तर में।
- आर्थिकस्तरे - आर्थिक स्तर में।
अभिव्यापक कक्षा Question 9:
विशिष्ट-आवश्यकता-कक्ष्या इति सम्बद्धा भवति
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 9 Detailed Solution
प्रश्न अनुवाद - विशिष्ट आवश्यकता कक्षा सम्बद्धित होती है -
स्पष्टीकरण - विशिष्ट आवश्यकता कक्षा विभिन्न योग्यता युक्त छात्र की कक्षा से सम्बद्धित होती है।
विशिष्ट बालक -
विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे सामान्य बच्चों से विशिष्ट लक्षणों वाले होते हैं। सामान्य बच्चों में पाये जाने वाली निम्नलिखित विशिष्ट प्रवृत्तियाँ पायी जाती हैं- यह अन्तर्मुखी, निराशावादी, सांवेगिक, स्थिर, शर्मीले निष्क्रिय, आत्मकेन्द्रित, चिन्ताग्रस्त, निर्भर प्रवृत्ति, कभी-कभी उग्र, एकाकी भावना वाले होते हैं। कक्षा में निरिक्षण आदि सहायता से उनकी पहचान की जा सकती है।
Hint
किसी कक्षा में विभिन्न तरह के बच्चे होते हैं जिनकी अपनी-अपनी आवश्यकताएँ हो सकती हैं। जैसे - कुछ बच्चे अक्षरों को उल्टा लिखते हैं, कुछ की श्रवण शक्ति कम होती हैं, कुछ मंद बुद्धि वाले होते हैं। सभी बच्चे सामान्य गति से नहीं सीख पाते हैं। कुछ बच्चों का उच्चारण स्पष्ट नहीं होता है जिसके कारण इन बच्चों का विकास एवं दैनिक कार्यशीलता प्रभावित होती है।
इन्हीं भिन्नताओं के कारण इन बच्चों के पालन-पोषण में कुछ भिन्न या विशिष्ट तरीके अपनाने की आवश्यकता होती है। उनकी शिक्षा के लिए विशेष योजना बनानी पड़ती है, यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि उनके अनुकूलतम विकास को बढ़ावा मिले। अभिभावकों और शिक्षकों को इन बच्चों को बोलना सिखाने, चलने-फिरने, मित्र बनाने और वे कौशल और संकल्पनाएँ, जो सामान्य बच्चे विकास के दौरान सहज रूप से प्राप्त कर लेते हैं, उन्हें अर्जित करने और सिखाने के लिए विशेष प्रयास करने होते हैं। इन बच्चों की कुछ ऐसी आवश्यकताएँ हैं जो अधिकांश बच्चों की जरूरतों से भिन्न होती हैं, अर्थात् उनकी कुछ विशेष जरूरतें होती हैं।
अत: उपर्युक्त विवेचन से यह स्पष्ट होता है की विशिष्ट आवश्यकता कक्षा विभिन्न योग्यता युक्त छात्र की कक्षा से सम्बद्धित होती है।
Additional Information
- पृथक् व्यवस्थित-कक्ष्यया - अलग एवं व्यवस्थित कक्षा से।
- अतिरिक्त-अध्यापकयुक्त-व्यवस्थया - अतिरिक्त अध्यापकयुक्त व्यवस्था से।
- सुसज्जित-कक्ष्या-व्यवस्थया - सुसज्जित कक्षा व्यवस्था से।
उपर्युक्त सभी विकल्पों में कहे गए गुण एक विशिष्ठ कक्षा के भौतिक स्वरूप के सम्बद्धित है। परंतु कक्षा का मुख्य केंद्रबिंदु छात्र को माना जाता है। अत: विशिष्ट आवश्यकता कक्षा विभिन्न योग्यता युक्त छात्र की कक्षा से सम्बद्धित होती है। यह युक्त वचन है।
अभिव्यापक कक्षा Question 10:
समावेशीकक्षायां भाषाशिक्षकरूपेण भूत्वा भवान् अधोलिखितेषु कस्योपरि अधिकं ध्यानं दास्यति?
Answer (Detailed Solution Below)
अभिव्यापक कक्षा Question 10 Detailed Solution
प्रश्न का अनुवाद – समावेशी कक्षा में भाषा शिक्षक के रूप में होकर आप निम्नलिखित में से किस का ध्यान सर्वाधिक देंगे?
स्पष्टीकरण –
समावेशी कक्षा समावेशी शिक्षा का एक हिस्सा है जो शिक्षा प्रणाली में सभी बच्चों (सामान्य एवं विशिष्ट) को एक सामान शिक्षा देने से संबंधित है जिससे बच्चो में समानता तथा समायोजन क्षमता का विकास सामान रूप से हो। समावेशी कक्षा का स्वरूप निर्धारित करने में सर्वाधिक महत्तवपूर्ण तत्त्व -
- प्रभावी शिक्षण प्रक्रिया।
- भौतिक बाधाओं का निवारण।
- विभिन्न संचार माध्यमों के प्रयोग।
- सभी बच्चों को सामान अवसर की प्राप्ति।
- विविध और सार्थक शिक्षण अनुभव को महत्ता।
- व्यक्तिगत विभिन्नता संबधी शिक्षण जरूरतों की पूर्ति।
समावेशी कक्षा में भाषा-शिक्षक को निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए -
- विशिष्ट आवश्यकता वाले छात्रों को पृथक समूह में ना बाँटकर सामान्य छात्रों के साथ शिक्षा देनी चाहिए।
- समावेशित शिक्षा में सभी कार्य इस प्रकार बनाये जाने चाहिए जिसमें सामान्य बच्चें व विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एकसाथ सक्रिय भागीदारी निभा सकें।
- विविध प्रकार की दृश्य-श्रव्य सामग्री का उपयोग करते हुए बालको की व्यक्तिगत विभिन्नता संबधी शिक्षण जरूरतों की पूर्ति करनी चाहिए।
अतः स्पष्ट है कि समावेशी कक्षा में भाषा शिक्षक के रूप में होते हुए मुझे 'सामान्य बच्चें व विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एकसाथ सक्रिय हो' इसपर ध्यान सर्वाधिक देना ।