दीर्घ संधि MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for दीर्घ संधि - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Mar 30, 2025

पाईये दीर्घ संधि उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). हे मोफत डाउनलोड करा दीर्घ संधि एमसीक्यू क्विझ पीडीएफ आणि बँकिंग, एसएससी, रेल्वे, यूपीएससी, स्टेट पीएससी यासारख्या तुमच्या आगामी परीक्षांची तयारी करा.

Latest दीर्घ संधि MCQ Objective Questions

Top दीर्घ संधि MCQ Objective Questions

दीर्घ संधि Question 1:

'वार्तालाप' का संधि-विच्छेद होगा:

  1. वार्ता + अलाप
  2. वार्त + आलाप
  3. वार्त + अलाप
  4. वार्ता + आलाप

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : वार्ता + आलाप

दीर्घ संधि Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - 'वार्ता + आलाप' l
Key Points
  • 'वार्तालाप' का संधि-विच्छेद होगा :- वार्ता + आलाप l
    • यहाँ आ+आ के योग से शब्द बना है l
    • यह दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण है l
  • अन्य विकल्प :- गलत उत्तर है क्योंकि इनमें से किसी की भी संधि करने पर हमें 'वार्तालाप' शब्द प्राप्त नहीं होता l

Additional Information

  • सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
    • दीर्घ स्वर संधि - दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ स्वर आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, ऊ और ऋ हो जाते हैं। इस मेल से बनने वाली संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं।
  •  उदाहरण :-
    • (आ + अ = आ) विद्या + अर्थी = विद्यार्थी।
    • (आ + आ = आ) विद्या + आलय = विद्यालय।
    • (इ + इ = ई) रवि + इंद्र = रवींद्र l

दीर्घ संधि Question 2:

भाव + अर्थ - भावार्थ, इसमें कौनसी संधि है ?

  1. दीर्घ स्‍वर संधि
  2. गुण संधि
  3. यण् स्‍वर संधि
  4. अयादि स्‍वर संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दीर्घ स्‍वर संधि

दीर्घ संधि Question 2 Detailed Solution

  • भाव+अर्थ =भावार्थ इसमें दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः दीर्घ स्वर संधि संगत विकल्प होगा अन्य सभी विकल्प असंगत है।

Hint

दीर्घ स्वर संधि

किसी दो शब्दों की संधि में 'अ' या 'आ' का 'अ' या 'आ' से, 'इ' या 'ई' का 'इ' या 'ई' से, 'उ' या 'ऊ' का 'उ' या 'ऊ' से होने वाले मेल पर जो विकार (क्रमशः आ, ई, ऊ) उत्पन्न होता है, दीर्घ स्वर संधि कहलाता है। उदहारण: पुस्तक + आलय = पुस्तकालय।

 Key Points
         स्वर संधि की परिभाषा: जब दो स्वर आपस में मिलते है और उनमे जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहा जाता है
         जैसे: विद्या+आलय= विद्यालय 
                 रेखा+अंश = रेखांश 
Additional Information
  • स्वर संधि के अन्य उदाहरण:
    • परि + ईक्षा = परीक्षा 
    • हरि + ईश = हरीश 

दीर्घ संधि Question 3:

'मदिरालय' शब्द के संधि - विच्छेद का चयन कीजिए:

  1. मदिरा + अलय
  2. मदिरा + आलय
  3. मदिरा + लय
  4. मदिर + आलय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मदिरा + आलय

दीर्घ संधि Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर मदिरा + आलय है।

Key Points 

  • ‘मदिरालय’ शब्द का संधि विच्छेद ‘मदिरा + आलय’ होगा।
  • अ + आ= आ नियमानुसार हिमालय में दीर्घ स्वर संधि है।  
  • दीर्घ स्वर संधि- दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ स्वर आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, ऊ और ऋ हो जाते हैं।
  • इस मेल से बनने वाली संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं।
  • जैसे- विद्यालय= विद्या + आलय 

Additional Information 

संधि- दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

दीर्घ संधि Question 4:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।

नारीच्छा

  1. नारी + इच्छा 
  2. नर + इच्छा 
  3. नारी + ईच्छा 
  4. नारी + च्छ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : नारी + इच्छा 

दीर्घ संधि Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर 'नारी + इच्छा' है। 

Key Points
  • दिए गए विकल्पों में से 'नारीच्छा' शब्द का उचित संधि विच्छेद 'नारी + इच्छा (ई + इ = ई)' होगा। 
  • यह दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण है। 
  • हृस्व स्वर या दीर्घ स्वर में अ, आ, इ, ई, उ, ऊ आपस में मिलते हैं, तो वहाँ दीर्घ संधि होती है।  

Additional Information

  • सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़।
  • दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
  • संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में परस्पर स्वरो या वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को सन्धि कहते हैं।

दीर्घ संधि Question 5:

निम्नलिखित में से 'न्यायाधीश' किस स्वर संधि का सही उदाहरण है? 

  1. यण संधि
  2. वृद्धि संधि
  3. अयादि संधि
  4. दीर्घ संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दीर्घ संधि

दीर्घ संधि Question 5 Detailed Solution

“न्यायाधीश” दीर्घ संधि का सही उदाहरण है। 

न्याय + अधीश = न्यायाधीश (अ/आ + अ/आ = आ)

  • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है। इस संधि को दीर्घ संधि कहा जाता हैं।
    • अ/आ + अ/आ = आ
    • इ/ई + इ/ई = ई
    • उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
  • उदाहरण -
    • मुनि + ईश =मुनीश
    • विद्या + आलय= विद्यालय
  • अन्य विकल्प गलत हैं। नीचे सभी विकल्पों के नियम पढ़ें।

Additional Informationसंधियाँ तीन प्रकार की होती हैं -

स्वर संधि 

  1. दीर्घ संधि
    • अ/आ + अ/आ = 
    • इ/ई + इ/ई = ई
    • उ/ऊ + उ/ऊ = 
  2. गुण संधि
    • अ/आ + उ/ऊ = ओ
    • अ/आ + इ/ई = ए
    • अ + ऋ = अर्
  3. वृद्धि संधि
    • अ/आ + ए/ऐ = ऐ
    • अ/आ + ओ/औ = 
  4. यण संधि
    • इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = 
    • उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
    • ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = 
  5. अयादी संधि
    • ए + अन्य स्वर = अय
    • ऐ + अन्य स्वर = आय
    • ओ + अन्य स्वर = अव
    • औ + अन्य स्वर = आव

व्यंजन संधि

  • क्च्ट्त्प् + सभी स्वर / य्र्ल्व् / किसी वर्ग का तीसरा एवं चौथा वर्ण अपने ही वर्ग का तीसरे वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ग्ट् का ड्त् का द्प् का ब् 
      • दिक् + अम्बर = दिगम्बर
      • षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र
      • उत् + घाटन = उद्घाटन
      • अप् + ज = अब्ज
  • क्च्ट्त्प् , अपने ही वर्ग का पंचमक्षर वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ङ्च् का ट् का ण्त् का न्प् का म्
      • प्राक् + मुख = प्राङ्मुख
      • षट् + मुख = षण्मुख
      • उत् + नति =  उन्नति
  •  क से म के सभी व्यंजन वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण
    • सम् + गम = संगम
  • त् +  ,  ,  ,  ,  ,  , ,  , व् = द्
    • तत् + रूप = तद्रूप्त
  • म् + ह = अनुस्वार
    • सम् + शय = संशय
  • त् + श् = त् को च् और श् को छ् 
    • शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र
  • त् या द् +  या  त् या द् के स्थान पर च् होगा
    • उत् + छिन्न = उच्छिन्न
  • त् + ह् = त् का द् और ह् का ध् हो जाता है। 
    • तत् + हित = तद्धित
  • त् या द्  या   = त् या ज् 
    • जगत् + जीवन = जगज्जीवन
  • स्वर + छ् = छ् से पहले च् जुड़ेगा 
    • आ + छादन = आच्छादन
  • त् या द् +  ट या ठ = त् या द् के स्थान पर ट्
    • तत् + टीका = तट्टीका
  • त् या द् +  या ढ = त् या द् के स्थान पर ड्
    • भवत् + डमरू = भवड्डमरू
  • त् या द् + ल = त् या द् की जगह पर ल्
    • उत् + लास = उल्लास
  • र् या ष्  +  / स्वर / क वर्गप वर्ग / अनुश्वार /  न् का  हो जाता है।
    • प्र + मान : प्रमाण
    • भुष + अन : भूषण
  • ष + त या थ = त के बदले  और थ के बदले 
    • पृष् + थ = पृष्ठ
  • यदि किसी शब्द का पहला वर्ण  हो तथा उसके पहले  या  के अलावा कोई दूसरा स्वर आये तो स के स्थान पर  हो जाता है।
    • सु + सुप्ति = सुषुप्ति
  • यौगिक शब्दों के अंत में यदि प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण  हो, तो उसका लोप हो जाता है। 
    • प्राणिन + मात्र =  प्राणिमात्र
  • त् से पहले च् या छ् होने पर ज् या झ् होने पर ज्ट् या ठ् होने पर ट्ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है।

 

विसर्ग संधि

विसर्ग में स्वर या व्यंजन के संयोग से होने वाले विकार निम्नलिखित हैं -

  • ​विसर्ग के आगे  आए तो वह क्रमशः श्ष्स्, में बदल जाता है। 
    • उदाहरण - निः + सन्देह = निस्सन्देह
  • विसर्ग से पहले इ या उ हो और बाद में  आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और इ तथा उ दीर्घ  में बदल जाएँगे। 
    • निः + रस = नीरस
  • विसर्ग के बाद च-छ’, ‘ट-ठ’ तथा त-थ’ आए तो विसर्ग क्रमशः श्’, ‘ष्’, ‘स्’ में बदल जाते हैं
    • धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
    • निः + छल = निश्छल
  • विसर्ग के बाद  रहने पर विसर्ग में कोई विकार नहीं होता। 
    • प्रात: + काल = प्रात:काल
  • विसर्ग से पहले अ’ या ‘आ’ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में वर्ग के तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ण अथवा  में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग र’ में बदल जाता है। 
    • नि: + आधार = निराधार
    • दुः + बोध = दुर्बोध
  • विसर्ग से पहले  को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग र् में बदल जाता है। 
    • नि: + आशा = निराशा
  • विसर्ग से पहले  आए और बाद में  या घोष वर्ण आए तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग ओ’ में बदल जाता है। 
    • मन: + रथ = मनोरथ
  • विसर्ग से पहले इ या उ आए और बाद में  में से कोई वर्ण आए तो विसर्ग ष्’ में बदल जाता है। 
    • निः + पाप = निष्पाप
  • विसर्ग से पूर्व  आए और बाद में  व  आए तो कोई परिवर्तन नहीं होता। 
    • पुनः प्राप्ति = पुनः + प्राप्ति

दीर्घ संधि Question 6:

किस शब्द का संधि - विच्छेद सही नहीं है?

  1. महामात्य = महा + आमात्य
  2. भयाक्रांत = भय + आक्रांत
  3. स्नेहाविष्ट = स्नेह + आविष्ट
  4. कंटकाकीर्ण = कंटक + आकीर्ण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : महामात्य = महा + आमात्य

दीर्घ संधि Question 6 Detailed Solution

महामात्य = महा + आमात्य संधि उचित नहीं है, 
महा + अमात्य की संधि 'महामात्य' होगी। शेष विकल्प सही हैं। अतः विकल्प 1 महामात्य = महा + आमात्य’ सही है, क्योंकि यह गलत विकल्प है।

Key Points

  • 'महामात्य' में दीर्घ संधि है। महामात्य = महा + अमात्य (आ + अ = आ), यहाँ '' और '' के मेल से 'बना है। 
  • दीर्घ संधि में (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

दीर्घ संधि Question 7:

'उत्तरायण' शब्द का सही संधि विच्छेद होगा-

  1. उत्तरा + अयण
  2. उत्तर + अयन
  3. उत्तर + अयण
  4. उत्तरा + आयन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : उत्तर + अयन

दीर्घ संधि Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर विकल्प 2 'उत्तर+अयन' है। 

Key Points

  • उत्तरायण शब्द दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण है।
  • उत्तरायण की संधि 'उत्तर + अयन' है। (अ+अ- आ )
  • दीर्घ संधि - जब ह्रस्व या दीर्घ (अ,इ,ऊ,ऋ) के बाद समान स्वर आए तो दोनों मिलकर दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ, ऋ) बनाते हैं, जिसे दीर्घ स्वर संधि ​कहते हैं।

Confusion Points

  • प्रथम शब्द में कहीं पर र, ऋ, ष हो तथा द्वितीय शब्द में कहीं पर भीहो तो के स्थान पर बन जाता है।

Additional Information

संधि - संधि दो शब्दों सम्+धि के योग से बना है जिसका अर्थ है 'मेल'। दो वर्णो के मेल से होने वाले विकार या परिर्वतन को संधि कहते हैं। जैसे

  • सदानंद - सत्+आनन्द
  • स्वागत - सु+आगत

संधि के भेद - संधि के तीन भेद होते हैं। 

  1. स्वर संधि 
  2. व्यंजन संधि 
  3. विसर्ग संधि 

दीर्घ संधि Question 8:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।

आज्ञानुसार

  1. आज्ञा+अनुसार
  2. आज्ञा+नुसार
  3. आज्ञ+आनुसार
  4. आज्ञ+अनुसार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आज्ञा+अनुसार

दीर्घ संधि Question 8 Detailed Solution

इसका सही उत्तर विकल्प 1 आज्ञा+अनुसार’ होगा। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।

Key Points

  • ‘आज्ञानुसार= आज्ञा+अनुसार’ में (आ+अ=आ) का नियम लगा है जो कि दीर्घ संधि में होता है। यहाँ (आ+अ=आ) हो गया है इसलिए यहां पर दीर्घ संधि है। अन्य विकल्प असंगत हैं।

  • जहां दो समान स्वर मिलकर दीर्घ हो जाते हैं वहाँ दीर्घ संधि होती है।। यदि ’अ+अ=आ’ ’अ+आ’, ’इ+इ=ई’, 'इ+ई=ई' आदि।

  • जैसे-   विद्या+अर्थी=विद्यार्थी
  • नर + इन्द्र =नरेंद्र आदि

Additional Information

संधि - दो वर्णों या ध्वनियों के संयोग से होने वाले विकार (परिवर्तन) को सन्धि कहते हैं। इसके मुख्यत: तीन भेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं-

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

स्वार्थ = स्व + अर्थ

महाशय = महा + आशय

व्यंजन संधि

व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।

दिग्गज = दिक્ + गज

तल्लीन = तत્ +लीन

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

शिरोमणि = शिर: + मणि

दीर्घ संधि Question 9:

‘गीतांजलि’ का सही संधि-विच्छेद कौन-सा है?

  1. गीता+अंजलि
  2. गीत+अंजलि
  3. गीतां+जलि
  4. गीता+अंजली

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : गीत+अंजलि

दीर्घ संधि Question 9 Detailed Solution

‘गीतांजलि’ का सही संधि-विच्छेद है - 'गीत+अंजलि'

  • गीतांजलि का संधि-विच्छेद, गीत + अंजलि (अ + अ = आ) होगा।
  • यह दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण है।
  • गीतांजलि का अर्थ है - गीतों का उपहार (भेंट)।

Key Pointsदीर्घ स्वर संधि:-

  • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है,
  • जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है,
  • उसे दीर्घ स्वर संधि कहते है 

उदाहरण-

  • परम + अर्थ = परमार्थ (अ + अ = आ)
  • कवि + ईश्वर = कवीश्वर (इ + ई = ई)
  • वधू + उत्सव = वधूत्सव (उ + उ = ऊ)

दीर्घ संधि Question 10:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए सही संधि विच्छेद की संधि का सही विकल्प हो।

मही + ईश्वर

  1. महैश्वर
  2. महाश्वर
  3. महीश्वर
  4. महेश्वर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : महीश्वर

दीर्घ संधि Question 10 Detailed Solution

मही + ईश्वर संधि विच्छेद की संधि का सही विकल्प महीश्वर होगा।

  • महीश्वर = मही + ईश्वर, जिन स्वरों में संधि है = ई + ई= ई (दीर्घ संधि)।
  • दीर्घ सन्धि मे हस्व या दीर्घ ‘आ’, ‘इ’, ‘उ’, के पश्चात क्रमशः हस्व या दीर्घ ‘आ’, ‘इ’, ‘उ’ स्वर आएं तो दोनों को मिलाकर दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते है।

Key Pointsसंधि:-  दो समीपवर्ती वर्णों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह सन्धि कहलाता है। सन्धि में पहले शब्द के अंतिम वर्ण का मेल होता है।
सन्धि के तीन भेद होते हैं -

संधि  परिभाषा  उदाहरण 
स्वर संधि  स्वर के बाद स्वर अर्थात दो स्वरों के मेल को स्वर सन्धि कहते है। मही + ईश्वर = महीश्वर  
व्यंजन संधि  व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आये तो उनके मिलने से जो विकार होता है उसे व्यंजन सन्धि कहते है। अच् + अन्त = अजन्त
विसर्ग संधि   विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है उसे विसर्ग सन्धि कहते है। मनः + अनुकूल = मनोनुकूल
Get Free Access Now
Hot Links: all teen patti teen patti 50 bonus teen patti 51 bonus teen patti real cash withdrawal teen patti master online