विरोधाभास MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for विरोधाभास - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Mar 29, 2025
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विरोधाभास Question 1:
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें, जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।
या अनुरागी चित्त की गति समुझे नहिं कोय।
ज्यों-ज्यों बूड़े स्याम रँग त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 1 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘विरोधाभास अलंकार’ है। अन्य सभी विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।
Key Points
- ‘या अनुरागी चित्त की गति समुझे नहिं कोय। ज्यों-ज्यों बूड़े स्याम रँग त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।’ इस काव्य पंक्ति में श्याम रंग में डूबने पर चित्त के उज्ज्वल होने की बात की जा रही है जो विरोध का आभास हो रहा है, जिसके कारण यहाँ विरोधाभास अलंकार है।
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
विरोधाभास |
विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है। |
मोहब्बत एक मीठा ज़हर है। |
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन। |
उत्प्रेक्षा |
जहां समानता के कारण उपमेय में संभावना या कल्पना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात। मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात। |
विरोधाभास Question 2:
'बैन सुन्या जबते मधुर तबते सुनत न बैन' - पद में अलंकार है ?
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 2 Detailed Solution
'बैन सुन्या जबते मधुर तबते सुनत न बैन' - पद में अलंकार है - 'विरोधाभास'
- स्पष्टीकरण - यहाँ पर ऐसा लग रहा है कि बैन सुन्या और सुनत न बैन में विरोध है,
- लेकिन यह विरोध प्रेम में डूबा ही प्रेमी का सूचक है। अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।
- विरोधाभास दो शब्दों से मिलकर बना है - विरोध + आभास ।
- जहां वाक्य में विरोध का आभास प्रकट होता है परंतु विरोध नहीं होता है वहां विरोधाभास अलंकार होता है।
उदाहरण -
- या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
- ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।
Key Points
उल्लेख:-
उदाहरण -
दृष्टांत:-
उदाहरण -
रूपक:-
उदाहरण -
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विरोधाभास Question 3:
विकसते मुरझाने को फूल, दीप जलता होने को मंद।
बरसते भर जाने को मेघ, उदय होता छिपने को चाँद। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 3 Detailed Solution
विकसते मुरझाने को फूल, दीप जलता होने को मंद।
बरसते भर जाने को मेघ, उदय होता छिपने को चाँद। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है- विरोधाभास
Key Pointsस्पष्टीकरण-
- "विकसते मुरझाने को फूल": फूल खिलता है लेकिन अंतत: मुरझा जाता है।
- "दीप जलता होने को मंद": दीप जलता है लेकिन धीरे-धीरे उसकी चमक कम हो जाती है।
- "बरसते भर जाने को मेघ": मेघ बरसते हैं और अंततः खत्म हो जाते हैं।
- "उदय होता छिपने को चाँद": चाँद उदय होता है लेकिन बाद में छिप जाता है।
- इन सभी कथनों में विपरीत विचारों का समावेश किया गया है, इसलिए यहाँ विरोधाभास अलंकार है।
Important Points
- जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है।
- अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
- उदाहरण- भर लाऊँ सीपी में सागर
- प्रिय ! मेरी अब हार विजय क्या ?
- (इस उदाहरण सीपी में भला सागर कैसे भरा जा सकता है इसिलए यंहा पर विरोध का आभास हो रहा है ? अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)
Additional Information
यमक:-
उदाहरण -
रूपक:-
उदाहरण-
श्लेष:-
उदाहरण-
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विरोधाभास Question 4:
आई ऐसी अद्भुत वेला, ना रो सका न विहँस सका। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 4 Detailed Solution
आई ऐसी अद्भुत वेला, ना रो सका न विहँस सका। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है- विरोधाभास
Key Points
- इस पंक्ति ला, ना रो सका न "आई ऐसी अद्भुत वेविहँस सका" में विरोधाभास अलंकार है,
- क्योंकि यहाँ एक ही समय में दो विपरीत भाव (रोना और हँसना) प्रकट हो रहे हैं, जो विरोधाभासी लगते हैं।
- जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है।
- अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- बैन सुन्या जबते मधुर, तबते सुनत न बैन।
- (यहाँ पर ऐसा लग रहा है कि बैन सुन्या और सुनत न वैन में विरोध है, लेकिन यह विरोध प्रेम में डूबा ही प्रेमी का सूचक है। अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)
Additional Information
रूपक:-
उदाहरण -
यमक:-
उदाहरण-
विभावना:-
उदाहरण-
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विरोधाभास Question 5:
उससे हारी होड़ लगाई। इस पंक्ति में कौन - सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 5 Detailed Solution
उससे हारी होड़ लगाई। इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास
Key Pointsविरोधाभास अलंकार-
- विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।
- उदाहरण-
- मोहब्बत एक मीठा ज़हर है।
Important Pointsयमक अलंकार-
- जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।
रूपक अलंकार-
- जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।
- उदाहरण-
- पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
- (राम रतन को ही धन बता दिया गया है। ‘राम रतन’ – उपमेय पर ‘धन’ – उपमान का आरोप है।)
श्लेष अलंकार-
- जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं,तब श्लेष अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।
- चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
- यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है,किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं,कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द,व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर वर,चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ सोना है।
विरोधाभास Question 6:
प्रिय मौन एक संगीत भरा। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 6 Detailed Solution
प्रिय मौन एक संगीत भरा। इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास
Key Points
- (यहां मौन को प्रिय बताया गया है और फिर उसमें संगीत भरे होने की बात कही गई है।
- मौन और संगीत परस्पर विरोधाभासी शब्द हैं क्योंकि मौन का अर्थ निःशब्दता है जबकि संगीत ध्वनि और सुरों का मिश्रण होता है।)
- जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है।
- अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- वह तो जलता है, पर बर्फ की तरह ठंडा है। (यहाँ जलने और ठंडा होने के विपरीत भावों का प्रयोग किया गया है।)
Additional Information
यमक:-
उदाहरण -
रूपक:-
उदाहरण-
श्लेष:-
उदाहरण-
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विरोधाभास Question 7:
न खुदा ही मिला न बिसाले सनम, ना इधर के रहे ना उधर के रहे।
इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है - विरोधाभास।
Key Pointsविरोधाभास:-
- विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।
- उदाहरण:- मोहब्बत एक मीठा ज़हर है।
Additional Information
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
श्लेष | एक शब्द में एक से अधिक अर्थ जुड़े हुए। |
रहिमन पानी राखिये , बिन पानी सब सूून। पानी गये न ऊबरै , मोती मानुस चून।। ( पानी के कई अर्थः चमक, प्रतिष्ठा,जल से लिया गया है।) |
रूपक | उपमेय को ही उपमान समझ लिया जाता है। | मुख चंद्र है। |
यमक | जहाँ पर एक शब्द एक से अधिक बार प्रयुक्त होता है और अर्थ भी अलग अलग होता है। | कनक कनक ते सौगुनी ,मादकता अधिकार (एक कनक का अर्थ सोना है दूसरे कनक का अर्थ धतूरा है।) |
विरोधाभास Question 8:
"या अनुरागी चित्त की, गति सम्झै नहिं कोय।, ज्यों ज्यों बूडै स्याम रंग, त्यों त्यों उज्ज्वल होय।।” में उपस्थित अलंकार बताइए:
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 8 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 विरोधाभास अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- या अनुरागी चित्त की, गति सम्झै नहिं कोय।, ज्यों ज्यों बूडै स्याम रंग, त्यों त्यों उज्ज्वल होय।।, पंक्ति में विरोधाभास अलंकार है।
- उपर्युक्त पंक्तियों में श्याम (काला) रंग में डूबने से उज्ज्वल होने का वर्णन है अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।
- जहाँ वास्तविक विरोध न होने पर भी विरोध का आभास हो वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में |
उपमेय |
जिस वस्तु की समानता किसी दूसरे पदार्थ से दिखलायी जाये वह उपमेय होते है। |
कर कमल सा कोमल है। |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन। |
विरोधाभास Question 9:
यह अथाह पानी रखता है, यह सूखा-सा गात्र । इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 9 Detailed Solution
यह अथाह पानी रखता है, यह सूखा-सा गात्र । इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास
Key Points
- यहाँ पानी और सूखापन जैसे दो विरोधी तत्वों का एक साथ वर्णन किया गया है, अत: विरोधाभास अलंकार है।
- जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है।
- अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- बैन सुन्या जबते मधुर, तबते सुनत न बैन।
- (यहाँ पर ऐसा लग रहा है कि बैन सुन्या और सुनत न वैन में विरोध है, लेकिन यह विरोध प्रेम में डूबा ही प्रेमी का सूचक है। अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)
Additional Information
विभावना:-
उदाहरण-
रूपक:-
उदाहरण -
यमक:-
उदाहरण-
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विरोधाभास Question 10:
न खुदा ही मिला न बिसाले सनम, ना इधर के रहे ना उधर के रहे। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
विरोधाभास Question 10 Detailed Solution
न खुदा ही मिला न बिसाले सनम, ना इधर के रहे ना उधर के रहे। इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास
Key Points
- (इस पंक्ति में व्यक्ति की स्थिति को इस प्रकार से व्यक्त किया गया है
- कि उसे न तो ईश्वर मिला और न ही प्रेमिका का साथ, जिससे उसकी स्थिति दोनों तरफ से असमंजस में पड़ी हुई है।)
- जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है।
- उदाहरण-
- या अनुरागी चित्त की, गति सम्झै नहिं कोय।
- ज्यों ज्यों बूडै स्याम रंग, त्यों त्यों उज्ज्वल होय।।
- (यहाँ पर श्याम (काला) रंग में डूबने से उज्ज्वल होने का वर्णन है अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)
Additional Information
रूपक:-
उदाहरण-
यमक-
उदाहरण -
श्लेष:-
उदाहरण-
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