विरोधाभास MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for विरोधाभास - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക

Last updated on Mar 29, 2025

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विरोधाभास Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें, जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।

या अनुरागी चित्त की गति समुझे नहिं कोय।

ज्यों-ज्यों बूड़े स्याम रँग त्यों-त्यों उज्ज्वल होय। 

  1. विरोधाभास अलंकार
  2. अनुप्रास अलंकार 
  3. उपमा अलंकार  
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विरोधाभास अलंकार

विरोधाभास Question 1 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘विरोधाभास अलंकार’ है। अन्य सभी विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।

Key Points

  • ‘या अनुरागी चित्त की गति समुझे नहिं कोय। ज्यों-ज्यों बूड़े स्याम रँग त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।’ इस काव्य पंक्ति में श्याम रंग में डूबने पर चित्त के उज्ज्वल होने की बात की जा रही है जो विरोध का आभास हो रहा है, जिसके कारण यहाँ विरोधाभास अलंकार है।

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

विरोधाभास

विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।

मोहब्बत एक मीठा ज़हर है।

Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणें,

खेल रही थी जल थल में

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

 सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन।

उत्प्रेक्षा

जहां समानता के कारण उपमेय में संभावना या कल्पना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात। मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात।

विरोधाभास Question 2:

'बैन सुन्या जबते मधुर तबते सुनत न बैन' - पद में अलंकार है ?

  1. उल्लेख
  2. दृष्टांत
  3. विरोधाभास
  4. रूपक
  5. उत्तर नहीं देना चाहते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 2 Detailed Solution

'बैन सुन्या जबते मधुर तबते सुनत न बैन' - पद में अलंकार है - 'विरोधाभास'

  • स्पष्टीकरण - यहाँ पर ऐसा लग रहा है कि बैन सुन्या और सुनत न बैन में विरोध है, 
  • लेकिन यह विरोध प्रेम में डूबा ही प्रेमी का सूचक है। अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।
    • विरोधाभास दो शब्दों से मिलकर बना है - विरोध + आभास
    • जहां वाक्य में विरोध का आभास प्रकट होता है परंतु विरोध नहीं होता है वहां विरोधाभास अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
  • ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।

Key Points

उल्लेख:-

  • जहाँ पर किसी एक वस्तु को अनेक रूप में ग्रहण किया जाता हैं, तो उसको अलग-अलग भागों में बाटने को उल्लेख अलंकार कहते हैं। 

उदाहरण -

  • हरीतिमा का सुविशाल सिंधु-सा।
  • मनोज्ञता की स्मरणीय भूमि-सा।

दृष्टांत:-

  • जब काव्य में किसी बात को उदाहरण देकर समझाया जाए तो वहां दृष्टांत अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • एक म्यान में दो तलवारें, कभी नहीं रह सकती हैं।

रूपक:-

  • जब किसी भी वस्तु (उपमेय) को किसी दूसरी वस्तु (उपमान) के समान बताया जाता है
    और उनमें कोई अंतर नही राह जाता वहाँ रूपक अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। 
  • (यहाँ पर राम रतन को ही धन बता दिया गया है)

विरोधाभास Question 3:

विकसते मुरझाने को फूल, दीप जलता होने को मंद।

बरसते भर जाने को मेघ, उदय होता छिपने को चाँद। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-

  1. रूपक
  2. विरोधाभास
  3. श्लेष
  4. यमक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 3 Detailed Solution

विकसते मुरझाने को फूल, दीप जलता होने को मंद।

बरसते भर जाने को मेघ, उदय होता छिपने को चाँद। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है- विरोधाभास

Key Pointsस्पष्टीकरण-

  • "विकसते मुरझाने को फूल": फूल खिलता है लेकिन अंतत: मुरझा जाता है।
  • "दीप जलता होने को मंद": दीप जलता है लेकिन धीरे-धीरे उसकी चमक कम हो जाती है।
  • "बरसते भर जाने को मेघ": मेघ बरसते हैं और अंततः खत्म हो जाते हैं।
  • "उदय होता छिपने को चाँद": चाँद उदय होता है लेकिन बाद में छिप जाता है।
  • इन सभी कथनों में विपरीत विचारों का समावेश किया गया है, इसलिए यहाँ विरोधाभास अलंकार है।

Important Points

  • जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है 
  • अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
  • उदाहरण- भर लाऊँ सीपी में सागर
    • प्रिय ! मेरी अब हार विजय क्या ?
  • (इस उदाहरण सीपी में भला सागर कैसे भरा जा सकता है इसिलए यंहा पर विरोध का आभास हो रहा है ? अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)

Additional Information 

यमक:-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
  • या खाए बौरात नर या पाए बौराय।।
  • (यहां 'कनक' शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है, लेकिन दोनों बार अलग-अलग अर्थों में: पहले 'कनक' का अर्थ सोना (धातु) है। दूसरे 'कनक' का अर्थ धतूरा (एक नशीला पौधा) है।)

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • संध्या का लाल गुलाब खिल उठा।
  • (यहाँ संध्या को सीधे लाल गुलाब कहा गया है।)

श्लेष:-

  • श्लेष का अर्थ है चिपकाना,
  • जहां शब्द तो एक बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ निकले वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
  • पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।
  • (इस उदाहरण में यहां तीसरे पानी शब्द के तीन अर्थ हैं। चमक, प्रतिष्ठा और जल। अतः यह श्लेष अलंकार का उदाहरण है।)

विरोधाभास Question 4:

आई ऐसी अद्भुत वेला, ना रो सका न विहँस सका। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-

  1. रूपक
  2. यमक
  3. विभावना
  4. विरोधाभास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 4 Detailed Solution

आई ऐसी अद्भुत वेला, ना रो सका न विहँस सका। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है- विरोधाभास

Key Points

  • इस पंक्ति ला, ना रो सका न "आई ऐसी अद्भुत वेविहँस सका" में विरोधाभास अलंकार है,
  • क्योंकि यहाँ एक ही समय में दो विपरीत भाव (रोना और हँसना) प्रकट हो रहे हैं, जो विरोधाभासी लगते हैं 
  • जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है 
  • अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
  • उदाहरण- 
    • बैन सुन्या जबते मधुर, तबते सुनत न बैन।
  • (यहाँ पर ऐसा लग रहा है कि बैन सुन्या और सुनत न वैन में विरोध है, लेकिन यह विरोध प्रेम में डूबा ही प्रेमी का सूचक है। अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)

Additional Information

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण -

  • मुनि पद कमल बंदिदोउ भ्राता।
  • (यहाँ मुनि के चरणों (उपमेय) पर कमल (उपमान) का आरोप है, इसलिए यहां रूपक अलंकार है।)

यमक:-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
  • (यहाँ 'कनक' शब्द की दो बार आवृत्ति हुई है जिसमे एक कनक का अर्थ है- धतूरा और दूसरे का स्वर्ण है।)

विभावना:-

  • जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाय, वहां विभावना अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • सूरज ने चाँद से कहा, तुझे देख कर ही मेरी रौशनी चमकती है।"
  • (यहाँ 'सूरज और चाँद का बात करना'
  • वास्तविकता में असंभव है, लेकिन यहाँ विभावना में इसे संभव मान लिया गया है।)

विरोधाभास Question 5:

उससे हारी होड़ लगाई। इस पंक्ति में कौन - सा अलंकार है-

  1. श्लेष
  2. विरोधाभास
  3. रूपक 
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 5 Detailed Solution

उससे हारी होड़ लगाई। इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास

Key Pointsविरोधाभास अलंकार-

  • विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।
  • उदाहरण-
    • मोहब्बत एक मीठा ज़हर है।

Important Pointsयमक अलंकार-

  • जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।

रूपक अलंकार-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। 
    • (राम रतन को ही धन बता दिया गया है। ‘राम रतन’ – उपमेय पर ‘धन’ – उपमान का आरोप है।)

श्लेष अलंकार-

  • ​जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं,तब श्लेष अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
      सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।
  • यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है,किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं,कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द,व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर वर,चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ सोना है।

विरोधाभास Question 6:

प्रिय मौन एक संगीत भरा। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-

  1. विरोधाभास
  2. यमक
  3. रूपक
  4. श्लेष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 6 Detailed Solution

प्रिय मौन एक संगीत भरा। इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास

Key Points

  • (यहां मौन को प्रिय बताया गया है और फिर उसमें संगीत भरे होने की बात कही गई है।
    • मौन और संगीत परस्पर विरोधाभासी शब्द हैं क्योंकि मौन का अर्थ निःशब्दता है जबकि संगीत ध्वनि और सुरों का मिश्रण होता है।)
  • जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है 
  • अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • वह तो जलता है, पर बर्फ की तरह ठंडा है। (यहाँ जलने और ठंडा होने के विपरीत भावों का प्रयोग किया गया है।)

Additional Information

यमक:-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • दूर दूर तक फैली दूरियाँ उसे दुखी कर देती हैं।
  • (यहाँ 'दूर' का पहला अर्थ 'लंबी दूरी' और दूसरे का 'विपरीत दिशा' होता है।)

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • हरियाली से ढँकी हुई धरती हरी चूनर है।
  • (इसमें 'धरती' को 'हरी चूनर' के रूप में रूपक दिया गया है।)

श्लेष:-

  • श्लेष का अर्थ है चिपकाना,
  • जहां शब्द तो एक बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ निकले वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • सागर की गहराइयों में मोती और आँसू कहाँ मिलते हैं।"
  • (यहाँ 'मोती' शब्द का प्रयोग जल में प्राप्त होने वाले रत्न और आँसुओं में चमकदार बूँद दोनों के अर्थ में हुआ है।)

विरोधाभास Question 7:

न खुदा ही मिला न बिसाले सनम, ना इधर के रहे ना उधर के रहे।

इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है- 

  1. विरोधाभास
  2. रूपक
  3. यमक 
  4. श्लेष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर है - विरोधाभास। 

Key Pointsविरोधाभास:-

  • विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है।
  • उदाहरण:- मोहब्बत एक मीठा ज़हर है।

Additional Information

अलंकार परिभाषा  उदाहरण
श्लेष एक शब्द में एक से अधिक अर्थ जुड़े हुए।

रहिमन पानी राखिये , बिन पानी सब सूून।

पानी गये न ऊबरै , मोती मानुस चून।।

( पानी के कई अर्थः चमक, प्रतिष्ठा,जल  से लिया गया है।)

रूपक उपमेय को ही उपमान समझ लिया जाता है। मुख चंद्र है।
यमक जहाँ पर एक शब्द एक से अधिक बार प्रयुक्त होता है और अर्थ भी अलग अलग होता है।  कनक कनक ते सौगुनी ,मादकता अधिकार (एक कनक का अर्थ सोना है दूसरे कनक का अर्थ धतूरा है।) 

विरोधाभास Question 8:

"या अनुरागी चित्त की, गति सम्झै नहिं कोय।, ज्यों ज्यों बूडै स्याम रंग, त्यों त्यों उज्ज्वल होय।।” में उपस्थित अलंकार बताइए:

  1. उपमेय अलंकार
  2. विरोधाभास अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. उपमा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विरोधाभास अलंकार

विरोधाभास Question 8 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 विरोधाभास अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

Key Points

  • या अनुरागी चित्त की, गति सम्झै नहिं कोय।, ज्यों ज्यों बूडै स्याम रंग, त्यों त्यों उज्ज्वल होय।।, पंक्ति में विरोधाभास अलंकार है।
  • उपर्युक्त पंक्तियों में श्याम (काला) रंग में डूबने से उज्ज्वल होने का वर्णन है अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।
  • जहाँ वास्तविक विरोध न होने पर भी विरोध का आभास हो वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।

 Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणें,

खेल रही थी जल थल में

उपमेय

जिस वस्तु की समानता किसी दूसरे पदार्थ से दिखलायी जाये वह उपमेय होते है।

कर कमल सा कोमल है।

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाएवहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन।

विरोधाभास Question 9:

यह अथाह पानी रखता है, यह सूखा-सा गात्र । इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-

  1. विभावना
  2. रूपक
  3. विरोधाभास
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 9 Detailed Solution

यह अथाह पानी रखता है, यह सूखा-सा गात्र । इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास

Key Points

  • यहाँ पानी और सूखापन जैसे दो विरोधी तत्वों का एक साथ वर्णन किया गया है, अत: विरोधाभास अलंकार है।
  • जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है 
  • अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
  • उदाहरण- 
    • बैन सुन्या जबते मधुर, तबते सुनत न बैन।
  • (यहाँ पर ऐसा लग रहा है कि बैन सुन्या और सुनत न वैन में विरोध है, लेकिन यह विरोध प्रेम में डूबा ही प्रेमी का सूचक है। अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)

Additional Information 

विभावना:-

  • जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाय, वहां विभावना अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • राजभवन को छोड़ कृष्ण थे चले गये।
  • तेज चमकता था उनका फिर भी भास्वर ।।
  • (यहाँ पर श्री कृष्ण (कारण रूप) के राजभवन को छोड़कर चले जाने पर भी उनके भास्वर तेज के चमकते रहने का वर्णन किया गया है।)

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण -

  • मुनि पद कमल बंदिदोउ भ्राता।
  • (यहाँ मुनि के चरणों (उपमेय) पर कमल (उपमान) का आरोप है, इसलिए यहां रूपक अलंकार है।)

यमक:-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
  • (यहाँ 'कनक' शब्द की दो बार आवृत्ति हुई है जिसमे एक कनक का अर्थ है- धतूरा और दूसरे का स्वर्ण है।)

विरोधाभास Question 10:

न खुदा ही मिला न बिसाले सनम, ना इधर के रहे ना उधर के रहे। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-

  1. विरोधाभास
  2. रूपक
  3. यमक
  4. श्लेष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विरोधाभास

विरोधाभास Question 10 Detailed Solution

न खुदा ही मिला न बिसाले सनम, ना इधर के रहे ना उधर के रहे। इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास

Key Points

  • (इस पंक्ति में व्यक्ति की स्थिति को इस प्रकार से व्यक्त किया गया है
    • कि उसे न तो ईश्वर मिला और न ही प्रेमिका का साथ, जिससे उसकी स्थिति दोनों तरफ से असमंजस में पड़ी हुई है।)
  • जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है 
  • उदाहरण- 
    • या अनुरागी चित्त की, गति सम्झै नहिं कोय।
    • ज्यों ज्यों बूडै स्याम रंग, त्यों त्यों उज्ज्वल होय।।
  • (यहाँ पर श्याम (काला) रंग में डूबने से उज्ज्वल होने का वर्णन है अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)

Additional Information

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • बीती विभावरी जागरी !
  • अम्बर-पनघट में डुबो रही
  • तारा-घट ऊषा नागरी।
  • (यहाँ, ऊषा में नागरी काअम्बर में पनघट का और तारा में घट का निषेध-रहित आरोप हुआ है। अतः, यहाँ रूपक अलंकार है।)

यमक-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • वह बाँसुरी की धुनि कानि परे,
  • कुल कानि हियो तजि भाजति
  • (यहाँ ‘कानि' शब्द की दो बार आवृत्ति है। प्रथम ‘कानि’ का अर्थ ‘कान’ तथा दूसरे ‘कानि’ का अर्थ ‘मर्यादा’ है, अतः यमक अलंकार है।)

श्लेष:-

  • श्लेष का अर्थ है चिपकाना,
  • जहां शब्द तो एक बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ निकले वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • वैभव से शोभित नगर, जलधि में कई चमकती नाव। 
  • (यहां ‘नगर’ शब्द का श्लेष अलंकार हुआ है। ‘नगर’ शब्द का दो अर्थ होते हैं – एक है ‘शहर’ और दूसरा है ‘नगरी’। इसे दोनों अर्थों के साथ प्रयोग किया गया है।)
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