यात्रावृतान्त MCQ Quiz - Objective Question with Answer for यात्रावृतान्त - Download Free PDF
Last updated on May 28, 2025
Latest यात्रावृतान्त MCQ Objective Questions
यात्रावृतान्त Question 1:
“हमारी यात्रा” के यात्रा वृत्तकार हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 1 Detailed Solution
“हमारी यात्रा” के यात्रा वृत्तकार लोचन प्रसाद पाण्डेय हैं, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 3 लोचन प्रसाद पाण्डेय सही उत्तर होगा।
Key Points
- लोचन प्रसाद पाण्डेय हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
- इन्होंने हिन्दी एवं उड़िया दोनों भाषाओं में काव्य रचनाएँ भी की हैं।
- सन 1905 से ही इनकी कविताएँ 'सरस्वती' तथा अन्य मासिक पत्रिकाओं में निकलने लगी थीं।
- लोचन प्रसाद पाण्डेय की कुछ रचनाएँ कथाप्रबन्ध के रूप में हैं तथा कुछ फुटकर।
- वे 'भारतेंदु साहित्य समिति' के भी ये सदस्य थे।
- मध्य प्रदेश के साहित्यकारों में इनकी विशेष प्रतिष्ठा थी।
- आज भी इनका नाम बड़े आदर से लिया जाता है।
Additional Information
यशपाल जैन |
राजकुमार की प्रतिज्ञा, पथ के आलोक, तोड़ो नहीं, जोड़ो, हम सब चोर हैं, भगवान के दरबार में सब बराबर, धीरज का फल, आखिरी दरवाजा, नशे का तमाशा, दान का आनंद, सफलता की कुंजी, हमारे संत महात्मा, चतुरी चमार, जगन्नाथ पुरी (सहित लगभग 250 पुस्तकें)। |
यात्रावृतान्त Question 2:
'मेरी तिब्बत यात्रा' के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन असत्य हैं?
(A) राहुल सांकृत्यायन ने इस यात्रा में रेडिड् विहार का दौरा किया, जिसे दीपशंकर के शिष्य डव्रोम-स-तोन-पा ने बनवाया था।
(B) इस यात्रा में राहुल जी का साथी गेन्-दुन्-छो-फेल एक चित्रकार था, जो इतिहास और न्यायशास्त्र का जानकार था और उसने 7 गोलियों वाली पिस्तौल धारण की थी।
(C) राहुल जी ने इस यात्रा में नेपाल के राजगुरु के संग्रह से सिद्ध तिल्लोपा का एक दोहाकोश प्राप्त किया, जो दसवीं शताब्दी का था।
(D) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने तिब्बत के नालन्दा का वर्णन किया है, जो पंद्रहवीं शताब्दी में बना था और इसे चोङ्-ख-पा ने बनवाया था।
(E) राहुल जी ने इस यात्रा में छु-वो-रि पहाड़ को भारत से आए पहाड़ के रूप में वर्णित किया है, जिसकी परिक्रमा चित्रकूट की तरह की जाती है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - केवल (D)
Key Points
- (D) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने तिब्बत के नालन्दा का वर्णन किया है, जो पंद्रहवीं शताब्दी में बना था और इसे चोङ्-ख-पा ने बनवाया था: यह असत्य है। नालन्दा को रोड्-स् तोन् शाक्य-गर्यल्-म् छन् ने बनवाया था, चोङ्-ख-पा ने नहीं।
Important Pointsमेरी तिब्बत यात्रा-
- रचनाकार- राहुल सांकृत्यायन
- विधा- यात्रावृत्त
- प्रकाशन वर्ष- 1937 ई.
- प्रकाशन संस्था- छात्र हितकारी पुस्तक माला, दारागंज प्रयाग (उ. प्र.) ‘डायरी’ शैली में रचित यात्रा वृत्तांत।
- पृष्ठ संख्या- 167
- खंड- 5
- खंड 1- ल्हासा से उत्तर की ओर
- खंड 2 - चाड की ओर
- खंड 3- क्या की ओर
- खंड 4 - जेनम् की ओर
- खंड 5 - नेपाल की ओर
- महत्वपूर्ण तथ्य-
- राहुल जी घुमक्कडी प्रवृति के थे।
- राहुलजी का कहना था कि- ‘उन्होंने ज्ञान को सफर में नाव की तरह लिया है। बोझ की तरह नहीं।’
- उनकी घुमक्कडी प्रवृत्ति ने कहा- “घुमक्कडों! संसार तुम्हारे स्वागत के लिए बेकरार है।”
- मेरी तिब्बत यात्रा के प्रमुख पात्र-
- लक्ष्मी रत्न - लहासा का फोटोग्राफरलोग इसे नाती-ला के नाम से जानते थे।
- इन-ची-मिन-ची- राहुल जी का साथी, इसे आत्मरक्षा के लिए साथ लिया था यह बंदूक चलाना जानता था
- सो-नम्-ग्याल-म्छन- (पुण्य ध्वज), खच्चरों का मालिक श्वाम, पूर्वी तिब्बत का निवासी।
- गेन्-दुन्-छो-फेल- (संघ धर्मवर्धन), यह चित्रकार है। इतिहास और न्यायशास्त्र का जानकार भी, 7 गोलियों वली पिस्तौल और कारतूस की माला धारण किया हुआ था।
- शाक्य श्री भद्र- कश्मीर के पंडित, विक्रमशिला के अंतिम नायक
- ट-शी-लामा- भोट के प्रधान धर्माचार्य
- पंडित गयाधर- वैशाली के कायस्त पंडित
- सुमित प्रज्ञ- राहुल संकृत्यायन के स्वर्गीय मित्र
- जोगमान- पाटन (नेपाल) का साहू जिसने राहुल जी को रहने के लिए अपनी दूकान का उपरी भाग (कोठा) दिया था।
- दलाईमाना- 1933 ई. में फेम्बो पधारे थे।
- छू-सिन्-शर- खच्चरों का मालिक था।
- कोन्-चाग- मंगोल भिक्षुक था।
- प्रशांत चंद्र चौधरी- (I. C. S) राहुल जी के लिए फोटोग्राफी के लिए कैमरा भेजा था।
- टु-नी-छेन-पो- भोट भाषा के विद्वान थे
- पुण्य वज्र- चीनी लामा
- मेरी तिब्बत यात्रा में चित्रित स्थान-
- ल्हासा-
- यहाँ राहल जी 2 माह 11 दिन रहे थे।
- यहाँ विनयपिटक का अनुवाद राहुल जी द्वारा हुआ।
- तबचीका-
- ल्हासा के बाद यह पहला पड़ाव स्थान था।
- जोतूका (गो-ला)-
- यहाँ की पहाड़ी पर चढ़कर पीछे मुड़कर देखने पर ल्हासा नगरी दिखाई देती है। इसे हित का देश कहा जाता था।
- चू-ला खंड् गो (बिहार) -
- यहाँ बुद्ध की विशाल मूर्ति थी। जिसके सामने रोड् सुतोन की प्रतिमा थी।
- ग्य-ल्ह खंड्- भारतीय देवालय।
- रेडिड् विहार-
- इसे दीपशंकर के शिष्य डव्रोम-स-तोन-पा (1003 – 1065 ई.) में बनवाया था।
- ल्हासा-
Additional Informationराहुल सांकृत्यायन-
- इन्हें हिन्दी का सबसे बड़ा यायावर माना जाता है।
- यात्रावृतांत-
- मेरी लद्दाख यात्रा(1939 ई.)
- किन्नर देश में(1948 ई.)
- घुमक्कड़ शास्त्र(1948 ई.)
- यात्रा के कुछ पन्ने(1952 ई.)
- चीन में कम्यून(1959 ई.) आदि।
यात्रावृतान्त Question 3:
'मेरी तिब्बत यात्रा' के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) राहुल सांकृत्यायन ने इस यात्रा-वृतांत को 'डायरी' शैली में लिखा है और यह पाँच खंडों में विभाजित है।
(B) इस पुस्तक में चित्र 'सरस्वती' और 'प्रवासी' (बांग्ला) पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे।
(C) राहुल जी ने इस यात्रा में तिब्बत के मठों में कैद पुस्तकों को देखा और उनकी स्थिति पर चिंता व्यक्त की, लेकिन उनकी सूची नहीं बनाई।
(D) राहुल जी ने इस यात्रा में फेम्बो की यात्रा इसलिए की, क्योंकि वहाँ दसवीं से तेरहवीं सदी तक कई विद्वान हुए थे।
(E) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने केवल तिब्बत की यात्रा का वर्णन किया है, नेपाल की यात्रा का उल्लेख नहीं किया है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है - केवल (A), (B), (D)
विश्लेषण:
- (A) राहुल सांकृत्यायन ने इस यात्रा-वृतांत को 'डायरी' शैली में लिखा है और यह पाँच खंडों में विभाजित है: यह सत्य है। यह जानकारी दी गई है।
- (B) इस पुस्तक में चित्र 'सरस्वती' और 'प्रवासी' (बांग्ला) पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे: यह सत्य है। यह महत्त्वपूर्ण तथ्य में उल्लेखित है।
- (C) राहुल जी ने इस यात्रा में तिब्बत के मठों में कैद पुस्तकों को देखा और उनकी स्थिति पर चिंता व्यक्त की, लेकिन उनकी सूची नहीं बनाई: यह असत्य है। राहुल जी ने पुस्तकों की सूची भी बनाई थी।
- (D) राहुल जी ने इस यात्रा में फेम्बो की यात्रा इसलिए की, क्योंकि वहाँ दसवीं से तेरहवीं सदी तक कई विद्वान हुए थे: यह सत्य है। उद्धरण में इसका उल्लेख है।
- (E) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने केवल तिब्बत की यात्रा का वर्णन किया है, नेपाल की यात्रा का उल्लेख नहीं किया है: यह असत्य है। पुस्तक के पाँचवें खंड में नेपाल की यात्रा का वर्णन है।
यात्रावृतान्त Question 4:
'मेरी तिब्बत यात्रा' के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन असत्य हैं?
(A) राहुल सांकृत्यायन ने ल्हासा में 2 माह 11 दिन रहकर 'विनयपिटक' का अनुवाद किया और दो महत्त्वपूर्ण तालपत्र ग्रंथों की खोज की।
(B) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने तिब्बत के प्राकृतिक सौंदर्य और जलवायविक परिस्थितियों का वर्णन किया है, लेकिन वहाँ की संस्कृति पर ध्यान नहीं दिया।
(C) जोतूका (गो-ला) में पहाड़ी पर चढ़कर पीछे मुड़कर देखने पर ल्हासा नगरी दिखाई देती है, जिसे हित का देश कहा जाता है।
(D) राहुल जी ने इस यात्रा में नेपाल के सरकारी पुस्तकालय से सिद्ध तिल्लोपा का एक दोहाकोश प्राप्त किया, जो बँगला अक्षरों में पहले छप चुका था।
(E) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने अपने चार साथियों के साथ यात्रा की, जिसमें इन-ची-मिन-ची उनका साथी था जो आत्मरक्षा के लिए बंदूक चलाना जानता था।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है - केवल (B)
विश्लेषण:
- (A) राहुल सांकृत्यायन ने ल्हासा में 2 माह 11 दिन रहकर 'विनयपिटक' का अनुवाद किया और दो महत्त्वपूर्ण तालपत्र ग्रंथों की खोज की: यह सत्य है। उद्धरण में इसका उल्लेख है।
- (B) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने तिब्बत के प्राकृतिक सौंदर्य और जलवायविक परिस्थितियों का वर्णन किया है, लेकिन वहाँ की संस्कृति पर ध्यान नहीं दिया: यह असत्य है। राहुल जी ने तिब्बत की संस्कृति का भी जीवंत चित्रण किया है।
- (C) जोतूका (गो-ला) में पहाड़ी पर चढ़कर पीछे मुड़कर देखने पर ल्हासा नगरी दिखाई देती है, जिसे हित का देश कहा जाता है: यह सत्य है। उद्धरण में इसका वर्णन है।
- (D) राहुल जी ने इस यात्रा में नेपाल के सरकारी पुस्तकालय से सिद्ध तिल्लोपा का एक दोहाकोश प्राप्त किया, जो बँगला अक्षरों में पहले छप चुका था: यह सत्य है। यह जानकारी दी गई है।
- (E) इस यात्रा-वृतांत में राहुल जी ने अपने चार साथियों के साथ यात्रा की, जिसमें इन-ची-मिन-ची उनका साथी था जो आत्मरक्षा के लिए बंदूक चलाना जानता था: यह सत्य है। यह जानकारी दी गई है।
यात्रावृतान्त Question 5:
'अरे यायावर रहेगा याद' के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(A) अज्ञेय ने इस पुस्तक में यात्रा-संस्मरण को 'टूरिस्ट गाइड' के रूप में प्रस्तुत किया है।
(B) अज्ञेय ने 'मौत की घाटी में' वृत्तांत में मृत्यु के प्रति अपनी स्थायित्व-चेष्टा और सृजन की लालसा को व्यक्त किया है।
(C) अज्ञेय ने इस पुस्तक में ब्रह्मपुत्र के मैदानी भाग से लेकर एलोरा की गुफाओं तक की यात्राओं का वर्णन किया है।
(D) अज्ञेय ने इस पुस्तक में यात्रा को केवल स्थूल भू-विस्तार से जोड़ा है, मानसिक भूगोल पर ध्यान नहीं दिया है।
(E) अज्ञेय ने 'किरणों की खोज में' वृत्तांत में अपनी आध्यात्मिक खोज को प्रमुखता दी है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - केवल (B), (C)
Key Pointsअरे यायावर रहेगा याद-
- रचनाकार- अज्ञेय
- विधा- यात्रावृतांत
- प्रकाशन वर्ष- 1953 ई.
- विषय-
- भारतीय यात्राओं का चित्रण है।
- यह एक क्लासिक यात्रा संस्मरण है।
- ‘अरे यायावर रहेगा याद’ का आरम्भ ‘परशुराम‘ के लेख से होता है।
- इसमें अज्ञेय ने ब्रह्मपुत्र के मैदानी भाग से लेकर एलोरा की गुफाओं तक की यात्राओं का वर्णन किया है।
- इसके आठ अध्याय हैं-
- परशुराम से तुरखम (एक टायर की राम कहानी)
- किरणों की खोज
- देवताओं की अंचल में
- मौत की घाटी में
- एलुरा
- माझुली
- बहता पानी निर्मल
- सागर-सेवित, मेघ-मेखलित (कन्याकुमारी से नंदादेवी)
Important Pointsअज्ञेय-
- जन्म- 19111-1987 ई.
- पुरा नाम- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
- कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाना जाता है।
- यात्रा वृतांत-
- एक बूँद सहसा उछली(1960 ई.) आदि।
- डायरी-
- भवंती
- अंतरा
- शाश्वती
- संस्मरण-
- स्मृति लेखा आदि।
Top यात्रावृतान्त MCQ Objective Questions
'ठेले पर हिमालय' किसके द्वारा रचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'ठेले पर हिमालय' :-- धर्मवीर भारती द्वारा रचित रचना है।
"ठेले पर हिमालय" एक यात्रा वृतांत है।
Key Points
- लेखक- धर्मवीर भारती
- प्रकाशन वर्ष- 1982ई
- धर्मवीर भारती (25 दिसंबर, 1926- 5 सितंबर, 1997) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
- "बसंती" भी धर्मवीर भारती जी का अन्य निबंध है।
Additional Information
धर्मवीर भारती जी के कहानी संग्रह निम्नलिखित हैं:-
- मुर्दों का गाँव
- स्वर्ग और पृथ्वी
- चाँद और टूटे हुए लोग
- बंद गली का आखिरी मकान
- साँस की कलम से
- समस्त कहानियाँ एक साथ
हिन्दी में 'घुमक्कड़-शास्त्र' के प्रणेता हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFहिन्दी में 'घुमक्कड़-शास्त्र' के प्रणेता-4) राहुल सांकृत्यायन हैं।
Important Points
- राहुल सांकृत्यायन ज्ञानार्जन के लिए जीवन-भर भ्रमण करते रहे।
- 'मेरी जीवन यात्रा(आत्मकथा)','वोल्गा से गंगा' और 'कनैला की कथा' उनकी सर्वोत्तम कृति हैं।
- राहुल जी लगभग 35 भाषाओं में लिख-पढ़ सकते थे।
Additional Information
- राहुल सांकृत्यायन का जन्म उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के पंदहा(ननिहाल) गांव में हुआ था।
- उनका पैैतृक गांव कनैला था,जिसके नाम पर उन्होंने किताब भी लिखी।
- बचपन में उनका नाम केदारनाथ पांडेय था।
- बौद्ध धर्म पर गहन शोध करने और दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम राहुल सांकृत्यायन रख लिया।
"सरयू पार की यात्रा" किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- सरयू पार की यात्रा” के लेखक का नाम भारतेंदु हरिश्चंद्र है। “सरयू पार की यात्रा” एक यात्रा वृतांत है। इसका रचनाकाल 1871 ईस्वी के आसपास माना जाता है।
- रामविलास शर्मा की आलोचनात्मक कृतियां :-
- प्रेमचंद (1941), भारतेंदु युग (1943), निराला (1946), प्रगति और परंपरा (1949), साहित्य और संस्कृति (1949), प्रेमचंद और उनका युग (1952), प्रगतिशील साहित्य की समस्याएं , भाषा और समाज (1961), नई कविता और अस्तित्ववाद (1978), हिंदी जाति का साहित्य (1986)
- देवकी नंदन खत्री को आधुनिक हिंदी उपन्यासकारों की पहली पीढ़ी माना जाता है।
- उन्होंने चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति, कजर की कोठी, नरेंद्र-मोहिनी, कुसुम कुमारी, वीरेंद्र वीर, गुप्ता गोदना, कटोरा भर खून, भूतनाथ जैसी रचनाएं कीं।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (4 अक्टूबर, 1884ईस्वी- 2 फरवरी, 1941ईस्वी)
- हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- आलोचनात्मक ग्रंथ :
- सूर,तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएं, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा
भारतेन्दु ने यात्रावृत्त सम्बन्धी कौन-सी रचना लिखी?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF"सरयू पार की यात्रा" भारतेंदु यात्रावृत्त संबंधी रचना है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) सरयू पार की यात्रा सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- सरयू पार की यात्रा(1871)
- लखनऊ भारतेंदु जी का एक अन्य यात्रा वृतांत है।
Important Points
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं।
- वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
- भारतेंदु जी की कविताएं निम्नलिखित हैं :
- प्रेम पुष्पावली
- मन की लहर
- ब्रैडला स्वागत
- दंगल खंड
- तृप्यन्ताम्
- दीवो बरहमन (उर्दू)
Additional Information
भारतेंदु हरिश्चंद्र के मौलिक नाटक निम्नलिखित हैं:-
'एक बूँद सहसा उछली' किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF‘एक बूँद सहसा उछली’ अज्ञेय द्वारा लिखा गया यात्रा वृत्तान्त है। अतः सही विकल्प यात्रा वृत्तान्त है।
Key Points
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987)
- "एक बूंद सहसा उछली" के रचनाकार "अज्ञेय" हैं।
- "एक बूँद सहसा उछली" का रचना वर्ष 1960 है।
- अज्ञेय जी का "अरे यायावर रहेगा याद(1943)" यह भी अन्य प्रसिद्ध यात्रा वृतांत है।
Additional Information
‘क्या हाल हैं चीन के’ :- मनोहर श्याम जोशी का यात्रा वृत्तान्त
‘कितना अकेला आकाश’ :- नरेशा मेहता का यात्रा वृत्तान्त
‘यातना शिविर’ :- हिमांशु जोशी का यात्रा वृत्तांत है।
'हमारी जापान यात्रा' किसके द्वारा रचित यात्रा-वृत्तान्त है?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त सभी विकल्पों में से विकल्प 2 कन्हैयालाल मिश्र सही हैं|
Key Points
- सन् 1931 ई. में यह यात्रा साहित्य लिखा गया|
- मेरी ईराक यात्रा(1940 ई.) इनका दूसरा यात्रा वृतांत हैं|
- 'प्रभाकर' इनका उपनाम था|
Additional Information
रचनाकार | कृतियाँ |
शिव प्रसाद गुप्त | पृथ्वी प्रदक्षिणा(1914 ई.) |
देवी प्रसाद खत्री | रामेश्वर यात्रा(1883 ई.),बदरिकाश्रम यात्रा(1902 ई.) |
राम नारायण मिश्र | यूरोप यात्रा में छ: मास(1932 ई.) |
'खुली ऑंखों का सपना' यात्रावृत्त के लेखक है
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'खुली आँखों का सपना' यात्रावृत्त के लेखक हैं मरूधर मृदुल।
- हिंदी में यात्रा वृत्तान्त की परंपरा का सूत्रपात भारतेंदु से ही माना गया है।
Key Points
- यात्रा साहित्य में लेखक केवल अपनी यात्रा के वृत्तान्त ही नहीं प्रस्तुत करता बल्कि उक्त यात्रा सम्बंधित भौगोलिक क्षेत्र का सामाजिक , कलागत , राजनैतिक , एतिहासिक एवम् साहित्यिक - सांस्कृतिक विश्लेषण भी प्रस्तुत करता है।
Important Points
- खुली आँखों का सपना पर सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार मिला।
- कविता-संग्रह- शब्दों का घूँघट, आहट, आस-पास
यात्रा संस्मरण- खुली आँखों का सपना, यात्रा के बहाने, निबंध संग्रह- तुष्टिकरण का सच
संस्मरण- शब्दों की न्यायिक परिक्रमा और अधिवक्ता का आत्मवृत्त।
संपादन- प्रतिश्रुति त्रैमासिक के मुख्य संपादक।
राहुल सांस्कृत्यान द्वारा रचित “यात्रा के पन्ने' की रचना की विधा है :-
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFराहुल सांस्कृत्यान द्वारा रचित “यात्रा के पन्ने' की रचना "यात्रा साहित्य" की विधा है।
- राहुल जी हिंदी के घुमक्कड़ शास्त्र के प्रणेता थे।
Key Points
राहुल सांकृत्यायन जी की यात्रा साहित्य निम्नलिखित हैं:-
- लंका
- जापान
- इरान
- किन्नर देश की ओर
- चीन में क्या देखा
- मेरी लद्दाख यात्रा
- मेरी तिब्बत यात्रा
- तिब्बत में सवा वर्ष
- रूस में पच्चीस मास
- विश्व की रूपरेखा
Additional Information
- राहुल सांकृत्यायन (9अप्रैल 1893 - 14अप्रैल 1963)
- इन्हें महापंडित की उपाधि दी जाती है।
- राहुल सांकृत्यायन की स्मृति में भारतीय डाकतार विभाग की ओर से 1993 में उनकी जन्मशती के अवसर पर 100 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया गया।
- उन्हें 1958 में "साहित्य अकादमी पुरस्कार", तथा1963 में भारत सरकार के "पद्मभूषण अलंकरण" से विभूषित किया गया।
- राहुल सांकृत्यायन ज्ञानार्जन के लिए जीवन-भर भ्रमण करते रहे।
- 'मेरी जीवन यात्रा(आत्मकथा)','वोल्गा से गंगा' और 'कनैला की कथा' उनकी सर्वोत्तम कृति हैं।
- राहुल जी लगभग 35 भाषाओं में लिख-पढ़ सकते थे।
रामवृक्ष बेनीपुरी की कौन - सी कृति यात्रावृत्त है?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF"पैरों में पंख बांधकर", "रामवृक्ष बेनीपुरी" की यात्रा वृत्त है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) पैरों में पंख बांधकर सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- पैरों में पंख बांधकर, रामवृक्ष बेनीपुरी की रचना है।
- इसका रचना वर्ष 1952 ईस्वी है।
- उड़ते चलो उड़ते चलो (1954) रामवृक्ष बेनीपुरी का अन्य यात्रा वृतांत है।
- रामवृक्ष बेनीपुरी (23 दिसंबर, 1889 - 7 सितंबर, 1968)
- वे हिन्दी साहित्य के शुक्लोत्तर युग के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
- उनके सम्मान में बिहार सरकार द्वारा वार्षिक अखिल भारतीय रामवृक्ष बेनीपुरी पुरस्कार दिया जाता है।
“साना-साना हाथ जोड़ि ” यात्रा-वृत्तांत में किस जगह की यात्रा का वर्णन किया गया है?
Answer (Detailed Solution Below)
यात्रावृतान्त Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF“साना-साना हाथ जोड़ि ______” यात्रा-वृत्तांत में गंतोक और उसके आगे हिमालय की यात्रा का वर्णन किया गया है।
- इस यात्रा वृत्तान्त में हिमालयी यात्रा का वर्णन किया गया है।
Key Pointsसाना-साना हाथ जोड़ि-
- रचनाकार-मधु कांकरिया
- विधा-यात्रा वृत्तांत
- विषय-
- इस यात्रा वृतांत में लेखिका ने अपनी सिक्किम की यात्रा ,वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य व हिमालय के विराट व भव्य रूप का बहुत खूबसूरती से वर्णन किया है।
Important Pointsमधु कांकरिया-
- जन्म-1957 ई.
- हिन्दी साहित्य की प्रतिष्ठित लेखिका, कथाकार तथा उपन्यासकार हैं।
- यात्रा वृत्तांत-
- बुद्ध
- बारूद और पहाड़
- शहर शहर जादू
- बंजारा मन और बंदिशे आदि।