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15 जुलाई 2025 यूपीएससी करेंट अफेयर्स - डेली न्यूज़ हेडलाइन
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15 जुलाई, 2025 को, भारत और दुनिया ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखे। आज की सुर्खियाँ जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1950 के तहत "सामान्य निवासी" की परिभाषा को लेकर चल रही बहस को कवर करती हैं, जो चुनावी समावेशन के लिए महत्वपूर्ण है, साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा हाल ही में राज्यसभा के लिए किए गए नामांकन भी। इसके अतिरिक्त, हम लुप्तप्राय घड़ियाल और लाल-मुकुट वाले कछुओं की तस्करी से संबंधित महत्वपूर्ण ज़ब्ती को भी कवर करते हैं, जो महत्वपूर्ण वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को रेखांकित करता है।
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में सफलता और यूपीएससी मुख्य परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दैनिक यूपीएससी करंट अफेयर्स की जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह यूपीएससी व्यक्तित्व परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करता है, जिससे आप एक सूचित और प्रभावी यूपीएससी सिविल सेवक बन सकते हैं।
डेली यूपीएससी करेंट अफेयर्स 15-07-2025 | Daily UPSC Current Affairs 15-07-2025 in Hindi
नीचे यूपीएससी की तैयारी के लिए आवश्यक द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, प्रेस सूचना ब्यूरो और ऑल इंडिया रेडियो से लिए गए दिन के करंट अफेयर्स और सुर्खियाँ दी गई हैं:
📜 आरपीए, 1950 के तहत “सामान्यतः निवासी”
स्रोत: द हिंदू
पाठ्यक्रम: GS पेपर II (भारतीय राजनीति)
📰 समाचार में
- भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू किया है।
- इससे 'सामान्यतः निवासी' की परिभाषा और व्याख्या पर बहस शुरू हो गई, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों के संदर्भ में, तथा चुनावी समावेशन पर इसके प्रभाव पर भी।
🏛️ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA), 1950 क्या है?जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 निम्नलिखित के लिए कानूनी ढांचा निर्धारित करता है:
|
👤 'सामान्य निवासी' कौन है?
जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1950 की धारा 19: किसी व्यक्ति को किसी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल होने के लिए भारतीय नागरिक तथा सामान्यतः वहां का निवासी होना चाहिए।
आरपीए, 1950 की धारा 20: स्पष्ट करती है कि:
- किसी मकान का स्वामित्व या कब्जा मात्र होने से कोई व्यक्ति वहां सामान्यतः निवासी नहीं बन जाता।
- अपने निवास स्थान से अस्थायी रूप से अनुपस्थित रहने वाले व्यक्ति (जैसे यात्रा, कार्य) को भी सामान्यतः निवासी माना जाता है। इसके लिए विशेष प्रावधान:
- सशस्त्र बल कर्मियों
- भारत के बाहर तैनात केंद्रीय सरकारी कर्मचारी
- गृह राज्य के बाहर सशस्त्र पुलिस तैनात
- संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्ति इन व्यक्तियों (तथा उनके जीवन-साथियों) को उस निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी माना जाता है, जहां वे ऐसी तैनाती के बिना रहते।
धारा 20A (2010 में जोड़ी गई)
यह विधेयक अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को उस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने के लिए पात्र मानता है जहां उनका पासपोर्ट पता स्थित है।
📝 निर्वाचक पंजीकरण नियम (आरईआर), 1960
आरपीए, 1950 को क्रियान्वित करने के लिए अधिनियमित। नियंत्रित करता है:
- मतदाता सूची तैयार करना
- मतदाताओं का समावेशन/बहिष्करण
- प्रविष्टियों में सुधार
- मतदाता पंजीकरण का स्थानांतरण भारत निर्वाचन आयोग के परामर्श से केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किया गया।
🇮🇳 क्या अनिवासी भारतीयों को वोट देने की अनुमति है?
हाँ, जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1950 की धारा 20A के तहत, अनिवासी भारतीय अपने पासपोर्ट पते वाले निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकते हैं। मतदान के लिए अनिवासी भारतीयों को शारीरिक रूप से उपस्थित होना होगा - प्रॉक्सी या डाक मतपत्र की अनुमति नहीं है (अभी तक)।
🏛️राज्यसभा के लिए नामांकन
स्रोत: द हिंदू
पाठ्यक्रम: GS पेपर II (भारतीय राजनीति)
📰 समाचार में
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया:
- हर्षवर्धन श्रृंगला (पूर्व विदेश सचिव)
- उज्ज्वल निकम (26/11 मामले में विशेष लोक अभियोजक)
- सी. सदानंदन
- डॉ. मीनाक्षी जैन (इतिहासकार एवं शिक्षाविद) ये नामांकन संविधान के अनुच्छेद 80(1)(ए) के तहत किए गए थे, जो पहले से नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण रिक्तियों को भरते हैं।
🗳️ लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और परिषदों के लिए नामांकन
⬆️ राज्य सभा (राज्य परिषद)
- प्राधिकार: भारत के राष्ट्रपति
- प्रावधान: संविधान के अनुच्छेद 80(1)(ए) और 80(3)
- विवरण:
- राष्ट्रपति निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 सदस्यों को नामित कर सकते हैं:
- साहित्य
- विज्ञान
- कला
- सामाजिक सेवा
- मनोनीत सदस्यों को निर्वाचित सदस्यों के समान सभी अधिकार प्राप्त होते हैं (राष्ट्रपति चुनाव में मतदान को छोड़कर)।
- राष्ट्रपति निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 सदस्यों को नामित कर सकते हैं:
⬇️ लोकसभा
- प्राधिकार: भारत के राष्ट्रपति
- प्रावधान: संविधान का अनुच्छेद 331
- विवरण:
- राष्ट्रपति एंग्लो-इंडियन समुदाय (104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 के माध्यम से समाप्त) के दो सदस्यों को नामित कर सकते हैं, यदि उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।
- यह प्रावधान 25 जनवरी, 2020 के बाद अप्रचलित हो गया है।
🏘️ राज्य विधानसभाएं
- प्राधिकारी: राज्य के राज्यपाल
- प्रावधान: अनुच्छेद 333
- विवरण:
- यदि समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है तो राज्यपाल विधान सभा में एक एंग्लो-इंडियन सदस्य को मनोनीत कर सकते हैं।
- 104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा इसे भी समाप्त कर दिया गया।
📚 राज्य विधान परिषदें (जहां लागू हो)
- प्राधिकारी: राज्य के राज्यपाल
- प्रावधान: अनुच्छेद 171(5)
- विवरण:
- राज्यपाल कुल सदस्यों का 1/6 भाग उन लोगों को नामित करते हैं जिन्हें निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेष ज्ञान हो:
- साहित्य
- विज्ञान
- कला
- सहकारी आंदोलन
- सामाजिक सेवा
- राज्यपाल कुल सदस्यों का 1/6 भाग उन लोगों को नामित करते हैं जिन्हें निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेष ज्ञान हो:
📜 संवैधानिक प्रावधान
सदन |
संवैधानिक अनुच्छेद |
नियुक्ति प्राधिकारी |
नामांकित व्यक्तियों की अनुमति |
राज्यसभा |
अनुच्छेद 80(1)(ए), 80(3) |
अध्यक्ष |
12 प्रतिष्ठित व्यक्ति |
लोकसभा |
अनुच्छेद 331 (अब निरस्त) |
अध्यक्ष |
2 एंग्लो-इंडियन (2020 तक) |
राज्य विधान सभा |
अनुच्छेद 333 (अब निरस्त) |
राज्यपाल |
1 एंग्लो-इंडियन (2020 तक) |
राज्य विधान परिषद |
अनुच्छेद 171(5) |
राज्यपाल |
कुल सदस्यों का 1/6वां भाग |
🐊 घड़ियाल की तस्करी
स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस
पाठ्यक्रम: GS पेपर III (जैव विविधता)
📰 समाचार में
- मध्य प्रदेश वन विभाग ने एक अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया और 30 घड़ियाल और 14 लाल मुकुट वाले कछुए जब्त किए, जो दोनों ही गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां हैं।
- यह भारत द्वारा कोलकाता के रास्ते बांग्लादेश भेजे जाने वाले घड़ियाल की पहली बड़ी खेप जब्त की गई है।
- यह जब्ती राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के निकट हुई, जो दोनों प्रजातियों का प्राथमिक प्राकृतिक आवास है।
घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस)
संरक्षण की स्थिति
- IUCN लाल सूची: गंभीर रूप से संकटग्रस्त
- CITES: परिशिष्ट I
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची I
प्राकृतिक वास
- यह मुख्य रूप से स्वच्छ, गहरे तालाबों वाली बहती नदियों जैसे चंबल, गंगा और सोन नदियों में निवास करता है।
प्रमुख विशेषताऐं
- लंबा, संकरा थूथन जिसमें 100 से अधिक तीखे अंतर्संबंधित दांत होते हैं
- वयस्क नर में एक विशिष्ट बल्बनुमा नाक की वृद्धि ("घारा") होती है
- मछली खाने के विशेषज्ञ
जनसंख्या
- विश्व स्तर पर 900 से भी कम प्रजननशील वयस्क बचे हैं, जिनमें से अधिकांश भारत और नेपाल में हैं
🐢 लाल मुकुट वाला छत वाला कछुआ (बटागुर कचुगा)
संरक्षण की स्थिति
- IUCN लाल सूची: गंभीर रूप से संकटग्रस्त
- CITES: परिशिष्ट I
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची I
प्राकृतिक वास
- घोंसले बनाने के लिए रेतीले किनारों वाली मीठे पानी की नदियाँ, विशेष रूप से चंबल नदी
प्रमुख विशेषताऐं
- प्रजनन काल के दौरान नर के सिर पर एक चमकदार लाल पट्टी विकसित हो जाती है
- सर्वाहारी: जलीय पौधों और छोटे जानवरों को खाता है
वैश्विक रेंज
- अब यह मुख्य रूप से भारत तक ही सीमित है, तथा प्रजनन केवल चंबल में ही होता है।
🌿 इन प्रजातियों का महत्व
पारिस्थितिक भूमिका
- दोनों प्रजातियाँ प्रमुख प्रजातियाँ हैं जो नदी पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं।
- घड़ियाल मछलियों की आबादी को नियंत्रित करते हैं, जबकि कछुए पोषक चक्रण में सहायता करते हैं।
संरक्षण का महत्व
- उनका जीवित रहना नदी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का संकेत देता है।
- उनके आवास गंगा डॉल्फिन और मगर मगरमच्छ जैसे अन्य लुप्तप्राय जीवों के साथ ओवरलैप होते हैं।
🏞️ राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य
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मासिक करेंट अफेयर्स संकलन | Monthly Current Affairs Compilation in Hindi
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