Question
Download Solution PDFमानव - प्रवृत्तियों अथवा मनोविकारों को पात्र के रूप में उपस्थित कर नाटकीय - द्वन्द्व की सृष्टि करने वाला जयशंकर प्रसाद का नाटक है:
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Detailed Solution
Download Solution PDFमानव-प्रवृत्तियों अथवा मनोविकारों को पात्र के रूप में उपस्थित कर नाटकीय-द्वन्द्व की सृष्टि करने वाला जयशंकर प्रसाद का नाटक-2)कामना है।
Important Points
- जयशंकर प्रसाद हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- इनका जन्म सन् 1889 ई. (माघ शुक्ल दशमी, संवत् 1946 वि.) वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
- कालक्रम के अनुसार 'चित्राधार' प्रसाद का प्रथम संग्रह है।
- 'कामायनी' में प्रसादजी ने प्रतीकात्मक पात्रों के द्वारा मानव के मनोवैज्ञानिक विकास को प्रस्तुत किया है।
- इनका देहान्त 15 नवम्बर, सन् 1937 ई. में हो गया।
Additional Information
नाटक |
वर्ण्य-विषय |
प्रकाशन वर्ष |
विशाख |
प्रेम की विजय,प्रसाद की पराजय |
1921 |
कामना |
विवेक,विलास आदि मनोविकारों का मानवीकरण |
1924 |
सज्जन |
युधिष्टिर की सज्जनता का चित्रण |
1911 |
प्रायश्चित |
देशद्रोह के लिए जयचंद से प्रायश्चित कराना |
1914 |
Last updated on Jul 4, 2025
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