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Download Solution PDFहिन्दी में गीति नाटय परम्परा की प्रथम रचना और उसके रचनाकार है:
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UP TGT Hindi 2010 Official Paper 1 (Held on Feb 2011)
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Option 1 : करूणालय - जयशंकर प्रसाद
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UP TGT Hindi FT 1
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Detailed Solution
Download Solution PDF- हिन्दी में गीति नाट्य परम्परा की प्रथम रचना करूणालय - जयशंकर प्रसाद
Key Points
- करुणालय के कथानक का स्रोत ऋग्वेद, ऐतरेय ब्राह्मण और गीता का कर्म-योग है।
- इस रचना में कवि वैदिक काल की यज्ञ-प्रथा में बलि-कर्म जैसे आनुष्ठानिक कार्यों की क्रूरता पर प्रखर आक्रमण करता है और धार्मिक कर्मकांडों की आड़ में पनपने वाले षडयंत्रों का पर्दाफाश करता है।
- जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ हैं
- काव्य:काव्य: झरना, आँसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक
- नाटक: स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जन्मेजय का नाग यज्ञ, राज्यश्री, अजातशत्रु, विशाख
- एक घूँट, कामना, करुणालय, कल्याणी परिणय, अग्निमित्र, प्रायश्चित सज्जन
- कहानी संग्रह: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आँधी, इंद्रजाल;
- उपन्यास : कंकाल, तितली और इरावती।
Additional Information
- अंधायुग 1955 में प्रकाशित बहुत प्रसिद्ध नाटक है,
- जिसे गीतिनाट्य का रूप में धर्मवीर भारती जी ने लिखा।
- धर्मवीर भारती के अन्य महत्वपूर्ण कार्य -
- गुनाहों का देवता (1949, उपन्यास)
- सूरज का सातवाँ घोड़ा (1952, उपन्यास)
- अंधा-युग (1953, नाटक)
Last updated on May 6, 2025
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