समाजशास्त्र में सामाजिक स्तरीकरण से क्या तात्पर्य है?

  1. व्यक्तियों को उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर छांटना
  2. समाज में व्यक्तियों और समूहों की पदानुक्रमिक व्यवस्था
  3. किसी समुदाय के सदस्यों के बीच संसाधनों का समान वितरण
  4. सामाजिक अंतःक्रियाओं और संबंधों का अध्ययन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : समाज में व्यक्तियों और समूहों की पदानुक्रमिक व्यवस्था

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सही उत्तर है -  समाज में व्यक्तियों और समूहों की पदानुक्रमित व्यवस्था। 
Key Points

  • समाजशास्त्र में सामाजिक स्तरीकरण से तात्पर्य उस तरीके से है जिससे समाज विभिन्न सामाजिक-आर्थिक कारकों के आधार पर व्यक्तियों और समूहों को श्रेणीबद्ध स्तरों में वर्गीकृत करता है।
  • इस पदानुक्रमिक व्यवस्था के परिणामस्वरूप समाज के विभिन्न हिस्सों के बीच संसाधनों, अवसरों और विशेषाधिकारों  का असमान वितरण होता है ।
  • स्तरीकरण वस्तुतः सभी समाजों का एक मूलभूत पहलू है।
  • यह लोगों के जीवन को कई महत्वपूर्ण तरीकों से प्रभावित करता है, संसाधनों और अवसरों तक पहुंच निर्धारित करने से लेकर सामाजिक संबंधों और स्वयं तथा दूसरों के प्रति धारणाओं को प्रभावित करने तक।

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