Question
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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़े और प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
सार्वजनिक चर्चा का माध्यम अनूठा और बिना ऐतिहासिक आदिप्ररूप का है। इससे पहले धर्म एवं कुलीनता की जागीर और उनके राज़ा-महाराजाओं के साथ अनुबंध हुए थे, जिनमें मामले-दर मामले में शक्ति पर दावे परिभाषित किए गए थे। जैसा कि हम जानते हैं, इस घटनाक्रम के बाद इंग्लैड में एक भिन्न मार्ग का अनुसरण किया गया, जहां संसद के माध्यम से राजा की शक्ति को यूरोपीय महाद्वीप तुलना में कहीं अधिक सापेक्षित बनाया गया। कुलीनता की तीसरी जागीर समकारी शक्ति की इस विधा से अलग हो गई क्योंकि वह अपने आपके एक सत्ताधारी जागीर के रूप में अब कभी भी स्थापित नहीं कर सकती थी। वाणिज्यिक अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सांमती सत्ताधीशों के अधिकारों के विभेदीकरण के माध्यम से पूरा किए गए सत्ता के बंटवारे में जागीर की स्वतंत्रताएं अब कभी भी संभव नहीं थी क्योंकि पूंजीवादी स्वामित्व की प्रवृत्ति के निजी कानून के अंतर्गत शक्ति गैर-राजनीतिक होती है। बुर्जुआ वर्ग के लोग निजी व्यक्ति होते हैं और वे एक प्रकार से शासन नहीं करते। इसलिए, सार्वजनिक शक्ति के विपरीत, उनके सत्ता के दावे केंद्रीकरण के नहीं, बल्कि स्थापित सत्ता के सिद्धांत के विरुद्ध लक्षित है। नियंत्रण का सिद्धांत, जैसे-लोकोपकता, जिसका बुर्जुआ जनता स्थापित सत्ता, के उस सिद्धांत का विरोध करती है, जिसका उद्देश्य केवल एक-दूसरे के वैधीकरण के एक आधार वाला आदान-प्रदान नहीं, बल्कि सत्ता का रूपांतरण करने का होता है। प्रथम आधुनिक संविधान में सूचीबद्ध मूल अधिकारों के खंड सार्वजनिक क्षेत्र के उदार प्रतिदर्श की एक छवि प्रदान करते हैं: वे निजी स्वायत्तता के एक क्षेत्र के रूप में समाज को गारंटी देते हैं; जिसके सामने कुछ कार्यों तक सीमित सार्वजनिक शक्ति खड़ी है।
उपरोक्त गद्यांश निम्नलिखित में से किस पर केन्द्रित है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर "नियंत्रण के सिद्धांत को पुनर्परिभाषित करना" है। Key Points
- सही उत्तर विकल्प 4 अर्थात नियंत्रण के सिद्धांत को पुनर्परिभाषित करना है।
- जैसा कि गद्यांश में उल्लेख किया गया है कि बुर्जुआ जनता स्थापित सत्ता, के उस सिद्धांत का विरोध करती है, जिसका उद्देश्य केवल एक-दूसरे के वैधीकरण के एक आधार वाला आदान-प्रदान नहीं, बल्कि सत्ता का रूपांतरण करने का होता है, न कि केवल दूसरे की वैधता के आधार पर विनिमय करना है। इसलिए, सार्वजनिक शक्ति के विपरीत, उनके सत्ता के दावे केंद्रीकरण के नहीं, बल्कि स्थापित सत्ता के सिद्धांत के विरुद्ध लक्षित है।
इसलिए, सही उत्तर विकल्प 4 है।
Last updated on Jun 25, 2025
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